Posted in भारतीय मंदिर - Bharatiya Mandir

ATULYA BHARAT 2 INMPORANT TEMPLES AT NACHNA .PANNA ,MP


ATULYA BHARAT 2 INMPORANT TEMPLES AT NACHNA .PANNA ,MP

Introduction – Nachna holds a very important place in early Indian architecture. This village has some exemplary buildings of Gupta period. There is not much written about Nachna in historical records, so we do not know who and for what this small village known in ancient times. Recently Nachna’s name has been changed to Chaumukhnath, because of Chaturmukha Mahadeva temple of the town.

After the decline of Andhras (Ad 225) in south India and Kushana (AD 236) in north India, India witnessed a pause on all forms of human activities, spiritual and material. Soon a reaction followed and India started on its greatest intellectual awakening. A large part of India came under the rule of stable and cultured dynasty of the Guptas which provided patronage and encouraged the revival of human activities. Guptas were Brahmanical, so great stimulation was accorded to Hinduism. India sees first structural temple in this period only. Before the Guptas, temples were constructed like an open-air file altars, sometimes covered temporarily with wood, reeds and mats. People used to give offerings and pray in open fire-altars, however soon they desired something more positive than spiritual essence, a need for some material interpretation of the religious ideal. This anthropomorphic conception of deity came in Gupta period, and hence there arose a need of some habitation for the deity. India sees first structural temple in Gupta period only. The first temples were very primitive in nature, containing only a cella, sometimes with a flat roof. Later on an entrance porch on pillars was added into the design. Guptas ruled Indian from 4th to 6th century, however the structural architecture started by them continued for longer time, and we still see the imprints of those elements in recent time constructions.

Parvati Temple (5th century) – Constructed on a terrace, 35 feet wide, this temple is composed of a small square sanctum, 15 feet side. The sanctum cella is 8.5 feet in diameter. Though now ruined, but looking at the original scheme the temple was surrounded by four sides by a passageway is clear. This is a west facing temple, contrary to most of other Hindu temples which face east. The sanctum doorway is surrounded by finely carved guardians with Ganga and Yamuna, river goddesses. North and south walls are provided with pierced stone windows so that light can enter the sanctum. No tower has survived, thought it might be probably intended.

Chaturmukh Mahadeva Temple
Chaturmukha Mahadeva Temple (9th century) – This monuments dates from Pratihara period. The walls are plain except for central niche where pierced windows are placed. Carved panels, doorways and window work dating from Gupta era are insert into the walls; these may be fragments of dismantled Parvati temple. The curved tower and its decoration of arch-like motifs are typical feature of later work. It houses an 8th century four-faced Shiva-linga carved with remarkable vitality, especially the fierce open-mouthed face of the god on its south side.

"CHAUMUKHA MAHADEV TEMPLE ,NACHNA PANNA MP"
"CHAUMUKH SCULPTURE OF MAHADEVA ,NACHNA PANNA MP"
"4 AVTARA OF VISHNU ,NACHNA, PANNA MP"
"PARVATI TEMPLE ,NACHNA PANNA MP"
"DOOR CARVING AT PARVATI TEMPLE ,NACHNA ,PANNA MP"
Posted in गौ माता - Gau maata

उरुग्वे एक ऐसा देश है जिसमे औसतन हर एक आदमी के पास चार गायें हैं..


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Sandeep Agarwal to dimag ki massage

