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कहाँ मर गए अब ये 25 लोकसभा मेम्बर जिन्होंने मोदी को ‪#‎Visa‬ ना देने के लिए‪#‎BarackObama‬ को पत्र लिखा था


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10 hrs ·

कहाँ मर गए अब ये 25 लोकसभा मेम्बर जिन्होंने मोदी को ‪#‎Visa‬ ना देने के लिए‪#‎BarackObama‬ को पत्र लिखा था

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Posted in भारतीय मंदिर - Bharatiya Mandir

MOST IMPORTANT TEMPLES OF LORD SKANDA


 

MOST IMPORTANT TEMPLES OF LORD SKANDA

STHALA MAHIMA – Kundruthoradal

Mountains and Valleys even today present a charming and pleasant scenery by which the human mind gets delighted and inspired. As the landscape abounds with natural beauties unsullied by human habitation, these mountains and dales are resorted to for gaining peace and calmness of mind and also for health. Such being the case, it is no wonder that the creator of these natural surroundings is enshrined in temples in such places. Everything that is of eternal beauty is a thing of everlasting joy. Thus the ancients have enshrined the Lord in temples on the top of such hills; Thiruthanigai is one of the most famous. It is in South India, about 40 miles East of Madras, on the Madras-Renigunta line. It is told in the Puranas that Lord Skanda, after the war with the Asuras, settled down in Thiruthanigai Hill with his consorts Valli and Deivayanai. The temple is situated upon a hill with a beautiful landscape around it.

MOST IMPORTANT TEMPLES OF LORD SKANDA

Posted in आयुर्वेद - Ayurveda

आयुर्वेद में है मलेरिया का उपचार ! आयुर्वेद अपनाकर स्वस्थ व निरोगी रहें !


आयुर्वेद में है मलेरिया का उपचार ! आयुर्वेद अपनाकर स्वस्थ व निरोगी रहें !

★ एंटी मलेरियल आयुर्वेदिक औषधि योग-
– अनार
-हरसिंगार
-सैंधव नमक
-सौवर्चल नमक
-चिरायिता
-गिलोय
– चित्रक ,
– सप्तपर्ण

इन सबको अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में दूध के साथ 5 दिन तक लेने से मलेरिया रोग से मुक्त हो जाते हैं !

-अधिकांशतः देखा जाता है मलेरिया ग्रस्त रोगी मलेरिया के एलोपैथी इलाज में शरीर और आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हो जाता है साथ में ही बहुत से दुष्प्रभावो का सामना करना पडता है !

-यह आयुर्वेदिक औषधि योग पूर्ण रूप से सुरक्षित और कारगर है !
बस थोडा धैर्य और संयम जरूरी है !
आयुर्वेद:परम औषधि !Dr-Surendra Sharma

आयुर्वेद में है मलेरिया का उपचार ! आयुर्वेद अपनाकर स्वस्थ व निरोगी रहें ! 

★  एंटी मलेरियल आयुर्वेदिक औषधि योग-
- अनार 
-हरसिंगार 
-सैंधव नमक 
-सौवर्चल नमक 
-चिरायिता
-गिलोय 
- चित्रक , 
- सप्तपर्ण 

इन सबको अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में दूध के साथ 5 दिन तक लेने से मलेरिया रोग से मुक्त हो जाते हैं !

-अधिकांशतः देखा जाता है मलेरिया ग्रस्त रोगी मलेरिया के एलोपैथी इलाज में शरीर और आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हो जाता है साथ में ही बहुत से दुष्प्रभावो का सामना करना पडता है !

-यह आयुर्वेदिक औषधि योग पूर्ण रूप से सुरक्षित और कारगर है !
बस थोडा धैर्य और संयम जरूरी है !
आयुर्वेद:परम औषधि !Dr-Surendra Sharma
Posted in हिन्दू पतन

