Posted in भारतीय मंदिर - Bharatiya Mandir

कोणार्क के सूर्य मंदिर


100 साल बाद आपको एक ऐसी दुर्लभ चीज के दर्शन करने का मौका मिल रहा है जिसकी आस लगाए कई लोग शायद इस दुनिया को अलविदा कह गए। यकीनन आपने कोणार्क के सूर्य मंदिर के बारे में सुना होगा। यह मंदिर पिछले सौ साल से बंद था लेकिन अब इस एक बार फिर से जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

1250 में बने इस मंदिर को 1913 में बंद कर दिया गया था। दरअसल मंदिर बेहद जर्जर अवस्था में था और मुख्य मंडप के पत्थर गिरने लगे थे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग इस मंदिर के रखरखाव के काम में जुटा है। 1913 में मंदिर को बचाने की कवायद शुरु की गई थी लेकिन उस वक्त ये काम काफी मुश्किल लग रहा था।

भारत के एकमात्र सूर्य मंदिर को बचाने के लिए तमाम कोशिशें और जतन किए गए। सौ साल की कोशिशों के बाद मंदिर अब पहले से कहीं बेहतर स्थिति में है और इसे फिर से जनता के लिए खोल दिया जाएगा। 2008 से इस जनता के लिए खोलने पर विचार चल रहा था लेकिन दीवारें खोखली थीं, मंदिर का गर्भ गृह पहले गिर चुका था इसलिए ASI कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी।मोदी सरकार ने जनता के लिए मंदिर खुला दिया

100 साल बाद आपको एक ऐसी दुर्लभ चीज के दर्शन करने का मौका मिल रहा है जिसकी आस लगाए कई लोग शायद इस दुनिया को अलविदा कह गए। यकीनन आपने कोणार्क के सूर्य मंदिर के बारे में सुना होगा। यह मंदिर पिछले सौ साल से बंद था लेकिन अब इस एक बार फिर से जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

1250 में बने इस मंदिर को 1913 में बंद कर दिया गया था। दरअसल मंदिर बेहद जर्जर अवस्था में था और मुख्य मंडप के पत्थर गिरने लगे थे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग इस मंदिर के रखरखाव के काम में जुटा है। 1913 में मंदिर को बचाने की कवायद शुरु की गई थी लेकिन उस वक्त ये काम काफी मुश्किल लग रहा था।

भारत के एकमात्र सूर्य मंदिर को बचाने के लिए तमाम कोशिशें और जतन किए गए। सौ साल की कोशिशों के बाद मंदिर अब पहले से कहीं बेहतर स्थिति में है और इसे फिर से जनता के लिए खोल दिया जाएगा। 2008 से इस जनता के लिए खोलने पर विचार चल रहा था लेकिन दीवारें खोखली थीं, मंदिर का गर्भ गृह पहले गिर चुका था इसलिए ASI कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी।मोदी सरकार ने जनता के लिए मंदिर खुला दिया
Posted in भारतीय मंदिर - Bharatiya Mandir

राम मंदिर पाकिस्तान


राम मंदिर पाकिस्तान
!! जय श्री राम !!

ये है नागरपारकर के इस्लामकोट में
पाकिस्तान का इकलौता ऐतिहासिक
राम मंदिर.
।। जय श्री राम ।।

ये है नागरपारकर के इस्लामकोट में
पाकिस्तान का इकलौता ऐतिहासिक
राम मंदिर.
।। जय श्री राम ।।

