चाचा नेहरू के कारनामों पर एक नज़र
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1) नेहरू के कपङे स्वदेशी आँदोलन के दौरान भी विलायत मेँ धुलने जाते थे
2) भगत सिँह की फाँसी को केवल एक व्यक्ति ही उसे रूकवा सकता था , वो था गांधी.. अगर इरविन
पैक्ट पर हस्ताक्षर नहीँ होते लेकिन नेहरू ने ऎसा होने नहीँ दिया और भगत सिंह को फासी चढ जाने दिया
3) नेहरू ने प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा में भारत का विभाजन (धर्म के आधार पर)स्वीकार करके सदा के लिये अखँड भारत का सपना तोङा
4) नेहरू के कारण 10लाख लोग विभाजन के बाद साँप्रदायिक दँगोँ मेँ मारे गये ,लेकिन कांग्रेस को याद आता है केवल गुजरात
5) भारत जैसे स्वतँत्र देश का पहला गवर्नर जनरल माउँटबटेन विदेशी था ,कारण आप सब जानते हैँ
मिसेस माउँटबटेन का नाम लेना नहीँ चाहता
6) कान्ग्रेस मेँ बङे देशभक्तोँ लाला ,बाल और पाल को हासिये पर डाल खुद को प्रोजेक्ट किया नेहरू ने
7) सुभाष चँद्र बोस को पहले काँग्रेस से बाहर करवाया और फिर आजादी के बाद उनके मौत के कारणोँ की जाँच के लिये कमेटी का गठन से इँकार किया नेहरू ने
8) भारत को मिल रहे सँयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद्की स्थायी सदस्यता को चीन को भेँट कर दिया गया नेहरू की मेहरबानी से
9) सरदार पटेल के लाख मना करने के बाद भी चीन के साथ पँचशील का समझौता किया नेहरू ने
10) सरदार पटेल के लाख मना करने के बाद भी पाकिस्तान को 55करोङ रू दिलवाये नेहरू ने
11) उन्हीं 55 करोङ का इस्तेमाल पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमले किये और सरदार की इच्छा के विरूद्ध नेहरू कश्मीर मसले को सुरक्षा परिषद् मेँ ले गये, जो मामला अब नासूर बन चुका है
12) भारत का पहला घोटाला’जीप घोटाला ‘के सूत्रधार थे श्री जवाहर लाल नेहरू
13) 1962 युद्ध मेँ सेनाध्यक्ष के बार बार कहने पर कि चीन हमारे सैनिकोँ को मार रहा है ,नेहरू ने
कारवाई का आदेश नहीँ दिया
14) नेहरू तो देश की सैन्य शक्ति बढ़ाने के भी खिलाफ थे , उनका यकीन भारत के निरस्त्रीकरण में था, नेहरू कभी नहीं चाहते थे कि भारत में परमाणु बम बनाए जाए..
15) हैदराबाद के निजाम ने फैसला कर लिया था कि वह पाकिस्तान के साथ जायेगा ,नेहरू ने पहले हैदराबाद में सैन्य कारवाई का विरोध किया था
16) मुझे कोई एक उदाहरण दे दे कि कब और कहाँ नेहरू ने अपनी बेटी इँदिरा को छोङकर किसी और बच्चे के लिये कुछ किया ?
वो सिर्फ अमीर परिवारो के बच्चों को ही पास बुलाते थे, तथा गरीब और मजदूरों के बच्चों को वहां फटकने नही दिया जाता था …फिर ये बाल दिवस का ढोंग क्योँ?
