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एक भेलपुरी अलग अलग दाम!


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एक भेलपुरी अलग अलग दाम!

एक भेलपुरी वाले का मेनू:

1) भेलपुरी 10 रू
2) स्पेशल भेलपुरी 12 रू
3) व्हेरी स्पेशल भेलपुरी 15 रु
4) एक्सट्रा स्पेशल भेलपुरी 16
रु 5) डबल एक्सट्रा स्पेशल भेलपुरी 20 रु
6) संडे स्पेशल भेलपुरी 25 रु
(सिर्फ रविवार)

भेलपुरी की अलग अलग टेस्ट चखने के लिए मैं रोज एक अलग भेलपुरी खाने लगा। पर जल्द ही मुझे एहसास हुआ कि, हर एक भेलपुरी की एक ही टेस्ट है। आखिरकार एक दिन मैने उससे इस का कारण पुछा, “हर एक भेल की एक जैसा टेस्ट है?”

भेलवाला: भेलपुरी मतलब भेलपुरी. . . सिर्फ 10 रु.
स्पेशल भेलपुरी मतलब चमच धोया हुआ।
व्हेरी स्पेशल भेलपुरी मतलब चमच और प्लेट, दोनों ही धोये हुए।
एक्सट्रा स्पेशल भेलपुरी मतलब भेल देने से पहले हात धुले हुए।
डबल एक्सट्रा स्पेशल भेलपुरी मतलब पीने का साफ पानी अलग से दिया जाता है।

इतना बोलकर वह चुप हो गया।

मैं: फिर संडे स्पेशल मतलब क्या?

भेलवाला: संडे को मैं नाहता हूँ, इसलिए संडे स्पेशल अलग से।

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शेर और बंदर!


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शेर और बंदर!

एक बार जंगल में एक बहुत बड़े से गड्ढे में एक शेर गिर गया। परेशान होकर शेर यहाँ वहां देखने लगा पर उसे कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था।

तभी वहां एक पेड़ पे एक बंदर आ गया। शेर को इस हाल में फंसा देखकर बंदर शेर का मजाक उडाने लगा।

“क्यों शेर तू तो राजा बना फिरता है, अब तो तेरी अकल ठिकाने आ गयी न, अब शिकारी तुझे मारेंगे, तेरी खाल निकालकर दीवार पर सजायेंगे, तेरे नाखून और दांत निकाल कर दवाई बनायेंगे।

ऐसा कह कर वो जोर जोर से हंसने लगा और पेड़ की दाल हिलाने लगा तभी अचानक वो डाल जिस पे बंदर बैठा था, टूट गयी और बन्दर सीधे शेर के सामने आ गिरा।

और गिरते ही बोला, “माँ कसम… माफ़ी मांगने के लिए कूदा हूँ।”

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मुल्ला बने कम्युनिस्ट

एक बार खबर फैली की मुल्ला नसरुदीन कम्युनिस्ट बन गए हैं . जो भी सुनता उसे आश्चर्य होता क्योंकि सभी जानते थे की मुल्ला अपनी चीजों को लेकर कितने पोजेसिव हैं .

जब उनके परम मित्र ने ये खबर सुनी तो वो तुरंत मुल्ला के पास पहुंचा .
मित्र : “ मुल्ला क्या तुम जानते हो कम्युनिज्म का मतलब क्या है ?”
मुल्ला : “हाँ , मुझे पता है .”
मित्र : “ क्या तुम्हे पता है अगर तुम्हारे पास दो कार है और किसी के पास एक भी नहीं तो तुम्हे अपनी एक कार देनी पड़ेगी ”
मुल्ला : “ हाँ , और मैं अपनी इच्छा से देने के लिए तैयार हूँ .”
मित्र : “ अगर तुम्हारे पास दो बंगले हैं और किसी के पास एक भी नहीं तो तुम्हे अपना एक बंगला देना होगा ?”
मुल्ला : “ हाँ , और मैं पूरी तरह से देने को तैयार हूँ .”
मित्र :” और तुम जानते हो अगर तुम्हारे पास दो गधे हैं और किसी के पास एक भी नहीं तो तुम्हे अपना एक गधा देना पड़ेगा ?”
मुल्ला : “ नहीं , मैं इस बात से मतलब नहीं रखता , मैं नहीं दे सकता , मैं बिलकुल भी ऐसा नहीं कर सकता .”
मित्र : “ पर क्यों , यहाँ भी तो वही तर्क लागू होता है ?”
मुल्ला : “ क्योंकि मेरे पास कार और बंगले तो नहीं हैं , पर दो गधे ज़रूर हैं .”

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खुशहाल वैवाहिक जीवन!


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खुशहाल वैवाहिक जीवन!

एक बार बंता ने संता से कहा, तुम्हारे खुशहाल वैवाहिक जीवन के पीछे क्या राज है?

संता ने कहा, हमें अपने जीवन साथी के साथ प्यार से जिम्मेवारियां बाँटनी चाहिए, एक दूसरे का आदर करना चाहिए, तब कोई समस्या नहीं रहती!

बंता ने कहा क्या तुम थोड़ा खुल कर बता सकते हो?

संता ने कहा, जैसे मेरे घर में सारे बड़े मुद्दों पर में ही निर्णय लेता हूँ, जबकि सारी छोटी छोटी बातों के निर्णय मेरी बीवी लेती है हम एक दूसरे के निर्णयों पर कभी हस्तक्षेप नहीं करते!

मैं कुछ समझा नहीं! बंता ने कहा, थोड़ा उदाहरण दे कर बताओ, संता ने कहा छोटी छोटी बातें जैसे हमें कौन सी कार खरीदनी है, कितना पैसा बचाना है, कब घर जाना है, कब बाजार जाना है, कौन सा सोफा, एयर कंडिशनर कौन सा रफ्रिज्रेटर खरीदना है, महीने का खर्चा, नौकरानी रखनी है या नहीं वगैरा वगैरा!
मेरी पत्नी ही इन सबका निर्णय लेती है मैं उसके निर्णयों से सहमत हो जाता हूँ!

बंता ने पूछा तब तुम्हारी क्या भूमिका है?

संता ने कहा मेरे निर्णय हमेशा बड़े मुद्दों पर होते हैं जैसे,अमेरिका को इराक पर हमला करना चाहिए,क्या अफ्रीका को अपनी अर्थव्यवस्था बढ़ानी चाहिए,क्या सचिन को सन्यास वापस लेना चाहिए वगैरा वगैरा, तुम्हें ये सुनकर हैरानी होगी, कि मेरी बीवी कभी भी मेरे फैसलों का विरोध नहीं करती!