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भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी, इसरो का उपग्रह मंगलयान मंगल ग्रह की अंडाकार कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर चुका है.


भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी, इसरो का उपग्रह मंगलयान मंगल ग्रह की अंडाकार कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर चुका है. ये भारत के अंतरिक्ष शोध में एक कालजयी घटना है. इस अभियान की कामयाबी से भारत ऐसा देश बन गया है जिसने एक ही प्रयास में अपना अभियान पूरा कर लिया. भारत के मंगल अभियान का निर्णायक चरण 24 सितंबर को सुबह यान को धीमा करने के साथ ही शुरू हो गया था.

इस मिशन की सफलता इन्हीं 24 मिनटों पर निर्भर थी, जिस दौरान यान में मौजूद इंजिन को चालू किया गया.इस ऐतिहासिक घटना का गवाह बनने के लिए भारतीय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैंगलोर के इसरो केंद्र में मौजूद रहे.

इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा, ” आज इतिहास बना है. हमने लगभग असंभव कर दिखाया है. मैं सभी भारतीयों और इसरो वैज्ञानिकों को मुबारक देता हूं. कम साधनों के बावजूद ये कामयाबी वैज्ञानिकों के पुरुषार्थ के कारण मिली है.”
चीन भले ही अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भारत से आगे रहा हैलेकिन उसे भारत से बड़ी चुनौती मिलने वाली है.

मंगलयान से भारत को क्या फायदा होगा ?

मंगल की कक्षा में स्थापित हो जाने के बाद मंगलयान इसके वायुमंडल, खनिजों और संरचना की रिपोर्ट वापस भेजेगा. मंगलयान के साथ पांच उपकरण भेजे गए हैं जो वहां से जांच कर संकेत भेजेंगे. इन उपकरणों का कुल भार 15 किलो है.

1. मीथेन सेंसर – यह मंगल के वातावरण में मीथेन गैस की मात्रा को मापेगा. कहां से मीथेन आ रही है इसका स्रोत भी पता करेगा.

2. थर्मल इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर. यह मंगल की सतह का तापमान पता करेगा. साथ ही तापमान के निकलने का स्रोत पता करेगा. जिससे मंगल के सतह की संरचना और वहां मौजूद खनिज के बारे में पता चलेगा.

3. मार्स कलर कैमरा जो मंगल के फोटो खींच कर भेजेगा.

4. लमेन अल्फा फोटोमीटर – यह मंगल के ऊपरी वातावरण में ड्यूटीरियम तथा हाइड्रोजन की मात्रा मापेगा.

5. मंगल इक्सोस्फेरिक न्यूट्रल संरचना विश्लेषक (MENCA) – यह बाहरी हिस्से में जो कण मिलेगें उसकी जांच करेगा

मंगल के वैज्ञानिक अध्ययन के अलावा यह मिशन इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह भारत के लिए दूसरे ग्रहों की जांच करने के सफल अभियानों की शुरुआत करेगा.

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी, इसरो का उपग्रह मंगलयान मंगल ग्रह की अंडाकार कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर चुका है. ये भारत के अंतरिक्ष शोध में एक कालजयी घटना है. इस अभियान की कामयाबी से भारत ऐसा देश बन गया है जिसने एक ही प्रयास में अपना अभियान पूरा कर लिया. भारत के मंगल अभियान का निर्णायक चरण 24 सितंबर को सुबह यान को धीमा करने के साथ ही शुरू हो गया था. इस मिशन की सफलता इन्हीं 24 मिनटों पर निर्भर थी, जिस दौरान यान में मौजूद इंजिन को चालू किया गया.इस ऐतिहासिक घटना का गवाह बनने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैंगलोर के इसरो केंद्र में मौजूद रहे. इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा, " आज इतिहास बना है. हमने लगभग असंभव कर दिखाया है. मैं सभी भारतीयों और इसरो वैज्ञानिकों को मुबारक देता हूं. कम साधनों के बावजूद ये कामयाबी वैज्ञानिकों के पुरुषार्थ के कारण मिली है." चीन भले ही अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भारत से आगे रहा हैलेकिन उसे भारत से बड़ी चुनौती मिलने वाली है. मंगलयान से भारत को क्या फायदा होगा ? मंगल की कक्षा में स्थापित हो जाने के बाद मंगलयान इसके वायुमंडल, खनिजों और संरचना की रिपोर्ट वापस भेजेगा. मंगलयान के साथ पांच उपकरण भेजे गए हैं जो वहां से जांच कर संकेत भेजेंगे. इन उपकरणों का कुल भार 15 किलो है. 1. मीथेन सेंसर - यह मंगल के वातावरण में मीथेन गैस की मात्रा को मापेगा. कहां से मीथेन आ रही है इसका स्रोत भी पता करेगा. 2. थर्मल इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर. यह मंगल की सतह का तापमान पता करेगा. साथ ही तापमान के निकलने का स्रोत पता करेगा. जिससे मंगल के सतह की संरचना और वहां मौजूद खनिज के बारे में पता चलेगा. 3. मार्स कलर कैमरा जो मंगल के फोटो खींच कर भेजेगा. 4. लमेन अल्फा फोटोमीटर - यह मंगल के ऊपरी वातावरण में ड्यूटीरियम तथा हाइड्रोजन की मात्रा मापेगा. 5. मंगल इक्सोस्फेरिक न्यूट्रल संरचना विश्लेषक (MENCA) - यह बाहरी हिस्से में जो कण मिलेगें उसकी जांच करेगा मंगल के वैज्ञानिक अध्ययन के अलावा यह मिशन इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह भारत के लिए दूसरे ग्रहों की जांच करने के सफल अभियानों की शुरुआत करेगा.
Posted in हिन्दू पतन

नवरात्रि


एक मुल्ले ने माता की सवारी बाघ के
आगे हांत
जोड़ कर इस्लाम का अपमान कर दिया ,
इस्लाम में
हिदुओ के तरह हात जोड़कर वंदना और
भक्ति करना इस्लाम का अपमान होता है पर इसने
अपनी जान बक्शने के लिए 15 मिनट में कई बार
हांत जोड़कर प्रार्थना की ।
बाघ ने उसके सनातनियो की तरह हांत जोड़ने पर
उसको छुवा भी नहीं और
उसकी जान बक्श
भी दी थी.
तभी मुल्ले
के दोस्त ने बाघ पर पत्थर दे
मारा हाँ बिलकुल वैसे
ही जैसा कश्मीरी सेना पर
मारते है, पत्थर लगते ही बाघ को बर्दास्त
नहीं हुवा वो सेना थोड़े न है… फाड़ डाला उसे ।
हुवा यूँ की एक मुल्ले ‘मक़सूद’ को अपने
हरामीपना दिखाने के चक्कर में जान
गवानी पड़ी ।
जैसा की आपको मालूम है कि इनके खून में
ही हरामीपाना होता है और इनके लिए
जानवर
मतलब काट के खा जाना ही होता है इसलिए इसने
एक बाघ को गाय जैसा सीधा समझने
की भूल कर
दी और उसको छेड़ते छेड़ते उसके बाड़े में कूद
गया पर
बाघ तो बाघ होता है उसने गला तोड़ कर निकाल
दी हेकड़ी ।।
समझदार के लिए इशारा काफी होता है , अब
गरबा खेलने का भूल ही जाओ मुल्लो ..
‘जय माता दी’
इसीलिए कहता हूँ शेरों से पँगे ना लिया करो.

