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देश विभाजन के समय


देश विभाजन के समय सभी मुसलमानोंको देश से भगायाहोता तो कोई दंगा फसाद नही होता कांग्रेस्स ने मुसलमानोंको पाकिस्तान जाने से रोका ओर उन्हे अपना वोट बैंक बनालिया !

Posted in भारतीय मंदिर - Bharatiya Mandir

In 1879, when the British were ruling India


MUST READ.. A True Story!!
In 1879, when the British were ruling India, Lt. Col. Martin of Agar Malva was leading the army in the war against Afghanistan.
Col. Martin used to regularly send messages of his well-being to his wife. The war continued for long & Lady Martin stopped getting messages. She was very upset.
Once riding on her horse, she passed by the temple of Baijnath Mahadev. She was attracted by the sound of Conch & Mantra. She went inside and came to know that the Brahmanas were worshipping Lord Shiva. They saw her sad face and asked her problem. She explained everything to them. They told her that Lord Shiva listens to the prayers of devotees and takes them out of difficult situations in no time. With the advice of the Brahmanas she started the ‘Laghurudri Anushtthan’ of the Mantra:
‘Om Namah Shivaya’ for 11 days. She prayed to Lord Shiva that if her husband reaches home safely, then she would get the temple renovated.
On the last of the ‘Laghurudri’ a messenger came and gave a letter to her. Her husband had written: ‘I was regularly sending messages to you from the battle grounds but suddenly the Pathans surrounded us from all sides. We were entrapped in a situation where there was no scope of escaping death. Suddenly I saw a Yogi of India with long hair, carrying a weapon with three pointers (Trishul). His personality was amazing and he was maneuvering his weapon with a magnificent style. Seeing this great man, the Pathans started running back. With his grace our bad times turned into moments of victory. This was possible only because of that man of India wearing a lion skin & carrying a three-pointer weapon (Trishul). That great Yogi told me that I should not worry and that he had come to rescue me because he was very pleased with my wife’s prayers.’
Tears of joy were falling down Lady Martin’s eyes while reading the letter. Her heart was overwhelmed. She fell into the feet of Lord Shiva’s statue and burst in tears.
After a few weeks Col. Martin returned. Lady Martin narrated the whole incident to him. Now both husband & wife became devotees of Lord Shiva. In 1883 they donated Rs. 15,000 for renovating the temple. The information engraved slab for the same is still there in the Baijnath Mahadev Temple of Agar Malva. This is the only Hindu temple built by a Britisher.
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MUST READ.. A True Story!!
In 1879, when the British were ruling India, Lt. Col. Martin of Agar Malva was leading the army in the war against Afghanistan.
Col. Martin used to regularly send messages of his well-being to his wife. The war continued for long & Lady Martin stopped getting messages. She was very upset.
Once riding on her horse, she passed by the temple of Baijnath Mahadev. She was attracted by the sound of Conch & Mantra. She went inside and came to know that the Brahmanas were worshipping Lord Shiva. They saw her sad face and asked her problem. She explained everything to them. They told her that Lord Shiva listens to the prayers of devotees and takes them out of difficult situations in no time. With the advice of the Brahmanas she started the ‘Laghurudri Anushtthan’ of the Mantra:
‘Om Namah Shivaya’ for 11 days. She prayed to Lord Shiva that if her husband reaches home safely, then she would get the temple renovated.
On the last of the ‘Laghurudri’ a messenger came and gave a letter to her. Her husband had written: ‘I was regularly sending messages to you from the battle grounds but suddenly the Pathans surrounded us from all sides. We were entrapped in a situation where there was no scope of escaping death. Suddenly I saw a Yogi of India with long hair, carrying a weapon with three pointers (Trishul). His personality was amazing and he was maneuvering his weapon with a magnificent style. Seeing this great man, the Pathans started running back. With his grace our bad times turned into moments of victory. This was possible only because of that man of India wearing a lion skin & carrying a three-pointer weapon (Trishul). That great Yogi told me that I should not worry and that he had come to rescue me because he was very pleased with my wife’s prayers.’
Tears of joy were falling down Lady Martin’s eyes while reading the letter. Her heart was overwhelmed. She fell into the feet of Lord Shiva’s statue and burst in tears.
After a few weeks Col. Martin returned. Lady Martin narrated the whole incident to him. Now both husband & wife became devotees of Lord Shiva. In 1883 they donated Rs. 15,000 for renovating the temple. The information engraved slab for the same is still there in the Baijnath Mahadev Temple of Agar Malva. This is the only Hindu temple built by a Britisher.
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Posted in राजनीति भारत की - Rajniti Bharat ki

Yogi Aditynath Interview


आतंकियों का जब कोई मजहब नहीं है तो उसको ”मिट्टी का तेल ”छिड़कर जला दीजिये. मुस्लिम लड़की जब हिन्दू लड़के के शादी करती है.तब अपनी सामाजिक सुरक्षा के लिए ऐसा करती है..7 जन्मो का बंधन है.किन्तु मुस्लिम फर्जी हिन्दू बनकर हिन्दू लडकियों के साथ शादी करके उसका उत्पीडन करते है..जबरदस्ती मुस्लमान बनाते है.आबादी बढाकर इस देश को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते है..यह अन्तराष्ट्रीय साजिस है.

