Posted in भारतीय मंदिर - Bharatiya Mandir

आपदा से पहले ही संकेत दे देता है ये कुंड —


--- आपदा से पहले ही संकेत दे देता है ये कुंड ---

छतरपुर, मध्य प्रदेश ... का ये कुंड वैसे तो देखने में एक साधारण कुण्ड लगता है, लेकिन इसकी खासियत है कि जब भी एशियाई महाद्वीप में कोई प्राकृतिक आपदा घटने वाली होती है तो इस कुण्ड का जलस्तर पहले ही खुद-ब-खुद बढ़ने लगता है। इस कुण्ड का पुराणों में नीलकुण्ड के नाम से जिक्र है, जबकि लोग अब इसे भीमकुण्ड के नाम से जानते हैं।
अब तक मापी नहीं जा सकी है कुंड की गहराई
भीमकुण्ड की गहराई अब तक नहीं मापी जा सकी है। कुण्ड के चमत्कारिक गुणों का पता चलते ही डिस्कवरी चैनल की एक टीम कुण्ड की गहराई मापने के लिए आई थी, लेकिन ये इतना गहरा है कि वे जितना नीचे गए उतना ही अंदर और इसका पानी दिखाई दिया। बाद में टीम वापिस लौट गई।
रोचक है इतिहास   ...  
कहते हैं अज्ञातवास के दौरान एक बार भीम को प्यास लगी, काफी तलाशने के बाद भी जब पानी नहीं मिला तो भीम ने जमीन में अपनी गदा पूरी शक्ति से मारी, जिससे इस कुण्ड से पानी निकल आया। इसलिए इसे भीमकुण्ड कहा जाता है।
भौगोलिक घटना से पहले देता है संकेत
जब भी कोई भौगोलिक घटना होने वाली होती है यहां का जलस्तर बढ़ने लगता है, जिससे क्षेत्रीय लोग प्राकृतिक आपदा का पहले ही अनुमान लगा लेते हैं। नोएडा और गुजरात में आए भूकंप के दौरान भी यहां का जलस्तर बढ़ा था। सुनामी के दौरान तो कुण्ड का जल 15 फीट ऊपर तक आ गया था।

— आपदा से पहले ही संकेत दे देता है ये कुंड —

छतरपुर, मध्य प्रदेश … का ये कुंड वैसे तो देखने में एक साधारण कुण्ड लगता है, लेकिन इसकी खासियत है कि जब भी एशियाई महाद्वीप में कोई प्राकृतिक आपदा घटने वाली होती है तो इस कुण्ड का जलस्तर पहले ही खुद-ब-खुद बढ़ने लगता है। इस कुण्ड का पुराणों में नीलकुण्ड के नाम से जिक्र है, जबकि लोग अब इसे भीमकुण्ड के नाम से जानते हैं।
अब तक मापी नहीं जा सकी है कुंड की गहराई
भीमकुण्ड की गहराई अब तक नहीं मापी जा सकी है। कुण्ड के चमत्कारिक गुणों का पता चलते ही डिस्कवरी चैनल की एक टीम कुण्ड की गहराई मापने के लिए आई थी, लेकिन ये इतना गहरा है कि वे जितना नीचे गए उतना ही अंदर और इसका पानी दिखाई दिया। बाद में टीम वापिस लौट गई।
रोचक है इतिहास …
कहते हैं अज्ञातवास के दौरान एक बार भीम को प्यास लगी, काफी तलाशने के बाद भी जब पानी नहीं मिला तो भीम ने जमीन में अपनी गदा पूरी शक्ति से मारी, जिससे इस कुण्ड से पानी निकल आया। इसलिए इसे भीमकुण्ड कहा जाता है।
भौगोलिक घटना से पहले देता है संकेत
जब भी कोई भौगोलिक घटना होने वाली होती है यहां का जलस्तर बढ़ने लगता है, जिससे क्षेत्रीय लोग प्राकृतिक आपदा का पहले ही अनुमान लगा लेते हैं। नोएडा और गुजरात में आए भूकंप के दौरान भी यहां का जलस्तर बढ़ा था। सुनामी के दौरान तो कुण्ड का जल 15 फीट ऊपर तक आ गया था।

Posted in खान्ग्रेस

कांग्रेस की दुर्दशा —


कांग्रेस की दुर्दशा —
पहले कांग्रेस के नेता सत्ता के नशे में “अहंकार”
में डूबे हुए मोदी का तिरस्कार करते थे —और —
मोदी के प्रति “ईर्ष्या” में भरे हुए उसे कोसने में
लगे हैं —
इतना ही नही राहुल गांधी के खिलाफ कोई बयान
ना दिया जाये इसके लिए कांग्रेस अपने नेताओं
को अपील कर रही है —16 सचिवों को राहुल से
राहुल के पक्ष में समर्थन का बयान लिया गया
है —
ए बी पी न्यूज़ के 5 एक्सपर्ट्स के पैनल ने राहुल
गांधी को 10 में 3 नंबर दे कर 100 दिन में फेल
घोषित किया है —
इससे बड़ी दुर्दशा पार्टी की और क्या हो सकती है –

Posted in हास्यमेव जयते

अगर ट्रेन के नाम नेताओं के नाम पर होते तो कैसी खबरें आती….


अगर ट्रेन के नाम नेताओं के नाम पर होते तो कैसी खबरें आती….