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नरेन्द्र मोदीजी और वीर सावरकरजी में समानतायें- मोदीजी के जन्म दिवस पर


नरेन्द्र मोदीजी और वीर सावरकरजी में समानतायें- मोदीजी के जन्म दिवस पर  
१.दोनों के पिता का नाम दामोदर , एक २०वी सदी के व दूसरे २१वी सदी के दमदार व्यकित्व... व्यक्तित्व
२.वीर सावरकरजी  व नरेन्द्र मोदीजी ने एक कच्ची उम्र में ही, देश सेवा के लिए अपने को समर्पित कर दिया 
३.अखंड भारत के शिल्पकार सावरकरजी के मंसूबे को देशद्रोहियों ने देश को तोड़कर, खंडित भारत से, देश के ५ लाख बेगुनाह हिन्दुस्तानियों की ह्त्या कर, महात्मा, बापू, चाचा .. से, यमदूत बनकर शांती के मसीहा से, जनता को मशगूल बनाकर.., सत्ता मेवा है , इसकी जय है, (जो मेरे वेबस्थल का स्लोगन है),  से ६० वर्षों तक राज किया (लालबहादुर शास्त्री के कार्यकाल को छोड़कर) 
वही लोकसभा चुनाव में अपने दम पर नरेन्द्र मोदीजी ने सावरकरजी के राष्ट्रवाद की एक लौ जगाकर ..., भारतमाता की कसम खाई है... मैं देश नहीं झुकने दूंगा , मैं  देश नहीं मिटने दूंगा.., हे भारत माँ तेरा वैभव अमर रखूंगा ..., इसी राष्ट्रवाद की शक्ती से भारतमाता की भक्ती से वे प्रधानमंत्री बने 
४.वीर सावरकर ने कहा था, पहले हमारी सीमाओं की सुरक्षा के लिए, हमारी सेनायें उन्नत्त व मजबूत होनी चाहिए, ताकि कोई हमारे से  आँख उठाकर बात न करे..., १९४७ में सावरकर ने कहा था, हिन्दुस्तान को अणु बम बनाना ही चाहिए, इतना ही नहीं हाइड्रोजन व ऑक्सीजन का ध्वम भी बनाना चाहिए...
राष्ट्र का सैन्यीकरण व सेना का हिन्दुकरण , आज इसी विचारधारा से इसराईल ने अपने को सुरक्षित रखा है..
इसी का संज्ञान लेते हुये , हमारी सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए, आज इसी नीती से सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों से प्रधानमंत्री बैठक कर,  देश की सुरक्षा के लिए उपकरणों की आवश्यकता से निदान ..., व मोदीजी ने इसरो को नाभकीय क्रांती में खुली छूट दे कर कहा है.. आप आगे बढ़ो.. मैं आपको इस प्रकल्प में धन की कमी नहीं होने दूंगा. वही लूली लंगडी चल रही हत्यार निर्माण के डी.आर.डी .ओ. को अब चलना सिखा दिया है.., जल सेना को नए जलपोतों के निर्माण का जज्बा फूँका है,,
५.सावरकर, मुस्लिम लीग की कट्टरता से देश को चेताते रहते थे, बलपूर्वक धर्म परिवर्तन अर्थात राष्ट्र  परिवर्तन..जो आज ईराक सीरिया में इसकी भयावहता दिखाई दे रही है.. 
वही , 2003 में गुजरात में सत्ता में आते ही  नरेन्द्र मोदी सरकार ने गुजरात विधानसभा में "गुजरात धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम-2003" पारित कर मतांतरण करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाया था।
६.वीर सावरकरजी के नाम से अंग्रेजों का न डूबने वाला सूर्य का साम्राज्य थर्राता था... 
वहीं  मोदीजी के प्रधानमंत्री पद की घोषणा से थर्राते हुए, दुश्मन व लूटेरे देशों ने मीडिया व अन्य संशाधनों से एड़ी चोटी का जोर लगाने के बाद भी सफलता नहीं पायी.., और हाथ मलते हुए मायूस हो गयें  है...
७.ब्रिटिश अखबार इंग्लॅण्ड में क्रांतीकारियों की आवाज व हिन्दुस्तानी समाचार जानने के लिए वीर सावरकर से संपर्क करती थी जबकि उस समय नरम दल पैसे देकर अपनी खबर छापते थे,,
१० सालों से नरेन्द्र मोदीजी को देश का कसाई व विदेशी इशारों से, देश के समाचार चैनलों के विदेश में बैठे देशी व विदेशी मालिक, बदनाम करने के लिए पेट भरी मीडिया .., मालामाल होकर भी नरेन्द्र मोदीजी से परास्त हो गयी.., वही मोदी पेट भरी मीडिया को अपने समाचार के बारे में फटकने नहीं देते थे... और पेट भरी मीडिया को बार-बार चेतावनी देते थे..., निष्पक्ष बनों.. देश को गुमराह मत करो...देश की छवि मत बिगाडों 
८.वीर सावरकरजी  की तरह ही नरेन्द्र मोदीजी अपने भाषणों में शमा बाँध देते है.., कब घंटे निकल जाते है...,श्रोताओं को पता भी नहीं चलता 
याद रहे अपने तरूण ब्रह्मचर्य  जीवन में विदेशों में वीर सावरकर, दमदार व्यक्तित्व , निर्भीक जीवन..,एक तेजस्वी वक्ता के राष्ट्रवादी भाषणों से दुनिया कायल थी, विदेशी गोरी चमड़ी वाली लड़किया तो दीवानी होकर वीर सावरकरजी से “I LOVE YOU” कहती थी.., तब वीर सावरकरजी कहते थे मैं तो सिर्फ भारतमाता से प्रेम करता हूँ..., और शादी के बाद अपनी बीबी से प्रेम करूंगा 
वही लोकसभा चुनावों में पेट भरी मीडिया ने मोदीजी के तूफानी भाषणों से कही उनके कैमरे उड़ न जाए, इसी झांसे से  मोदीजी के शादी व ब्रह्मचर्य  जीवन से देश वासियों को भटकाने की कोशिश से, कशिश निकालने का खेल खेला..हाथ कुछ न आया बाबाजी का ठुल्लू 
९.नरेन्द्र मोदीजी  ने अपने दुश्मन व मनमुटावी  देशों को अपनी कूटनीती से साथ लेकर दुनिया को अचम्भे में दाल दिया है...
वही वीर सावरकरजी.., स्वतंत्रता के लिए लड़ों के उद्घोष से, विश्व के गुलाम देशों , तुर्की,रूस,इटली,आयरलैंड,इजिप्त फ़्रांस के क्रांतीकारियों में एक आजादी का जज्बा भर दुनिया को अचंभित कर दिया 
!!!!!!!!! जब तक देश जातिवाद, भाषावाद, अस्पर्श्यिता की बेड़ियों में जकड़ा है.., तब तक देश एक गुलामी से दूसरी गुलामी में बंधा रहेगा..., और हिंदुत्व  का पतन के साथ देश विखंडन के कगार पर जाएगा ...
सावरकर के अनुसार हिन्दू समाज सात बेड़ियों में जकड़ा हुआ था।।
१. स्पर्शबंदी: निम्न जातियों का स्पर्श तक निषेध, अस्पृश्यता
२. रोटीबंदी: निम्न जातियों के साथ खानपान निषेध
३. बेटीबंदी: खास जातियों के संग विवाह संबंध निषेध
४. व्यवसायबंदी: कुछ निश्चित व्यवसाय निषेध
५. सिंधुबंदी: सागरपार यात्रा, व्यवसाय निषेध
६. वेदोक्तबंदी: वेद के कर्मकाण्डों का एक वर्ग को निषेध
७. शुद्धिबंदी: किसी को वापस हिन्दूकरण पर निषेध
ऐसी उनकी ४० से ज्यादा भविष्यवाणीयां, जिनकी हमने अवहेलना की है..., वीर सावरकर का इस देश पर महान ऋण है। वे अधिकांश क्रान्तिकारियों के लिये प्रेरणा के स्रोत थे। आज भी वह हर सच्चे भारतीय के लिये प्रेरणा के स्रोत हैं !!!!!
कैलाश तिवारी .-सितम्बर २०१२ से आज तक के १५० से अधिक स्वयंनिर्मीत कार्टून व पोस्ट के लिए कृपया वेबसाईट की यात्रा करें, google search पर meradeshdoooba लिखें... email द्वारा नई प्रवष्ठी की नई सूचना के प्राप्त करें,- भ्रष्टाचारीयों के महाकुंभ की महान-डायरी