WHY NOT IN INDIA
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उरुग्वे एक ऐसा देश है जिसमे औसतन हर एक
आदमी के पास चार गायें हैं.. और पुरे विश्व में वो
खेती के मामले में नंबर वन हैं.. सिर्फ 33 लाख लोगों
का देश है और 1 करोड़ 20 लाख गायें है .. हर एक गाय के कान
पर इलेक्ट्रॉनिक चिप लगा है। जिससे कौन सी गाय कहाँ
पर है वो देखते रहते हैं .. एक किसान मशीन के
अंदर बैठा फसल कटाई कर रहा है तो दूसरा उसे
सक्रीन पर जोड़ता है कि फसल का डाटा क्या है …
इकट्ठा हुए डाटा के जरिए किसान प्रति वर्ग मीटर
की पैदावार का विश्लेषण करेगा।
2005 में 33 लाख लोगों का देश 90 लाख लोगों के लिए अनाज पैदा
करता था ..और आज की तारीख में 2
करोड़ 80 लाख लोगों का अनाज पैदा होता है.. उरुग्वे के सफल
प्रदर्शन के पीछे देश, किसानों और पशुपालकों का
दशकों का अध्ययन शामिल है। पूरी खेती
को देखने के लिए 500 कृषि इंजीनयर लगाए गए हैं
और ये लोग ड्रोन और सैटेलाइट से किसानो पर नजर रखते हैं कि
खेती का वही तरीका वो
अपनाएं जो निर्धारित है ..
याने दूध दही घी मक्खन के साथ
आबादी से कई गुना ज्यादा अनाज उत्पादन.. सब आराम
से निर्यात होता है और हर किसान लाखों में खेलता है.. कम से
कम आय एक आदमी की 1 लाख 25
हज़ार महीने है याने 19000 डॉलर सालाना ! इस देश
का राष्ट्रीय चिन्ह शूर्य व राष्ट्रीय प्रगति
चिन्ह गाय व घोडा हैं !! इस देश में गाय हत्या पर तत्काल
फाँसी का कानून हैं !

Posted in श्री कृष्णा

श्रीकृष्ण और बहते दीये


🌼 श्रीकृष्ण और बहते दीये 🌼
🙏लघु कथाएँ🙏

🔸कार्तिक महीने में दीप-दान का चलन है। सभी माताएँ कार्तिक
में नदी में दीप बहाती हैं। मैया यशोदा भी दीप-दान के लिए
तैयार हुई। कन्हैया ने उन्हें देख लिया और साथ जाने की जिद्द
करने लगे। मैया ने उन्हें अपने साथ ले लिया।

🔸जब मैया यमुना जी में दीप बहा रही थीं तो श्रीकृष्ण
यमुनाजी में उतर गए और जहाँ पर घुटने तक पानी था ,
वहाँ पहुँच गए। और दीये पकड़ कर किनारे पर लाने लगे।
मैया यशोदा ने उन्हें देखा और कहा कि ये क्या कर रहे हो ?
उन्होंने कहा कि दीये किनारे लगा रहा हूँ। मैया ने कहा
कि दीप तो बहने के लिए ही हैं।

🔸श्रीकृष्ण कहते हैं कि – बहतों को किनारे लगाना ही तो
मेरा काम है और वही मैं कर रहा हूँ। मैया कहती है कि इतने
असंख्य दीप बहे जा रहे हैं , सब को किनारे किसलिए नहीं
लगाते। तो श्रीकृष्ण कहते हैं कि यही तो राज की बात है।
जो बहते हुए मेरे समीप आ जाता है , मैं उसे ही किनारे लगाता हूँ।

🔸हमारा बहाव भी ईश्वर की ओर होना चाहिए , किनारे
लगाना उसका काम है।

🌼श्रीराधारमणाय समर्पणं🌼

Posted in रामायण - Ramayan

ll राम योग ll


Sanjay Prem feeling blessed.

