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साई बाबा


साई बाबा ऐसे ही घूमने वाले एक भिक्षुक थे पर यह भी कटु सत्य है कि जिस व्यकित को न कभी पेट भर भोजन न वस्त्र नसीब हुए उस पर करोड़ों के हीरे सोना आदि चढ़ता है जो नंगे पांव पेड़ के नीचे बैठता था आज अनीति व चोरी के धन के चढ़ावे व सोने के सिंहासन के अतिरिक्त कहीं नही बैठता यह कैसा फकीर …जो लोग सब तरह के ही गलत काम में लिप्त हैं वही उनके भक्त हैं मांस व शराब से उन्हे कभी परहेज नहीं क्यों कि उनके बाबा को भी नही…..

इनके भक्त भी वही जिनको कभी राम मे और कृष्ण मे श्रद्धा नहीं थी क्यों कि जो ईश्वर की नहीं व्यक्ति पूजा करता है गीता के अनुसार वह मूढ़ है है भय को ही प्राप्त होगा…इनको अपने राम मे कभी विश्वास न रहा तभी तो साईं के बाद राम आते हैं यह सब वास्तव में मूर्ख हैं तथा मजार व भूतप्रेत पूजने वालों की ही गति को प्राप्त होंगे..अर्थात उन्ही योनियों मे…

जय सियाराम
धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो |

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धारा 370 को हटाओ


1. जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है ।
2. जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है ।
3. जम्मू – कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकी भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है ।
4. जम्मू-कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है । 5. भारत के उच्चतम न्यायलय के आदेश जम्मू – कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं ।
6. भारत की संसद को जम्मू – कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यंत सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है । 7. जम्मू कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी । इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू – कश्मीर की नागरिकता मिल जायेगी ।
8. धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI लागु नहीं है । RTE लागू नहीं है । CAG लागू नहीं होता । …। भारत का कोई भी कानून लागु नहीं होता ।
9. कश्मीर में महिलावो पर शरियत कानून लागु है ।
10. कश्मीर में पंचायत के अधिकार नहीं ।
11. कश्मीर में चपरासी को 2500 ही मिलते है ।
12. कश्मीर में अल्पसंख्यको [ हिन्दू- सिख ] को 16 % आरक्षण नहीं मिलता ।
13. धारा 370 की वजह से कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते है ।
14. धारा 370 की वजह से ही पाकिस्तानियो को भी भारतीय नागरीकता मिल जाता है । इसके लिए पाकिस्तानियो को केवल किसी कश्मीरी लड़की से शादी करनी होती है ।

देशहित में अपील :
धारा 370 को हटाओ
काश्मिरियों को मुख्यधारा में लाओ

सहमत हैं तो इस माँग को पुरे फेशबुक पर वायरल कर दो

भारत माता की जय

1. जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है । 2. जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है । 3. जम्मू - कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकी भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है । 4. जम्मू-कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है । 5. भारत के उच्चतम न्यायलय के आदेश जम्मू - कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं । 6. भारत की संसद को जम्मू - कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यंत सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है । 7. जम्मू कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी । इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू - कश्मीर की नागरिकता मिल जायेगी । 8. धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI लागु नहीं है । RTE लागू नहीं है । CAG लागू नहीं होता । ...। भारत का कोई भी कानून लागु नहीं होता । 9. कश्मीर में महिलावो पर शरियत कानून लागु है । 10. कश्मीर में पंचायत के अधिकार नहीं । 11. कश्मीर में चपरासी को 2500 ही मिलते है । 12. कश्मीर में अल्पसंख्यको [ हिन्दू- सिख ] को 16 % आरक्षण नहीं मिलता । 13. धारा 370 की वजह से कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते है । 14. धारा 370 की वजह से ही पाकिस्तानियो को भी भारतीय नागरीकता मिल जाता है । इसके लिए पाकिस्तानियो को केवल किसी कश्मीरी लड़की से शादी करनी होती है । देशहित में अपील : धारा 370 को हटाओ काश्मिरियों को मुख्यधारा में लाओ सहमत हैं तो इस माँग को पुरे फेशबुक पर वायरल कर दो भारत माता की जय
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तन्नौट माता


दुनिया की सबसे सक्षम 5 सेनाओं में एक भारतीय सेना का तन्नौट माता से कुछ अनूठी रिश्ता है। जैसलमेर से 120 किलोमीटर दूर भारत-पाक सीमा पर स्थित एक मन्दिर में तन्नौट माता विराजमान है। जानकारी के मुताबिक, 1965 के युद्ध में पाक सेना के 3000 से भी अधिक गोलों को बेअसर कर भारतीय सेना को बचाया था। कहा जाता है कि उस समय पाक सेना मन्दिर के आस-पास जितने भी गोला-बारूद फेंके उनमें से एक भी नहीं फटा।

कहा जाता है भाटी राजपूत राजा तनु राव ने संवत 847 में जब तन्नौट को अपनी राजधानी बनाया था, उसी समय इस मन्दिर की नींव रखी गई। बीएसएफ जवानों के अनुसार, अक्टूबर 1965 में पाकिस्तान ने जैसलमेर पर हमला कर दिया। उस समय तन्नौट माता ने सेना के कुछ जवानों को स्वप्न में दर्शन देकर उन्हें रक्षा का आश्वासन दिया। जब पाकिस्तान ने किशनगढ़ और साढ़ेवाला पर कब्जा कर तन्नौट पर भारी बमबारी की, तो वहां मां के आशीर्वाद से वहां दागे गए बम या तो फटे ही नहीं या फिर खुले में जाकर ब्लास्ट हो गए। इसके उपरांत वहां भारतीय सेना की एक टुकड़ी आ पहुंची और पाक सेना को भागने पर मजबूर होना पड़ा।