नरेन्द्र मोदीजी और वीर सावरकरजी में समानतायें- मोदीजी के जन्म दिवस पर
१.दोनों के पिता का नाम दामोदर , एक २०वी सदी के व दूसरे २१वी सदी के दमदार व्यकित्व… व्यक्तित्व
२.वीर सावरकरजी व नरेन्द्र मोदीजी ने एक कच्ची उम्र में ही, देश सेवा के लिए अपने को समर्पित कर दिया
३.अखंड भारत के शिल्पकार सावरकरजी के मंसूबे को देशद्रोहियों ने देश को तोड़कर, खंडित भारत से, देश के ५ लाख बेगुनाह हिन्दुस्तानियों की ह्त्या कर, महात्मा, बापू, चाचा .. से, यमदूत बनकर शांती के मसीहा से, जनता को मशगूल बनाकर.., सत्ता मेवा है , इसकी जय है, (जो मेरे वेबस्थल का स्लोगन है), से ६० वर्षों तक राज किया (लालबहादुर शास्त्री के कार्यकाल को छोड़कर)
वही लोकसभा चुनाव में अपने दम पर नरेन्द्र मोदीजी ने सावरकरजी के राष्ट्रवाद की एक लौ जगाकर …, भारतमाता की कसम खाई है… मैं देश नहीं झुकने दूंगा , मैं देश नहीं मिटने दूंगा.., हे भारत माँ तेरा वैभव अमर रखूंगा …, इसी राष्ट्रवाद की शक्ती से भारतमाता की भक्ती से वे प्रधानमंत्री बने
४.वीर सावरकर ने कहा था, पहले हमारी सीमाओं की सुरक्षा के लिए, हमारी सेनायें उन्नत्त व मजबूत होनी चाहिए, ताकि कोई हमारे से आँख उठाकर बात न करे…, १९४७ में सावरकर ने कहा था, हिन्दुस्तान को अणु बम बनाना ही चाहिए, इतना ही नहीं हाइड्रोजन व ऑक्सीजन का ध्वम भी बनाना चाहिए…
राष्ट्र का सैन्यीकरण व सेना का हिन्दुकरण , आज इसी विचारधारा से इसराईल ने अपने को सुरक्षित रखा है..
इसी का संज्ञान लेते हुये , हमारी सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए, आज इसी नीती से सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों से प्रधानमंत्री बैठक कर, देश की सुरक्षा के लिए उपकरणों की आवश्यकता से निदान …, व मोदीजी ने इसरो को नाभकीय क्रांती में खुली छूट दे कर कहा है.. आप आगे बढ़ो.. मैं आपको इस प्रकल्प में धन की कमी नहीं होने दूंगा. वही लूली लंगडी चल रही हत्यार निर्माण के डी.आर.डी .ओ. को अब चलना सिखा दिया है.., जल सेना को नए जलपोतों के निर्माण का जज्बा फूँका है,,
५.सावरकर, मुस्लिम लीग की कट्टरता से देश को चेताते रहते थे, बलपूर्वक धर्म परिवर्तन अर्थात राष्ट्र परिवर्तन..जो आज ईराक सीरिया में इसकी भयावहता दिखाई दे रही है..
वही , 2003 में गुजरात में सत्ता में आते ही नरेन्द्र मोदी सरकार ने गुजरात विधानसभा में “गुजरात धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम-2003” पारित कर मतांतरण करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाया था।
६.वीर सावरकरजी के नाम से अंग्रेजों का न डूबने वाला सूर्य का साम्राज्य थर्राता था…
वहीं मोदीजी के प्रधानमंत्री पद की घोषणा से थर्राते हुए, दुश्मन व लूटेरे देशों ने मीडिया व अन्य संशाधनों से एड़ी चोटी का जोर लगाने के बाद भी सफलता नहीं पायी.., और हाथ मलते हुए मायूस हो गयें है…
७.ब्रिटिश अखबार इंग्लॅण्ड में क्रांतीकारियों की आवाज व हिन्दुस्तानी समाचार जानने के लिए वीर सावरकर से संपर्क करती थी जबकि उस समय नरम दल पैसे देकर अपनी खबर छापते थे,,
१० सालों से नरेन्द्र मोदीजी को देश का कसाई व विदेशी इशारों से, देश के समाचार चैनलों के विदेश में बैठे देशी व विदेशी मालिक, बदनाम करने के लिए पेट भरी मीडिया .., मालामाल होकर भी नरेन्द्र मोदीजी से परास्त हो गयी.., वही मोदी पेट भरी मीडिया को अपने समाचार के बारे में फटकने नहीं देते थे… और पेट भरी मीडिया को बार-बार चेतावनी देते थे…, निष्पक्ष बनों.. देश को गुमराह मत करो…देश की छवि मत बिगाडों
८.वीर सावरकरजी की तरह ही नरेन्द्र मोदीजी अपने भाषणों में शमा बाँध देते है.., कब घंटे निकल जाते है…,श्रोताओं को पता भी नहीं चलता
याद रहे अपने तरूण ब्रह्मचर्य जीवन में विदेशों में वीर सावरकर, दमदार व्यक्तित्व , निर्भीक जीवन..,एक तेजस्वी वक्ता के राष्ट्रवादी भाषणों से दुनिया कायल थी, विदेशी गोरी चमड़ी वाली लड़किया तो दीवानी होकर वीर सावरकरजी से “I LOVE YOU” कहती थी.., तब वीर सावरकरजी कहते थे मैं तो सिर्फ भारतमाता से प्रेम करता हूँ…, और शादी के बाद अपनी बीबी से प्रेम करूंगा
वही लोकसभा चुनावों में पेट भरी मीडिया ने मोदीजी के तूफानी भाषणों से कही उनके कैमरे उड़ न जाए, इसी झांसे से मोदीजी के शादी व ब्रह्मचर्य जीवन से देश वासियों को भटकाने की कोशिश से, कशिश निकालने का खेल खेला..हाथ कुछ न आया बाबाजी का ठुल्लू
९.नरेन्द्र मोदीजी ने अपने दुश्मन व मनमुटावी देशों को अपनी कूटनीती से साथ लेकर दुनिया को अचम्भे में दाल दिया है…
वही वीर सावरकरजी.., स्वतंत्रता के लिए लड़ों के उद्घोष से, विश्व के गुलाम देशों , तुर्की,रूस,इटली,आयरलैंड,इजिप्त फ़्रांस के क्रांतीकारियों में एक आजादी का जज्बा भर दुनिया को अचंभित कर दिया
!!!!!!!!! जब तक देश जातिवाद, भाषावाद, अस्पर्श्यिता की बेड़ियों में जकड़ा है.., तब तक देश एक गुलामी से दूसरी गुलामी में बंधा रहेगा…, और हिंदुत्व का पतन के साथ देश विखंडन के कगार पर जाएगा …
सावरकर के अनुसार हिन्दू समाज सात बेड़ियों में जकड़ा हुआ था।।
१. स्पर्शबंदी: निम्न जातियों का स्पर्श तक निषेध, अस्पृश्यता
२. रोटीबंदी: निम्न जातियों के साथ खानपान निषेध
३. बेटीबंदी: खास जातियों के संग विवाह संबंध निषेध
४. व्यवसायबंदी: कुछ निश्चित व्यवसाय निषेध
५. सिंधुबंदी: सागरपार यात्रा, व्यवसाय निषेध
६. वेदोक्तबंदी: वेद के कर्मकाण्डों का एक वर्ग को निषेध
७. शुद्धिबंदी: किसी को वापस हिन्दूकरण पर निषेध
ऐसी उनकी ४० से ज्यादा भविष्यवाणीयां, जिनकी हमने अवहेलना की है…, वीर सावरकर का इस देश पर महान ऋण है। वे अधिकांश क्रान्तिकारियों के लिये प्रेरणा के स्रोत थे। आज भी वह हर सच्चे भारतीय के लिये प्रेरणा के स्रोत हैं !!!!!
कैलाश तिवारी .-सितम्बर २०१२ से आज तक के १५० से अधिक स्वयंनिर्मीत कार्टून व पोस्ट के लिए कृपया वेबसाईट की यात्रा करें, google search पर meradeshdoooba लिखें… email द्वारा नई प्रवष्ठी की नई सूचना के प्राप्त करें,- भ्रष्टाचारीयों के महाकुंभ की महान-डायरी