ll राम योग ll
Success Through Our Indian Scriptures – 11
Successful Life :
राम राम जी : श्रीं रामाय नमः
अपने लक्ष्य के प्रति प्रेम – विश्वास :
हम श्री रामचरितमानस के बारे जितना लिखे -कहे वो कम हैं l आगे चलकर हम इसके दोहो- चौपाइयों पर भी चर्चा करेंगे आज के हमारे जीवन को लेकर l
हम रामचरितमानस में गोता लगाये उससे पहले इसके रचियेता श्री तुलसीदास जी और इसके आधार श्री हनुमान जी के जीवन भी थोड़ा प्रकाश डालेंगे l
आज हम बात करेंगे संक्षेप में श्री तुलसीदास जी के बारे में l
तुलसीदास जी एक बहुत ही साधारण परिवार में जन्मे अपने जीवन में कठिनायों के रहते हुए भी उन्होंने अपने लक्ष्य राम को पाया , श्री रामचरितमानस को लिखा , श्री रामचरितमानस के पूर्ण होने के बाद भी इसकी सत्यता और प्रमाणिकता पर प्रश्न उठा – और काशी विश्वनाथ के मंदिर में श्री रामचरितमानस को सबसे नीचे रख कर उसके ऊपर सारे वेद- पुराण रख कर मंदिर को बंद कर दिया , दूसरे दिन सुबह जब मंदिर को खोला गया तब – श्रीरामचरितमानस सबसे ऊपर थी , सभी वेद – पुराण ग्रन्थ उसके नीचे l
अब इस महान घटना को अपने जीवन से जोड़े तो , हमारे जीवन में हम सपने तो बहुत देखते हैं – उनके बारे में सोचते भी हैं – पर गंभीरता से उसे नहीं लेते l
एक सत्य और हैं जिससे आप भी सहमत होंगे की कई बार या अधिकतर हम अपने जीवन के लक्ष्य को दूसरों के कहने पर तैयार करते हैं , और दूसरों के अनुसार अपने निर्णयों को बदल भी लेते है l
भाई जीवन तुम्हारा – लक्ष्य तुम्हारा और निर्णय दूसरों के अनुसार क्यों –
कोई कहता की आप इसमें सफल नहीं होंगे तो वो इसलिए कहता है कि या तो वो स्वयं असफल हुआ , या उसने उसे पूरा करने में सही दिशा में मेहनत नही करी l और उसने सुना हो की ये काम नहीं हो सकता हैं l
आपका जीवन बहुत ही अमूल्य हैं – ये आपका हैं – आपके लक्ष्य आपके हो – अपने लक्ष्य को छोटा या बड़ा दुसरो के अनुसार मत करो – अपने पर विश्वास हों – जब अपने पर विश्वास होंगा तब अपने लक्ष्य पर भी विश्वास होंगा – तभी सही योजना और उसपर अमल कर पाओंगे – कोई क्या कहता इससे तुम्हारे निर्णय पर कोई फर्क नहीं पड़ना चहिये – अपने लक्ष्य को बहुत ही ईमानदारी से प्रेम करना चहिये l
इसलिए हमेशा उस सकारत्मक ऊर्जा से जुड़े रहो l
राम वो ही सकारात्मक ऊर्जा है – जीवन के लिए संजीवनी प्राण ऊर्जा हैं l
आप सभी को सकारत्मक सोंच और उज्जवल भविष्य के लिए मेरे हृदय कमल से शुभकामनायें l
राम राम जी : श्रीं रामाय नमः

Sanjay Prem's photo.
Posted in यत्र ना्यरस्तुपूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:

“जब मैंने जन्म लिया,वहां 1नारी थी जिसने मुझे थाम लिया..


बेहतरीन शब्द…..

“जब मैंने जन्म लिया,वहां 1नारी थी जिसने मुझे थाम लिया……

|| मेरी माँ ||

बचपन में जैसे जैसे मैं बड़ा होता गया 1 नारी वहां मेरा ध्यान रखने और मेरे साथ खेलने के लिए मौजूद थी…..

|| मेरी बहन ||

जब मैं स्कूल गया 1 नारी ने मुझे पढ़ने और सिखने में मदद की……

|| मेरी शिक्षिका ||

जबभी मै जीवन से निराश और हतास हुवा और जब भी हारा हुवा महसूस किया 1 नारीने मुझे संभाला …
|| मेरी महिला मित्र ||

जब मुझे सहयोग,साथी और प्रेम की आवश्यकता हुई1 नारी हमेशा मेरे साथ थी..
|| मेरी पत्नि ||