Posted in PM Narendra Modi

राजनीती भारत की – भाग १


राजनीती भारत की – भाग १
आज लोग मोदी को कहते है उनको ये करना चाहिए वो करना चाहिए . उनके घर में उनकी बीबी भी उनका नहीं सुनती और देस को क्या करना चाहिए वो कहते है .
मोदी एक मानवतावादी पॉलिटिशियन है .बिना भेद बव किये कश्मीर मुसलमानो की २००० करोड़ मदद कर रहा है . और वह मुल्ले सैनिको पे ही पत्थर मर रहे है !!!कांग्रेस ने १०० करोड़ हिन्दू को दिए थे उत्तर खंड के लिए . …३०० करोड़ मोदी ने मदरसा को आते ही दिया . आज चीन हमारी सरहदो में गुस रहा है और वो गीता दे रहा है ? ऐसे पोस्ट बार बार आती है . लोगो की बुद्धि का स्तर कितना ? चने बेचनेकी की दुकान का भैया भी बोल रहा है आज मोदी को क्या करना चाहिए और उनकी बीबी उनका कहा तक नहीं मानती !!
चाणक्य नीति में कहा गया है बलवान दुस्मनो को सर पे मटके की तरह बैठा के रखना चाहिए वक्त्त आने पैर जमीं पैर पटक कर फेक देना चाहिए .
हमारे पास इतने ग्रन्थ है जीवन और राजनीती पे जिसकी दुनिया पढ़ कर रह ले रही है ( जर्मन के पास आज भी हमारे साइंस के पौराणिक ग्रन्थ है जरा गूगल में सर्च करे) और हम ने कभी खोल कर नहीं देखा . सत्य है न ? दो उदहारण देता हु बुद्धिजीवी के लिए. १) वैदिक मेथ्स – २५ अंक के साथ २५ अंक मल्टीप्ली करने के लिए सिर्फ उसमे १५ सेकंड लगती है . २) चाणक्य ने लिखा हुआ अर्थशास्त्र के सिद्धांत आज भी अमल किये जा सकते है. और कोई भी देस कितना भू डूबा हुआ हो तो कैसे बहार आ सकता है वो उनमे प्रोटोकॉल (पद्धत ) दी हुई है . गत ३० साल में सब लोग इंग्लिश मीडियम से आने से पूरा भारतीय साहित्य उनटौच (अलिप्त) रह गया . और विदेशी साहित्य पढ़ कर अनपढ़ रह गए . मई इतनाही कहूँगा आज मोदी को क्या करना चाहिए ये छोड़ कर हमे क्या करना चाहिए ये सोचो. कांग्रेस को जो ६० साल दिए तो जरा मोदी विचारधारा को १०० साल दीजिये.

Posted in भारत गौरव - Mera Bharat Mahan

King of Bharat


Arun Upadhyay Chāhmāna kings-(1) Chāhmāna, (2) Sāmantadeva, (3) Mahādeva, (4) Kubera, (5) Bindusāra, (6) Sudhanvā – He set up 4 Pīţhas of Śankarāchāryas for which an order was issued on copper plate dated 2663 Yudhişţhira śaka (485 BC) on Āśvina śukla 15. (7) Vīradhanvā, (8) Jayadhanvā, (9) Vīrasimha, (10) Varasimha, (11) Vīradaņɖa, (12) Arimantra, (13) Māņikyarāja, (14) Puşkara, (15) Asamañjasa, (16) Premapura, (17) Bhānurāja, (18) Mānasimha, (19) Hanumān, (20) Chitrasena, (21) Śambhu, (22) Mahāsena, (23) Suratha, (24) Rudradatta, (25) Hemaratha, (26) Chitrāngada, (27) Chandrasena, (28) Vatsarāja, (29) Dhŗşţadyumna, (30) Uttama, (31) Sunīka, (32) Subāhu, (33) Suratha, (34) Bharata, (35) Sātyaki, (36) Śatrujita, (37) Vikrama, (38) Sahadeva, (39) Vīradeva, (4) Vasudeva, (41) Vāsudeva (king in 551 AD)-his 2 branches started kingdoms. One branch ended with last king of Delhi-Pŗthvīrāja-3 killed in 1192 AD. The other branch had Vīra Gogādeva who fought with Mahmud Gazanavi in desert.
Delhi-Ajmer branch-(42) Sāmanta, (43) Naradeva or Nŗpa, (44) Vigraharāja-1, (45) Chandrarāja-1, (46) Gopendra-rāja or Gopendraka, (47) Durlabha-rāja, (48) Govinda-rāja or Guvaka-1-in time of Pratihāra king Nāgabhaţţa-2. (49) Chandra-rāja-2 (843-868 AD), (50) Govinda-rāja or Guvaka-2 (868-893 AD), (51) Chandana- Govinda-rāja (893-918 AD), (52) Vākpati-rāja-1 (Vappayarai) (918-943 AD), (53 A) Vindhya-rāja-very short period followed by his brother. (53 B) Simha- rāja. He had 4 sons-Vigraha-rāja-2, Durlabha-rāja-2, Chandra-rāja, Govinda-rāja. (54A) Vigraha-rāja-2 (from 973 AD)-He had defeated Mūlarāja of Gujrat and made Āśāpurā temple in Bhŗgu-kacchha. He had sent army in 997 AD to help Lahore king against Subuktagin. (54B) Durlabha-rāja-2 (998 AD), (55) Govinda-rāja-3 (999 AD), (56A) Vākpati-rāja-2 (999-1018 AD), (56B) Vīrya-rāja (1018-1038), (56C) Chāmuņɖa-rāja (1038-1063 AD)-these 2 were brothers of 56A. (57A) Simhala-eldest son of 56C. (57B) Durlabha-rāja-3 (1063-1079 AD)-son of 56C. (57C) Vigraharāja-3 (1079-1098 AD)-brother of 57B. (58) Pŗthvīrāja-1 (1098-1105 AD), (59) Ajaya- rāja (Ajayadeva or Salhana)-(1105-1132 AD)-built Ajmer. (60) Arņorāja (Analdeva, Anna, Anaka)-(1132-1151 AD), (61A) Jagadeva (1151 AD)- He had killed his father Arņorāja for which he was killed by his brother Vigraharāja-4 (61B) Vigraharāja-4 (Viśāladeva)-(1151-1167 AD)-he had defeated Chālukyas. (61C) Someśvaradeva (1169-1177 AD)-Brother of 61B, as Pŗthvīrāja-2-son of 61A had no son. (62A) Apara-Gāngeya or Amara-Gāngeya-son of 61B. (62B) Pŗthvīrāja-2-son of 61A. He defeated 61A and died issueless in 1169 AD. (62C) Pŗthvīrāja-3 (1177-1192 AD)-last Hindu king of Delhi. He defeated Mohammad Ghori in 1191, but was defeated in 1192 AD due to Jayachanda of Kannauj.

