कश्मीर के महाराजा की शान को उनके पुत्र और पौत्र ने कैसे लगाया बट्टा
श्रीनगर। कश्मीर राजघराने का इतिहास राजा हरि सिंह के समय तक स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाने वाला रहा है। इतिहासकार कहते हैं कि महाराजा गुलाब सिंह ने अफ़गानिस्तान तक भारत का ध्वज फहरा दिया था। राजा गुलाब सिंह के वंशज महाराजा हरि सिंह ने लंदन की गोलमेज़ कान्फ्रेंस में अंग्रेजी सरकार को फटकार लगाई थी। इसी का बदला लेने के लिए लार्ड माऊंटबेटन ने नेहरू और अबदुल्ला के साथ मिलकर महाराजा हरि सिंह से बदला लिया।
शेख अबदुल्ला और नेहरू ने कर्ण सिंह को कश्मीर रियासत का प्रतिनिधि बनाकर महाराजा हरिसिंह को कश्मीर से निकाल दिया था।
वहीं कर्ण सिंह कांग्रेस सरकार में मंत्री बाद में अमेरिका में भारत के राजदूत रहे। हद तो तब हो गई जब 2008 में महाराजा हरि सिंह के पौत्र और कर्ण सिंह के सुपुत्र अजात शत्रु, शेख अब्दुल्ला की नेशनल कान्फ्रेंस पार्टी में शामिल हो गए। जिस पार्टी के खिलाफ उनके दादा को बड़ी जिल्लत झेलनी पड़ी थी। वहीं कर्ण सिंह का दूसरा पुत्र विक्रमादित्य मुप्ती मोहम्मद की पीडीपी में शामिल हो गए। अभी हाल ही में अजातशत्रु नेशनल कांफ्रेंस छोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं।

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You, गुंजन अग्रवाल, Avinash