नवरात्रि


गरबा सिर्फ मनोरंजन नहीं हैं,ये नृत्य माँ शक्ति के सम्मान में किया जाता हैं ।
जब आप माँ शक्ति को पूजते ही नहीं हो,तो गरबा क्यों करना हैं ?
होली पर अगर रंग पड़ जाए तो दंगा क्योंकि इस्लाम में वर्जित है रंग ।
लेकिन गरबा खेल सकते है !
दशहरे पर राम भरत मिलाप के समय रथ अगर मस्जिद से छु जाए तो मस्जिद नापाक ।
लेकिन गरबा खेल सकते है !
आख़िर जब इस्लाम में तिलक लगाना वर्जित है तो हमारी पुजा में क्यों आना चाहते हो??
मक्का मदीना में तो वो इन्सान प्रवेश ही नहीं कर सकता जो ग़ैर इस्लामिक हो तो फिर क्यों हमारे पुन्य कार्यों में आते हो??
मतलब साफ है “लव-जिहाद” करने का उद्देश्य है बाक़ी कोई मतलब नहीं है कि क्या हो रहा है ।

कृष्णा भिण्डा's photo.
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Posted in गौ माता - Gau maata

केवल भारतीय गाय का दूध स्वास्थ्य वर्धक है।


1. केवल भारतीय गाय का दूध स्वास्थ्य वर्धक है।
2. विदेशी नस्ल की गायों का दूध अनेक गंभीर रोगों को जन्म देता है।
3. स्वास्थ्य की दृषिट से भारतीय गाय का संकरी करण घातक है।
4. संकर नस्ल की गायों से तैयार पंचगव्य में नाम मात्र के भी औषधीय गुण नहीं होते।
लोकोपयोगी दृष्टि में भारतीय गाय को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है। पहले वर्ग में वे गाएँ आती हैं जो दूध तो खूब देती हैं, लेकिन उनकी पुंसंतान अकर्मण्य अत: कृषि में अनुपयोगी होती है। इस प्रकार की गाएँ दुग्धप्रधान एकांगी नस्ल की हैं। दूसरी गाएँ वे हैं जो दूध कम देती हैं किंतु उनके बछड़े कृषि और गाड़ी खींचने के काम आते हैं। इन्हें वत्सप्रधान एकांगी नस्ल कहते हैं। कुछ गाएँ दूध भी प्रचुर देती हैं और उनके बछड़े भी कर्मठ होते हैं। ऐसी गायों को सर्वांगी नस्ल की गाय कहते हैं। !! हरि ॐ !! महौषधि है गौमूत्र मनुष्य जाति तथा वनस्पति जगत को प्राप्त होने वाला अमूल्य अनुदान है। यह धर्मानुमोदित, प्राकृतिक, सहज प्राप्य हानिरहित, कल्याणकारी एवं आरोग्यरक्षक रसायन है। गौमूत्र- योगियों का दिव्यपान है। इससे वे दिव्य शक्ति पाते थे। गौमूत्र में गंगा ने वास किया है। यह सर्वपाप नाशक है। अमेरिका में अनुसंधान से सिध्द हो गया है कि विटामिन बी गौ के पेट में सदा ही रहता है। यह सतोगुणी रस है व विचारों में सात्विकता लाता है। 6 मास लगातार पीने से आदमी की प्रकृति सतोगुणी हो जाती है। यह रजोगुण व तमोगुण का नाशक है। शरीरगत विष भी पूर्ण रूप से मूत्र, पसीना व मलांश के द्वारा बाहर निकलता है।यह मनोरोग नाशक है। विष को शमन करने में गौमूत्र पूर्ण समर्थ है। आयुर्वेद की बहुत सी विषैली जड़ी-बूटियों व विष के पदार्थ गौमूत्र से ही शुध्द किये जाते हैं।