1. दिग्विजय एक्सप्रेस आज फिर से आरएसएस स्टेशन पर अटक गई।
.
2. पंजाब के यात्रियों ने मनमोहन मेल के खिलाफ शिकायत दर्ज की। उनका कहना है कि ट्रेन चुपचाप स्टेशन से आकर चली जाती है, सीटी तक नहीं बजाती। उन्हें पता नहीं चलता और ट्रेन छूट जाती है।
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3. केजरीवालएक्सप्रेस मोदी सुपरफास्ट एक्सप्रेस को ओवरटेक करने में दुर्घटनाग्रस्त।
.
4. यात्रियों द्वारा मोदी सुपरफास्ट का रूट गुजरात से बदलकर दिल्ली करने की मांग।
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5. एनडी तिवारी एक्सप्रेस में कई नाजायज डिब्बे जोड़े गए।
.
6. यात्रियों ने आडवाणी एक्सप्रेस में चढ़ने से इनकार किया।
.
7. नीतीश सेक्युलर एक्सप्रेस जो पहले दिल्ली तक जाती थी अब बिहार तक सफर करेगी। 8. आज राहुल टॉय ट्रेन कार्टून नेटवर्क जंक्शन से पोगो जंक्शन तक जाएगी।
.
9. भारत से इटली तक जाने वाली भारत की पहली अंतर्राष्ट्रीय सोनिया गांधी एक्सप्रेस में सीबीआई के डिब्बों को जोड़ा गया है।

Posted in PM Narendra Modi

क्या ख़ाक अच्छे दिन आये हैं ???


क्या ख़ाक अच्छे दिन आये हैं ???

जापान भारत में पांच साल में केवल 33 अरब डॉलर का निवेश करेगा!!!!

पेट्रोल 73 से सिर्फ 68 पर ही तो आया है !!!!

Sensex 19000-20000 से सिर्फ 27000 पर ही तो आया है !!!!

Nify 5000 से सिर्फ 7000 पर ही तो आया है !!!!

GDP लगभग 4 से 5.7 पर ही तो आई है !!!!

टमाटर 80 से सिर्फ 40 पर ही तो आये हैं !!!!

पूरे विश्व में सिर्फ चीन और पाकिस्तान को ही तो उनकी औकात दिखाई है !!!!

बस काला धन वापस लाने के लिए एसआईटी का गठन!!!

सिर्फ कुछ नर्सों को ही तो ईराक से सही सलामत वापिस लाया गया है !!!!

सिर्फ़ 2.5 करोड़ गरीबों के ही तो खाते खुले हैं !!!!

सिर्फ बुलेट ट्रेन ही तो चलानी है !!!!

सिर्फ विचाराधीन कैदियों को आज़ाद ही तो करेंगे !!!!

सिर्फ सरकार को ही तो जनता के प्रति जवाबदेह बनाया है !!!!

रिश्वतखोरी में सिर्फ कमी ही तो आई है !!!!

काहे के अच्छे दिन भाई ??????

अच्छे दिन तो तब होते जब 10000 करोड़ का 10-20 घोटाला होता

आज गधे गुलाब मांग रहे हैं!
चोर लुटेरे इन्साफ मांग रहे है !!
जो लूटते रहे हमे साठ सालो तक!
वो आज 100 दिन का हिसाब मांग रहे हैं !!!!

Posted in PM Narendra Modi

Modi great


पिछले पचास सालो से आज तक कभी भी जापान से अपनी सफल बुलेट ट्रेन तकनीक किसी भी देश को नही दी है … चूँकि जापान एक फाल्ट लाइन पर स्थित है इसलिए जापान में विश्व के सबसे अधिक भूकम्प आते है .. हर महीने में चार से आठ बार … जापान की बुलेट ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत ये है की यदि ५ की तीव्रता से ज्यादा का भूकम्प आने वाला हो तो बुलेट ट्रेन भूकम्प आने के एक मिनट पहले ही आटोमैटिक रुक जाती है …
हर ट्रेन में ऐसे सेंसर लगे है जो भूकम्प आने के पहले ही एक्टिवेट हो जाते है और ट्रेन को रोक देते है …
जापान ने पहली बार अपनी इस तकनीक को किसी देश को दिया है और वो देश भारत है..

पिछले पचास सालो से आज तक कभी भी जापान से अपनी सफल बुलेट ट्रेन तकनीक किसी भी देश को नही दी है ... चूँकि जापान एक फाल्ट लाइन पर स्थित है इसलिए जापान में विश्व के सबसे अधिक भूकम्प आते है .. हर महीने में चार से आठ बार ... जापान की बुलेट ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत ये है की यदि ५ की तीव्रता से ज्यादा का भूकम्प आने वाला हो तो बुलेट ट्रेन भूकम्प आने के एक मिनट पहले ही आटोमैटिक रुक जाती है ...
हर ट्रेन में ऐसे सेंसर लगे है जो भूकम्प आने के पहले ही एक्टिवेट हो जाते है और ट्रेन को रोक देते है ...
जापान ने पहली बार अपनी इस तकनीक को किसी देश को दिया है और वो देश भारत है..
Posted in नहेरु परिवार - Nehru Family

