बड़ा खुलासा: अचानक गोधरा क्यों आने लगे सैकड़ों पाकिस्तानी?
_____________________________________________
आखिर क्या हो रहा है गोधरा में, आखिर कैसे पाकिस्तान टू गोधरा का एक नया चौंकाने वाला रूट तैयार हो रहा है? 2012 में 105 पाकिस्तानी नागरिक गोधरा आए थे। 2013 में ये आंकड़ा 876 तक पहुंच गया यानी करीब आठ गुना बढ़ गया। वहीं 2014 में गोधरा आने वाले पाकिस्तानियों की गिनती बढ़कर हो गई 2026 तक यानी दोगुनी से भी ज्यादा।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हर दिन करीब 6 पाकिस्तानी नागरिक गोधरा आते रहे। इन आंकड़ों को देखकर आपके जेहन में भी कई सवाल खड़े हो रहे होंगे। आखिर अचानक गोधरा में पाकिस्तानी नागरिकों की दिलचस्पी कैसे और क्योंकर बढ़ गई, आखिर पाकिस्तानी नागरिकों ने भारत आने के लिए गोधरा को ही इतना क्यों चुना, क्या ये महज इत्तेफाक था या फिर कुछ और?
जाहिर है गोधरा में पाकिस्तानी नागरिकों की तेजी से बढ़ती तादाद 2012 में 105 से लेकर 2014 में 2026 होने ने देश की खुफिया एजेंसियों को भी चकरा दिया, चौंका दिया। लिहाजा देश की कई एजेंसियां इस कहानी का सिरा तलाशने में जुट गईं।
पंचमहल के एसपी राघवेंद्र वत्स के मुताबिक ये एक बड़ा स्कैंडल चल रहा है। जांच करने पर पता चला कि पाकिस्तानी विजिटर्स की संख्या इतनी बढ़ गई। गहरी जांच के बाद पता चला कि पाकिस्तानी विजिटर्स अपने फायदे के लिए हमारे प्रोसीजर का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं।
पाकिस्तानी नागरिकों का यूं बेहद संवेदनशील शहर गोधरा में यूं दिलचस्पी लेना गंभीर था। सो इसकी जांच गुजरात पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को सौंपी गई। लंबी-चौड़ी पड़ताल के बाद जांच एजेंसी के हाथ एक बड़ा सुराग लगा। ये सुराग एक गहरी साजिश की ओर इशारा कर रहा था। ये बता रहा था कि आखिर पाकिस्तान से गोघरा आने के लिए कानून से खिलवाड़ तक किया जा रहा था लेकिन अब भी दिमाग में ये प्रश्न जरूर कौंध रहा होगा कि आखिर ये पाकिस्तानी गोधरा क्यों आ रहे हैं, गोधरा ही क्यों?
सवाल बड़ा है कि आखिर ये पाकिस्तानी नागरिक गोधरा ही क्यों आए? लेकिन उस सवाल ये भी बड़ी है वो साजिश, जो इन पाकिस्तानियों ने भारत आने के लिए रची। सच ये है कि इनमें से ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिकों के दस्तावेज फर्जी थे। उन्होंने गोधरा में जिन लोगों से पहचान का दावा किया था, वो भी फर्जी था। उनके दस्तावेजों में जिन भारतीय अधिकारियों के दस्तखत थे, जिन सरकारी दफ्तरों की मुहर थी। वो भी फर्जी थी।
आखिर साल 2014 में गोधरा आने वाले 2 हजार से ज्यादा पाकिस्तानियों में क्या कुछ ऐसे भी चेहरे हैं जिनके इरादे नेक नहीं थे। बदनीयत से गुजरात के इस शहर में आने का मकसद क्या था? खुफिया एजेसियों की जांच आगे बढ़ती जा रही थी।
इस साजिश की पहली कड़ी खुली, एक पाकिस्तानी नागरिक से जो फर्जी स्पॉन्सरशिप के सहारे गोधरा आया था। उसके स्पॉन्सरशिप लेटर पर गेजेटेड अफसर के साइन फर्जी पाए गए और ये साइन गोधरा के ही एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने किए थे। इस अवैध लैटर के दम पर ही उस पाकिस्तानी नागरिक ने भारत का वीजा लिया था।
जांच आगे बढ़ी तो पांच चेहरे पकड़ में आए। गोधरा पुलिस ने पांच लोगों को धर दबोचा और इसी के साथ गोधरा आए पाकिस्तानियों के दस्तावेज खंगालने का सिलसिला शुरू हो गया। इस जांच में एक और चौंका देने वाला सच सामने आया, एक पाकिस्तानी नागरिक के स्पॉन्सरशिप लैटर पर शहर के एसडीएम के साइन थे। बाकायदा स्टैम्प भी लगा हुआ था, लेकिन एसडीएम ने बताया कि उन्होंने ऐसा कोई दस्तावेज साइन किया ही नहीं था।
read on…..