.जबरदस्ती धर्मान्तरण के लिए उन मौलवियों ,काजी को भी दण्डित करना चाहिए.
देवबंद के मौलवी इस बात पर क्यों फ़तवा जारी नहीं करते कि हिन्दू लड़के के साथ मुस्लिम लड़की की शादी जायज है.मौलवियों ने कभी उन काजियो के ऊपर फ़तवा क्यों नहीं जारी किया जो हिन्दु लडकियों का जबरदस्ती धर्मातरण कराये है.

कश्मीर में हिन्दुओ के साथ जो दुर्व्यहार हुआ.जबरदस्ती मुस्लिम बनाये गए इराक,सीरिया में जो सुन्नी मुस्लमान शियाओ कत्लेआम और उनकी महिलाओ के साथ रैप,अपहरण कर रहे है…इस पर देवबंद ने क्यों फ़तवा नहीं जारी किया.

लव जिहाद आपसी प्रेम नहीं है.शादी केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं है..शादी के बाद पैदा हुए बच्चे इस राष्ट्र की आधारशिला है…यदि आधार कमजोर होगा तो राष्ट्र भरभरा कर गिर पड़ेगा.इस लिए लव जिहाद देश के लिए खतरा है.

.इस देश के बहुसंख्यक हिन्दू ही ”एक समान कानून”की मांग कर रहे है..अपने लिए अलग से कोई ज्यादा अधिकार नहीं मांग रहे है.

यदि कोई 1 हिन्दू का खून करेगा,तब हम पोलिस में केस नहीं करायेगे.10 लोगो का खून करेगे.मुहर्रम के समय एक हिन्दू लड़की को पोलिस के जीप से खीचकर दुर्व्यहार किया था..तब हम प्रशासन के भरोसे नहीं बैठेगे..अन्याय हम नहीं सहेगे…
अगर एक हिन्दू लड़की को ले जायेगे.तो हम 100 मुस्लिम लडकियों को ले जायेगे.

ईसाई और मुस्लिम यदि ”हिन्दू”बनता है तो यह ”घर वापसी”’है…यह धर्मान्तरण नहीं है.अगर हिन्दू को किसी अन्य मजहब में जबरदस्ती लिया जाता है तो यह धर्मान्तरण है.
हम साधू है.एक हाथ में माला और दुसरे हाथ में भाला लेकर चलते है.

जब इस देश का कांग्रेसी प्रधानमंत्री कहता है कि इस देश के संसाधनों पर पहला हक़ मुस्लिमो का है.तो हिन्दू क्या झक मारे..
जिसका मन पाकिस्तान में है.तन भारत में है उसके लिए भारत में कोई जगह नहीं है.जो जिस भाषा से समझेगा उसको उस भाषा में समझायेगे

बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जहां भी उनकी संख्या 10 फीसदी से ज्यादा है वहां दंगे होते हैं.

आज तक जितने भी दंगे हुए कभी हिन्दुओं शुरुआत नहीं की है और हिन्दू कभी मारने-काटने की बात करेगा भी नहीं ! सेकुलरो द्वारा हिंदुत्व को ठीक से नहीं समझा गया है. हिंदुत्व में सभी को सुरक्षा मिलती है। अगर बहुसंख्यक समाज सुरक्षित है तो अल्पसंख्यक समाज अपने आप सुरक्षित हो जाता है !

मैंने मुजफ्फरनगर के दंगे के वक्त मुश्लिम बहुल गाँवों को सुरक्षा दी थी. और माननीय श्री मोदीजी की सभा उसी एरिया में मुश्लिम भाईओं के आग्रह से UP सरकार के विरोध के बावजूद करवाई थी !