गौ क्या है? गौ मूत्र क्या है
गौ में सब देवताओं का वास है। यह कामधेनु का स्वरूप है। सभी नक्षत्र कि किरणों का यह रिसीवर है, अतएव सबका प्रभाव इसी में है।जहां गौ है, वहां सब नक्षत्रों काप्रभाव रहता है। गौ ही ऐसा दिव्य प्राणी है, जिसकी रीढ़ की हड्डी में अंदर सूर्यकेतु नाड़ी होती है इसलिये दूध, मक्खन, घी, स्वर्ण आभा वाला है, क्योंकि सूर्यकेतु नाड़ी सूर्य की किरणों के द्वारा रक्त में स्वर्णक्षार बनाती है। यही स्वर्णक्षार गौ रस में विद्यमान है।
गौमूत्र :
गौ के रक्त में प्राणशक्ति होती है। गौमूत्र रक्त का गुर्दों द्वारा छना हुआ भाग है। गुर्दे रक्त को छानते हैं। जो भी तत्व इसके रक्त में होते हैं वही तत्व गौमूत्र में है। गौमूत्र का चमत्कारिक प्रभाव
कीटाणुओं से होने वाली सभी प्रकार की बीमारियां गौमूत्र से नष्ट होती है। गौमूत्र शरीर में लिवर को सही कर स्वच्छ खून बनाकर किसी भी रोग का विरोध करने की शक्ति प्रदान करता है। गौमूत्र में ऐसे सभी तत्व हैं जो हमारे शरीर के आरोग्यदायक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं। गौमूत्र को मेघ और हृघ कहा है। यह मस्तिष्क एवं हृदय को शक्ति प्रदान करता है। मानसिक कारणों से होने वाले आघात से हृदय की रक्षा होती है। शरीर में किसी भी औषधि का अति प्रयोग हो जाने से तत्व शरीर में रहकर किसी प्रकार से उपद्रव पैदाकरते हैं। उनको गौमूत्र अपनी विषनाशक शक्ति से नष्ट कर रोगी को निरोग करता है। गौमूत्र रसायन है। यह बुढ़ापा रोकता है। •शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने पर गौमूत्र उसकी आपूर्ति करता है। गौमूत्र- मानव शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति को बढ़ाकर रोगों को नाश करने की शक्ति प्रदान करता है।
रसायन मतानुसार गौमूत्र में निम्न रासायनिक तत्व पाये जाते हैं
नाइट्रोजन, सल्फर, गंधक, अमोनिया, कापर, आयरन, ताम्र, यूरिया, यूरिक ऐसिड, फास्फेट, सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीज, कार्बोलिक एसिड, कैल्शियम, साल्ट, विटामिन ए,बी,सी,डी, ई क्रियाटिनिन, स्वर्णक्षार
20 मिली गौमूत्र प्रात: सायं पीने से निम्न रोगों में लाभ होता है।
1. भूख की कमी, 2. अजीर्ण, 3. हर्निया, 4. मिर्गी, 5. चक्कर आना, 6. बवासीर, 7. प्रमेह, 8.मधुमेह, 9.कब्ज, 10. उदररोग, 11. गैस, 12. लूलगना, 13.पीलिया, 14. खुजली, 15.मुखरोग, 16.ब्लडप्रेशर, 17.कुष्ठ रोग, 18. जांडिस, 19. भगन्दर, 20. दन्तरोग, 21. नेत्र रोग, 22. धातु क्षीणता, 23. जुकाम, 24. बुखार, 25. त्वचा रोग, 26. घाव, 27. सिरदर्द, 28. दमा, 29. स्त्रीरोग, 30. स्तनरोग, 31.छिहीरिया, 32. अनिद्रा।