इसके बाद वर्ष 1971 में भी जब पाक सेना ने रात के समय अपनी टैंक रेजीमेंट के साथ भारत की लोंगेवाला चौकी पर हमला किया, तो वहां पर बीएसएफ और पंजाब रेजीमेंट की एक-एक कम्पनी तैनात थी। बीएसएफ जवानों के अनुसार, तन्नौट मां के आशीर्वाद से सेना ने सभी आक्रमणकारी टैंकों को खत्म कर दिया और सुबह भारतीय वायु सेना ने भी हमला कर दिया। लोंगेवाला का युद्ध पूरे विश्व का अपने तरह का अकेला युद्ध था जिसमें आक्रमणकारी सेना का एकतरफा खात्मा हो गया। इसके बाद भारतीय सेना ने यहां पर विजय स्तंभ का निर्माण करवाया और सुरक्षा बलों ने मन्दिर की जिम्मेदारी पूरी तरह से अपने हाथ में ले ली। मंदिर में एक संग्रहालय मेंं वे गोले रखे हुए हैं। यहां प्रतिदिन सुबह-शाम आरती होती है।
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अगर भारत का इस्लामीकरण हुआ तो क्या होगा ?


अगर भारत का इस्लामीकरण हुआ तो क्या होगा ?
1.सारे हिंदू उद्योगपतियों की संपत्तिया जब्त कर ली जायेंगी | मलेशिया लेबनान में ऐसा ही हुआ, हिंदू (मुशिरिक यानि मूर्तिपूजक) की संपत्ति पर मोमिन यानि ईमान लेन वाले मुस्लमान का अधिकार हैं ये अल्लाह का फरमान है |
2. आपकी (सेक्युलर वर्ग की) लड़कियां, बहनें, माताएं कभी ना कभी मुल्लों के बिस्तर गर्म करने को मजबूर होंगी क्योंकि आप कब तक बच पाएंगे | और गाँधी वादी तो तब भी होंगे जो गाँधी जी के शब्द दोहराएंगे जो उन्होंने कहे थे एक माँ से उसकी लड़की का मुसलमानों द्वारा बलात्कार करने पर “तो क्या हुआ, वो तुम्हारी लड़की को कुछ दे कर तो गए ले तो नहीं गए |”
3. सेक्युलर वर्ग तो हो सकता है मुफ्त कंडोम बाँटे मुल्लों को | ताकि उनकी बीवियों बेटियों बहनों को मुसलमानों द्वारा कम दिक्कत हो और उनके मुस्लिम भाइयों का सम्मान भी बना रहे|
4. कोई भी हिंदू किसी भी सरकारी व्यवस्था में बड़े ओहदे पर नहीं रह पायेगा | वही मुग़ल काल का नियम लगेगा |
5. हिंदू अपने धर्म पर जिज्या दे रहे होंगे | याने हिंदू बने रहने के लिए कर भर रहे होंगे | कुरान ९:२९ में साफ़ आदेश है पर हमें तब भी ऐसा वर्ग मिलेगा जो सिर्फ कुछ मुसलमानों को इसके लिए दोषी ठहराएगा |
6. हिन्दुओ के १ से अधिक बच्चे पैदा करने पर रोक भी लग सकती है | क्योंकि इन मुल्लों का आबादी ही सबसे बड़ा हथियार है|
7. हिन्दुओं को ज़मीन खरीदने की इज्जाजत नहीं होगी, कश्मीर में धारा ३७० की वजह से हम आज भी बस नहीं सकते |
8. हिन्दुओ के सार्वजानिक सभी धर्म स्थल तोड़ दिए जायेंगे | उनको सार्वजनिक स्थान पर पूजा करने पर कड़े से कड़ा दंड भी हो सकता है | आपने वो डॉक्टर ज़ाकिर नायक का विडियो तो देखा ही होगा |
9. हिन्दुवादी सभी संगठनों को खत्म कर दिया जाएगा | हिंदू संगठित ना हो सके ऐसा हर संभव प्रयास किया जाएगा | केरल और कश्मीर प्रत्यक्ष उदहारण है |
10. देश से लोकतंत्र एक दो बार के चुनाव में ही खत्म हो जाएगा या चुनाव प्रणाली हो पर काफिरों यानी हम हिन्दुओं का मताधिकार ही खत्म कर दिया जाएगा |
11. किसी हिंदू के ली को मनवाधिकार नहीं रह जाएगा | हिंदू लड़की के साथ बलात्कार, हिंदू के घर चोरी डकैती या हत्या का कोई मुकदमा नहीं दर्ज ही नहीं होगा |
12. सेना पुलिस प्रशासनिक सेवाए हर महत्वपूर्ण ओहदों से हिन्दुओं को हटा दिया जाएगा | हाँ वैज्ञानिक पदों से नहीं हटा पाएंगे क्योंकि मुस्लिम वैज्ञानिक तो पैदा कर नहीं पाएंगे |
13. देश में सिर्फ हिन्दुओं पर ही अत्याचार नहीं हो रहे होंगे सिख इसाई (पूर्वोत्तर भारत के छोड के) कमुनिस्ट जैन बौद्ध दालित सभी का खात्मा हो रहा होगा | यहाँ तक की इस्लामिक शाखाओं शियाओं, बरेलवियों, अहमदिया इस्माइलों का भी खात्मा हो रहा होगा |
14. देश में कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी होगी और अभी का जंगल राज हमें तब स्वर्ग सा लगेगा | देश तबाह हो चुका होगा और जल्द ही किसी इस्लामिक अफ़्रीकी देश के स्तर पर पहुँच जाएगा |
15. भारत, हिंदू, पंथ- निरपेक्षता सिर्फ सपनों के शब्द रह जायेंगे | देश का अस्तित्व उसकी सांस्कृतिक पहचान खत्म हो चुकी होगी क्योंकि हिंदुत्व यानी वैदिक धर्म से ही हैं |
ऐसे वक्त में फिर कोई शिवा पैदा होगा, सांगा होगा, राणा प्रताप होगा, वीर हेमू, क्षत्रशाल, गुरु गोविन्द सिंह और बंदा वैरागी जैसे योद्धा निकल के आयेंगे | ये लोग तो सदैव से हैं सदैव रहेंगे पर नहीं रहेगा आज जितना विशाल भारत जो थोडा बहुत देश बचा पायेंगे वो भी लाशों के ढेर पर होगा | ये सब रुक सकता हैं अगर हम समय रहते भारत को वैदिक राष्ट्र/आर्य राष्ट्र /हिंदू राष्ट्र बना लें |