जबभी मै जीवन में कठोर हुवा 1 नारी ने मेरे व्यवहार को नरम कर दिया…..
||मेरी बेटी||

जब मैं मरूँगा तब भी 1 नारी मुझे अपने गोद में समा लेगी…….
|| धरती माँ ||

यदि आप पुरुष हैं तो हर नारी का सम्मान करें…..और यदि आप महिला हैं, उन में से 1 होने पर गर्व करे…

Posted in लक्ष्मी प्राप्ति - Laxmi prapti

दरिद्रता को समूल नष्ट करने के लिये श्रीस्वर्णाकर्षण भैरव-साधना


अनुपम ज्ञान चिंतन करें

हेमन्त मुनि's photo.
हेमन्त मुनि

जय जय माँ !
दरिद्रता को समूल नष्ट करने के लिये
श्रीस्वर्णाकर्षण भैरव-साधना

श्रीभैरव के अनेक रूप व साधनाओं का वर्णन तन्त्रों में वर्णित है। उनमें से एक श्रीस्वर्णाकर्षण भैरव साधना है जो साधक को दरिद्रता से मुक्ति दिलाती है। जैसा इनका नाम है वैसा ही इनके मन्त्र का प्रभाव है। अपने भक्तों की दरिद्रता को नष्ट कर उन्हें धन-धान्य सम्पन्न बनाने के कारण ही आपका नाम ‘ स्वर्णाकर्षण -भैरव ‘ के रूप में प्रसिद्ध है।

इनकी साधना विशेष रूप से रात्रि काल में कि जाती हैं। शान्ति-पुष्टि आदि सभी कर्मों में इनकी साधना अत्यन्त सफल सिद्ध होती है। इनके मन्त्र, स्तोत्र, कवच, सहस्रनाम व यन्त्र आदि का व्यापक वर्णन तन्त्रों में मिलता है। यहाँ पर सिर्फ मन्त्र-विधान दिया जा रहा है। ताकि जन -सामान्य लाभान्वित हो सके।

प्रारंभिक पूजा विधान पूर्ण करने के बाद —

‪#‎विनियोग‬
ऊँ अस्य श्रीस्वर्णाकर्षण-भैरव मन्त्रस्य श्रीब्रह्मा ॠषिः, पंक्तिश्छन्दः, हरि-हर ब्रह्मात्मक श्रीस्वर्णाकर्षण-भैरवो देवता, ह्रीं बीजं, ह्रीं शक्तिः, ऊँ कीलकं, श्रीस्वर्णाकर्षण-भैरव प्रसन्नता प्राप्तये, स्वर्ण-राशि प्राप्तये श्रीस्वर्णाकर्षण-भैरव मन्त्र जपे विनियोगः।

‪#‎ॠष्यादिन्यास‬
ऊँ ब्रह्मा-ॠषये नमः—–शिरसि।
ऊँ पंक्तिश्छन्दसे नमः—-मुखे।
ऊँ हरि-हर ब्रह्मात्मक स्वर्णाकर्षण-
भैरव देवतायै नमः —ह्रदये।
ऊँ ह्रीं बीजाय नमः——-गुह्ये।
ऊँ ह्रीं शक्तये नमः——–पादयोः।
ऊँ ऊँ बीजाय नमः——-नाभौ।
ऊँ विनियोगाय नमः——सर्वाङ्गे।

‪#‎करन्यास‬
ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ऐं श्रीं आपदुद्धारणाय—-अंगुष्टाभ्यां नमः। ::
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रूं अजामल-बद्धाय ——–तर्जनीभ्यां नमः।
ऊँ लोकेश्वराय———————-मध्यमाभ्यां नमः।
ऊँ स्वर्णाकर्षण-भैरवाय नमः——–अनामिकाभ्यां नमः।
ऊँ मम दारिद्र्य-विद्वेषणाय———–कनिष्ठिकाभ्यां नमः।
ऊँ महा-भैरवाय नमः श्रीं ह्रीं ऐं——–करतल-कर पृष्ठाभ्यां नमः।