1. केवल भारतीय गाय का दूध स्वास्थ्य वर्धक है। 2. विदेशी नस्ल की गायों का दूध अनेक गंभीर रोगों को जन्म देता है। 3. स्वास्थ्य की दृषिट से भारतीय गाय का संकरी करण घातक है। 4. संकर नस्ल की गायों से तैयार पंचगव्य में नाम मात्र के भी औषधीय गुण नहीं होते। लोकोपयोगी दृष्टि में भारतीय गाय को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है। पहले वर्ग में वे गाएँ आती हैं जो दूध तो खूब देती हैं, लेकिन उनकी पुंसंतान अकर्मण्य अत: कृषि में अनुपयोगी होती है। इस प्रकार की गाएँ दुग्धप्रधान एकांगी नस्ल की हैं। दूसरी गाएँ वे हैं जो दूध कम देती हैं किंतु उनके बछड़े कृषि और गाड़ी खींचने के काम आते हैं। इन्हें वत्सप्रधान एकांगी नस्ल कहते हैं। कुछ गाएँ दूध भी प्रचुर देती हैं और उनके बछड़े भी कर्मठ होते हैं। ऐसी गायों को सर्वांगी नस्ल की गाय कहते हैं। !! हरि ॐ !! महौषधि है गौमूत्र मनुष्य जाति तथा वनस्पति जगत को प्राप्त होने वाला अमूल्य अनुदान है। यह धर्मानुमोदित, प्राकृतिक, सहज प्राप्य हानिरहित, कल्याणकारी एवं आरोग्यरक्षक रसायन है। गौमूत्र- योगियों का दिव्यपान है। इससे वे दिव्य शक्ति पाते थे। गौमूत्र में गंगा ने वास किया है। यह सर्वपाप नाशक है। अमेरिका में अनुसंधान से सिध्द हो गया है कि विटामिन बी गौ के पेट में सदा ही रहता है। यह सतोगुणी रस है व विचारों में सात्विकता लाता है। 6 मास लगातार पीने से आदमी की प्रकृति सतोगुणी हो जाती है। यह रजोगुण व तमोगुण का नाशक है। शरीरगत विष भी पूर्ण रूप से मूत्र, पसीना व मलांश के द्वारा बाहर निकलता है।यह मनोरोग नाशक है। विष को शमन करने में गौमूत्र पूर्ण समर्थ है। आयुर्वेद की बहुत सी विषैली जड़ी-बूटियों व विष के पदार्थ गौमूत्र से ही शुध्द किये जाते हैं। गौ क्या है? गौ मूत्र क्या है गौ में सब देवताओं का वास है। यह कामधेनु का स्वरूप है। सभी नक्षत्र कि किरणों का यह रिसीवर है, अतएव सबका प्रभाव इसी में है।जहां गौ है, वहां सब नक्षत्रों काप्रभाव रहता है। गौ ही ऐसा दिव्य प्राणी है, जिसकी रीढ़ की हड्डी में अंदर सूर्यकेतु नाड़ी होती है इसलिये दूध, मक्खन, घी, स्वर्ण आभा वाला है, क्योंकि सूर्यकेतु नाड़ी सूर्य की किरणों के द्वारा रक्त में स्वर्णक्षार बनाती है। यही स्वर्णक्षार गौ रस में विद्यमान है। गौमूत्र : गौ के रक्त में प्राणशक्ति होती है। गौमूत्र रक्त का गुर्दों द्वारा छना हुआ भाग है। गुर्दे रक्त को छानते हैं। जो भी तत्व इसके रक्त में होते हैं वही तत्व गौमूत्र में है। गौमूत्र का चमत्कारिक प्रभाव कीटाणुओं से होने वाली सभी प्रकार की बीमारियां गौमूत्र से नष्ट होती है। गौमूत्र शरीर में लिवर को सही कर स्वच्छ खून बनाकर किसी भी रोग का विरोध करने की शक्ति प्रदान करता है। गौमूत्र में ऐसे सभी तत्व हैं जो हमारे शरीर के आरोग्यदायक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं। गौमूत्र को मेघ और हृघ कहा है। यह मस्तिष्क एवं हृदय को शक्ति प्रदान करता है। मानसिक कारणों से होने वाले आघात से हृदय की रक्षा होती है। शरीर में किसी भी औषधि का अति प्रयोग हो जाने से तत्व शरीर में रहकर किसी प्रकार से उपद्रव पैदाकरते हैं। उनको गौमूत्र अपनी विषनाशक शक्ति से नष्ट कर रोगी को निरोग करता है। गौमूत्र रसायन है। यह बुढ़ापा रोकता है। •शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने पर गौमूत्र उसकी आपूर्ति करता है। गौमूत्र- मानव शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति को बढ़ाकर रोगों को नाश करने की शक्ति प्रदान करता है। रसायन मतानुसार गौमूत्र में निम्न रासायनिक तत्व पाये जाते हैं नाइट्रोजन, सल्फर, गंधक, अमोनिया, कापर, आयरन, ताम्र, यूरिया, यूरिक ऐसिड, फास्फेट, सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीज, कार्बोलिक एसिड, कैल्शियम, साल्ट, विटामिन ए,बी,सी,डी, ई क्रियाटिनिन, स्वर्णक्षार 20 मिली गौमूत्र प्रात: सायं पीने से निम्न रोगों में लाभ होता है। 1. भूख की कमी, 2. अजीर्ण, 3. हर्निया, 4. मिर्गी, 5. चक्कर आना, 6. बवासीर, 7. प्रमेह, 8.मधुमेह, 9.कब्ज, 10. उदररोग, 11. गैस, 12. लूलगना, 13.पीलिया, 14. खुजली, 15.मुखरोग, 16.ब्लडप्रेशर, 17.कुष्ठ रोग, 18. जांडिस, 19. भगन्दर, 20. दन्तरोग, 21. नेत्र रोग, 22. धातु क्षीणता, 23. जुकाम, 24. बुखार, 25. त्वचा रोग, 26. घाव, 27. सिरदर्द, 28. दमा, 29. स्त्रीरोग, 30. स्तनरोग, 31.छिहीरिया, 32. अनिद्रा।
Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