अगर भारत का इस्लामीकरण हुआ तो क्या होगा ?
1.सारे हिंदू उद्योगपतियों की संपत्तिया जब्त कर ली जायेंगी | मलेशिया लेबनान में ऐसा ही हुआ, हिंदू (मुशिरिक यानि मूर्तिपूजक) की संपत्ति पर मोमिन यानि ईमान लेन वाले मुस्लमान का अधिकार हैं ये अल्लाह का फरमान है |
2. आपकी (सेक्युलर वर्ग की) लड़कियां, बहनें, माताएं कभी ना कभी मुल्लों के बिस्तर गर्म करने को मजबूर होंगी क्योंकि आप कब तक बच पाएंगे | और गाँधी वादी तो तब भी होंगे जो गाँधी जी के शब्द दोहराएंगे जो उन्होंने कहे थे एक माँ से उसकी लड़की का मुसलमानों द्वारा बलात्कार करने पर “तो क्या हुआ, वो तुम्हारी लड़की को कुछ दे कर तो गए ले तो नहीं गए |”
3. सेक्युलर वर्ग तो हो सकता है मुफ्त कंडोम बाँटे मुल्लों को | ताकि उनकी बीवियों बेटियों बहनों को मुसलमानों द्वारा कम दिक्कत हो और उनके मुस्लिम भाइयों का सम्मान भी बना रहे|
4. कोई भी हिंदू किसी भी सरकारी व्यवस्था में बड़े ओहदे पर नहीं रह पायेगा | वही मुग़ल काल का नियम लगेगा |
5. हिंदू अपने धर्म पर जिज्या दे रहे होंगे | याने हिंदू बने रहने के लिए कर भर रहे होंगे | कुरान ९:२९ में साफ़ आदेश है पर हमें तब भी ऐसा वर्ग मिलेगा जो सिर्फ कुछ मुसलमानों को इसके लिए दोषी ठहराएगा |
6. हिन्दुओ के १ से अधिक बच्चे पैदा करने पर रोक भी लग सकती है | क्योंकि इन मुल्लों का आबादी ही सबसे बड़ा हथियार है|
7. हिन्दुओं को ज़मीन खरीदने की इज्जाजत नहीं होगी, कश्मीर में धारा ३७० की वजह से हम आज भी बस नहीं सकते |
8. हिन्दुओ के सार्वजानिक सभी धर्म स्थल तोड़ दिए जायेंगे | उनको सार्वजनिक स्थान पर पूजा करने पर कड़े से कड़ा दंड भी हो सकता है | आपने वो डॉक्टर ज़ाकिर नायक का विडियो तो देखा ही होगा |
9. हिन्दुवादी सभी संगठनों को खत्म कर दिया जाएगा | हिंदू संगठित ना हो सके ऐसा हर संभव प्रयास किया जाएगा | केरल और कश्मीर प्रत्यक्ष उदहारण है |
10. देश से लोकतंत्र एक दो बार के चुनाव में ही खत्म हो जाएगा या चुनाव प्रणाली हो पर काफिरों यानी हम हिन्दुओं का मताधिकार ही खत्म कर दिया जाएगा |
11. किसी हिंदू के ली को मनवाधिकार नहीं रह जाएगा | हिंदू लड़की के साथ बलात्कार, हिंदू के घर चोरी डकैती या हत्या का कोई मुकदमा नहीं दर्ज ही नहीं होगा |
12. सेना पुलिस प्रशासनिक सेवाए हर महत्वपूर्ण ओहदों से हिन्दुओं को हटा दिया जाएगा | हाँ वैज्ञानिक पदों से नहीं हटा पाएंगे क्योंकि मुस्लिम वैज्ञानिक तो पैदा कर नहीं पाएंगे |
13. देश में सिर्फ हिन्दुओं पर ही अत्याचार नहीं हो रहे होंगे सिख इसाई (पूर्वोत्तर भारत के छोड के) कमुनिस्ट जैन बौद्ध दालित सभी का खात्मा हो रहा होगा | यहाँ तक की इस्लामिक शाखाओं शियाओं, बरेलवियों, अहमदिया इस्माइलों का भी खात्मा हो रहा होगा |
14. देश में कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी होगी और अभी का जंगल राज हमें तब स्वर्ग सा लगेगा | देश तबाह हो चुका होगा और जल्द ही किसी इस्लामिक अफ़्रीकी देश के स्तर पर पहुँच जाएगा |
15. भारत, हिंदू, पंथ- निरपेक्षता सिर्फ सपनों के शब्द रह जायेंगे | देश का अस्तित्व उसकी सांस्कृतिक पहचान खत्म हो चुकी होगी क्योंकि हिंदुत्व यानी वैदिक धर्म से ही हैं |
ऐसे वक्त में फिर कोई शिवा पैदा होगा, सांगा होगा, राणा प्रताप होगा, वीर हेमू, क्षत्रशाल, गुरु गोविन्द सिंह और बंदा वैरागी जैसे योद्धा निकल के आयेंगे | ये लोग तो सदैव से हैं सदैव रहेंगे पर नहीं रहेगा आज जितना विशाल भारत जो थोडा बहुत देश बचा पायेंगे वो भी लाशों के ढेर पर होगा | ये सब रुक सकता हैं अगर हम समय रहते भारत को वैदिक राष्ट्र/आर्य राष्ट्र /हिंदू राष्ट्र बना लें |
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भारत के महाकवि कालिदास के हाथों मारे गए थे :


मुहम्मद मरे नहीं थे, भारत के महाकवि कालिदास के हाथों मारे गए थे :