‪#‎ह्रदयादिन्यासः‬
ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ऐं श्रीं आपदुद्धारणाय—-ह्रदयाय नमः।
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रूं अजामल-बद्धाय———शिरसे स्वाहा।
ऊँ लोकेश्वराय———————–शिखायै वषट्।
ऊँ स्वर्णाकर्षण-भैरवाय ————-कवचाय हुम्।
ऊँ मम दारिद्र्य-विद्वेषणाय———-नेत्र-त्रयाय वौषट्।
ऊँ महा-भैरवाय नमः श्रीं ह्रीं ऐं ——-अस्त्राय फट्।

‪#‎ध्यान‬
पारिजात-द्रु-कान्तारे ,स्थिते माणिक्य-मण्डपे।
सिंहासन-गतं ध्यायेद्, भैरवं स्वर्ण – दायिनं।।
गाङ्गेय-पात्रं डमरुं त्रिशूलं ,वरं करैः सन्दधतं त्रिनेत्रम्।
देव्या युतं तप्त-सुवर्ण-वर्णं, स्वर्णाकृतिं भैरवमाश्रयामि।।

ध्यान करने के बाद पञ्चोपचार पूजन करले ।

‪#‎मन्त्र‬
ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ऐं श्रीं आपदुद्धारणा ह्रां ह्रीं ह्रूं अजामल-बद्धाय लोकेश्वराय स्वर्णाकर्षण-भैरवाय मम दारिद्र्य-विद्वेषणाय महा-भैरवाय नमः श्रीं ह्रीं ऐं।

जप संख्या व हवन – एक लाख जप करने से उपरोक्त मन्त्र का पुरश्चरण होता है और खीर से दशांश हवन करने तथा दशांश तर्पण और तर्पण का दशांश मार्जन व मार्जन का दशांश ब्राह्मण भोजन करने से यह अनुष्ठान पूर्ण होता है।

पुरश्चरण के बाद तीन या पाँच माला प्रतिदिन करने से एक वर्ष में दरिद्रता का निवारण हो जाता है। साथ ही उचित कर्म भी आवश्यक है।

साधना करने से पूर्व किसी योग्य विद्वान से परामर्श जरूर प्राप्त करले।
‪#‎पीताम्बरानिलय‬ ( हेमन्त मुनि )

Posted in भारत गौरव - Mera Bharat Mahan

जानिये भारत भूमि के बारे मे विदेशियों की राय


स्तुति शर्मा

जानिये भारत भूमि के बारे मे विदेशियों की राय
अवश्य पढ़े
1. अलबर्ट आइन्स्टीन – हम भारत के बहुत ऋणी हैं, जिसने हमें गिनती सिखाई, जिसके बिना कोई भी सार्थक वैज्ञानिक खोज संभव नहीं हो पाती।
2. रोमां रोलां (फ्रांस) – मानव ने आदिकाल से जो सपने देखने शुरू किये, उनके साकार होने का इस धरती पर कोई स्थान है, तो वो है भारत।
3. हू शिह (अमेरिका में चीन राजदूत)- सीमा पर एक भी सैनिक न भेजते हुए भारत ने बीस सदियों तक सांस्कृतिक धरातल पर चीन को जीता और उसे प्रभावित भी किया।