Posted in Love Jihad

लव जिहाद पर


लव जिहाद पर देवबंदी फतवे का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कई विद्वानों ने भी समर्थन किया है। कहा है, कोई मुस्लिम हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर शादी करता है तो यह सरासर धोखा है। ऐसा शख्स मुसलमान कहलाने का हकदार नहीं है। उसकी समाज में भी कोई जगह नहीं।
एएमयू के सुन्नी थियोलोजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर व मुफ्ती जाहिद खान, अहसान उल्लाह सहाद व मोहम्मद सलीम ने देवबंद के फतवे की तारीफ की। तीनों विद्वानों ने कहा, अगर कोई मुस्लिम ऐसी हरकत करता है तो इस्लाम में उसे जायज नहीं, हराम कहा गया है। ऐसा करके वो समाज को भी धोखा दे रहा है। उन्होंने कहा कि कोई मुस्लिम लड़का अगर हिंदू बताकर हिंदू लड़की से शादी करता है या हिंदू लड़का मुस्लिम बनकर किसी मुस्लिम लड़की से निकाह करता है तो यह समाज बांटने वाला काम है। हिंदू लड़की के साथ कोई ऐसा करे तो उसकी जानकारी दें, उसे समझाएंगे। नहीं मानेगा तो कड़ी कार्रवाई करेंगे।
प्रो. खान ने ‘लव जिहाद’ के नामकरण की आलोचना की। कहा, एक ओर दुनिया चांद पर जा रही है, हम लव जिहाद की बातें करके समाज बांटने में लगे हैं। ऐसा करके दुनिया हमें किस नजरिये से देखेगी? देश इस वक्त पहले से ही कई मुसीबतों से जूझ रहा है। जम्मू-कश्मीर में जल प्रलय कहर ढा रही है। कई जिलों में सूखे की मार है। उन्होंने हिंदू-मुस्लिमों से एकजुट होकर देश के विकास में योगदान देने का आह्वान भी किया।
http://www.jagran.com/uttar-pradesh/lucknow-city-11627908.html
जरा इन प्रो.खान से पूछिये -दुनिया कुरान के अनुसार तो चाँद पर नहीं जा सकती है.क्योकि कुरान में चन्द्रमा की दूरी तक भी नहीं लिखा गया है..उलटे 1400 साल पहले मुहम्मद ने चाँद के 2 तुकडे कर दिए थे..
दुनिया चाँद पर आज जा रही है यह तो हिन्दू ग्रंथो में लिखा ही है.इस लव जेहादियों से चाँद पर जाने का क्या मतलब रह जाता .
TP Shukla