इतिहास का एक अत्यंत रोचक तथ्य है कि इस्लाम के पैगम्बर (रसूल) मुहम्मद साहब सन ६३२ में अपनी स्वाभाविक मौत नहीं मरे थे, अपितु भारत के महान साहित्यकार कालिदास के हाथों मारे गए थे. मदीना में दफनाए गए (?) मुहम्मद की कब्र की जांच की जाए तो रहस्य से पर्दा उठ सकता है कि कब्र में मुहम्मद का कंकाल है या लोटा ।

भविष्यमहापुराण (प्रतिसर्गपर्व) में सेमेटिक मजहबों के सभी पैगम्बरों का इतिहास उनके नाम के साथ वर्णित है. नामों का संस्कृतकरण हुआ है I इस पुराण में मुहम्मद और ईसामसीह का भी वर्णन आया है. मुहम्मद का नाम “महामद” आया है. मक्केश्वर शिवलिंग का भी उल्लेख आया है. वहीं वर्णन आया है कि सिंधु नहीं के तट पर मुहम्मद और कालिदास की भिड़ंत हुई थी और कालिदास ने मुहम्मद को जलाकर भस्म कर दिया. ईसा को सलीब पर टांग दिया गया और मुहम्मद भी जलाकर मार दिए गए- सेमेटिक मजहब के ये दो रसूल किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहे. शर्म के मारे मुसलमान किसी को नहीं बताते कि मुहम्मद जलाकर मार दिए गए, बल्कि वह यह बताते हैं कि उनकी मौत कुदरती हुई थीI

भविष्यमहापुराण (प्रतिसर्गपर्व, 3.3.1-27) में उल्लेख है कि ‘शालिवाहन के वंश में १० राजाओं ने जन्म लेकर क्रमश: ५०० वर्ष तक राज्य किया. अन्तिम दसवें राजा भोजराज हुए । उन्होंने देश की मर्यादा क्षीण होती देख दिग्विजय के लिए प्रस्थान किया । उनकी सेना दस हज़ार थी और उनके साथ कालिदास एवं अन्य विद्वान्-ब्राह्मण भी थे । उन्होंने सिंधु नदी को पार करके गान्धार, म्लेच्छ और काश्मीर के शठ राजाओं को परास्त किया और उनका कोश छीनकर उन्हें दण्डित किया । उसी प्रसंग में मरुभूमि मक्का पहुँचने पर आचार्य एवं शिष्यमण्डल के साथ म्लेच्छ महामद (मुहम्मद) नाम व्यक्ति उपस्थित हुआ । राजा भोज ने मरुस्थल (मक्का) में विद्यमान महादेव जी का दर्शन किया । महादेवजी को पंचगव्यमिश्रित गंगाजल से स्नान कराकर चन्दनादि से भक्तिपूर्वक उनका पूजन किया और उनकी स्तुति की: “हे मरुस्थल में निवास करनेवाले तथा म्लेच्छों से गुप्त शुद्ध सच्चिदानन्दरूपवाले गिरिजापते ! आप त्रिपुरासुर के विनाशक तथा नानाविध मायाशक्ति के प्रवर्तक हैं । मैं आपकी शरण में आया हूँ, आप मुझे अपना दास समझें । मैं आपको नमस्कार करता हूँ ।” इस स्तुति को सुनकर भगवान् शिव ने राजा से कहा- “हे भोजराज ! तुम्हें महाकालेश्वर तीर्थ (उज्जयिनी) में जाना चाहिए । यह ‘वाह्लीक’ नाम की भूमि है, पर अब म्लेच्छों से दूषित हो गयी है । इस दारुण प्रदेश में आर्य-धर्म है ही नहीं । महामायावी त्रिपुरासुर यहाँ दैत्यराज बलि द्वारा प्रेषित किया गया है ।

वह मानवेतर, दैत्यस्वरूप मेरे द्वारा वरदान पाकर मदमत्त हो उठा है और पैशाचिक कृत्य में संलग्न होकर महामद (मुहम्मद) के नाम से प्रसिद्ध हुआ है । पिशाचों और धूर्तों से भरे इस देश में हे राजन् ! तुम्हें नहीं आना चाहिए । हे राजा ! मेरी कृपा से तुम विशुद्ध हो । भगवान् शिव के इन वचनों को सुनकर राजा भोज सेना सहित पुनः अपने देश में वापस आ गये । उनके साथ महामद भी सिंधु तीर पर पहुँच गया । अतिशय मायावी महामद ने प्रेमपूर्वक राजा से कहा- ”आपके देवता ने मेरा दासत्व स्वीकार कर लिया है ।” राजा यह सुनकर बहुत विस्मित हुए। और उनका झुकाव उस भयंकर म्लेच्छ के प्रति हुआ । उसे सुनकर कालिदास ने रोषपूर्वक महामद से कहा- “अरे धूर्त ! तुमने राजा को वश में करने के लिए माया की सृष्टि की है । तुम्हारे जैसे दुराचारी अधम पुरुष को मैं मार डालूँगा ।“ यह कहकर कालिदास नवार्ण मन्त्र (ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे) के जप में संलग्न हो गये । उन्होंने (नवार्ण मन्त्र का) दस सहस्र जप करके उसका दशांश (एक सहस्र) हवन किया । उससे वह मायावी भस्म होकर म्लेच्छ-देवता बन गया । इससे भयभीत होकर उसके शिष्य वाह्लीक देश वापस आ गये और अपने गुरु का भस्म लेकर मदहीनपुर (मदीना) चले गए और वहां उसे स्थापित कर दिया जिससे वह स्थान तीर्थ के समान बन गया। एक समय रात में अतिशय देवरूप महामद ने पिशाच का देह धारणकर राजा भोज से कहा- ”हे राजन् ! आपका आर्यधर्म सभी धर्मों में उत्तम है, लेकिन मैं उसे दारुण पैशाचधर्म में बदल दूँगा । उस धर्म में लिंगच्छेदी (सुन्नत/खतना करानेवाले), शिखाहीन, दढि़यल, दूषित आचरण करनेवाले, उच्च स्वर में बोलनेवाले (अज़ान देनेवाले), सर्वभक्षी मेरे अनुयायी होंगे । कौलतंत्र के बिना ही पशुओं का भक्षण करेंगे. उनका सारा संस्कार मूसल एवं कुश से होगा । इसलिये ये जाति से धर्म को दूषित करनेवाले ‘मुसलमान’ होंगे । इस प्रकार का पैशाच धर्म मैं विस्तृत करूंगा I”