इंदिरा गाँधी


Yogesh Gaba shared a photo to the group Vote 4 BJP.
2 hrs ·
इंदिरा गाँधी का असली नाम मेमुना बेगम है अब ईस कहानी पे थोड़ी सी रोशनी डालता हूँ आप लोगो ईसे शेर करना ना भूले ............ इंदिरा गाँधी कुछ कडवी हकीकत से मैं भी आज आपको रूबरू करवाता हूँ !!! इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू राजवंश में अनैतिकता को नयी ऊँचाई पर पहुचाया. बौद्धिक इंदिरा को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया था लेकिन वहाँ से जल्दी ही पढाई में खराब प्रदर्शन के कारण बाहर निकाल दी गयी. उसके बाद उनको शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया था, लेकिन गुरु देव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने उन्हें उसके दुराचरण के लिए बाहर कर दिया. शान्तिनिकेतन से बहार निकाल जाने के बाद इंदिरा अकेली हो गयी. राजनीतिज्ञ के रूप में पिता राजनीति के साथ व्यस्त था और मां तपेदिक के स्विट्जरलैंड में मर रही थी. उनके इस अकेलेपन का फायदा फ़िरोज़ खान नाम के व्यापारी ने उठाया. फ़िरोज़ खान मोतीलाल नेहरु के घर पे मेहेंगी विदेशी शराब की आपूर्ति किया करता था. फ़िरोज़ खान और इंदिरा के बीच प्रेम सम्बन्ध स्थापित हो गए. महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल डा. श्री प्रकाश नेहरू ने चेतावनी दी, कि फिरोज खान के साथ अवैध संबंध बना रहा था. 

फिरोज खान इंग्लैंड में तो था और इंदिरा के प्रति उसकी बहुत सहानुभूति थी. जल्द ही वह अपने धर्म का त्याग कर,एक मुस्लिम महिला बनीं और लंदन केएक मस्जिद में फिरोज खान से उसकी शादी हो गयी. इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू ने नया नाम मैमुना बेगम रख लिया. उनकी मां कमला नेहरू इस शादी से काफी नाराज़ थी जिसके कारण उनकी तबियत और ज्यादा बिगड़ गयी. नेहरू भी इस धर्म रूपांतरण से खुश नहीं थे क्युकी इससे इंदिरा के प्रधानमंत्री बन्ने की सम्भावना खतरे में आ गयी. तो, नेहरू ने युवा फिरोज खान से कहा कि अपना उपनाम खान से गांधी कर लो. परन्तु इसका इस्लाम से हिंदू धर्म में परिवर्तन के साथ कोई लेना - देना नहीं था. यह सिर्फ एक शपथ पत्र द्वारा नाम परिवर्तन का एक मामला था. और फिरोज खान फिरोज गांधी बन गया है, हालांकि यह बिस्मिल्लाह शर्मा की तरह एक असंगत नाम है. दोनों ने ही भारत की जनता को मूर्ख बनाने के लिए नाम बदला था. जब वे भारत लौटे, एक नकली वैदिक विवाह जनता के उपभोग के लिए स्थापित किया गया था. 
इस प्रकार, इंदिरा और उसके वंश को काल्पनिक नाम गांधी मिला. नेहरू और गांधी दोनों फैंसी नाम हैं. जैसे एक गिरगिट अपना रंग बदलती है, वैसे ही इन लोगो ने अपनीअसली पहचान छुपाने के लिए नाम बदले. . के.एन. राव की पुस्तक "नेहरू राजवंश" (10: 8186092005 ISBN) में यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है संजय गांधी फ़िरोज़ गांधी का पुत्र नहीं था, जिसकी पुष्टि के लिए उस पुस्तक में अनेक तथ्यों कोसामने रखा गया है. उसमे यह साफ़ तौर पे लिखा हुआ है की संजय गाँधी एक और मुस्लिम मोहम्मद यूनुस नामक सज्जन का बेटा था. दिलचस्प बात यह है की एक सिख लड़की मेनका का विवाह भी संजय गाँधी के साथ मोहम्मद यूनुस के घरमें ही हुआ था. मोहम्मद यूनुस ही वह व्यक्ति था जो संजय गाँधी की विमान दुर्घटना के बाद सबसे ज्यादा रोया था. 'यूनुस की पुस्तक "व्यक्ति जुनून और राजनीति" (persons passions and politics )(ISBN-10: 0706910176) में साफ़ लिखा हुआ है की संजय गाँधी के जन्म के बाद उनका खतना पूरे मुस्लिम रीति रिवाज़ के साथ किया गया था. कैथरीन फ्रैंक की पुस्तक "the life of Indira Nehru Gandhi (ISBN: 9780007259304) में इंदिरा गांधी के अन्य प्रेम संबंधों के कुछ पर प्रकाश डाला है. यह लिखा है कि इंदिरा का पहला प्यार शान्तिनिकेतन में जर्मन शिक्षक के साथ था. बाद में वह एमओ मथाई, (पिता के सचिव) धीरेंद्र ब्रह्मचारी (उनके योग शिक्षक) के साथ और दिनेश सिंह (विदेश मंत्री) के साथ भी अपने प्रेम संबंधो के लिए प्रसिद्द हुई.पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने इंदिरा गांधी के मुगलों के लिए संबंध के बारे में एक दिलचस्परहस्योद्घाटन किया अपनी पुस्तक "profiles and letters " (ISBN: 8129102358 ) में किया. यह कहा गया है कि 1968 में इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री के रूप में अफगानिस्तान की सरकारी यात्रा पर गयी थी .