मैंने 1800 से ज्यादा ईसाईओं की हिन्दू धर्म में घर वापसी करवायी है ! मै सतत ५ बार से चुनकर आ रहा हूँ ,,मेरे गोरखपुर क्षेत्र के अल्पसंख्यक मानते है की मेरी अगवाई में ही शांति बन सकती है और यह बात सही है की UP में 500 दंगे हुए लेकिन मेरे गोरखपुर में एक भी दंगा नहीं हुवा है ,,यही हिंदुत्व है !!”” वन्देमातरम –
लिंक में पूरा विडियो देखे—http://m.youtube.com/watch?v=WsdqhzaH7qU
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TP Shukla

आतंकियों का जब कोई मजहब नहीं है तो उसको ''मिट्टी का तेल ''छिड़कर जला दीजिये. मुस्लिम लड़की जब हिन्दू लड़के के शादी करती है.तब अपनी सामाजिक सुरक्षा के लिए ऐसा करती है..7 जन्मो का बंधन है.किन्तु मुस्लिम फर्जी हिन्दू बनकर हिन्दू लडकियों के साथ शादी करके उसका उत्पीडन करते है..जबरदस्ती मुस्लमान बनाते है.आबादी बढाकर इस देश को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते है..यह अन्तराष्ट्रीय साजिस है.

.जबरदस्ती धर्मान्तरण के लिए उन मौलवियों ,काजी को भी दण्डित करना चाहिए.
देवबंद के मौलवी इस बात पर क्यों फ़तवा जारी नहीं करते कि हिन्दू लड़के के साथ मुस्लिम लड़की की शादी जायज है.मौलवियों ने कभी उन काजियो के ऊपर फ़तवा क्यों नहीं जारी किया जो हिन्दु लडकियों का जबरदस्ती धर्मातरण कराये है.

कश्मीर में हिन्दुओ के साथ जो दुर्व्यहार हुआ.जबरदस्ती मुस्लिम बनाये गए इराक,सीरिया में जो सुन्नी मुस्लमान शियाओ कत्लेआम और उनकी महिलाओ के साथ रैप,अपहरण कर रहे है...इस पर देवबंद ने क्यों फ़तवा नहीं जारी किया.

लव जिहाद आपसी प्रेम नहीं है.शादी केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं है..शादी के बाद पैदा हुए बच्चे इस राष्ट्र की आधारशिला है...यदि आधार कमजोर होगा तो राष्ट्र भरभरा कर गिर पड़ेगा.इस लिए लव जिहाद देश के लिए खतरा है.

.इस देश के बहुसंख्यक हिन्दू ही ''एक समान कानून''की मांग कर रहे है..अपने लिए अलग से कोई ज्यादा अधिकार नहीं मांग रहे है.

यदि कोई 1 हिन्दू का खून करेगा,तब हम पोलिस में केस नहीं करायेगे.10 लोगो का खून करेगे.मुहर्रम के समय एक हिन्दू लड़की को पोलिस के जीप से खीचकर दुर्व्यहार किया था..तब हम प्रशासन के भरोसे नहीं बैठेगे..अन्याय हम नहीं सहेगे...
अगर एक हिन्दू लड़की को ले जायेगे.तो हम 100 मुस्लिम लडकियों को ले जायेगे.

ईसाई और मुस्लिम यदि ''हिन्दू''बनता है तो यह ''घर वापसी'''है...यह धर्मान्तरण नहीं है.अगर हिन्दू को किसी अन्य मजहब में जबरदस्ती लिया जाता है तो यह धर्मान्तरण है.
हम साधू है.एक हाथ में माला और दुसरे हाथ में भाला लेकर चलते है.

जब इस देश का कांग्रेसी प्रधानमंत्री कहता है कि इस देश के संसाधनों पर पहला हक़ मुस्लिमो का है.तो हिन्दू क्या झक मारे..
जिसका मन पाकिस्तान में है.तन भारत में है उसके लिए भारत में कोई जगह नहीं है.जो जिस भाषा से समझेगा उसको उस भाषा में समझायेगे 

बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जहां भी उनकी संख्या 10 फीसदी से ज्यादा है वहां दंगे होते हैं.

आज तक जितने भी दंगे हुए कभी हिन्दुओं शुरुआत नहीं की है और हिन्दू कभी मारने-काटने की बात करेगा भी नहीं ! सेकुलरो द्वारा हिंदुत्व को ठीक से नहीं समझा गया है. हिंदुत्व में सभी को सुरक्षा मिलती है। अगर बहुसंख्यक समाज सुरक्षित है तो अल्पसंख्यक समाज अपने आप सुरक्षित हो जाता है ! 

मैंने मुजफ्फरनगर के दंगे के वक्त मुश्लिम बहुल गाँवों को सुरक्षा दी थी. और माननीय श्री मोदीजी की सभा उसी एरिया में मुश्लिम भाईओं के आग्रह से UP सरकार के विरोध के बावजूद करवाई थी ! 