ऐसे काटते थे राजपूत वीर तुर्क मुगलो को…


ऐसे काटते थे राजपूत वीर तुर्क मुगलो को…

. हवा की गति से तलवारे चलती दुश्मन फ़ौज को मालूम ही नही चलता की अगला वार कहा से होगा। …… … अपने इस हुनर की वजह से राजपूत वीर मामूली से फ़ौज लेकर अपने से तीनगुनी फ़ौज को गाजर मूली की तरह काट डालते थे। …राजपुताना ,मालवा ,सौराष्ट्र,काठियावाड़ पर आज तक मुगलो ने राजपूतो पर हमला चौगुनी फ़ौज से काम पर नही किया बराबरी का हमला इतिहास में दर्ज नही। ……………….
तभी चित्तोर की लड़ाई में 8000 राजपूतो ने 60000 मुगलो की में से 48000 को काट डाला
तभी 3000 जडेजा राजपूतो ने 15000 तुर्को की फौज को भागने पर मजबूर किया
तभी मारवाड़ के 3000 राठोड़ो की की सेना ने औरंगजेब की 25000 की सेना से लोहा लिया और अंत में सिर्फ मुग़ल 2000 सैनिक बचे और औरंगजेब ने कहा “मुट्ठी भर बाजरे के लिए हिन्दुस्तान की सल्लनत खो बैठता ”
तभी हल्दी घाटी में 18000 हजार राजपूत, भील की 85000 अकबर की सेना से लड़े
तभी ही 6000 फ़ौज लेकर जालोर के विरमदेव सोनिगरा ने अल्लाउदीन की 50000 की फ़ौज से लोहा लिया
तभी 700 मेड़तिया राठोड ने पुष्कर में गायो को बचाने के लिए तयर खा की 5000 फ़ौज से लड़े और जीते जी एक भी गाये काटने न दी और पूरी दुश्मन फ़ौज को मार गिराया

Posted in छोटी कहानिया - १०,००० से ज्यादा रोचक और प्रेरणात्मक

गाँव में बूढ़ा बैठा-बैठा अपनी चौपाल


गाँव में बूढ़ा बैठा-बैठा अपनी चौपाल पर लोगों को समझाया करता कि यदि जीवन में सुखी, समुन्नत , और सफल होना चाहो तो एक सूत्र याद रखना “कभी क्रोध मत करना “ । एक दिन एक पास के गाँव का व्यक्ति उधर से गुजरा । उसने बूढ़े की शान्ति और सादगी की बात सुन रखी थी । उसे भी उससे मिलने की उत्सुकता थी ।
वह बूढ़े के पास जाकर बैठ गया और बोला कि “मुझे कोई ऐसा सरल सा सूत्र बताएँ कि जीवन सफल हो जाय।”
बूढ़ा बोला “बस एक काम करना । किसी पर क्रोध मत करना ।” राहगीर ने थोड़ा कम सुनने का नाटक किया । उसने कहा-क्या कहा, मैंने सुना नहीं । बूढ़ा थोड़ा जोर देकर बोला “क्रोध मत किया कर” राहगीर बोला थोड़ा ठीक से एक दफा और बता दें । बूढ़ा तमतमाता बोला “क्रोध मत किया कर।” राहगीर ने लगभग बहरे की तरह जैसे ही पुनः दुहराने को कहा-बूढ़े ने छड़ी उठाई और उसकी खोपड़ी पर दे मारी । हजार दफा कह दिया है कि क्रोध मत किया कर । पर समझता ही नहीं है ।” जो उपदेश दिया जाता है , उस पर यदि स्वयं अमल नहीं किया जाता तो निरर्थक है ।

Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

‘कश्मीर सिर्फ पाकिस्तान का है, पूरा कश्मीर भारत से छीनेंगे’ – बिलावल भुट्टो


‘कश्मीर सिर्फ पाकिस्तान का है, पूरा कश्मीर भारत से छीनेंगे’ – बिलावल भुट्टो

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बिलावल भुट्टो जरदारी ने संकल्प लिया है कि वो पूरा कश्मीर भारत से छीनेंगे। उन्होंने कहा, हम पूरा कश्मीर भारत से वापस लेगें और एक इंच भी इसका हिस्सा नहीं छोड़ेंगे क्योंकि ये सिर्फ पाकिस्तान का है।

मुल्तान में पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के आवास से पार्टी कार्यकर्ताओं से बिलावल ने कहा कि ‘मैं कश्मीर का पूरा हिस्सा वापस लूंगा और इसका एक इंच भी नहीं छोड़ूंगा क्योंकि अन्य प्रोविंस की तरह कश्मीर भी पाकिस्तान का हिस्सा है।’

मित्रों आप इस बात पर क्या कहेंगें अपनी राय दें|

'कश्मीर सिर्फ पाकिस्तान का है, पूरा कश्मीर भारत से छीनेंगे' - बिलावल भुट्टो

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बिलावल भुट्टो जरदारी ने संकल्प लिया है कि वो पूरा कश्मीर भारत से छीनेंगे। उन्होंने कहा, हम पूरा कश्मीर भारत से वापस लेगें और एक इंच भी इसका हिस्सा नहीं छोड़ेंगे क्योंकि ये सिर्फ पाकिस्तान का है। 

मुल्तान में पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के आवास से पार्टी कार्यकर्ताओं से बिलावल ने कहा कि 'मैं कश्मीर का पूरा हिस्सा वापस लूंगा और इसका एक इंच भी नहीं छोड़ूंगा क्योंकि अन्य प्रोविंस की तरह कश्मीर भी पाकिस्तान का हिस्सा है।'

मित्रों आप इस बात पर क्या कहेंगें अपनी राय दें|
Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

पाकिस्तान में history का किस तरह बलात्कार हुआ है आइये देखते हैं।


पाकिस्तान में history का किस तरह बलात्कार हुआ है आइये देखते हैं।
पाकिस्तान के स्कूल में एक सब्जेक्ट पढाया जाता है… उसका नाम है पाकिस्तान स्टडीज,….. जो की सबके लिए पढना अनिवार्य होता है। इसमें बताया गया है की पाकिस्तान सबसे पहले वजूद में आया 8वी सदी में मोहम्मद बिन कासिम के काल में। फिर 11वी सदी में गजनवी का काल शुरू होता है। और वो पृथ्वीराज चौहान को हरा कर मुसलमानों का शासन हिंदुस्तान में फैलाता है। फिर 13 वी सदी तक पाकिस्तान नार्थ इंडिया और बंगाल तक फ़ैल जाता है। फिर खिलजी के टाइम में पाकिस्तान साउथ इंडिया में भी फ़ैल जाता है और सेंट्रल इंडिया और दक्षिण भी पाकिस्तान का पार्ट बन जाते हैं। फिर 16वी सदी तक सारा का सारा भारत पाकिस्तान का हिस्सा हो गया और हिंदुस्तान नक़्शे से गायब हो गया। औरंगजेब के समय तो पाकिस्तान काफी ताकतवर बन कर उबरा। फिर औरंगजेब के बाद मुसलमानों का शासन कमजोर हो गया और हिन्दुओ और सिखों ने साजिश करके उनके इलाको पर कब्ज़ा कर लिया।
क्या बकवास है यह सब ???
पाकिस्तान का जिक्र सबसे पहले 1940 में हुआ था फिर इनके किताबो में पाकिस्तान 8वी सदी में कहा से आ गया :bang-head::bang-head:
इस तरह से brain washing हो रही है पाकिस्तान में।