Posted in जीवन चरित्र

1576 में हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच ऐसा युद्ध हुआ1576 में हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच ऐसा युद्ध हुआ


1576 में हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच
ऐसा युद्ध हुआ, जो पूरी दुनिया के लिए आज भी एक मिसाल है।
महाराणा प्रताप ने शक्तिशाली मुगल बादशाह अकबर
की विशाल सेना के सामने अपने थोड़े-से संसाधनों के बल पर
स्वतंत्रता के लिए वर्षों संघर्ष किया। 30 वर्षों के लगातार
प्रयास के बावजूद अकबर महाराणा प्रताप को बंदी न
बना सका।
प्रताप की वीरता ऐसी थी कि उनके दुश्मन भी उनके युद्ध-
कौशल के कायल थे। माना जाता है कि इस योद्धा की मृत्यु पर
अकबर की आंखें भी नम हो गई थीं।
उदारता ऐसी कि दूसरों की पकड़ी गई बेगमों को सम्मानपूर्वक
उनके पास वापस भेज दिया था। इस योद्धा ने साधन सीमित
होने पर भी दुश्मन के सामने सिर नहीं झुकाया और जंगल के कंद-
मूल खाकर लड़ते रहे। कहते हैं कि जब कोई अच्छाई के लिए
लड़ता है तो पूरी कायनात उसे जीत दिलाने में लग जाती है। ये
बात हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि उनका घोड़ा चेतक भी उन्हें
जीत दिलाने के लिए अंतिम समय तक लड़ता रहा। जब मुगल
सेना महाराणा प्रताप के पीछे लगे थी, तब चेतक प्रताप
को अपनी पीठ पर लिए उस नाले को लांघ गया, जिसे मुगल पार
न कर सके।
महाराणा प्रताप का भाला 81 किलो वजन का था और उनके
छाती का कवच 72 किलो का था। उनके भाला, कवच, ढाल
और साथ में दो तलवारों का वजन मिलाकर 208 किलो था। यह
बात अचंभित करने वाली है कि इतना वजन लेकर प्रताप
रणभूमि में लड़ते थे।
हिन्दु सुरज, धर्म रक्षक, महान योद्धा, महाराणा प्रताप की जय

