आप किसी भी मुसलमान से पूछिये कि 6दिसम्बर को क्या हुआ था,उनके यहाँ का बच्चा से लेकर बूढ़ा भी यही बोलेगा कि उस दिन बाबरी मस्जिद ‘शहीद’ हुई थी।उनके लिए वो ढांचा शहीद हुआ था आज भी उनके मन में उस विवादित ढांचे को तोड़े जाने की गहरी टिस है।
वहीँ दूसरी तरफ आप किसी हिन्दू से पूछिये कि सोमनाथ मंदिर से लेकर पाकिस्तान और बांग्लादेश में जो हजारों मंदिर तोड़े गये थे उनके बारे में क्या सोचते हैं,जबाब मिलेगा कि छोड़ न यार ये सब,ये सब तो होते ही रहता है।