मैंने 1800 से ज्यादा ईसाईओं की हिन्दू धर्म में घर वापसी करवायी है ! मै सतत ५ बार से चुनकर आ रहा हूँ ,,मेरे गोरखपुर क्षेत्र के अल्पसंख्यक मानते है की मेरी अगवाई में ही शांति बन सकती है और यह बात सही है की UP में 500 दंगे हुए लेकिन मेरे गोरखपुर में एक भी दंगा नहीं हुवा है ,,यही हिंदुत्व है !!"" वन्देमातरम -
लिंक में पूरा विडियो देखे---http://m.youtube.com/watch?v=WsdqhzaH7qU
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TP Shukla
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Atharva Veda Medicine Black Magic Text


Ramanis blog

Of the Four Vedas, the Scriptures of the Hindus,the Ataharva Veda is less known as compared to Rig,Yajur and Sama Vedas.

It is not Athavana Veda as most people pronounce it.

Atharveda is not as large as the Rug Veda.

There are 10552 verses in Rig Veda and around 5987 verses (varies slightly based on recessions) in Atharva Veda.

Thus Atharva Veda is a little more than half the size of Rig Veda.

It is three times bigger than Yajur Veda or Sama Veda.

From the preliminary analysis of the text, it is revealed that Atharva Veda was centered around the northern Sarasvati region and later became the text of the shamans in the Kuru kingdom which got established to the east of Sarasvati (in Haryana).

Practitioners of Atharva Veda are now limited and they are found mostly in Maharashtra and Kerala, Gujarat.

As compared to the other three Vedas…

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Posted in भारत गौरव - Mera Bharat Mahan

ईमेल


 
 
ईमेल आज 32 साल का हुआ. कम लोगों को पता होगा कि इसका आविष्कार 14 वर्षीय भारतीय अमेरिकी वी ए शिवा अयदुरई ने किया था. अमेरिकी सरकार ने 30 अगस्त 1982 को अयदुरई को आधिकारिक रूप से ईमेल की खोज करने वाले के रूप में मान्यता दी. अयदुरई के बचपन और बड़े होने के बाद का फोटो

ईमेल आज 32 साल का हुआ. कम लोगों को पता होगा कि इसका आविष्कार 14 वर्षीय भारतीय अमेरिकी वी ए शिवा अयदुरई ने किया था. अमेरिकी सरकार ने 30 अगस्त 1982 को अयदुरई को आधिकारिक रूप से ईमेल की खोज करने वाले के रूप में मान्यता दी. अयदुरई के बचपन और बड़े होने के बाद का फोटो

Posted in भारतीय मंदिर - Bharatiya Mandir

जगदलपुर दक्षिण बस्तर के ढोलकल पर्वत शिखर पर दो वर्ष पहले खोजी गई एक हजार वर्ष पुरानी दुर्लभ और विलक्षण तीन फीट ऊंची गणेशजी की प्रतिमा मिली ,


जगदलपुर दक्षिण बस्तर के ढोलकल पर्वत शिखर पर दो वर्ष पहले खोजी गई एक हजार वर्ष पुरानी दुर्लभ और विलक्षण तीन फीट ऊंची गणेशजी की प्रतिमा मिली ,
ये भगवान गणेशजी की प्रतिमा ऐसी जगह है जहाँ तक पहुँचने के लिए रास्ता बनना काफी मशक्कत का काम है इसलिए
पर्यटक यहां तक पहुंच सकें, इसके लिए प्रशासन पगडंडी भी नहीं बना पाया।

दंतेवाड़ा से करीब 26 किमी दूर बैलाडिला के एक पर्वत शिखर को ढोलकल कहा जाता है। पुरातत्व विशेषज्ञों के अनुसार यह प्रतिमा एक हजार पुरानी है। जिसे छिंदक गवंशीय राजाओं ने स्थापित करवाया था।

Posted in गणेश देवा, भारतीय मंदिर - Bharatiya Mandir

Ganesha


9th century Ganesha statue found in Prambanan Temple, Indonesia
———————————————-
Candi Prambanan or Candi Rara Jonggrang is a 9th-century Hindu temple compound in Central Java, Indonesia, dedicated to the Trimurti, the expression of God as the Creator (Brahma), the Preserver (Vishnu) and the Destroyer (Shiva).
The temple compound is located approximately 17 kilometres northeast of the city of Yogyakarta on the boundary between Central Java and Yogyakarta provinces.
———————————————-
अगजानन पद्मार्कं गजाननं अहर्निशम् ।
अनेकदंतं भक्तानां एकदन्तं उपास्महे ॥

9th century Ganesha statue found in Prambanan Temple, Indonesia
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Candi Prambanan or Candi Rara Jonggrang is a 9th-century Hindu temple compound in Central Java, Indonesia, dedicated to the Trimurti, the expression of God as the Creator (Brahma), the Preserver (Vishnu) and the Destroyer (Shiva). 
The temple compound is located approximately 17 kilometres northeast of the city of Yogyakarta on the boundary between Central Java and Yogyakarta provinces.
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अगजानन पद्मार्कं गजाननं अहर्निशम् ।
अनेकदंतं भक्तानां एकदन्तं उपास्महे ॥
Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