नटवरसिंह एक आईएफएस अधिकारी के रूप में इस दौरे पे गए थे. दिन भर के कार्यक्रमों के होने के बाद इंदिरा गांधी को शाम में सैर के लिए बाहर जाना था . कार में एक लंबी दूरी जाने के बाद,इंदिरा गांधी बाबर की कब्रगाह के दर्शन करना चाहती थी, हालांकि यह इस यात्रा कार्यक्रम में शामिल नहींकिया गया. अफगान सुरक्षा अधिकारियों ने उनकी इस इच्छा पर आपत्ति जताई पर इंदिरा अपनी जिद पर अड़ी रही . अंत में वह उस कब्रगाह पर गयी . यह एक सुनसान जगहथी. वह बाबर की कब्र पर सर झुका कर आँखें बंद करके कड़ी रही और नटवर सिंह उसके पीछे खड़े थे . जब इंदिरा ने उसकी प्रार्थना समाप्तकर ली तब वह मुड़कर नटवर से बोली "आज मैंने अपने इतिहास को ताज़ा कर लिया (Today we have had our brush with history ". यहाँ आपको यह बता दे की बाबर मुग़ल साम्राज्य का संस्थापक था, और नेहरु खानदान इसी मुग़ल साम्राज्य से उत्पन्न हुआ. इतने सालो से भारतीय जनता इसी धोखे मेंहै की नेहरु एक कश्मीरी पंडित था....जो की सरासर गलत तथ्य है..... इस तरह इन नीचो ने भारत में अपनी जड़े जमाई जो आज एक बहुत बड़े वृक्ष में तब्दील हो गया हैं , जिसकी महत्वाकांक्षी शाखाओ ने माँ भारती को आज बहुत जख्मी कर दिया हैं ,,यह मेरा एक प्रयास हैं आज ,,कि आज इस सोशल मीडिया के माध्यम से ही सही मगर हकीकत से रूबरू करवा सकू !!! ,,,बाकी देश के प्रति यदि आपकी भी कुछ जिम्मेदारी बनती हो..

इंदिरा गाँधी का असली नाम मेमुना बेगम है अब ईस कहानी पे थोड़ी सी रोशनी डालता हूँ आप लोगो ईसे शेर करना ना भूले ………… इंदिरा गाँधी कुछ कडवी हकीकत से मैं भी आज आपको रूबरू करवाता हूँ !!! इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू राजवंश में अनैतिकता को नयी ऊँचाई पर पहुचाया. बौद्धिक इंदिरा को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया था लेकिन वहाँ से जल्दी ही पढाई में खराब प्रदर्शन के कारण बाहर निकाल दी गयी. उसके बाद उनको शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया था, लेकिन गुरु देव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने उन्हें उसके दुराचरण के लिए बाहर कर दिया. शान्तिनिकेतन से बहार निकाल जाने के बाद इंदिरा अकेली हो गयी. राजनीतिज्ञ के रूप में पिता राजनीति के साथ व्यस्त था और मां तपेदिक के स्विट्जरलैंड में मर रही थी. उनके इस अकेलेपन का फायदा फ़िरोज़ खान नाम के व्यापारी ने उठाया. फ़िरोज़ खान मोतीलाल नेहरु के घर पे मेहेंगी विदेशी शराब की आपूर्ति किया करता था. फ़िरोज़ खान और इंदिरा के बीच प्रेम सम्बन्ध स्थापित हो गए. महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल डा. श्री प्रकाश नेहरू ने चेतावनी दी, कि फिरोज खान के साथ अवैध संबंध बना रहा था.

फिरोज खान इंग्लैंड में तो था और इंदिरा के प्रति उसकी बहुत सहानुभूति थी. जल्द ही वह अपने धर्म का त्याग कर,एक मुस्लिम महिला बनीं और लंदन केएक मस्जिद में फिरोज खान से उसकी शादी हो गयी. इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू ने नया नाम मैमुना बेगम रख लिया. उनकी मां कमला नेहरू इस शादी से काफी नाराज़ थी जिसके कारण उनकी तबियत और ज्यादा बिगड़ गयी. नेहरू भी इस धर्म रूपांतरण से खुश नहीं थे क्युकी इससे इंदिरा के प्रधानमंत्री बन्ने की सम्भावना खतरे में आ गयी. तो, नेहरू ने युवा फिरोज खान से कहा कि अपना उपनाम खान से गांधी कर लो. परन्तु इसका इस्लाम से हिंदू धर्म में परिवर्तन के साथ कोई लेना – देना नहीं था. यह सिर्फ एक शपथ पत्र द्वारा नाम परिवर्तन का एक मामला था. और फिरोज खान फिरोज गांधी बन गया है, हालांकि यह बिस्मिल्लाह शर्मा की तरह एक असंगत नाम है. दोनों ने ही भारत की जनता को मूर्ख बनाने के लिए नाम बदला था. जब वे भारत लौटे, एक नकली वैदिक विवाह जनता के उपभोग के लिए स्थापित किया गया था.
इस प्रकार, इंदिरा और उसके वंश को काल्पनिक नाम गांधी मिला. नेहरू और गांधी दोनों फैंसी नाम हैं. जैसे एक गिरगिट अपना रंग बदलती है, वैसे ही इन लोगो ने अपनीअसली पहचान छुपाने के लिए नाम बदले. . के.एन. राव की पुस्तक “नेहरू राजवंश” (10: 8186092005 ISBN) में यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है संजय गांधी फ़िरोज़ गांधी का पुत्र नहीं था, जिसकी पुष्टि के लिए उस पुस्तक में अनेक तथ्यों कोसामने रखा गया है. उसमे यह साफ़ तौर पे लिखा हुआ है की संजय गाँधी एक और मुस्लिम मोहम्मद यूनुस नामक सज्जन का बेटा था. दिलचस्प बात यह है की एक सिख लड़की मेनका का विवाह भी संजय गाँधी के साथ मोहम्मद यूनुस के घरमें ही हुआ था. मोहम्मद यूनुस ही वह व्यक्ति था जो संजय गाँधी की विमान दुर्घटना के बाद सबसे ज्यादा रोया था. ‘यूनुस की पुस्तक “व्यक्ति जुनून और राजनीति” (persons passions and politics )(ISBN-10: 0706910176) में साफ़ लिखा हुआ है की संजय गाँधी के जन्म के बाद उनका खतना पूरे मुस्लिम रीति रिवाज़ के साथ किया गया था. कैथरीन फ्रैंक की पुस्तक “the life of Indira Nehru Gandhi (ISBN: 9780007259304) में इंदिरा गांधी के अन्य प्रेम संबंधों के कुछ पर प्रकाश डाला है. यह लिखा है कि इंदिरा का पहला प्यार शान्तिनिकेतन में जर्मन शिक्षक के साथ था. बाद में वह एमओ मथाई, (पिता के सचिव) धीरेंद्र ब्रह्मचारी (उनके योग शिक्षक) के साथ और दिनेश सिंह (विदेश मंत्री) के साथ भी अपने प्रेम संबंधो के लिए प्रसिद्द हुई.पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने इंदिरा गांधी के मुगलों के लिए संबंध के बारे में एक दिलचस्परहस्योद्घाटन किया अपनी पुस्तक “profiles and letters ” (ISBN: 8129102358 ) में किया. यह कहा गया है कि 1968 में इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री के रूप में अफगानिस्तान की सरकारी यात्रा पर गयी थी .