1576 में हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच
ऐसा युद्ध हुआ, जो पूरी दुनिया के लिए आज भी एक मिसाल है।
महाराणा प्रताप ने शक्तिशाली मुगल बादशाह अकबर
की विशाल सेना के सामने अपने थोड़े-से संसाधनों के बल पर
स्वतंत्रता के लिए वर्षों संघर्ष किया। 30 वर्षों के लगातार
प्रयास के बावजूद अकबर महाराणा प्रताप को बंदी न
बना सका।
प्रताप की वीरता ऐसी थी कि उनके दुश्मन भी उनके युद्ध-
कौशल के कायल थे। माना जाता है कि इस योद्धा की मृत्यु पर
अकबर की आंखें भी नम हो गई थीं।
उदारता ऐसी कि दूसरों की पकड़ी गई बेगमों को सम्मानपूर्वक
उनके पास वापस भेज दिया था। इस योद्धा ने साधन सीमित
होने पर भी दुश्मन के सामने सिर नहीं झुकाया और जंगल के कंद-
मूल खाकर लड़ते रहे। कहते हैं कि जब कोई अच्छाई के लिए
लड़ता है तो पूरी कायनात उसे जीत दिलाने में लग जाती है। ये
बात हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि उनका घोड़ा चेतक भी उन्हें
जीत दिलाने के लिए अंतिम समय तक लड़ता रहा। जब मुगल
सेना महाराणा प्रताप के पीछे लगे थी, तब चेतक प्रताप
को अपनी पीठ पर लिए उस नाले को लांघ गया, जिसे मुगल पार
न कर सके।
महाराणा प्रताप का भाला 81 किलो वजन का था और उनके
छाती का कवच 72 किलो का था। उनके भाला, कवच, ढाल
और साथ में दो तलवारों का वजन मिलाकर 208 किलो था। यह
बात अचंभित करने वाली है कि इतना वजन लेकर प्रताप
रणभूमि में लड़ते थे। 
हिन्दु सुरज, धर्म रक्षक, महान योद्धा, महाराणा प्रताप की जय
Posted in हिन्दू पतन

नवरात्रि


Now this is funny.
Back in the 20th Century, when the Rock Music was taking popular culture by storm then the church declared it ‘demonic’ and work of the ‘satan/ anti-christ worshippers’. Why, they even decreed Yoga as black magic (more on this later).

Cut to twenty-first century, Iamam Mehandi hasan has declared Garba as ‘entertainment of demons’. This was the same Imam who wanted Modi to wear a skull cap during his sadbhavna campaign in Gujarat last year.

Seriously, where do people get such crazy ideas from ? What book do they read which teaches them to be so spiteful and intolerant of other’s cultures, celebrations and happiness ?
This ideology is a threat to the secular fabric and harmony of our nation. Not only this must be condemned by all, but we must also try and trace the roots of such aforementioned diktats and prejudices that people carry with them freely in our peaceful society.
Thanks.

Now this is funny. 
Back in the 20th Century, when the Rock Music was taking popular culture by storm then the church declared it 'demonic' and work of the 'satan/ anti-christ worshippers'. Why, they even decreed Yoga as black magic (more on this later).

Cut to twenty-first century, Iamam Mehandi hasan has declared Garba as 'entertainment of demons'. This was the same Imam who wanted Modi to wear a skull cap during his sadbhavna campaign in Gujarat last year.

Seriously, where do people get such crazy ideas from ? What book do they read which teaches them to be so spiteful and intolerant of other's cultures, celebrations and happiness ?
This ideology is a threat to the secular fabric and harmony of our nation. Not only this must be condemned by all, but we must also try and trace the roots of such aforementioned diktats and prejudices that people carry with them freely in our peaceful society.
Thanks.
Posted in Secular

सत्यमेव जयते


तीन-तीन शादिया करने वाला आमिर खान आज समाज सेवी बना है l
औरतो की आजादी की बात करता है पर अपने मुस्लिम धर्म मे बुर्का प़था पर कुछ नही बोलता?
क्या यही सत्यमेव जयते है?

साला हमारे देश के लोग बेव्कूप हैं जो इनकी धारवाहिक देखते हैं क्यूकी ये कोई समाज सेवक नही हैं क्यू की ये 1 शो का करोरो रु लेता हैं। मित्रों… अब आप खुद ही तय कीजिये कि कौन कितने पानी में है…

क्या हमें इसकी फ़िल्म देखनी चाहिए ?????

कमेंट:- हा / नहीं

तीन-तीन शादिया करने वाला आमिर खान आज समाज सेवी बना है l
औरतो की आजादी की बात करता है पर अपने मुस्लिम धर्म मे बुर्का प़था पर कुछ नही बोलता?
क्या यही सत्यमेव जयते है?

साला हमारे देश के लोग बेव्कूप हैं जो इनकी धारवाहिक देखते हैं क्यूकी ये कोई समाज सेवक नही हैं क्यू की ये 1 शो का करोरो रु लेता हैं। मित्रों... अब आप खुद ही तय कीजिये कि कौन कितने पानी में है...

क्या हमें इसकी फ़िल्म देखनी चाहिए ?????

कमेंट:- हा / नहीं
Posted in हिन्दू पतन

नवरात्रि


नवरात्रि को राक्षसों का पर्व बताने वाले इमाम
को कोर्ट में जड़ा तमाचा, जमीन पर गिरे हसन

नवरात्रि को राक्षसों का पर्व बताने वाले इमाम
को कोर्ट में जड़ा तमाचा, जमीन पर गिरे हसन
Posted in भारतीय मंदिर - Bharatiya Mandir