4. मैक्स मुलर- यदि मुझसे कोई पूछे की किस आकाश के तले मानव मन अपने अनमोल उपहारों समेत पूर्णतया विकसित हुआ है, जहां जीवन की जटिल समस्याओं का गहन विश्लेषण हुआ और समाधान भी प्रस्तुत किया गया, जो उसके भी प्रसंशा का पात्र हुआ जिन्होंने प्लेटो और कांट का अध्ययन किया, तो मैं भारत का नाम लूँगा।
5. मार्क ट्वेन- मनुष्य के इतिहास में जो भी मूल्यवान और सृजनशील सामग्री है, उसका भंडार अकेले भारत में है।
6. आर्थर शोपेन्हावर – विश्व भर में ऐसा कोई अध्ययन नहीं है जो उपनिषदों जितना उपकारी और उद्दत हो। यही मेरे जीवन को शांति देता रहा है, और वही मृत्यु में भी शांति देगा।
7. हेनरी डेविड थोरो – प्रातः काल मैं अपनी बुद्धिमत्ता को अपूर्व और ब्रह्माण्डव्यापी ‪#‎गीता‬ के तत्वज्ञान से स्नान करता हूँ, जिसकी तुलना में हमारा आधुनिक विश्व और उसका साहित्य अत्यंत क्षुद्र और तुच्छ जान पड़ता है।
8. राल्फ वाल्डो इमर्सन – मैं भगवत #गीता का अत्यंत ऋणी हूँ। यह पहला ग्रन्थ है जिसे पढ़कर मुझे लगा की किसी विराट शक्ति से हमारा संवाद हो रहा है।
9. विल्हन वोन हम्बोल्ट- #गीता एक अत्यंत सुन्दर और संभवतः एकमात्र सच्चा दार्शनिक ग्रन्थ है जो किसी अन्य भाषा में नहीं। वह एक ऐसी गहन और उन्नत वस्तु है जिस पर सारी दुनिया गर्व कर सकती है।
10. एनी बेसेंट -विश्व के विभिन्न धर्मों का लगभग ४० वर्ष अध्ययन करने के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंची हूँ की हिंदुत्व जैसा परिपूर्ण, वैज्ञानिक, दार्शनिक और अध्यात्मिक धर्म और कोई नहीं। इसमें कोई भूल न करे की बिना हिंदुत्व के भारत का कोई भविष्य नहीं है। हिंदुत्व ऐसी भूमि है जिसमे भारत की जड़े गहरे तक पहुंची है, उन्हें यदि उखाड़ा गया तो यह महावृक्ष निश्चय ही अपनी भूमि से उखड जायेगा। हिन्दू ही यदि हिंदुत्व की रक्षा नही करेंगे, तो कौन करेगा? अगर भारत के सपूत हिंदुत्व में विश्वास नहीं करेंगे तो कौन उनकी रक्षा करेगा? भारत ही भारत की रक्षा करेगा। भारत और हिंदुत्व एक ही है।
दुर्लभं भारते जन्मः !!!

Posted in भारतीय उत्सव - Bhartiya Utsav

दीपावली


Ajay Saini shared his photo.
Ajay Saini's photo.
Ajay Saini celebrating Diwali with Sunil Saini and 35 others.

