भाई – बहिन , ये सत्य है कि चाँदमिया उर्फ साई के 99 % प्रतिशत अन्धभक्तों को साई के जीवन के विषय कुछ भी जानकारी नहीं है ।
चाँदमियां उर्फ साई के सम्बन्ध में सबसें प्रामाणिक है ” साई सच्चरित्र ” ।
यह पुस्तक साई के भक्तों के लिए पवित्र ” कुरान ” के तुल्य है जिसे साई के शिष्य G.r Dabholkar ने साई सें अनुमति लेने के बाद लिखी थी ।
बाबा से अनुमति लेने के बाद वो 1910 से 1918 तक मस्जिद मे होने वाली प्रमुख घटनाओं को संकलित करते रहे और बाद में सर्व प्रथम ” साई सच्चरित्र ” मराठी मे लिखी गई ।
यही वो पुस्तक है जिसके आधार पर चाँदमियां उर्फ साई को महिमा – मण्डित किया जा रहा है ।
नीचे पुस्तक के उन अंशों को उल्लेखित किया जा रहा है जो प्रमाणित करते हैं कि चाँदमियां उर्फ साई एक कट्टर मुस्लिम था ।
इस लेख का मूल उद्देश्य उस ” सत्य ” को प्रकट करना है ।
[ 1 ] चाँदमियां उर्फ साई जीवन भर मस्जिद मे रहा ।
[ 2 ] चाँदमियां उर्फ साई कभी व्रत – उपवास नहीं रखता था और अपने भक्तों को भी नहीं रखने देता था ।
[ 3 ] चाँदमियां उर्फ साई की जुबान पर सदैव ” अल्लाह मालिक ” रहता था ।
[ 4 ] चाँदमियां उर्फ साई सदैव ” कुरान ” सुनता था जो उसे अब्दुल सुनाता था ।
[ 5 ] चाँदमिया उर्फ साई खाने से पूर्व ” अल फातिहा, ” जरूर पढता था ।
[ 6 ] चाँदमियां उर्फ साई ” गटर – बिरयानी ” खुद बनाता / खाता और अपने भक्तों को खिलाता था ।
[ 7 ] चाँदमियां उर्फ साई ने गंगाजल यह कह कर छूने से मना कर दिया कि वह यवन / मुस्लिम है उसे गंगाजल से क्या प्रयोजन ?
[ 8 ] चाँदमियां उर्फ साई का एक ब्राह्मण भक्त जब उसके पैर छूने लगा तो उसने टोकते हुए कहा कि मेरे पैर मत छूओ केयों कि तुम एक उच्च कुल के ब्राह्मण और मैं निम्न कुल का यवन / मुस्लिम हुँ ।
[ 9 ] चाँदमियां उर्फ साई के सत्य छायाचित्र में उसका परिधान एवं दाढी मुस्लिम फकीर रखते थे वैसी है ।
[ 10 ] चाँदमिया उर्फ साई ने अपने ब्राह्मण भक्त ” दादा केलकर ” को जबरदस्ती ” मटर बिरयानी ” खिलाई ।
[ 11 ] महाराष्ट्र के शिरडी – साई मन्दिर में गायी जाने वाली आरती मे :-
गोपीचंदा मंदा त्वाची उदरिले ,
मोमिन वंशी जन्मुनी लाका तारिले ।
उपरोक्त आरती में ” मोमिन ” अर्थात् मुस्लिम शब्द का स्पष्ट प्रयोग हुआ है ।
भाई – बहिनों हम ना तो चाँदमियां उर्फ साई के विरोधी हैं और ना ही किसी अन्य धर्म / सम्प्रदाय के विरोधी है ।
हमारा विरोध केवल इस बात को ले कर है कि चाँदमियां उर्फ साई को जानबूझ कर हिन्दू प्रमाणित करने का षङयन्त्र न किया जाये ।
पिछले 50 वर्षों में जैसा अधर्म शिर्डी ट्रस्ट ने किया है वो निन्दनीय है :-
[ 1 ] जो साई जीवन भर मस्जिद मे रहा उसे मन्दिर में बिठा दिया ।
[ 2 ] जो साई व्रत / उपवास का विरोधी था उसके नाम से साई व्रत कथा छप रही है ।
[ 3 ] जो साई सदैव अल्लाह मालिक बोलता था उसके साथ ॐ / राम जोङ दिया गया ।
[ 4 ] जो साई सदैव कुरान और अल फातिहा पढा करता था उसके नाम से मन्त्र बनाये जा रहे हैं ।
[ 5 ] जो साई मांसाहारी था उसे हिन्दू अवतार बनाया जा रहा है ।
[ 6 ] जिस साई ने गंगाजल छूने से मना कर दिया उसका गंगाजल से अभिषेक किया जा रहा है ।
भाई – बहिनों अब भी हिन्दू नहीं जागा तो हमारी भावी पीढी एक ऐसे व्यक्ति को भगवान बना लेगी जिसका सनातन धर्म से दूर – दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है और हमारी सन्तति मांसाहारी बन कर अल्लाह मालिक की माला जपने लगेगी ।
[ सम्पूर्ण जानकारी के लिए एक बार ” साई सच्चरित्र ” जरूर पढें ] जय श्री राम