‘एतस्मिन्नन्तरे म्लेच्छ आचार्येण समन्वितः ।
महामद इति ख्यातः शिष्यशाखा समन्वितः ।। 5 ।।
नृपश्चैव महादेवं मरुस्थलनिवासिनम् ।
गंगाजलैश्च संस्नाप्य पंचगव्यसमन्वितैः ।
चन्दनादिभिरभ्यच्र्य तुष्टाव मनसा हरम् ।। 6 ।।

भोजराज उवाच
नमस्ते गिरिजानाथ मरुस्थलनिवासिने ।
त्रिपुरासुरनाशाय बहुमायाप्रवर्तिने ।। 7 ।।
म्लेच्छैर्मुप्ताय शुद्धाय सच्चिदानन्दरूपिणे ।
त्वं मां हि किंकरं विद्धि शरणार्थमुपागतम् ।। 8 ।।

सूत उवाच
इति श्रुत्वा स्तवं देवः शब्दमाह नृपाय तम् ।
गंतव्यं भोजराजेन महाकालेश्वरस्थले ।। 9 ।।
म्लेच्छैस्सुदूषिता भूमिर्वाहीका नाम विश्रुता ।
आर्यधर्मो हि नैवात्र वाहीके देशदारुणे ।। 10 ।।
वामूवात्र महामायो योऽसौ दग्धो मया पुरा ।
त्रिपुरो बलिदैत्येन प्रेषितः पुनरागतः ।। 11 ।।
अयोनिः स वरो मत्तः प्राप्तवान्दैत्यवर्द्धनः ।
महामद इति ख्यातः पैशाचकृतितत्परः ।। 12 ।।
नागन्तव्यं त्वया भूप पैशाचे देशधूर्तके ।
मत्प्रसादेन भूपाल तव शुद्धि प्रजायते ।। 13 ।।
इति श्रुत्वा नृपश्चैव स्वदेशान्पु नरागमतः ।
महामदश्च तैः साद्धै सिंधुतीरमुपाययौ ।। 14 ।।
उवाच भूपतिं प्रेम्णा मायामदविशारदः ।
तव देवो महाराजा मम दासत्वमागतः ।। 15 ।।
इति श्रुत्वा तथा परं विस्मयमागतः ।। 16 ।।
म्लेच्छधनें मतिश्चासीत्तस्य भूपस्य दारुणे ।। 17 ।।
तच्छ्रुत्वा कालिदासस्तु रुषा प्राह महामदम् ।
माया ते निर्मिता धूर्त नृपमोहनहेतवे ।। 18 ।।
हनिष्यामिदुराचारं वाहीकं पुरुषाधनम् ।
इत्युक्त् वा स जिद्वः श्रीमान्नवार्णजपतत्परः ।। 19 ।।
जप्त्वा दशसहस्रंच तदृशांश जुहाव सः ।
भस्म भूत्वा स मायावी म्लेच्छदेवत्वमागतः ।। 20 ।।
मयभीतास्तु तच्छिष्या देशं वाहीकमाययुः ।
गृहीत्वा स्वगुरोर्भस्म मदहीनत्वामागतम् ।। 21 ।।
स्थापितं तैश्च भूमध्येतत्रोषुर्मदतत्पराः ।
मदहीनं पुरं जातं तेषां तीर्थं समं स्मृतम् ।। 22 ।।
रात्रौ स देवरूपश्च बहुमायाविशारदः ।
पैशाचं देहमास्थाय भोजराजं हि सोऽब्रवीत् ।। 23 ।।
आर्यधर्मो हि ते राजन्सर्वधर्मोत्तमः स्मृतः ।
ईशाख्या करिष्यामि पैशाचं धर्मदारुणम् ।। 24 ।।
लिंगच्छेदी शिखाहीनः श्मश्रु धारी स दूषकः ।
उच्चालापी सर्वभक्षी भविष्यति जनो मम ।। 25 ।।
विना कौलं च पशवस्तेषां भक्षया मता मम ।
मुसलेनेव संस्कारः कुशैरिव भविष्यति ।। 26 ।।
तस्मान्मुसलवन्तो हि जातयो धर्मदूषकाः ।
इति पैशाचधर्मश्च भविष्यति मया कृतः ।। 27 ।।’

(भविष्यमहापुराणम् (मूलपाठ एवं हिंदी-अनुवाद सहित), अनुवादक: बाबूराम उपाध्याय, प्रकाशक: हिंदी-साहित्य-सम्मेलन, प्रयाग; ‘कल्याण’ (संक्षिप्त भविष्यपुराणांक), प्रकाशक: गीताप्रेस, गोरखपुर, जनवरी, 1992 ई.)

कुछ विद्वान कह सकते हैं कि महाकवि कालिदास तो प्रथम शताब्दी के शकारि विक्रमादित्य के समय हुए थे और उनके नवरत्नों में से एक थे, तो हमें ऐसा लगता है कि कालिदास नाम के एक नहीं बल्कि अनेक व्यक्तित्व हुए हैं, बल्कि यूं कहा जाए की कालिदास एक ज्ञानपीठ का नाम है, जैसे वेदव्यास, शंकराचार्य इत्यादि. विक्रम के बाद भोज के समय भी कोई कालिदास अवश्य हुए थे. इतिहास तो कालिदास को छठी-सातवी शती (मुहम्मद के समकालीन) में ही रखता है.

कुछ विद्वान “सरस्वतीकंठाभरण”, समरांगणसूत्रधार”, “युक्तिकल्पतरु”-जैसे ग्रंथों के रचयिता राजा भोज को भी ९वी से ११वी शताब्दी में रखते हैं जो गलत है. भविष्यमहापुराण में परमार राजाओं की वंशावली दी हुई है. इस वंशावली से भोज विक्रम की छठी पीढ़ी में आते हैं और इस प्रकार छठी-सातवी शताब्दी (मुहम्मद के समकालीन) में ही सिद्ध होते हैं.