Vam Panthi


भारत में पहले भी साम्प्रदायिकता थी, पर उसके कारण हिंसक धर्म परिवर्तन नहीं था। नये मतों जैन, बौद्ध आदि ने अपने कोश्रेष्ठ सिद्ध करने के लिये सनातन मतों की बेकार आलोचना की पर ५९९-५२७ ई.पू. के वीर (महावीर नहीं) उज्जैन के कालकाचार्य ने जैअन् शास्त्रों के पुनरुद्धार के साथ ही कुमारिल भट्ट (५५७-४९३ ई.पू.) को भी वेद के उद्धार के लिये शिक्षा दी। कुमारिल भट्ट का काम उनके शिष्य मण्डन मिश्र की सहायता से शंकराचार्य ने पूरा किया। इसी समय चीन में भी कन्फ्युसिअस और लाओत्से द्वारा पुनर्जागरण हो रहा था। पर बाद के अल्पज्ञों ने केवल परनिन्दा पर अधिक ध्यान देकर अपनी श्रेष्ठता दिखायी। बुद्धिवाद सदा से प्रचलित था-उसके बिना किसी भी भाषा में वाक्य रचना नहीं हो सकती (बुद्धिपूर्वा वाक्यकृतिर्वेदे-मीमांसा सूत्र), गीता में भि बुद्धोयोग का वर्णन है। पर बौद्धों ने भी अपने को श्रेष्ठ दिखाने के लिये केवल अपने मत को बौद्ध कहा। असुरों को मोहित करने के बदले उनका अनुकरण कर देश के बाहर अपनी ख्याति बनाने की चेष्टा की जैसा आज भारत की निन्दा कर अपने को विश्व की दृष्टि में विद्वान् बनाने की चेष्टा है। यहां तक तो सह्य था पर राजतरंगिणी के अनुसार १४४० ई.पू. में कश्मीर के गोनन्द वंशी अशोक ने बौद्ध मत ग्रहण किया तो वहां के बौद्धों ने मध्य एसिया के बौद्धों को बुला कर कश्मीर के राज्य को नष्ट कर दिया। आज भी वहां के लोग धर्म के नाम पर विदेशियों को बुला कर अपने राज्य को नष्ट कर हिंसा फैला रहे हैं। इसके लिये बौद्धकाल में झूठ का प्रचार आरम्भ हुआ जो वामपन्थी इतिहासकारों द्वारा अभी तक चल रहा है। सारनाथ शिलालेख और फाहियान ने ४ बौद्धों और उनके जन्मस्थान आदि का उल्लेख किया है, पर बाद के सभी लेखकों ने इक्ष्वाकु वंशीय शुद्धोदन पुत्र सिद्धार्थ बुद्ध (१८८७-१८०७ ई.पू.) को गौतम वंशीय गौतम बुद्ध (६ठी सदी ई.पू.) के साथ जोड़ दिया। स्वयं बुद्धके १०० जन्मों में उन्नति दिखाने के लिये जातक कथा का प्रचार किया पर वेद के आत्म तत्त्व का विरोध किया-बिना आत्मा के १०० जन्म किसका हो रहा था? यही बात जब पुराणों में कही गयी कि वे भगवान् के अवतार नहीं थे बल्कि माया-मोह रूप थे और क्रमसः उन्नति हुयी तो कहा गया कि ब्राह्मण उनसे जल कर गाली दे रहे हैं, और पूरे वेद-पुराण साहित्य को मिथ्या सिद्ध करने की होड़ लग गयी जो आर्य समाजी भी कर रहे हैं। वस्तुतः पुराणों में ही उनकी अधिक प्रशंसा है। सिद्धार्थ और गौतम बुद्ध ने असुरों को मोहित नहीं किया, वे असुरों से मोहित होकर विदेशों में अपना प्रचार करने की चेष्टा में भारत के कश्मीर आदि राज्यों को नष्ट कर रहे थे। असुरों को मगध में अजिन ब्राह्मण के पुत्र विष्णु अवतार बुद्ध ने मोहित किया। उन्होंने ७५६ ई.पू. में आबू पर्वत पर शूद्रक के अधीन मालव संघ बनाया जिसमें ४ अग्निवंशी राजा थे। इसी संघ ने असीरिया के सेमिरामी (ग्रीक नाम) द्वारा ४० लाख सेना के आक्रमण का प्रतिरोध किया था और अन्ततः इस संघ के राजा दिल्ली के चाहमान ने ६१२ ई.पू. में असीरिया राजधानी को पूरी तरह ध्वस्त किया जिसका बाइबिल में ५ स्थानों पर वर्णन किया है तथा चाहमान को मध्य-देश (मेडेस) राजा कहा है। हिन्दू निन्दा के लिये उनको हिंसक दिखाया गया और कश्मीर के अशोक के बदले प्रायः तत्कालीन मौर्य अशोक को हिंसा त्याग करने के लिये बौद्ध मत ग्रहण करना दिखाया जबकि दिव्यावदान में अशोकावदान अध्याय कहता है कि अशोक ने कलिंग अधिकार के बाद वहां १२,००० जैन साधुओं की हत्या की थी-जो बौद्ध अहिंसा का उदाहरण है।
