छत्तीसगढ़ में मिला काशी विश्वनाथ जैसा 2 हजार साल पुराना शिवलिंग
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छत्तीसगढ़ में मिला काशी विश्वनाथ जैसा 2 हजार साल पुराना शिवलिंग
(साइट नंबर 15 की खुदाई के दौरान मिले मंदिर के अवशेषों के बीच 4 फीट लंबा 2.5 फीट की गोलाई वाला यह शिवलिंग निकला है।)
महासमुंद . खुदाई के दौरान सिरपुर में द्वादश ज्योतिर्लिंगों वाले पौरुष पत्थर से बना शिवलिंग मिला है। छत्तीसगढ़ के पुरातत्व सलाहकार अरुण कुमार शर्मा का दावा है कि यह दो हजार साल पुराना है और राज्य में मिला सबसे प्राचीन व विशाल शिवलिंग है।
वाराणसी के काशी विश्वनाथ और उज्जैन के महाकालेश्वर शिवलिंग जैसा है सिरपुर में in शिवलिंग। बेहद चिकना। पहली शताब्दी में सरभपुरिया राजाओं के द्वारा बनाए गए मंदिर के प्रमाण भी मिले। इस शिवलिंग में विष्णु सूत्र (जनेऊ) और असंख्य शिव धारियां हैं।
साइट नंबर 15 की खुदाई के दौरान मिले मंदिर के अवशेषों के बीच 4 फीट लंबा 2.5 फीट की गोलाई वाला यह शिवलिंग निकला है। बारहवीं शताब्दी में आए भूकंप और बाद में चित्रोत्पला महानदी की बाढ़ में पूरा मंदिर परिसर ढह गया था। मंदिर के खंभे नदी के किनारे चले गए। सिरपुर में कई सालों से चल रही खुदाई में सैकड़ों शिवलिंग मिले हैं। इनमें से गंधेश्वर की तरह यह शिवलिंग भी साबूत निकला।
भूकंप और बाढ़ से गंधेश्वर मंदिर भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। पर यहां मौजूद सफेद पत्थर से बना शिवलिंग सुरक्षित बच गया। सिरपुर में मिले गंधेश्वर शिवलिंग की विशेषता उससे निकलने वाली तुलसी के पौधे जैसी सुगंध से है।
सबसे प्राचीन मिलना बाकी पुरातत्व सलाहकार अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि ब्रिटिश पुरातत्ववेत्ता बैडलर ने 1862 में लिखे संस्मरण में एक विशाल शिवमंदिर का जिक्र किया है। लक्ष्मण मंदिर परिसर के दक्षिण में स्थित एक टीले के नीचे राज्य के संभवत: सबसे बड़े और प्राचीन शिव मंदिर की खुदाई होना बाकी है
