जानिए हिन्दू धर्म में गाय क्यों है पूजनीय
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धरती पर गाय एक मात्र ऐसा प्राणी है जो केवल कार्बन डाई ऑक्साइड लेता है और ऑक्सीजन छोड़ता है, हिन्दू धर्म में गाय के दूध को अमृत तुल्य माना गया है और वास्तव में है भी , गाय का दूध सब से ज्यादा पोस्टिक एवं पाचक होता है , जो माँ अपने नवजात बच्चों को अपना दूध पिलाने में असमर्थ होती है , तो उन नवजात बच्चों को गाय का दूध ही पिलाया जाता है क्योकि गाय का दूध इतना सुपाच्चय और हल्का होता है की उसको छोटा बच्चा भी पचा लेता है।गौ रक्षा का मामला देश के आर्थिक विकास से जुड़ा है। भैंस की तुलना में गाय के दूध में पौष्टिक तत्व ज्यादा होते हैं। गाय भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ी रही है। पशुपालक बहुत कम खर्चे में गाय का पालन कर लेते हैं, हिन्दू धर्म में गाय को कामधेनु कहा गया है। हिन्दुओ की धार्मिक आस्था के अनुसार गाय में सभी देवी देवता निवास करते है।
जानिए हिन्दू धर्म में गाय क्यों पूजनीय है
* भगवान कृष्ण ने श्रीमद् भगवतगीता में कहा है ‘धेनुनामसिम’ मैं गायों में कामधेनु हूं?
* ‘चाहे मुझे मार डालो पर गाय पर हाथ न उठाओ’ : बाल गंगाधर तिलक |
* गोबर गैस संयंत्र में गैस प्राप्ति के बाद बचे पदार्थ का उपयोग खेती के लिए जैविक (केंचुआ) खाद बनाने में होता है।
* एक तोला (10 ग्राम) गाय के घी से यज्ञ करने पर एक टन आँक्सीजन बनता है।
* गाय के गोबर से भगवान शिव का प्रिय श्री सम्पन्न ‘बिल्वपत्र’ की उत्पत्ति हुई है।
* गाय की रीढ़ में स्थित सुर्यकेतु नाड़ी से सर्वरोगनाशक, सर्वविषनाशक होता है।
* देशी गाय के एक ग्राम गोबर में कम से कम 300 करोड़ जीवाणु होते है?
* गाय के दूध में कैलिशयम 200 प्रतिशत, फास्फोरस 150 प्रतिशत, लौह 20 प्रतिशत, गंधक 50 प्रतिशत, पोटाशियम 50 प्रतिशत, सोडियम 10 प्रतिशत, खनिज पाए जाते है।
* गाय के दूध में विटामिन C 2 प्रतिशत, विटामिन A (आई.क्यू) 174 और विटामिन D 5 प्रतिशत पाए जाते है।
* गाय के घी से हवन पर “रूस” में वैज्ञानिक प्रयोग किया गया।गाय के बारे में विभिन्न महा पुरषो के वचन
* एक गाय को मरना, एक मनुष्य को मारने के समान है : ईसा मसीहा |
* यदि पशु के रूप में मेरा जन्म हो तो मैं बाबा नंद की गायों के बीच में जन्म लूं : प्रसिद् मुस्लिम संत रसखान
* भारतीय संविधान में सबसे पहली धारा सम्पूर्ण गौवंश हत्या निषेध की बने: पं. मदन मोहन मालवीय जी की अंतिम इच्छा।
* यदि हम गायों की रक्षा करेंगे तो गाय हमारी रक्षा करेंगी : पंडित मदन मोहन मालवीय
* ‘गौ सर्वदेवमयी और वेद सर्वगौमय है’: स्कन्द पुराण
* ‘गौ’ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की धात्री होने के कारण कामधेनु है| इसका अनिष्ट चिंतन ही पराभव का कारण है: महर्षि अरविंद।* ‘जो पशु हां तों कहा बसु मेरो, चरों चित नंद की धेनु मंझारन’ यह अभिलाषा मुस्लिम कवि रसखान की थी
* ‘यही देहु आज्ञा तुरुक को खापाऊं, गौ माता का दुःख सदा मैं मिटआऊँ‘ : गुरु गोबिंद सिंह।
* श्री राम ने वन गमन से पूर्व त्रिजट ब्राह्मण को गायें दान की थी।
* भगवान बालकृष्ण ने गायें चराने का कार्य किस गोपाष्टमी दिन से प्रारम्भ किया था।
* रामचंद्र ‘बीर’ ने70 दिन तक गौहत्या पर रोक लगवाने के लिए अनशन किया था।
* पंजाब केसरी महाराज रणजीत सिंह के राज्य में गौ हत्या पर मृत्यु दंड दिया जाता था।गौवंशीय पशु अधिनियम 1995
10 वर्ष तक का कारावास और 10,000 रुपए तक का जुर्माना।