वामपन्थी इसी बौद्ध परम्परा में अपने को श्रेष्ठ दिखाने के लिये भारत और हिन्दू धर्म के विरुद्ध लिखते और काम करते हैं। इसके कई दुष्परिणाम हुये-(१) स्वयं अपना नाम और उपाधि बदलना-अबुल फजल के अनुसार कश्मीर के खुशामदी ब्राह्मण राजा का दर्शन कर भोजन करते थे अतः अकबर ने उनको दर्शनीय ब्राह्मण कहा। इस परम्परा में सबसे पहले अंग्रेजी शासन के स्थान बंगाल के लोगों ने अपनी उपाधियां बदली-वन्द्योपाध्याय को बनर्जी आदि, रवीन्द्रनाथ ठाकुर का टैगोर आदि। विपिन चन्द्र ने अपने को बिपान चन्द किया। (२) पहले केवल ३ प्रकार के गर्व होते थे-पैसा, सत्ता और धन। वामपन्थियों का चतुर्थ गर्व है-नहीं पढ़ने का। २००४ ई. में डा. कर्ण सिंह के निमन्त्रण पर मैं दिल्ली के संसद अनेक्सी में महाभारत कालीन ज्योतिष पर जैसे ही बोलने के लिये खड़ा हुआ एक बूढ़ा हल्ला करने लगा कि उस समय खेती नहीं होती थी. ज्योतिष कैसे हो सकता है। यह वामपन्थियों का तरीका है कि वे अन्य किसी को न बोलने देते हैं न उनकी पुस्तक छपने देते हैं। सन्दर्भ पूछने पर उन्होंने बिपान चन्द की पुस्तक २००१ की मैकमिलन से प्रकाशित फूड गैदरिंग कम्यूनिटीज औफ महाभारत कहा। मेरी स्वाभाविक प्रतिक्रिया हुयी कि मैं अनपढों की पुस्तक नहीं पढ़ता। डा. कर्ण सिंह नाराज हुयॆ पर बिपान चन्द ने स्वयं बड़े गर्व से कहा कि उन्होंने महाभारत नहीं पढ़ा है। मैं भी यही कह रहा था-जिस दिन पढ़ना लिखना सीख जायें उस दिन दूसरों को पढ़ायें। उसके बाद मैकमिलन ने वह पुस्तक बन्द करदिया। बिपान चन्द ने अपना ज्ञान दिखाने के लिये गुरु तेगबहादुर को डकैत कहा है, जो भयानक दण्डनीय अपराध है। (३) भारत के लोग भारतीय और स्वयं अपनी किसी भी पुस्तक को प्रमाणिक नहीं मानते तथा सभी लेखकों को काल्पनिक मानते हैं। जैसे उज्जैन के विक्रमादित्य सम्बन्धी भारत का प्रायः ९०% साहित्य है, पर कहते हैं कि उनका साहित्य में उल्लेख नहीं है। शूद्रक के मृच्छकटिकम पर पीएच डी कार् ३५ वर्षों तक उसे भारत, अमेरिका और कनाडा के विश्वविद्यालयों में पढ़ाने वाले आर एन जोशी के अनुसार शूद्रक का कोई उल्लेख नहीं है। दीपक भटाचार्य राम और व्यास को काल्पनिक मानते हैं और रामायण महाभारत आदि को काल्पनिक व्यास-वाल्मीकि का लिखा हुआ मानते हैं। वेदों में भी कोई ज्ञान नहीं मानते, केवल आधुनिक विज्ञान की नकल मानते हैं। मैंने जब उनकी पुस्तक को भी दीपक नामक काल्पनिक व्यक्ति (उनके जन्मस्थान का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है) की वैदिक पुस्तक से सौरमण्डल की माप का उदाहरण दिया तो वे गाली देने लगे। ऐसे मूर्खों से चर्चा करने के बदले मैंने भारतीय विद्वत् परिषद् को छोड़ दिया। (४) भारत के लोग अनुसन्धान के नाम पर केवल विदेशी लेककों के उद्धरण देते हैं स्वयं कभी नहीं पढ़ते। (५) भारत में लोग बहुत पढ़ते हैं पर ये अर्ध शिक्षित वामपन्थी उनको यहां कोई काम नहीं करने देते। वे बाध्य होकर विदेशों में चले जाते हैं और जहां विदेशी परिवेश के बावजूद उन्होंने महत्त्वपूर्ण अनुसन्धान किया है। +२ की भी भौतिक विज्ञान की पुस्तक अमेरिका से आती है। भारत में छोटी से छोटी चीज विदेशों से आती है जिसमें कमीशन मिल सके। (६) यहां सामिक याय केनाम पर केवल अशिक्षित व्यक्ति ही रह सकते हैं, सभी योग्य व्यक्ति मौका मिलते ही बाहर भागने पर विवश हैं।

