पिछले साल मार्च से ही तैयार जनसंख्या के नए आंकड़ें को जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक जनसंख्या पर आधारित जनगणना के इन ताजा आंकड़ों में 2001 से 2011 के बीच मुस्लिमों की जनसंख्या में 24 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक पिछले दस साल में 24 फीसदी मुस्लिमों की आबादी बढ़ी है जिससे देश की कुल जनसंख्या में मुस्लिमों की संख्या 13.4 फीसदी से बढ़कर 14.2 फीसदी हो गई है. हालांकि मुस्लिम आबादी बढ़ने की रफ्तार धीमी हुई है. 1991 से 2001 के दशक में मुस्लिम आबादी की वृद्धि दर 29 फीसदी थी लेकिन 2001-2011 में अब इसमे गिरावट आई है. गिरावट के बावजूद भी यह वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है, जोकि पिछले दशक के दौरान 18 फीसदी रही.
सबस ज्यादा मुस्लिमों की जनसंख्या में असम में हुई है. 2001 की जनगणना को देखें तो असम में मुस्लिमों की जनसंख्या 30.9 फीसदी थी जो एक दस साल बाद बढ़कर 34.2 फीसदी हो गई है. इस राज्य के लिए बांग्लादेशी अप्रवासियों की बढ़ती तादाद हमेशा के लिए ही एक समस्या रही है.
पश्चिम बंगाल भी एक ऐसा राज्य है जो अवैध प्रवासियों की समस्या से ग्रसित है. इस राज्य की मुस्लिम आबादी में भी 1.9 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. 2001 में पश्चिम बंगाल में मुस्लिम आबादी 25.2 फीसदी थी जो कि दस साल बाद 2011 में बढ़कर 27 फीसदी हो गई. यह राष्ट्रीय औसत के करीब दोगुना है.
बाकी राज्यों पर नजर डालें तो उत्तराखंड में भी दो फीसदी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. उत्तराखंड में मुस्लिम आबादी 11.9 फीसदी से बढ़कर 13.9 फीसदी हो गई. केरला में यह मुस्लिम आबादी में 1.9 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई. केरला में मुस्लिम आबादी 24.7 से बढ़कर 26.6 फीसदी हो गई. वहीं गोवा में मुस्लिम आबादी 6.8 फीसदी से बढ़कर 8.4 फीसदी और जम्मू-कश्मीर में 67 फीसदी से बढ़कर 68.3 फीसदी हो गई.
दिलचस्प बात यह है कि मणिपुर मात्र एक ऐसा राज्य है जहां मुस्लिम बादी में गिराटव दर्ज की गई है. इस राज्य की कुल मुस्लिम आबादी में 0.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
जनसंख्या कार्यालय ने यह आकड़ा पिछेल साल मार्च में ही तैयार कर लिया था लेकिन यूपीए सरकार ने इस पर रोक लगा दिया था. यूपीए सरकार को शायद इस बात का डर था कि लोकसभा चुनावों में इसका बुरा असर पड़ सकता था. अब गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस आकड़े को जारी करने के लिए हामी भर दी है
#देबू काका.