विश्व का सबसे रहस्यमय शिव मन्दिर की गुफाएं


नरेश आर्य added 2 new photos — with Singh Aks and 23 others.
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विश्व का सबसे रहस्यमय शिव मन्दिर की गुफाएं….जिसमे है ‪#‎wormhole‬ या‪#‎stargate‬ याने के इस पृथ्वी से दूसरे लोक में और दूसरे आयामों में पहुँचने का शार्टकट ..
तेलंगाना के निजामाबाद शहर से पच्चीस किलोमीटर दूरी पर एक गाँव है आर्मूर …यह गाँव एक ऊँची पहाड़ी श्रृंखला के तलहटी में बसा हुआ है इसका नाम ‘अर्मूर’ इसीलिए पड़ा क्योकि तेलुगु में आरु = छः (6) और मूरु= तीन (3) मिलाने से संयोग नौ बनता है ..इन पहाडियों पर नौ सिद्धो ने तप किया था इसीलिए इस गाँव का नाम आर्मूर और इन पहाडो का नाम नवनाथों की पहाड़ी या सिद्धो की पहाड़ी कहा जाता है ..इन पहाडो पर असंख्य गुफाएँ है और और उन्ही गुफाओं में से एक में एक अत्यंत प्रचीन शिव मन्दिर है जहाँ पर गुरु गोरखनाथ मत्स्येन्द्रनाथ आदि नौ ऋषियों ने तप किया ..
इससे जुडी एक सत्य कथा है ..आज से लगभग चालीस साल पहले उसी गाँव का एक किसान गायों के लिए घाँस लाने के लिए उसी पहाड़ी पर चढ गया और घाँस काट कर एक-दो बड़े गट्टर बाँध दिए ..उस पहाड़ी पर कई गुफाए है .और पास की गुफा से उन्हें कुछ साधू दिखाई दिए जैसे ही वह किसान उस गुफा के पास पहुंचा उन साधुओ ने प्रसाद लेने उन्हें गुफा के अंदर बुलाया वह किसान उन साधुओ के साथ गुफा के अंदर चला गया वहाँ पर उसने कई दिव्य साधुओ को देखा और बड़ा शिव मन्दिर भी देखा कुछ देर तक शिव भजन करने के बाद लगभग एक घण्टे के बाद उसे याद आया के उसे तो गायों के लिए घाँस लेकर पहाड़ी के नीचे जाना है …फिर क्या था वह तुरन्त गुफा से बाहर की ओर जाने लगा एक-दो साधू उसे गुफा के बाहर तक छोड़ने आये ..जैसे ही वह गुफा से बाहर निकाला तो उसके घाँस के गट्टर गायब थे वह सुबह को निकला था और अब दोपहर होने को आ रही थी प्यास भी लग रही थी इसीलिए वह बिना घाँस के नीचे गावं में अपने घर की ओर चल पड़ा ..रास्ते में उसे सबकुछ नया-नया सा लग रहा था आश्चर्य से अपना घर ढूँढ कर जैसे ही अंदर गया वह हैरान रह गया के उसके फोटो और पत्नी की बड़ी से फोटो पर एक माला चढाई हुई है और उस घर में सब नए लोग दिखाई दे रहे थे एक पल के लिए तो वह समझा के किसी दूसरे के घर में आ गया है ….लेकिन एक सत्तर साल के बूढ़े ने उसे पहचान लिया और पापा कह कर गले लगा लिया वह किसान तब लगभग तीस -पैंतीस साल का था लेकिन उसका बेटा अब सत्तर साल का हो चुका था ..यानि के उस किसान के गुफा में बिताए हुए एक-डेढ़ घण्टे में इस पृथ्वी के पचास साल बीत गए…
इस परिवार के पोते पढ़पोते आज भी उसी गाँव में रहते है
और इन पहाडियों के नीचे एक भूगर्भ जल की धारा भी बहती है जिसे स्थानीय वासी ‘पाताल गंगा’ कहते है जिसका पानी पीने के लिए देश विदेशो से लोग आते है हमेशा बहुत लम्बी लाइन लगी रहती है … इस पाताल गंगा का पानी पीने से ह्रदय रोग से लेकर कैंसर जैसे असाध्य रोग भी ठीक हो जाते है
और मुझे लगभग हर एक-दो महीने में एक बार किसी कार्यवश यदि आर्मूर जाना पड़ जाए तो मै उन पहाडियों पर गुफाओं में शिव मंदर जरूर जाता हूँ ! कहते है आज भी वह नौ सिद्ध उन पहाडियों में संचार करते है ..और उन पहाडियों से कैलाश से लेकर अतल सुतल तलातल पातळ से लेकर अनेक लोको के लिए गुप्त रास्ते है ..जिन्हें आज भी मै ढूंड रहा हूँनरेश आर्य https://facebook.com/naresh.aarya