Posted in हिन्दू पतन

●इस मंदिर पर पाक ने गिराए थे 3000 बम, मां के आशीर्वाद से एक भी न फटा●●इस मंदिर पर पाक ने गिराए थे 3000 बम, मां के आशीर्वाद से एक भी न फटा●●इस मंदिर पर पाक ने गिराए थे 3000 बम, मां के आशीर्वाद से एक भी न फटा●


Bharat Lalkaar added 4 new photos — with Suneel Pandeyand Ajaypratap Singh.
4 hrs ·

●इस मंदिर पर पाक ने गिराए थे 3000 बम, मां के आशीर्वाद से एक भी न फटा●

जोधपुर: जैसलमेर से थार रेगिस्तान में 120 किमी. दूर सीमा के पास स्थित है तनोट माता का सिद्ध मंदिर।

जैसलमेर में भारत पाक सीमा पर बने तनोट माता के मंदिर से भारत-पाकिस्तान युद्ध (1965 और 1971 की लड़ाई) की कई अजीबोगरीब यादें जुडी हुई हैं। यह मंदिर भारतीय सेना के फौजियों के लिये आस्था का केन्द्र रहा है।

राजस्थान के जैसलमेर क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना को परास्त करने में तनोट माता की भूमिका बड़ी अहम मानी जाती है। यहां तक मान्यता है कि माता ने सैनिकों की मदद की और पाकिस्तानी सेना को पीछे हटना पड़ा। इस घटना की याद में तनोट माता मंदिर के संग्रहालय में आज भी पाकिस्तान द्वारा दागे गये जीवित बम रखे हुए हैं।

1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 साल पूरे होने पर पाक सीमा से सटे एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहा हूँ जिस पर दुश्मन द्वारा दागे गए करीब 3000 तोप के गोले भी मंदिर को रत्ती भर भी नुकसान नहीं पहुंचा पाए थे।

3000 पाकिस्तानी तोप के गोले भी रहे बेअसर:

17 से 19 नवंबर 1965 को शत्रु ने तीन अलग-अलग दिशाओं से तनोट पर भारी आक्रमण किया। दुश्मन के तोपखाने जबर्दस्त आग उगलते रहे। तनोट की रक्षा के लिए मेजर जय सिंह की कमांड में 13 ग्रेनेडियर की एक कंपनी और सीमा सुरक्षा बल की दो कंपनियां दुश्मन की पूरी ब्रिगेड का सामना कर रही थी। 1965 की लड़ाई में पाकिस्तानी सेना कि तरफ से गिराए गए करीब 3000 बम भी इस मंदिर पर खरोच तक नहीं ला सके, यहां तक कि मंदिर परिसर में गिरे 450 बम तो फटे तक नहीं।

कब्जा करने उद्देश्य से पाकिस्तान ने भारत के इस हिस्से पर जबर्दस्त हमले किए लेकिन उन्हे कामयाबी नहीं मिली। अब तक गुमनाम रहा यह स्थान इसके बाद प्रसिद्ध हो गया। विश्वास किया जाता है कि तनोट माता के प्रताप से ऐसा हुआ। पाक सेना 4 किमी. अंदर तक हमारी सीमा में घुस आई थी। बाद में जब भारतीय सेना हावी हो गई, उन्होंने जवाबी आक्रमण किया जिससे पाकिस्तानी सेना को भयंकर नुकसान हुआ और वे पीछे लौट गयी।

माता का मंदिर जो अब तक सुरक्षा बलों का कवच बना रहा, शान्ति होने पर सुरक्षा बल इसका कवच बन गये। मंदिर को बीएसएफ ने अपने नियंत्रण में ले लिया। आज यहां का सारा प्रबन्ध सीमा सुरक्षा बल के हाथों में है। मंदिर के अन्दर ही एक संग्रहालय है जिसमें वे गोले भी रखे हुए हैं। पुजारी भी सैनिक ही है। सुबह-शाम आरती होती है।

मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर एक रक्षक तैनात रहता है, लेकिन प्रवेश करने से किसी को रोका नहीं जाता। फोटो खींचने पर भी कोई पाबंदी नहीं। इस मंदिर की ख्याति को हिंदी फिल्म ‘बॉर्डर’ की पटकथा में भी शामिल किया गया था। दरअसल, यह फिल्म ही 1965 युद्ध में लोंगोवाल पोस्ट पर पाकिस्तानी सेना के हमले पर बनी थी।

फोटो- राजस्थान के जैलसमेर में बॉर्डर पर स्थित तनोट माता का मंदिर।

फोटोः युद्ध में पाकिस्तानी सेना अपना टैंक तक छोड़ गई थी। वह अभी भी तनोट मंदिर से 38 किमी दूर लोंगोवाल गांव में रखा हुआ है। आज मंदिर आने वाला हर इंसान इसे देखने जरूर जाता है।

Bharat Lalkaar's photo.
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Posted in रामायण - Ramayan

SHREE RAMA’S COURT


JEWELS OF BHARATAM ……SERIES [TM]

SHREE RAMA’S COURT…AS SHOWN IN GAUTEMALA !!!

WAS HINDU SANATANA VEDIC CULTURE WAS FOLLOWED IN LATIN AMERICA’S … before christianity destroyed them . One of the most remarkable finds has been the deciphering of what is the archaeological sculpture ‘Panel 3 of Piedras Negras’ in Guatemala.

Panel No. 3 of Piedras Negras, Guatemala,depicts the coronation of the ‘Hero Twins’ of ‘Popul Voh’. Their story has a remarkable likeness to the story of ‘Luv and Kush’, the twins of ‘Ramayana’. In the panel, the two young boys on the right could be ‘Luv’ and ‘Kush’. In the centre is Sri Rama. On the left are Lakshman, Bharat and Shatrugna.