नटवरसिंह एक आईएफएस अधिकारी के रूप में इस दौरे पे गए थे. दिन भर के कार्यक्रमों के होने के बाद इंदिरा गांधी को शाम में सैर के लिए बाहर जाना था . कार में एक लंबी दूरी जाने के बाद,इंदिरा गांधी बाबर की कब्रगाह के दर्शन करना चाहती थी, हालांकि यह इस यात्रा कार्यक्रम में शामिल नहींकिया गया. अफगान सुरक्षा अधिकारियों ने उनकी इस इच्छा पर आपत्ति जताई पर इंदिरा अपनी जिद पर अड़ी रही . अंत में वह उस कब्रगाह पर गयी . यह एक सुनसान जगहथी. वह बाबर की कब्र पर सर झुका कर आँखें बंद करके कड़ी रही और नटवर सिंह उसके पीछे खड़े थे . जब इंदिरा ने उसकी प्रार्थना समाप्तकर ली तब वह मुड़कर नटवर से बोली “आज मैंने अपने इतिहास को ताज़ा कर लिया (Today we have had our brush with history “. यहाँ आपको यह बता दे की बाबर मुग़ल साम्राज्य का संस्थापक था, और नेहरु खानदान इसी मुग़ल साम्राज्य से उत्पन्न हुआ. इतने सालो से भारतीय जनता इसी धोखे मेंहै की नेहरु एक कश्मीरी पंडित था….जो की सरासर गलत तथ्य है….. इस तरह इन नीचो ने भारत में अपनी जड़े जमाई जो आज एक बहुत बड़े वृक्ष में तब्दील हो गया हैं , जिसकी महत्वाकांक्षी शाखाओ ने माँ भारती को आज बहुत जख्मी कर दिया हैं ,,यह मेरा एक प्रयास हैं आज ,,कि आज इस सोशल मीडिया के माध्यम से ही सही मगर हकीकत से रूबरू करवा सकू !!! ,,,बाकी देश के प्रति यदि आपकी भी कुछ जिम्मेदारी बनती हो..

Posted in PM Narendra Modi

मोदी सरकार के 100 दिनों का हिसाब मोदी सरकार के 100 दिनों का हिसाब मोदी सरकार के 100 दिनों का हिसाब modi


मोदी सरकार के 100 दिनों का हिसाब
1. भारत देश को १०० दिनों में एक बेहद मजबूत इरादों वाला, प्रभावशाली, बुलंद हौसलौ वाला ऐसा प्रधानमंत्री जिसमें प्रधानमंत्री वाली बात है
2 . हमारा प्रधानमंत्री चोर लुटेरा नहीं है। गूंगा बहरा नहीं है रोबोट नहीं है जब बोलते हैं तो लोग सोते नहीं है
3. निष्पक्ष है जो सही को सही तथा गलत को गलत कहने में तथाकथित फर्जी धर्मनिपेक्षता का चोला नहीं पहनते हैं।
4. विदेशी ताकतों के हाथों की कठपुतली नहीं है ना ही किसी विदेशी महिला के गुलाम, मोदी जी तो भारत देश के लोगों के दिलों पर राज करने वाले राजा है।
5. पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने महज १०० दिनों में बडे बडे प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है
6. पहली ऐसी सरकार है जिसने खुले शब्दों में सेना को पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने को कहा है।
7. पहली ऐसी सरकार जिसके महज १०० दिनों में नेपाल, भूटान तथा जापान से संबंध बेहतर हो गये बल्कि वहां के नेताओं से लेकर जनता तक सभी मोदी के दिवाने हो गये हैं।
8. विपक्ष के नेता भी मन में तो मोदी के नेतृत्व और बेबाकपन का लोहा मान रहे हैं और अपनी पार्टी के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं बल्कि अच्छे नेता तो मौका लगते ही बीजेपी में शामिल होने के लिए मेहनत कर रहे हैं।
9. हमारा प्रधानमंत्री महत तुष्टिकरण की राजनीति कर देश को मिटने नहीं देगा और ना झुकने देगा