लव जिहाद पर देवबंदी फतवे का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कई विद्वानों ने भी समर्थन किया है। कहा है, कोई मुस्लिम हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर शादी करता है तो यह सरासर धोखा है। ऐसा शख्स मुसलमान कहलाने का हकदार नहीं है। उसकी समाज में भी कोई जगह नहीं।
एएमयू के सुन्नी थियोलोजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर व मुफ्ती जाहिद खान, अहसान उल्लाह सहाद व मोहम्मद सलीम ने देवबंद के फतवे की तारीफ की। तीनों विद्वानों ने कहा, अगर कोई मुस्लिम ऐसी हरकत करता है तो इस्लाम में उसे जायज नहीं, हराम कहा गया है। ऐसा करके वो समाज को भी धोखा दे रहा है। उन्होंने कहा कि कोई मुस्लिम लड़का अगर हिंदू बताकर हिंदू लड़की से शादी करता है या हिंदू लड़का मुस्लिम बनकर किसी मुस्लिम लड़की से निकाह करता है तो यह समाज बांटने वाला काम है। हिंदू लड़की के साथ कोई ऐसा करे तो उसकी जानकारी दें, उसे समझाएंगे। नहीं मानेगा तो कड़ी कार्रवाई करेंगे।
प्रो. खान ने 'लव जिहाद' के नामकरण की आलोचना की। कहा, एक ओर दुनिया चांद पर जा रही है, हम लव जिहाद की बातें करके समाज बांटने में लगे हैं। ऐसा करके दुनिया हमें किस नजरिये से देखेगी? देश इस वक्त पहले से ही कई मुसीबतों से जूझ रहा है। जम्मू-कश्मीर में जल प्रलय कहर ढा रही है। कई जिलों में सूखे की मार है। उन्होंने हिंदू-मुस्लिमों से एकजुट होकर देश के विकास में योगदान देने का आह्वान भी किया।
---http://www.jagran.com/uttar-pradesh/lucknow-city-11627908.html
जरा इन प्रो.खान से पूछिये -दुनिया कुरान के अनुसार तो चाँद पर नहीं जा सकती है.क्योकि कुरान में चन्द्रमा की दूरी तक भी नहीं लिखा गया है..उलटे 1400 साल पहले मुहम्मद ने चाँद के 2 तुकडे कर दिए थे..
दुनिया चाँद पर आज जा रही है यह तो हिन्दू ग्रंथो में लिखा ही है.इस लव जेहादियों से चाँद पर जाने का क्या मतलब रह जाता .
TP Shukla
Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

खुसरो खान- ये किसी मुस्लिम का नाम नहीं हे


खुसरो खान- ये किसी मुस्लिम का नाम नहीं हे ये एक हिन्दू राजा का नाम है जिसने खिलजी सल्तनत का अंत किया था शायद ये नाम आप पहली बार सुन रहे हों, पर इतिहास का ज़िक्र हो ही रहा हे तो ये जानना भी जरूरी है की खुसरो खान कौन सी शख्सियत का नाम है| हमें हमेशा से ये ही पढ़ाया गया है की जो दलित हिन्दू थे उन्होंने स्वेच्छा से अपना धर्म परिवर्तन किया था, जो की गलत है| इस बात के प्रमाण के लिए हम आप को १२०० ई. के अंत में जाना होगा जब 1297 ई. में में नीच अल्लौद्दीन खिलजी ने पवित्र सोमनाथ के मंदिर को पूर्व मुस्लिम शासकों की तरह लूटने के उलूग खान और नुसरत खान को भेजा था| पवित्र सोमनाथ मंदिर की रक्षा करते हुए लाठी राज्य के हमीरजी गोहिल और उनके दोस्त वेगदो भील दोनों पवित्र सोमनाथ मंदिर के निकट एक लड़ाई में मारे गए थे व उन्ही वेगदो भील का मित्र था खुसरो खान| अब जानना जरूरी ये हे की खुसरो खान का असली नाम किसी को भी नहीं मालूम, क्यूंकि ये सब कुछ बहुत ही कम वक़्त में हुआ था इसीलिए वर्तमान इतिहास में खुसरो खान का बहुत ही कम जिक्र है, पर जो बात पता है वो ये थी की,<br />
१-वेगदो भील ने मरने से पहले खुसरो खान को सोमनाथ के मंदिर के अपमान और शहीदों की मृत्यु का बदला लेने को कहा<br />
२-खुसरो खान एक दलित (परवारी-महार) हिन्दू थे व उन्हें युद्ध में पकड़ लिया गया था| refrence - इब्नबतूता की किताबों में इसका पूरा जिक्र है|<br />
३-खुसरो खान ने खिलजी सल्तनत का अंत किया था  न की गयासुद्दीन तुग़लक़ ने जैसा की गलत हमें पढाया गया है|<br />
४- खुसरो खान को अत्यधिक प्रताड़ित किया गया व उन्हें इस्लाम कबूलवाया गया|<br />
५- अंत में खुसरो खान ने अल्लौद्दीन खिलजी के मरने के बाद  उसके  बेटे  मुबारक  शाह  को मार  कर  सोमनाथ के बदला ले  लिया और खिलजी सल्तनत  का अंत कर दिया |<br />
६- बाद  में खुसरो खान ने दुबारा  हिन्दू धर्म स्वीकार  लिया था व इस बात के स्पष्ट  प्रमाण मौजूद  हैं |<br />
Reference -Advanced Study In The History Of Medieval India - Vol I, Volume 1 By Jaswant Lal Mehta, pg. 185<br />
७-और उसके बाद खुसरो खान दिल्ली  का राजा बना, हालांकि वो केवेल ६ माह ही राज कर पाया उसके बाद उसे गयासुद्दीन तुग़लक़ ने हरा दिया | परन्तु ख़ुशी की बात ये हे की एक दलित हिन्दू ने मजबूरी में इस्लाम स्वीकारने के बाद फिर से हिन्दू धर्म स्वीकार करके एक हिन्दू राजा बना दिल्ली सल्तनत का|<br />
अब हमारा एजुकेशन सिस्टम हमें क्या पढ़ाता है ये बात तो सबको पता चल ही गयी होगी!!<br />
खुसरो खान को तो मिटा ही दिया गया है|