In the context of the Popul Voh, the text in Panel No. 3 of Piedras Negras has been interpreted as the depiction of the throne accession or coronation ceremony of the Hero Twins, the description of the palace and those attending the ceremony.

JEWELS OF BHARATAM ......SERIES [TM]

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WAS HINDU SANATANA VEDIC CULTURE WAS FOLLOWED IN LATIN AMERICA'S ... before christianity destroyed them . One of the most remarkable finds has been the deciphering of what is the archaeological sculpture 'Panel 3 of Piedras Negras' in Guatemala.

Panel No. 3 of Piedras Negras, Guatemala,depicts the coronation of the 'Hero Twins' of 'Popul Voh'. Their story has a remarkable likeness to the story of 'Luv and Kush', the twins of 'Ramayana'. In the panel, the two young boys on the right could be 'Luv' and 'Kush'. In the centre is Sri Rama. On the left are Lakshman, Bharat and Shatrugna.

In the context of the Popul Voh, the text in Panel No. 3 of Piedras Negras has been interpreted as the depiction of the throne accession or coronation ceremony of the Hero Twins, the description of the palace and those attending the ceremony.
Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

निम्नलिखित जानकारी शेयर करते रहेँ..!!


निम्नलिखित जानकारी शेयर करते रहेँ..!!

मोहनदास करमचन्द ने तो यहाँ तक कहा था की पूरा पंजाब पाकिस्तान में जाना चाहिए, बहुत कम लोगों को ज्ञात है की 1947 के समय में पंजाब की सीमा दिल्ली के नजफगढ़ क्षेत्र तक होती थी..

यानी की पाकिस्तान का बोर्डर दिल्ली के साथ होना तय था.. मोहनदास करमचन्द के अनुसार l

1966 और 1971 में पंजाब में से दो नये राज्यों का उदय हुआ .. हरियाणा और हिमाचल प्रदेश पाकिस्तान जैसा मुस्लिम राष्ट्र पाने के
बाद भी जिन्ना और मुस्लिम लीग चैन से नहीं बैठे उन्होंने फिर से मांग की…
की हमको पश्चिमी पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान (आधुनिक बांग्लादेश) जाने में
बहुत समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं…
पानी के रास्ते बहुत लम्बा सफर हो जाता है क्योंकि श्री लंका के रस्ते से घूम कर
जाना पड़ता है l और हवाई जहाज से यात्राएं करने में अभी पाकिस्तान के मुसलमान सक्षम नही हैं l इसलिए कुछ मांगें रखी गयीं:-

1. इसलिए हमको भारत के बीचो बीच एक Corridor बना कर दिया जाए..

2. जो लाहोर से ढाका तक जाता हो (NH– 1)

3. जो दिल्ली के पास से जाता हो …

4. जिसकी चौड़ाई कम से कम 10 मील की हो … (10 Miles = 16 KM)

5. इस पूरे Corridor में केवल मुस्लिम लोग ही रहेंगे l

30 जनवरी को गांधी वध यदि न होता, तो तत्कालीन परिस्थितियों में बच्चा बच्चा यह जानता था की यदि मोहनदास करमचन्द 3
फरवरी, 1948 को पाकिस्तान पहुँच गया तो इस मांग को भी …मान लिया जायेगा l

तात्कालिक परिस्थितियों के अनुसार तो मोहनदास करमचन्द किसी की बात
सुनने की स्थिति में था न ही समझने में …और समय
भी नहीं था जिसके कारण
हुतात्मा नाथूराम गोडसे
जी को गांधी वध जैसा अत्यधिक साहसी और
शौर्यतापूर्ण निर्णय लेना पडा l

परन्तु ….. अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले मोहनदास
करमचन्द के कुछ अहिंसक आतंकवादियों ने 30
जनवरी, 1948 की रात को ही पुणे में 6000 ब्राह्मणों को चुन चुन कर घर से निकाल निकाल कर जिन्दा जलाया l 10000 से ज्यादा ब्राह्मणों के घर और दुकानें जलाए गएl

¤हरि: ॐ¤
जय महाकाल.!!!

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मोहनदास करमचन्द ने तो यहाँ तक कहा था की पूरा पंजाब पाकिस्तान में जाना चाहिए, बहुत कम लोगों को ज्ञात है की 1947 के समय में पंजाब की सीमा दिल्ली के नजफगढ़ क्षेत्र तक होती थी..

यानी की पाकिस्तान का बोर्डर दिल्ली के साथ होना तय था.. मोहनदास करमचन्द के अनुसार l

1966 और 1971 में पंजाब में से दो नये राज्यों का उदय हुआ .. हरियाणा और हिमाचल प्रदेश पाकिस्तान जैसा मुस्लिम राष्ट्र पाने के
बाद भी जिन्ना और मुस्लिम लीग चैन से नहीं बैठे उन्होंने फिर से मांग की...
की हमको पश्चिमी पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान (आधुनिक बांग्लादेश) जाने में
बहुत समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं...
पानी के रास्ते बहुत लम्बा सफर हो जाता है क्योंकि श्री लंका के रस्ते से घूम कर
जाना पड़ता है l और हवाई जहाज से यात्राएं करने में अभी पाकिस्तान के मुसलमान सक्षम नही हैं l इसलिए कुछ मांगें रखी गयीं:-

1. इसलिए हमको भारत के बीचो बीच एक Corridor बना कर दिया जाए..