हम दीपावली का
त्यौहार क्यूँ मनाते है?
इसका अधिकतर उत्तर
मिलता है राम जी के
वनवास से लौटने की ख़ुशी
में।
सच है पर अधूरा।। अगर
ऐसा ही है तो फिर हम
सब दीपावली पर भगवन
राम की पूजा क्यों नहीं
करते? लक्ष्मी जी और
गणेश भगवन की क्यों करते
है?
सोच में पड़ गए न आप भी।
इसका उत्तर आप तक
पहुँचाने का प्रयत्न कर
रहा हूँ अगर कोई त्रुटि
रह जाये तो क्षमा
कीजियेगा।
1. देवी लक्ष्मी जी का
प्राकट्य:
देवी लक्ष्मी जी
कार्तिक मॉस की
अमावस्या के दिन
समुन्दर मंथन में से अवतार
लेकर प्रकट हुई थी।
2. भगवन विष्णु द्वारा
लक्ष्मी जी को बचाना:
भगवन विष्णु ने आज ही के
दिन अपने पांचवे अवतार
वामन अवतार में देवी
लक्ष्मी को राजा बालि
से मुक्त करवाया था।
3. नरकासुर वध कृष्ण
द्वारा:
इस दिन भगवन कृष्ण ने
राक्षसों के राजा
नरकासुर का वध कर उसके
चंगुल से 16000 औरतों को
मुक्त करवाया था। इसी
ख़ुशी में दीपावली का
त्यौहार दो दिन तक
मनाया गया। इसे विजय
पर्व के नाम से भी जाना
जाता है।
4. पांडवो की वापसी:
महाभारत में लिखे
अनुसार कार्तिक
अमावस्या को पांडव
अपना 12 साल का
वनवास काट कर वापिस
आये थे जो की उन्हें चौसर
में कौरवो द्वारा हरये
जाने के परिणाम स्वरूप
मिला था। इस प्रकार
उनके लौटने की खुशी में
दीपावली मनाई गई।
5. राम जी की विजय पर :
रामायण के अनुसार ये
चंद्रमा के कार्तिक मास
की अमावस्या के नए दिन
की शुरुआत थी जब भगवन
राम माता सीता और
लक्ष्मण जी अयोध्या
वापिस लौटे थे रावण और
उसकी लंका का दहन
करके। अयोध्या के
नागरिकों ने पुरे राज्य
को इस प्रकार
दीपमाला से प्रकाशित
किया था जैसा आजतक
कभी भी नहीं हुआ था।
6. विक्रमादित्य का
राजतिलक:
आज ही के दिन भारत के
महान राजा
विक्रमदित्य का
राज्याभिषेक हुआ था।
इसी कारन दीपावली
अपने आप में एक
ऐतिहासिक घटना भी है।
7. आर्य समाज के लिए
प्रमुख दिन:
आज ही के दिन कार्तिक
अमावस्या को एक महान
व्यक्ति स्वामी दयानंद
सरस्वती जी ने हिंदुत्व
का अस्तित्व बनाये रखने
के लिए आर्य समाज की
स्थापना की थी।
8. जैन धर्म का एक
महत्वपूर्ण दिन:
महावीर तीर्थंकर जी ने
कार्तिक मास की
अमावस्या के दिन ही
मोक्ष प्राप्त किया था।
9. सिक्खों के लिए महत्त्व:
तीसरे सिक्ख गुरु गुरु
अमरदास जी ने लाल पत्र
दिवस के रूप में मनाया था
जिसमे सभी श्रद्धालु गुरु
से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे
और 1577 में अमृतसर में
हरिमंदिर साहिब का
शिलान्यास किया गया
था।
1619 में सिक्ख गुरु
हरगोबिन्द जी को
ग्वालियर के किले में 52
राजाओ के साथ मुक्त
किया गया था जिन्हें
मुगल बादशाह जहांगीर
ने नजरबन्द किया हुआ
था। इसे सिक्ख समाज
बंदी छोड़ दिवस के रूप में
भी जानते हैं।
10. द पोप का दीपावली
पर भाषण:
1999 में पॉप जॉन पॉल 2
ने भारत में एक खास भाषण
दिया था जिसमे चर्च को
दीपावली के दीयों से
सजाया गया था। पॉप के
माथे पर तिलक लगाया
गया था। और उन्होंने
दीपावली के संदर्भ में
रोंगटे खड़े कर देने वाली
बाते बताई।
भगवान् गणेश सभी
देवो में प्रथम पूजनीय है
इसी कारण उनकी देवी
लक्ष्मी जी के साथ
दीपावली पर पूजा
होती है और बाकी सभी
कारणों के लिए हम
दीपमाला लगाकर
दीपावली का त्यौहार
मनाते हैं।
अब आपसे एक विनम्र
निवेदन की इस
जानकारी को अपने
परिवार अपने बच्चों से
जरूर साँझा करे । ताकि
उन्हें दीपावली के
महत्त्व की पूरी
जानकारी प्राप्त हो
सके!
शुभ दीपावली
‪#‎HAPPY_DIWALI‬