खुसरो खान- ये किसी मुस्लिम का नाम नहीं हे ये एक हिन्दू राजा का नाम है जिसने खिलजी सल्तनत का अंत किया था शायद ये नाम आप पहली बार सुन रहे हों, पर इतिहास का ज़िक्र हो ही रहा हे तो ये जानना भी जरूरी है की खुसरो खान कौन सी शख्सियत का नाम है| हमें हमेशा से ये ही पढ़ाया गया है की जो दलित हिन्दू थे उन्होंने स्वेच्छा से अपना धर्म परिवर्तन किया था, जो की गलत है| इस बात के प्रमाण के लिए हम आप को १२०० ई. के अंत में जाना होगा जब 1297 ई. में में नीच अल्लौद्दीन खिलजी ने पवित्र सोमनाथ के मंदिर को पूर्व मुस्लिम शासकों की तरह लूटने के उलूग खान और नुसरत खान को भेजा था| पवित्र सोमनाथ मंदिर की रक्षा करते हुए लाठी राज्य के हमीरजी गोहिल और उनके दोस्त वेगदो भील दोनों पवित्र सोमनाथ मंदिर के निकट एक लड़ाई में मारे गए थे व उन्ही वेगदो भील का मित्र था खुसरो खान| अब जानना जरूरी ये हे की खुसरो खान का असली नाम किसी को भी नहीं मालूम, क्यूंकि ये सब कुछ बहुत ही कम वक़्त में हुआ था इसीलिए वर्तमान इतिहास में खुसरो खान का बहुत ही कम जिक्र है, पर जो बात पता है वो ये थी की,
१-वेगदो भील ने मरने से पहले खुसरो खान को सोमनाथ के मंदिर के अपमान और शहीदों की मृत्यु का बदला लेने को कहा
२-खुसरो खान एक दलित (परवारी-महार) हिन्दू थे व उन्हें युद्ध में पकड़ लिया गया था| refrence – इब्नबतूता की किताबों में इसका पूरा जिक्र है|
३-खुसरो खान ने खिलजी सल्तनत का अंत किया था न की गयासुद्दीन तुग़लक़ ने जैसा की गलत हमें पढाया गया है|
४- खुसरो खान को अत्यधिक प्रताड़ित किया गया व उन्हें इस्लाम कबूलवाया गया|
५- अंत में खुसरो खान ने अल्लौद्दीन खिलजी के मरने के बाद उसके बेटे मुबारक शाह को मार कर सोमनाथ के बदला ले लिया और खिलजी सल्तनत का अंत कर दिया |
६- बाद में खुसरो खान ने दुबारा हिन्दू धर्म स्वीकार लिया था व इस बात के स्पष्ट प्रमाण मौजूद हैं |
Reference -Advanced Study In The History Of Medieval India – Vol I, Volume 1 By Jaswant Lal Mehta, pg. 185
७-और उसके बाद खुसरो खान दिल्ली का राजा बना, हालांकि वो केवेल ६ माह ही राज कर पाया उसके बाद उसे गयासुद्दीन तुग़लक़ ने हरा दिया | परन्तु ख़ुशी की बात ये हे की एक दलित हिन्दू ने मजबूरी में इस्लाम स्वीकारने के बाद फिर से हिन्दू धर्म स्वीकार करके एक हिन्दू राजा बना दिल्ली सल्तनत का|
अब हमारा एजुकेशन सिस्टम हमें क्या पढ़ाता है ये बात तो सबको पता चल ही गयी होगी!!
खुसरो खान को तो मिटा ही दिया गया है|