10. जितना मुगलों तथा अंग्रेजो ने पिछले १००० सालो मे देश को नहीं लुटा था उससे कहीं ज्यादा पिछले ६० सालों में देश लुटा हैं पिछले १० सालों में तो बिल्कुल नर्क हि मचा दिया गया था। एक तरह से खोखले कर दिये गये देश का प्रधानमंत्री चुना है हमें देश की हालत सुधारने के लिए मोदी जी को समय देना चाहिए देना होगा इसी के लिए तो उन्हें प्रधानमंत्री चुना है।
11. सबने मोदी जी जलवा देखा जब ईराक मै फंसे हजारों काम करने वाले पुरुषों तथा नर्सो को मोदी जी बडी कुशलता पूर्वक सुरक्षित ले आयें
1२. जब हम अपने घर में कुछ मेंटीनेंस का काम करते हैं तो क्या पैसे की जरूरत नहीं होती? इसी तरह जब मोदी जी देश का मेंटीनेंस करेंगे तो पैसे कंहा से आयेंगे हमें मोदी जी को हैल्प करना होगा उन्होंने खुद कहा है कि मै प्रधानमंत्री नही देश का प्रधान सेवक हूं। हां वे हमारे पैसे को बर्बाद नहीं करेंगे ऐसा ही सोचकर तो हमने उन्हें देश का प्रधानमंत्री चुना है बेफिक्र रहे मोदी राज में अगर महँगाई २ ₹ बढ़ेगी तो कमाई कम से कम ४₹ बढ़ेंगी
अगर १०० दिनों का हिसाब पसन्द आये तो लाइक जरूर करें

मोदी सरकार के 100 दिनों का हिसाब 
1. भारत देश को १०० दिनों में एक बेहद मजबूत इरादों वाला, प्रभावशाली, बुलंद हौसलौ वाला ऐसा प्रधानमंत्री जिसमें प्रधानमंत्री वाली बात है 
2 . हमारा प्रधानमंत्री चोर लुटेरा नहीं है। गूंगा बहरा नहीं है रोबोट नहीं है जब बोलते हैं तो लोग सोते नहीं है 
3. निष्पक्ष है जो सही को सही तथा गलत को गलत कहने में तथाकथित फर्जी धर्मनिपेक्षता का चोला नहीं पहनते हैं। 
4. विदेशी ताकतों के हाथों की कठपुतली नहीं है ना ही किसी विदेशी महिला के गुलाम, मोदी जी तो भारत देश के लोगों के दिलों पर राज करने वाले राजा है। 
5. पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने महज १०० दिनों में बडे बडे प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है 
6. पहली ऐसी सरकार है जिसने खुले शब्दों में सेना को पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने को कहा है। 
7. पहली ऐसी सरकार जिसके महज १०० दिनों में नेपाल, भूटान तथा जापान से संबंध बेहतर हो गये बल्कि वहां के नेताओं से लेकर जनता तक सभी मोदी के दिवाने हो गये हैं। 
8. विपक्ष के नेता भी मन में तो मोदी के नेतृत्व और बेबाकपन का लोहा मान रहे हैं और अपनी पार्टी के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं बल्कि अच्छे नेता तो मौका लगते ही बीजेपी में शामिल होने के लिए मेहनत कर रहे हैं। 
9. हमारा प्रधानमंत्री महत तुष्टिकरण की राजनीति कर देश को मिटने नहीं देगा और ना झुकने देगा

10. जितना मुगलों तथा अंग्रेजो ने पिछले १००० सालो मे देश को नहीं लुटा था उससे कहीं ज्यादा पिछले ६० सालों में देश लुटा हैं पिछले १० सालों में तो बिल्कुल नर्क हि मचा दिया गया था। एक तरह से खोखले कर दिये गये देश का प्रधानमंत्री चुना है हमें देश की हालत सुधारने के लिए मोदी जी को समय देना चाहिए देना होगा इसी के लिए तो उन्हें प्रधानमंत्री चुना है। 
11. सबने मोदी जी जलवा देखा जब ईराक मै फंसे हजारों काम करने वाले पुरुषों तथा नर्सो को मोदी जी बडी कुशलता पूर्वक सुरक्षित ले आयें 
1२. जब हम अपने घर में कुछ मेंटीनेंस का काम करते हैं तो क्या पैसे की जरूरत नहीं होती? इसी तरह जब मोदी जी देश का मेंटीनेंस करेंगे तो पैसे कंहा से आयेंगे हमें मोदी जी को हैल्प करना होगा उन्होंने खुद कहा है कि मै प्रधानमंत्री नही देश का प्रधान सेवक हूं। हां वे हमारे पैसे को बर्बाद नहीं करेंगे ऐसा ही सोचकर तो हमने उन्हें देश का प्रधानमंत्री चुना है बेफिक्र रहे मोदी राज में अगर महँगाई २ ₹ बढ़ेगी तो कमाई कम से कम ४₹ बढ़ेंगी 
अगर १०० दिनों का हिसाब पसन्द आये तो लाइक जरूर करें
Posted in रामायण - Ramayan

ईश्वर एक है.निराकार है.किन्तु प्राणियों के कल्याण हेतु विभिन्न रूपों में साकार अवतार लेते है


ईश्वर एक है.निराकार है.किन्तु प्राणियों के कल्याण हेतु विभिन्न रूपों में साकार अवतार लेते है.इसीलिए हमारे सभी देवी-देवताओ की मूर्तिया है..ईश्वर निराकार से भक्तो को साकार रूप में दर्शन देकर पुनः अदृश्य हो जाते है..इसी अद्भुत ईश्वरीय गुण के कारण ही हम उन्हें ईश्वर कहते है.

भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जब अपना विराट साकार स्वरुप दिखाया.तब अर्जुन ने उनको ईश्वर माना..इसके पहले श्रीकृष्ण केवल रथ के सारथी और सखा थे..यदि केवल निराकार रूप ही रहता तो हम उनको गिन भी नहीं सकते है..वह नहीं भी हो सकता है..किसी भी निराकार अदृश्य रूप को गिनना असम्भव है…दृश्य चीजो को ही गिन सकते है..

वैसे तो हमारे देवी-देवता केवल पृथ्वी पर ही नहीं है.बल्कि पुरे ब्रह्माण्ड में व्याप्त है.अंतरिक्ष में भी है..वायु भी हमारे देवता है.अग्नि,जल आदि भी देवता है.सूर्य चन्द्रमा ये भी हमारे देवता है..

इस्लाम का अल्लाह एक है निराकार है.यह बात पूरी तरह झूठी है..अल्लाह को आज तक कोई भी नहीं देखा.न गिना.न कोई फोटो न मूर्ति है.जिससे विश्वास हो..तब सिर्फ एक अरबी आदमी मुहम्मद की बातो पर हम कैसे विश्वास कर ले–वह भी 1400 साल बीतने के बाद भी कोई नहीं देख सका. सिर्फ अफवाह-हल्ला-

सनातन हिन्दू धर्म में कितने देवता हैं ? कुछ लोग 33 करोड़ तो कुछ 33 प्रकार के बतलाते हैं । इस विषय में हम वेदों का शिरोभाग जिसे उपनिषद् कहते हैं उससे इस विषय को प्रस्तुत करते हैं ——बृहदारण्यक उपनिषद् में शाकल्य ऋषि ने याज्ञवल्क्य महर्षि से पूछा –देवता कितने हैं —कति देवाः ? याज्ञवल्क्य जी ने अन्तम उत्तर देते हुए कहा ——-33 ही देवता हैं —– त्रयस्त्रिंशत्त्वेव देवाः। अब प्रश्न हुआ –वे 33 देवता कौन कौन हैं ? इसका उत्तर दिया गया ——
8 वसु
11 रुद्र
12 आदित्य
1इन्द्र
1प्रजापति
कुल योग = 33
यही 33 देवता हैं । —–. बृहदारण्यकोपनिषद्9/3/1-2
इस प्रकार वेद में 33 ही देवता कहे गये हैं । यहां कहीं भी –33 कोटि देवता –ऐसे शब्द का प्रयोग ही नहीं है। जिससे हमें कोटि शब्द के अर्थ को बतलाने के लिए बाध्य होना पड़े ।
ये 33 देवता भी एक ही देवता = परमात्मा =ब्रह्म =भगवान् के विभिन्न रूप हैं । वस्तुतः एक ही देव है जो भिन्न भिन्न प्रकार से अनेक नामों से कहा गया है—एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति –ऋग्वेद,वही एक देव सर्वत्र व्याप्त (समाया) हुआ है —एको देवः सर्वभूतेषु गूढः —-श्वेताश्वतरोपनिषद्-6/11. हमारा सनातन हिन्दू धर्म मुस्लिम या इशायियों की भांति छुद्र विचारधारा वाला नहीं है । यहां तो यह उस समय ही विनिर्णीत हो चुका कि जो कुछ दिखायी या सुनायी देता है वह सब वही एक देव है — सर्वं खल्विदं ब्रह्म—3/14/1.
अतः हमारे सनातन धर्म में मूलतः एक ही देव हैं जिन्हे हम इन 33 देवताओं की बात क्या , सम्पूर्ण विश्व को उन्ही का रूप देखते हैं । इसलिए आज तक हिन्दुओं में किसी ने भी अन्य धर्मानुयायी को धर्मपरिवर्तन के लिए बाध्य क्या प्रेरित भी नही किया । जैसा कि इशाई और मुस्लिम कर रहे हैं ।
जिन्हें अभी भी इस विषय में सन्देह हो उन्हें अपनी विमल मेधा का प्रयोग करके ब्रह्मसूत्र के “देवताधिकरण” -अध्याय 1/पाद 3/अधिकरण 8/सूत्र 27. का शांकर भाष्य एवं उसकी भामती टीका जैसे ग्रन्थों का अवलोकन करना चाहिए
TP Shukla

