Posted in भारतीय उत्सव - Bhartiya Utsav

मकर संक्रांति


मकर संक्रांति . . इस साल 2015 में 15 जनवरी को . चलिए . . .इस दिन ” गंगा ” में लगाते है .5 डूबकी . अगर पास में गंगा नही है – तो घर में जल में गंगाजल मिलाकर करिये स्नान . .करिये दान . . . घी . . कम्बल . . तिल . . वस्त्र . . आदि चीज़ों का . और पाइये. मानसिक . . शारीरिक कष्टों से मुक्ति . . . .
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= ” मकर संक्रान्ति ” प्रारंभ . . 14 जनवरी 2015 . 07-34 रात्रि से . .
= पुण्य काल प्रारंभ . . 15 जनवरी 2015 . .सुबह 07-19 से 12-30 दोपहर तक . .
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= ” मकर संक्रान्ति ” . . इस दिन भगवान् सूर्य . . अपने पुत्र शनि से मिलने उसके घर जाते है . . .
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= ” मकर संक्रांति ” का पर्व जीवन में संकल्प लेने का दिन भी कहा गया है . . इस दिन से सूर्य की कांति में परिवर्तन शुरू हो जाता है . वह दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर अभिमुख हो जाता है . . उत्तरायण से रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। . अंधकार घटने लगता है और प्रकाश में बढ़ोतरी शुरू हो जाती है . .
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= इस दिन ही ” गंगाजी ” भागीरथ के पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर से मिली थी . . .
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= इस दिन ” भीष्म पितामह ” ने अपने शरीर का त्याग किया था . . .
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= इस दिन से ही ” सूर्यदेव ” उत्तरायण होते है . . .
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= इस दिन को पंजाब में ” लोहिणी ” . . तमिलनाडु में ” पोंगल ” . . . उत्तर प्रदेश में ” खिचड़ी ” . . और असाम में ” माघ – बिहू ” के नाम से उत्सव मनाते है . . .
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= इस दिन ” गंगासागर ” में विशाल मेला लगता है . . .
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= मकर संक्रांति के पर्व पर गुड़, घी, खिचड़ी बनाने के पीछे भी वैज्ञानिक आधार है . . मान्यता है कि तिल, घी, गुड़ और काली उड़द की खिचड़ी का दान और उसका सेवन करने से शीत का प्रकोप शांत होता है . दक्षिण भारत में बालकों के विद्याध्ययन का पहला दिन मकर संक्रांति से शुरू कराया जाता है . . प्राचीन रोम में इस दिन खजूर, अंजीर और शहद बांटने का उल्लेख मिलता है . . ग्रीक के लोग वर-वधू को संतान-वृद्धि के लिए तिल से बने पकवान बांटते है . .

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