विश्व का सबसे रहस्यमय शिव मन्दिर की गुफाएं....जिसमे है #wormhole या #stargate याने के इस पृथ्वी से दूसरे लोक में और दूसरे आयामों में पहुँचने का शार्टकट ..
तेलंगाना के निजामाबाद शहर से पच्चीस किलोमीटर दूरी पर एक गाँव है आर्मूर ...यह गाँव एक ऊँची पहाड़ी श्रृंखला के तलहटी में बसा हुआ है इसका नाम 'अर्मूर' इसीलिए पड़ा क्योकि तेलुगु में आरु = छः (6) और मूरु= तीन (3) मिलाने से संयोग नौ बनता है ..इन पहाडियों पर नौ सिद्धो ने तप किया था इसीलिए इस गाँव का नाम आर्मूर और इन पहाडो का नाम नवनाथों की पहाड़ी या सिद्धो की पहाड़ी कहा जाता है ..इन पहाडो पर असंख्य गुफाएँ है और और उन्ही गुफाओं में से एक में एक अत्यंत प्रचीन शिव मन्दिर है जहाँ पर गुरु गोरखनाथ मत्स्येन्द्रनाथ आदि नौ ऋषियों ने तप किया ..
इससे जुडी एक सत्य कथा है ..आज से लगभग चालीस साल पहले उसी गाँव का एक किसान गायों के लिए घाँस लाने के लिए उसी पहाड़ी पर चढ गया और घाँस काट कर एक-दो बड़े गट्टर बाँध दिए ..उस पहाड़ी पर कई गुफाए है .और पास की गुफा से उन्हें कुछ साधू दिखाई दिए जैसे ही वह किसान उस गुफा के पास पहुंचा उन साधुओ ने प्रसाद लेने उन्हें गुफा के अंदर बुलाया वह किसान उन साधुओ के साथ गुफा के अंदर चला गया वहाँ पर उसने कई दिव्य साधुओ को देखा और बड़ा शिव मन्दिर भी देखा कुछ देर तक शिव भजन करने के बाद लगभग एक घण्टे के बाद उसे याद आया के उसे तो गायों के लिए घाँस लेकर पहाड़ी के नीचे जाना है ...फिर क्या था वह तुरन्त गुफा से बाहर की ओर जाने लगा एक-दो साधू उसे गुफा के बाहर तक छोड़ने आये ..जैसे ही वह गुफा से बाहर निकाला तो उसके घाँस के गट्टर गायब थे वह सुबह को निकला था और अब दोपहर होने को आ रही थी प्यास भी लग रही थी इसीलिए वह बिना घाँस के नीचे गावं में अपने घर की ओर चल पड़ा ..रास्ते में उसे सबकुछ नया-नया सा लग रहा था आश्चर्य से अपना घर ढूँढ कर जैसे ही अंदर गया वह हैरान रह गया के उसके फोटो और पत्नी की बड़ी से फोटो पर एक माला चढाई हुई है और उस घर में सब नए लोग दिखाई दे रहे थे एक पल के लिए तो वह समझा के किसी दूसरे के घर में आ गया है ....लेकिन एक सत्तर साल के बूढ़े ने उसे पहचान लिया और पापा कह कर गले लगा लिया वह किसान तब लगभग तीस -पैंतीस साल का था लेकिन उसका बेटा अब सत्तर साल का हो चुका था ..यानि के उस किसान के गुफा में बिताए हुए एक-डेढ़ घण्टे में इस पृथ्वी के पचास साल बीत गए...
इस परिवार के पोते पढ़पोते आज भी उसी गाँव में रहते है
और इन पहाडियों के नीचे एक भूगर्भ जल की धारा भी बहती है जिसे स्थानीय वासी 'पाताल गंगा' कहते है जिसका पानी पीने के लिए देश विदेशो से लोग आते है हमेशा बहुत लम्बी लाइन लगी रहती है ... इस पाताल गंगा का पानी पीने से ह्रदय रोग से लेकर कैंसर जैसे असाध्य रोग भी ठीक हो जाते है
और मुझे लगभग हर एक-दो महीने में एक बार किसी कार्यवश यदि आर्मूर जाना पड़ जाए तो मै उन पहाडियों पर गुफाओं में शिव मंदर जरूर जाता हूँ ! कहते है आज भी वह नौ सिद्ध उन पहाडियों में संचार करते है ..और उन पहाडियों से कैलाश से लेकर अतल सुतल तलातल पातळ से लेकर अनेक लोको के लिए गुप्त रास्ते है ..जिन्हें आज भी मै ढूंड रहा हूँ नरेश आर्य https://facebook.com/naresh.aarya
विश्व का सबसे रहस्यमय शिव मन्दिर की गुफाएं....जिसमे है #wormhole या #stargate याने के इस पृथ्वी से दूसरे लोक में और दूसरे आयामों में पहुँचने का शार्टकट ..
तेलंगाना के निजामाबाद शहर से पच्चीस किलोमीटर दूरी पर एक गाँव है आर्मूर ...यह गाँव एक ऊँची पहाड़ी श्रृंखला के तलहटी में बसा हुआ है इसका नाम 'अर्मूर' इसीलिए पड़ा क्योकि तेलुगु में आरु = छः (6) और मूरु= तीन (3) मिलाने से संयोग नौ बनता है ..इन पहाडियों पर नौ सिद्धो ने तप किया था इसीलिए इस गाँव का नाम आर्मूर और इन पहाडो का नाम नवनाथों की पहाड़ी या सिद्धो की पहाड़ी कहा जाता है ..इन पहाडो पर असंख्य गुफाएँ है और और उन्ही गुफाओं में से एक में एक अत्यंत प्रचीन शिव मन्दिर है जहाँ पर गुरु गोरखनाथ मत्स्येन्द्रनाथ आदि नौ ऋषियों ने तप किया ..
इससे जुडी एक सत्य कथा है ..आज से लगभग चालीस साल पहले उसी गाँव का एक किसान गायों के लिए घाँस लाने के लिए उसी पहाड़ी पर चढ गया और घाँस काट कर एक-दो बड़े गट्टर बाँध दिए ..उस पहाड़ी पर कई गुफाए है .और पास की गुफा से उन्हें कुछ साधू दिखाई दिए जैसे ही वह किसान उस गुफा के पास पहुंचा उन साधुओ ने प्रसाद लेने उन्हें गुफा के अंदर बुलाया वह किसान उन साधुओ के साथ गुफा के अंदर चला गया वहाँ पर उसने कई दिव्य साधुओ को देखा और बड़ा शिव मन्दिर भी देखा कुछ देर तक शिव भजन करने के बाद लगभग एक घण्टे के बाद उसे याद आया के उसे तो गायों के लिए घाँस लेकर पहाड़ी के नीचे जाना है ...फिर क्या था वह तुरन्त गुफा से बाहर की ओर जाने लगा एक-दो साधू उसे गुफा के बाहर तक छोड़ने आये ..जैसे ही वह गुफा से बाहर निकाला तो उसके घाँस के गट्टर गायब थे वह सुबह को निकला था और अब दोपहर होने को आ रही थी प्यास भी लग रही थी इसीलिए वह बिना घाँस के नीचे गावं में अपने घर की ओर चल पड़ा ..रास्ते में उसे सबकुछ नया-नया सा लग रहा था आश्चर्य से अपना घर ढूँढ कर जैसे ही अंदर गया वह हैरान रह गया के उसके फोटो और पत्नी की बड़ी से फोटो पर एक माला चढाई हुई है और उस घर में सब नए लोग दिखाई दे रहे थे एक पल के लिए तो वह समझा के किसी दूसरे के घर में आ गया है ....लेकिन एक सत्तर साल के बूढ़े ने उसे पहचान लिया और पापा कह कर गले लगा लिया वह किसान तब लगभग तीस -पैंतीस साल का था लेकिन उसका बेटा अब सत्तर साल का हो चुका था ..यानि के उस किसान के गुफा में बिताए हुए एक-डेढ़ घण्टे में इस पृथ्वी के पचास साल बीत गए...
इस परिवार के पोते पढ़पोते आज भी उसी गाँव में रहते है
और इन पहाडियों के नीचे एक भूगर्भ जल की धारा भी बहती है जिसे स्थानीय वासी 'पाताल गंगा' कहते है जिसका पानी पीने के लिए देश विदेशो से लोग आते है हमेशा बहुत लम्बी लाइन लगी रहती है ... इस पाताल गंगा का पानी पीने से ह्रदय रोग से लेकर कैंसर जैसे असाध्य रोग भी ठीक हो जाते है
और मुझे लगभग हर एक-दो महीने में एक बार किसी कार्यवश यदि आर्मूर जाना पड़ जाए तो मै उन पहाडियों पर गुफाओं में शिव मंदर जरूर जाता हूँ ! कहते है आज भी वह नौ सिद्ध उन पहाडियों में संचार करते है ..और उन पहाडियों से कैलाश से लेकर अतल सुतल तलातल पातळ से लेकर अनेक लोको के लिए गुप्त रास्ते है ..जिन्हें आज भी मै ढूंड रहा हूँ नरेश आर्य https://facebook.com/naresh.aarya
Posted in हिन्दू पतन