ईश्वर एक है.निराकार है.किन्तु प्राणियों के कल्याण हेतु विभिन्न रूपों में साकार अवतार लेते है.इसीलिए हमारे सभी देवी-देवताओ की मूर्तिया है..ईश्वर निराकार से भक्तो को साकार रूप में दर्शन देकर पुनः अदृश्य हो जाते है..इसी अद्भुत ईश्वरीय गुण के कारण ही हम उन्हें ईश्वर कहते है. भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जब अपना विराट साकार स्वरुप दिखाया.तब अर्जुन ने उनको ईश्वर माना..इसके पहले श्रीकृष्ण केवल रथ के सारथी और सखा थे..यदि केवल निराकार रूप ही रहता तो हम उनको गिन भी नहीं सकते है..वह नहीं भी हो सकता है..किसी भी निराकार अदृश्य रूप को गिनना असम्भव है...दृश्य चीजो को ही गिन सकते है.. वैसे तो हमारे देवी-देवता केवल पृथ्वी पर ही नहीं है.बल्कि पुरे ब्रह्माण्ड में व्याप्त है.अंतरिक्ष में भी है..वायु भी हमारे देवता है.अग्नि,जल आदि भी देवता है.सूर्य चन्द्रमा ये भी हमारे देवता है.. इस्लाम का अल्लाह एक है निराकार है.यह बात पूरी तरह झूठी है..अल्लाह को आज तक कोई भी नहीं देखा.न गिना.न कोई फोटो न मूर्ति है.जिससे विश्वास हो..तब सिर्फ एक अरबी आदमी मुहम्मद की बातो पर हम कैसे विश्वास कर ले--वह भी 1400 साल बीतने के बाद भी कोई नहीं देख सका. सिर्फ अफवाह-हल्ला- सनातन हिन्दू धर्म में कितने देवता हैं ? कुछ लोग 33 करोड़ तो कुछ 33 प्रकार के बतलाते हैं । इस विषय में हम वेदों का शिरोभाग जिसे उपनिषद् कहते हैं उससे इस विषय को प्रस्तुत करते हैं ------बृहदारण्यक उपनिषद् में शाकल्य ऋषि ने याज्ञवल्क्य महर्षि से पूछा --देवता कितने हैं ---कति देवाः ? याज्ञवल्क्य जी ने अन्तम उत्तर देते हुए कहा -------33 ही देवता हैं ----- त्रयस्त्रिंशत्त्वेव देवाः। अब प्रश्न हुआ --वे 33 देवता कौन कौन हैं ? इसका उत्तर दिया गया ------ 8 वसु 11 रुद्र 12 आदित्य 1इन्द्र 1प्रजापति कुल योग = 33 यही 33 देवता हैं । -----. बृहदारण्यकोपनिषद्9/3/1-2 इस प्रकार वेद में 33 ही देवता कहे गये हैं । यहां कहीं भी --33 कोटि देवता --ऐसे शब्द का प्रयोग ही नहीं है। जिससे हमें कोटि शब्द के अर्थ को बतलाने के लिए बाध्य होना पड़े । ये 33 देवता भी एक ही देवता = परमात्मा =ब्रह्म =भगवान् के विभिन्न रूप हैं । वस्तुतः एक ही देव है जो भिन्न भिन्न प्रकार से अनेक नामों से कहा गया है---एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति --ऋग्वेद,वही एक देव सर्वत्र व्याप्त (समाया) हुआ है ---एको देवः सर्वभूतेषु गूढः ----श्वेताश्वतरोपनिषद्-6/11. हमारा सनातन हिन्दू धर्म मुस्लिम या इशायियों की भांति छुद्र विचारधारा वाला नहीं है । यहां तो यह उस समय ही विनिर्णीत हो चुका कि जो कुछ दिखायी या सुनायी देता है वह सब वही एक देव है --- सर्वं खल्विदं ब्रह्म---3/14/1. अतः हमारे सनातन धर्म में मूलतः एक ही देव हैं जिन्हे हम इन 33 देवताओं की बात क्या , सम्पूर्ण विश्व को उन्ही का रूप देखते हैं । इसलिए आज तक हिन्दुओं में किसी ने भी अन्य धर्मानुयायी को धर्मपरिवर्तन के लिए बाध्य क्या प्रेरित भी नही किया । जैसा कि इशाई और मुस्लिम कर रहे हैं । जिन्हें अभी भी इस विषय में सन्देह हो उन्हें अपनी विमल मेधा का प्रयोग करके ब्रह्मसूत्र के "देवताधिकरण" -अध्याय 1/पाद 3/अधिकरण 8/सूत्र 27. का शांकर भाष्य एवं उसकी भामती टीका जैसे ग्रन्थों का अवलोकन करना चाहिए TP Shukla
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जय श्री राम


“जय श्री राम” के उद्घोष से बौखलाई मुल्ला परस्त मिडिया….. शपथ ग्रहण के तुरंत बाद कल्याण सिंह जी को घेरते हुए “जय श्री राम” उद्घोष पर सफाई मांगी….. NDTV की महिला पत्रकार ने कहा कि कल्याण सिंह को इसमें कोई खराबी नजर नहीं आती……????

इन मुल्ला परस्त मिडिया वालों को “जय श्री राम” में भी खराबी नजर आने लगी….????

जय श्री राम के उद्घोष पर ABP News को बाबरी मस्जिद याद आई और इन्होने बाबरी का रोना रोया तो कुछ न्यूज़ चैनलों ने इसे भगवा ब्रिगेड (भाजपा) का स्लोगन बता दिया

जय श्री राम के नारे लगने पर कल्याण सिंह से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”नारे लगाना कोई गुनाह नहीं है. नारे श्रद्धा की वजह से लगे.”

कांग्रेस के अखिलेश सिंह ने नीचता की सारी हदें पार करते हुए “जय श्री राम” के उद्घोष पर भी गृहमंत्रालय से स्पष्टीकरण मांग लिया……!!!

मिडिया की मुल्ला परस्ती का विडिओ देखें (NDTV)
http://khabar.ndtv.com/video/show/news/336877

ABP News बाबरी पर रोना धोना
http://abpnews.abplive.in/ind/2014/09/04/article392623.ece/kalyan_singh_became_governer#.VAg8L_mSzfI