2. जो लाहोर से ढाका तक जाता हो (NH– 1)

3. जो दिल्ली के पास से जाता हो …

4. जिसकी चौड़ाई कम से कम 10 मील की हो … (10 Miles = 16 KM)

5. इस पूरे Corridor में केवल मुस्लिम लोग ही रहेंगे l

30 जनवरी को गांधी वध यदि न होता, तो तत्कालीन परिस्थितियों में बच्चा बच्चा यह जानता था की यदि मोहनदास करमचन्द 3
फरवरी, 1948 को पाकिस्तान पहुँच गया तो इस मांग को भी …मान लिया जायेगा l

तात्कालिक परिस्थितियों के अनुसार तो मोहनदास करमचन्द किसी की बात
सुनने की स्थिति में था न ही समझने में …और समय
भी नहीं था जिसके कारण
हुतात्मा नाथूराम गोडसे
जी को गांधी वध जैसा अत्यधिक साहसी और
शौर्यतापूर्ण निर्णय लेना पडा l

परन्तु ….. अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले मोहनदास
करमचन्द के कुछ अहिंसक आतंकवादियों ने 30
जनवरी, 1948 की रात को ही पुणे में 6000 ब्राह्मणों को चुन चुन कर घर से निकाल निकाल कर जिन्दा जलाया l 10000 से ज्यादा ब्राह्मणों के घर और दुकानें जलाए गएl

¤हरि: ॐ¤
जय महाकाल.!!!
Posted in राजनीति भारत की - Rajniti Bharat ki

क्या भारत का संविधान आम जनता को धोखा देता है …???


क्या भारत का संविधान आम जनता को धोखा देता है …???

आप खुद देखिये….

1- नेता चाहे तो 2 सीट से एक साथ चुनाव लड़ सकता है !!

लेकिन….
आप दो जगहों पर वोट नहीं डाल सकते,

2-आप जेल मे बंद हो तो वोट नहीं डाल सकते..

Lekin….
नेता जेल मे रहते हुए चुनाव लड सकता है.

3-आप कभी जेल गये थे,
तो
अब आपको जिंदगी भर कोई सरकारी
नौकरी नहीं मिलेगी,

Lekin….
नेता चाहे जितनी बार भी हत्या
या बलात्कार के मामले म े जेल
गया हो, वो प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति
जो चाहे बन सकता है,

4-बैंक में मामूली नौकरी पाने के लिये
आपका ग्रेजुएट होना जरूरी है..

Lekin…..
नेता अंगूठा छाप हो तो भी भारत
का फायनेन्स मिनिस्टर बन सकता है.

5-आपको सेना में एक मामूली
सिपाही की नौकरी पाने के लिये

डिग्री के साथ 10 किलोमीटेर दौड़ कर
भी दिखाना होगा,

लेकिन….
नेता यदि अनपढ़-गंवार
और

लूला-लंगड़ा है तो भी वह आर्मी,
नेवी
और ऐयर फोर्स का चीफ

यानि
डिफेन्स मिनिस्टर बन सकता है

और
जिसके पूरे खानदान में आज तक
कोई स्कूल नहीं गया.. वो नेता

देश का शिक्षा मंत्री बन सकता है

और
जिस नेता पर हजारों केस चल
रहे हों..

वो नेता पुलिस डिपार्टमेंट
का चीफ यानि कि गृह मंत्री बन सकता है.

सारा कुछ लिखना चाहूँ तो लाखों
पेज भर जायेंगे….

यदि
आपको लगता है की इस सिस्टम
को बदल देना चाहिये..

नेता और जनता, दोनो के लिये
एक ही कानून होना चाहिये..

तो
इस संदेश को फार्वड करके देश
में जागरुकता लाने में अपना सहयोग दें..

जय हिंद

 
Posted in हिन्दू पतन

भगवान गणेश


चलो भाई ! हो गई छुट्टी !!!
FIR फ़ाइल कर दी , अब अगले साल कोई और व्यक्ति आएगा , प्रश्न पूछेगा , हम उसकी निन्दा करेंगे और फिर FIR फ़ाइल कर देंगे ….फिर अगला साल ……
.
कितना ही अच्छा होता यदि ये हिन्दू लोग पूछे गए प्रश्न का सटीक उत्तर देते |
प्रश्न का उत्तर दे नहीं पाते और FIR करते फिरते हैं |
पिछले दो वर्ष पूर्व ही जाकिर नाइक ने प्रश्न किया था तब भी FIR कर के छोड़ दिया था …
इस वर्ष भी वही …
अगले वर्ष फिर कोई अन्य व्यक्ति आएगा और ये हिन्दू फिर FIR करेंगे |
अरे भाई हिन्दुओं ! कब तब बचते रहोगे इन प्रश्नों से ….
अपनी झूठी कहानियों को सुधार क्यों नहीं देते …यदि सुधारने की गुंजाइश नहीं तो नकार दो इनको …
/
सामान्य जानकारी के लिए रामगोपाल वर्मा ने निम्न प्रश्न किये थे
.
पहला ट्वीट: “क्या भगवान गणेश का ऐसा पेट उनके बचपन से था या यह सर के ऑपरेशन के समय उसे ऐसा बनाया गया” –
दूसरा ट्वीट: “क्या भगवान श्री गणेश अन्य भगवानों से ज्यादा खाते हैं, मुझे संदेह है क्योंकि अन्य भगवान उनसे पतले और देखने में सुन्दर लगते हैं”
तीसरा ट्वीट: “मेरा एक मासूम सा सवाल है, क्या कोई बता सकता है? जो भगवान अपने सर की रक्षा नहीं कर सकता वो दूसरे की रक्षा कैसे करेंगे?”
चौथा ट्वीट: “मैं सारे गणेश भक्तों से यह जानना चाहूंगा कि इतने वर्षों की प्रार्थना के बाद भगवान गणेश ने उनके कौन से दुःख हर दिए” -पांचवा ट्वीट: “भगवान श्री गणेश सूंड़ से खाते हैं या हाथों से?”
छठा ट्वीट: “क्या मुझे कोई बता सकता है कि आज के दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था या उनके सर को काटा गया था?”
.
मुझे समझ में नहीं आता इन प्रश्नों के उत्तर देने में हिन्दुओं को कहाँ अड़चन है , कौन सा प्रश्न कठिन है जो FIR का सहारा ले रहे हैं ?
.
http://ibnlive.in.com/news/case-filed-against-ram-gopal-varma-for-poking-fun-at-hindu-god-ganesha/496766-8-66.html

The Andheri Magistrate has posted the complaint for hearing on September 30…
IBNLIVE.IN.COM