नवरात्रि को राक्षसों का त्योहार बताने वाले इमाम मेहं


नवरात्रि को राक्षसों का त्योहार बताने वाले इमाम मेहंदी हसन को बुधवार को कोर्ट परिसर में थप्पड़ से मार खानी पड़ी. बुधवार सुबह जब हसन को ठासरा कोर्ट में पेश किया गया, तब वहां अपने साथी के साथ मौजूद राकेश पटेल नाम के युवक ने इमाम के गाल पर इतनी जोर से तमाचा जड़ा कि वो जमीन पर गिर पडा.उसकी अरबी टोपी कुछ दूर पर गिरी. पुलिस ने हमला करने वाले दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया।
23.9.14 मंगलवार को पुलिस ने नाडियाद के रुस्तमपुरा इलाके से गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ विश्व हिंदू परिषद के रितेष सुथार ने एफआईआर दर्ज कराई थी। सुथार ने इमाम पर हिंदुओं की भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया था।
24.9.14 बुधवार का घटनाक्रम:
-सुबह 10.30 बजे नाडियाद पुलिस स्टेशन लाया गया।
-10.45 पर पुलिस जीप में बिठाकर ठासरा कोर्ट ले जाया गया।
-सुरक्षा की दृष्टि से तीन पुलिस जीप का काफिला तैयार था।
-लगभग 11 बजे कोर्ट पहुंचे। पुलिस इमाम को कोर्ट के अंदर ले जा रही थी इसी बीच राकेश पटेल ने अपने साथी के साथ इमाम पर हमला बोल दिया। राकेश ने तमाचा जड़ दिया। गिरफ्तार हुए।
– कोर्ट के बाहर 200 से भी ज्यादा लोग जमा थे, जो इमाम के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

हिन्दुओ के विरोध में दिया था बयान >>>
हसन ने कहा था कि नवरात्रों में आयोजित होने वाला गरबे पर राक्षसों का कब्जा हो गया है। गरबा धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि राक्षसों के मनोरंजन का साधन बन गया है. इस दौरान लोग भड़काऊ कपड़े पहनकर नाचते हैं। हसन के मुताबिक, संत गरबा में नजर नहीं आते हैं। मामले के तूल पकड़ने पर वह भूमिगत हो गया था. विश्व हिंदू परिषद समेत अन्य हिन्दूवादी संगठनों ने इमाम की गिरफतारी नहीं होने पर राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी थी। गौरतलब है कि इमाम हसन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को टोपी पहनाने के प्रयास के बाद चर्चा में आया था.
देखिये इस लिंक में–http://www.facebook.com/l.php?u=http%3A%2F%2Fwww.bhaskar.com%2Fnews%2FGUJ-AHM-imam-hasan-arrested-in-nadiyad-4755267-NOR.html&h=PAQGjjk_2

नवरात्रि को राक्षसों का त्योहार बताने वाले इमाम मेहंदी हसन को बुधवार को कोर्ट परिसर में थप्पड़ से मार खानी पड़ी. बुधवार सुबह जब हसन को ठासरा कोर्ट में पेश किया गया, तब वहां अपने साथी के साथ मौजूद राकेश पटेल नाम के युवक ने इमाम के गाल पर इतनी जोर से तमाचा जड़ा कि वो जमीन पर गिर पडा.उसकी अरबी टोपी कुछ दूर पर गिरी. पुलिस ने हमला करने वाले दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। 
23.9.14 मंगलवार को पुलिस ने नाडियाद के रुस्तमपुरा इलाके से गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ विश्व हिंदू परिषद के रितेष सुथार ने एफआईआर दर्ज कराई थी। सुथार ने इमाम पर हिंदुओं की भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया था।
24.9.14 बुधवार का घटनाक्रम:
-सुबह 10.30 बजे नाडियाद पुलिस स्टेशन लाया गया।
-10.45 पर पुलिस जीप में बिठाकर ठासरा कोर्ट ले जाया गया।
-सुरक्षा की दृष्टि से तीन पुलिस जीप का काफिला तैयार था।
-लगभग 11 बजे कोर्ट पहुंचे। पुलिस इमाम को कोर्ट के अंदर ले जा रही थी इसी बीच राकेश पटेल ने अपने साथी के साथ इमाम पर हमला बोल दिया। राकेश ने तमाचा जड़ दिया। गिरफ्तार हुए।
- कोर्ट के बाहर 200 से भी ज्यादा लोग जमा थे, जो इमाम के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

हिन्दुओ के विरोध में दिया था बयान >>>
हसन ने कहा था कि नवरात्रों में आयोजित होने वाला गरबे पर राक्षसों का कब्जा हो गया है। गरबा धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि राक्षसों के मनोरंजन का साधन बन गया है. इस दौरान लोग भड़काऊ कपड़े पहनकर नाचते हैं। हसन के मुताबिक, संत गरबा में नजर नहीं आते हैं। मामले के तूल पकड़ने पर वह भूमिगत हो गया था. विश्व हिंदू परिषद समेत अन्य हिन्दूवादी संगठनों ने इमाम की गिरफतारी नहीं होने पर राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी थी। गौरतलब है कि इमाम हसन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को टोपी पहनाने के प्रयास के बाद चर्चा में आया  था.
देखिये इस लिंक में--http://www.facebook.com/l.php?u=http%3A%2F%2Fwww.bhaskar.com%2Fnews%2FGUJ-AHM-imam-hasan-arrested-in-nadiyad-4755267-NOR.html&h=PAQGjjk_2
Posted in PM Narendra Modi

इस बार अमेरिका में नवरात्रों को एक पहचान मिलेगी


इस बार अमेरिका में नवरात्रों को एक पहचान मिलेगी जब हर NRI बच्चा अपने माता पिता से पूछेगा कि मोदी अंकल ने खाना क्यों नहीं खाया ?
तब माता पिता बच्चों को बताएँगे कि वो उस महान संस्कृति के अंग है जहाँ त्याग और तपस्या इस रूप में भी विराजमान है । तब हिन्दू संस्कृति की भावी पीड़ी को यह भी पता चलेगा कि कद चाहे कितना भी ऊँचा हो, धर्म और मूल्यों से ऊँचा कुछ भी नहीं ।
तो बोलो दिल से जय माता दी
नमो नमः