Posted in बॉलीवुड - Bollywood

जेसिका


‪#‎अतुल्य_भारत_के_ब्रांड_अम्बेसडर_से_आमिर_खान_को_हटाओ‬.
इस खबर को इतना शेयर करो-ताकि सरकार मजबूर होकर इसको ब्रांड अम्बेसडर से हटा दे..इसके कृत्यों से देश की छवि ख़राब हो रही है..
शेयर करके उन कंपनियों तक पहुंचा दो.ताकि विज्ञापन देने से पहले इस गिरे हुए आदमी के बारे में कंपनिया 100 बार सोचे…
सभी देशवासियों तक खबर पहुंचा दो ताकि फिल्म देखने से पहले जिस आमिर खान को फ़िल्मी हीरो समझ रहे है, उसका चरित्र कैसा है ?
सत्यमेव जयते में खूब बयानबाजी करता है, आदर्श बनता है , इस देश को ऐसे घिनोने लोगों से बचाना हमारा कर्तव्य है
पहले रीना से शादी हुयी थी…उसको छोड़ने के बाद >>>>>
“गुलाम” फ़िल्म की शूटिंग के दौरान आमिर खान ने ब्रिटिश महिला जेसिका को प्रेम में फंसाकर 2 साल तक लिव इन रिलेशन में रखा .
जेसिका गर्भवती हो गयी, जेसिका को बच्चा गिराने को कहा,
जेसिका ने इनकार कर दिया क्योंकि आमिर ने तो उनसे शादी का वादा कर गर्भवती किया था, जेसिका आमिर जैसी घिनोनी नहीं थी, जेसिका ने बच्चे को जन्म दिया. जब जेसिका ने शादी करने के लिए कहा तो
आमिर खान ने इनकार कर 2005 में किरण राव के साथ शादी कर लिया
———————–
पराये देश में अकेली पड़ी जेसिका पैसे वाले आमिर खान के जुल्म का शिकार हुई
जेसिका अपने बच्चे को लेकर वापस अपने देश चली गयी
आज आमिर का वो बच्चा 12 साल का है और उसकी सूरत भी आमिर जैसी ही हो गयी है
उस मासूम और जेसिका की जिंदगी से खेलने वाला आज बड़ी बड़ी बाते करता है
आमिर खान “सत्यमेव जयते” जैसा शो बनाकर कैमरे के द्वारा बहुत आदर्श वाला बनता है,सामाजिक न्याय की बात कहकर बहुत बड़ा बनता है उसने अपने बच्चे को गिराने का दबाव् बनाया था जेसिका पर.
इस देश ने भी उसे हीरो बना रखा है, अतुल्य भारत का ब्रांड अम्बेसडर बना दिया है..बड़ी बड़ी कंपनिया उसको विज्ञापन दे रही है..
जो लोग आमिर खान को आदर्शवादी समझकर उसका पक्ष लेते है वे सभी लोग बच्चे को आमिर खान कीआधी संपत्ति दिलाये..न्याय दिलाये..नहीं तो एक लौटा पानी में डूब मरे.
इस मासूम बच्चे और जेसिका को न्याय मिलना चाहिए
आमिरखान की आधी संपत्ति मिलनी चाहिए..
पैसे वाले आमिर से डरकर जेसिका वापस ब्रिटेन चली गयीं,
हम भारत के लोग इस मासूम को न्याय दिलाने की मुहीम चलाये..
कोर्ट में आमिर के विरूद्ध मुकदमे दर्ज कराये
अतुल्यभारत केब्रांड अम्बेसडर से आमिर खान को हटाने की मुहीम चलाये
————————
यही आमिर खान अतुल्य भारत के विज्ञापन में “अतिथि देवो भवः” का प्रचार करके आदर्श वाला बनता है.
हम भारत के लोग अतिथि को भगवान् कहते है, जेसिका भी ब्रिटेन से हमारी मेहमान बनकर आई थी
और आमिर खान ने उनके जिंदगी को कैसे बर्बाद कर दिया, मित्रो हमे चुप नहीं रहना चाहिए,
इस मासूम बच्चे को उसका हक़ दिलाना, हमारा कर्तव्य है
गूगल पर” amir khan jesika” लिखकर सर्च करे…सब आ जायेगा…