पाकिस्तान में history का किस तरह बलात्कार हुआ है आइये देखते हैं।
पाकिस्तान के स्कूल में एक सब्जेक्ट पढाया जाता है... उसका नाम है पाकिस्तान स्टडीज,..... जो की सबके लिए पढना अनिवार्य होता है। इसमें बताया गया है की पाकिस्तान सबसे पहले वजूद में आया 8वी सदी में मोहम्मद बिन कासिम के काल में। फिर 11वी सदी में गजनवी का काल शुरू होता है। और वो पृथ्वीराज चौहान को हरा कर मुसलमानों का शासन हिंदुस्तान में फैलाता है। फिर 13 वी सदी तक पाकिस्तान नार्थ इंडिया और बंगाल तक फ़ैल जाता है। फिर खिलजी के टाइम में पाकिस्तान साउथ इंडिया में भी फ़ैल जाता है और सेंट्रल इंडिया और दक्षिण भी पाकिस्तान का पार्ट बन जाते हैं। फिर 16वी सदी तक सारा का सारा भारत पाकिस्तान का हिस्सा हो गया और हिंदुस्तान नक़्शे से गायब हो गया। औरंगजेब के समय तो पाकिस्तान काफी ताकतवर बन कर उबरा। फिर औरंगजेब के बाद मुसलमानों का शासन कमजोर हो गया और हिन्दुओ और सिखों ने साजिश करके उनके इलाको पर कब्ज़ा कर लिया।
क्या बकवास है यह सब ???
पाकिस्तान का जिक्र सबसे पहले 1940 में हुआ था फिर इनके किताबो में पाकिस्तान 8वी सदी में कहा से आ गया :bang-head::bang-head:
इस तरह से brain washing हो रही है पाकिस्तान में।
Posted in Sai conspiracy

शिर्डी साईं बाबा के जीवन पर प्रमाणित कोई पुस्तक है तो वो है केवल साईं सत्चरित्र,


शिर्डी साईं बाबा के जीवन पर प्रमाणित कोई पुस्तक है तो वो है केवल साईं सत्चरित्र,

अब यदि हम साईं सत्चरित्र पढ़े तो साईं बाबा का मांसाहारी, बीमारी से ग्रस्त, चरित्रहीन, हिन्दू विरोधी, सनातनी विरुद्ध और एक असभ्य चरित्र सामने आता है,
कुछ साईं भक्तो ने कहा की साईं सत्चरित्र प्रमाणिक नहीं है या वो साईं बाबा ने नहीं लिखी है,

यदि वो साईं बाबा ने नहीं लिखी है तो उन्होंने हेमाडपंत को लिखने के लिए तो कही ही है,

और यदि नहीं तो हम तत्काल प्रभाव से भारत सरकार से मांग करते है की शिर्डी साईं नाम के सनातन धर्म विरोधी संस्थान को तुरंत बंद किया जाए, जिस व्यक्ति के बारे में किसी को कोई ज्ञान ही नहीं तो कैसे उसे हमारे सनातनी मंदिरो में स्थान मिल सकता है,.

केवल यही नहीं, साईं की फिल्मे बनाने वाले और स्टार प्लस पर साईं का सीरियल चलाने वाले के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता धारा 195 के अंतर्गत साईं नाम के एक साधारण व्यक्ति को सनातनी इश्वरो का रूप दिखा कर उनका अपमान करने के कारण उन पर प्रतिबंध लगाया जाए और साईं को इश्वर के रूप में दिखाने वालो के ऊपर कठोर कार्यवाही की जाए,

हनुमान की तर्ज पर जिन लोगो ने साईं चालीसा बनाई है उन्हें किस सनातनी संस्थान ने मान्यता दी है,

ऐसे लोगो के ऊपर भी सनातन धर्म का अपमान करने के कारण दण्डित कार्यवाई की जाए,

भारत सरकार से हम ये भी मांग करते है की साईं के सभी मंदिरों को करके वहां से साईं की मूर्तियाँ हटवा कर वहां पर भगवान् श्री राम की मुर्तिया लगवाई जाए और साईं की तुलना श्री राम से करने वालो पर सनातन धर्म का अपमान करने और सनातनी भावनाओं को ठेस पहुंचाने के कारण दंडात्मक कार्यवाही की जाए,
इसके लिए जल्दी ही हम भारत सरकार से मांग करेंगे और जो मित्र इसमें क़ानूनी सलाहकार के रूप में हमारे साथ सनातन धर्म की रक्षा करना चाहता है

जय श्री कृष्ण
धर्मो रक्षति रक्षितः
धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो |

‪#‎ExposeShirdisai‬ ‪#‎Bhaktijihad‬ ‪#‎FraudSai‬

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