 

Arun Upadhyay Acharya Kumaril Bhatt, the renowned luminary of the Poorva Meemansa School of philosophy, met Adi Shankara. This is a historic event. According to the Jin Vijay:
Rishirvarasthatha poorna martyakshau vamamelanat; Ekeekruta labheytankaha krodhi syattatra
vatsaraha/Bhattacharya kumarasya karmakandaikavadinaha gyegaha pradurbhavastasmin varshey Youdehishtiray shakey.
Before we attempt to grasp the meaning of this shloka, it is necessary for us to be acquainted with historical periods and traditions from a purely Indian perspective.
(a) The Era of Kali begins from 3102 BC.
(b) The Hindu Era of Yudhishtir (Yudhishtir Samvat) commences 36 years before the Kali Era i.e. 3138 BC.
(c) The Jain Yudhishtir Samvat begins in 468 Kali or 2634 BC.
Let us now analyse the Shloka
Rishi =7, Var (days)=7, Poorna (whole)=0 Martyashau=2 makes 7702. Written backwards (ankanam vadamelanat) we arrive at the figure of 2077, which is the Jain Yudhishtir Era. When we deduct 2634 from 2077 Yudhishtir Samvat Jain, we get 557 BC, which is the year of Kumaril Bhatt’s birth.
Adya Shankaracharya’s first biographer and his disciple Chitswukhacharya writes in the Brihat Shankar Vijaygranth that Kumaril was 48 years older than Adi Shankara. Deduct 48 from Kumaril’s year of birth of 557 BC and we have Shankara’s birth year as 509 BC.
The Jain Vijay also explains the year of Shankara’s departure from the world thus-
Rishirvanasthatha bhoomirmartyakshau vamamelanat; ekatvena labheytankastamraksha tatrayvatsaraha.
Meaning :-Rishi=7, Van=5, Bhoomi=1, Martyakshau=2. This figure of 7512 written backwards shows 2157 Yudhishtir Samvat. Deducting 2157 from 2634, we get 477 BC, which is the year of Adi Shankara’s quitting the mortal world.
As per Jain traditions, Bhagavan Mahavir was born just before end of current Avasarpini period. As per 12,000 year civil yuga cycle, Kaliyuga of current yuga started in 3102 BC and ended in 1902 BC. The horoscope of Bhagavan Mahavir in Bhagavati sutra indicates that he was born on 11-3-1905 BC, about 3 years before end of Avasarpini Kaliyuga. That day was Chatra Shukla 13th

Posted in R S S

आरएसएस


1958 में पाकिस्तान के राष्ट्रीय अख़बार ने
लिखा था…अगर आरएसएस की स्थापना 10 साल देर से
होतीतो पाकिस्तान की सीमा आगरा तक होती…आरएसएस
एक ऐसा महासागर है जिसके अन्दर
दोगलेलोगो की गन्दी मानसिकता को अपने अन्दर
समानेकी शक्ति है।अगर आज आरएसएस न होता तो देश में
इतने अलगाववादीसंगठन होते ,की उनको संभालना मुश्किल
होता !
ये वो ही आरएसएस है जिसने 84 में
हजारों सिक्खों को कांग्रेस के गुंडों से बचाया था !ये
वो ही आरएसएस हैं जिसने भागलपुर के हिन्दू –
मुस्लिमदंगो में -इंसानों की सेवा की थी !
आरएसएस वो संगठन है जिसके अन्दर भारत
की आत्मा बसी है। देश प्रेम और सेवा इसका मुख्या आधार
है …ये कांग्रेस के दुष्प्रचार से कभी भी आहत नहीं हुआ है !
आरएसएस तो जहर को अपने अन्दर आत्मसात करके –
लोगो को अमृत देता है।जिस संघठन के लिए
माँ भारती ही सर्वोच्च हो वो संघठन गलत कैसे
हो सकता है …
आज भी देश के किसी भी हिस्से में कोई आपदा आती है –
तो सबसे पहले आरएसएस लोगो की सहायता के
लिएपहुचता है और बिना किसी भेदभाव के
इंसानों की सेवा करता है
आरएसएस दुनिया का सबसे बडा स्वयंसेवी संगठन है —
-जय माँ भारती
-जय हिन्द

Posted in हिन्दू पतन

जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबो सालो से सनातन धर्म है और इसे कोई नही मिटा सकता, मै उन्हें मुर्ख और बेवकूफ ही समझता हूँ..


जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबो सालो से
सनातन धर्म है और इसे कोई नही मिटा सकता,
मै उन्हें मुर्ख और बेवकूफ ही समझता हूँ..

1) आखिर अफगानीस्तान से हिंदू क्यों मिट
गया?

2) काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था, आज वहाँ एक भी मंदिर नही बचा !

3) गांधार जिसका विवरण महाभारत मे है,
जहां की रानी गांधारी थी,
आज उसका नाम कंधार हो चूका है, और वहाँ आज एक भी हिंदू नही बचा !

4) कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट बनाया,
आज वहाँ भी हिंदू नही है !

5) बाली द्वीप मे 20 साल पहले तक 90% हिंदू
थे, आज सिर्फ 20% बचे है !

6) पाकिस्तान में 1947 के समय पुरी आबादी में 27% हिंदू थें आज 2014 में मात्र 1.23% बचे है

7) बांग्लादेश में 1971 के समय 37% हिंदू
थे, आज 2014 में मात्र 7% बचे हुवे हैं

8) कश्मीर घाटी मे सिर्फ 20 साल पहले 50%
हिंदू थे, आज एक भी हिंदू नही बचा !

9) केरल मे 10 साल पहले तक 60%
जनसंख्या हिन्दुओ की थी,
आज सिर्फ 10% हिंदू केरल मे है !

10) नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड, आसाम
आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है,
या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है !

मित्रों, 1569 तक ईरान का नाम पारस
या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम
नही था, सिर्फ पारसी रहते थे..
जब पारस पर
मुस्लिमो का आक्रमण होता था,
तब पारसी बूढ़े-बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई मिटा नही सकता,
लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये गए.
धीरे-धीरे उनका कत्लेआम और धर्म-परिवर्तन
होता रहा.
एक नाव मे बैठकर 21 पारसी किसी तरह गुजरात के नवसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे
और आज पारसी सिर्फ भारत मे ही गिनती की संख्या मे बचे है.

हमेशा शांति की भीख मांगने वाले हिन्दुओं…
आजतक के इतिहास का सबसे बड़ा संकट
हिन्दुओं पर आने वाला है, ईसाईयों के 80
देश और मुस्लिमो के 56 देश है,
और हिन्दुओं का एकमात्र देश भारत ही अब हिन्दुओं के लिए सुरक्षित नहीं रहा.

मैंने 10 लोगो को जो की हिन्दू है उनसे पुछा…….
किस जाती के हो…..??

– सभी ने अलग अलग जवाब दिया….
– किसी ने कहा राजपूत
– किसी ने कहा ब्राह्मण
– किसी ने कहा जाट
– किसी ने जैन
– तो किसी ने अग्रवाल….

लेकीन मैने 10 मुसलमानो को पूछा की कौन
सी जाती के हो ?
सभी का एक जवाब आया “मुसलमान”
मूझे अजीब लगा मैने फिर से पूछा
फिर वही जवाब आया “मुसलमान”
तब मुझे बड़ा अफसोस हुआ
और लगा हम कीतने अलग
और वो कितने एक ……

कुछ समझ मै आया हो तो आगे से कोई पूछे तो एक ही जवाब आना चाहीये ” हिन्दू ”

=> और गर्व करते हो ” हिन्दू ” होने का
तो इस मैसेज को इतना फैला दो यह मैसेज मूझे वापस किसी हिन्दू से ही मिले

जय भवाणी
आईये हम सब एक होकर ये शंकल्प लें
अखण्ड भारत हमें फीर से बनाना हैं
भारत माता की जय …

आपसे आग्रह है एक बार ये Video जरुर देखें नही तो पच्ताओगे =>
Link 1 -:
http://m.youtube.com/watch?v=nEMsuSSLwiA&itct=CDkQpDAYASITCP_hkbjlusACFQwlfgodSmoA_VIOcGFyYXNoICBSYWpwdXQ%3D&hl=en-GB&gl=IN&client=mv-google

जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबो सालो से सनातन धर्म है और इसे कोई नही मिटा सकता, मै उन्हें मुर्ख और बेवकूफ ही समझता हूँ.. 1) आखिर अफगानीस्तान से हिंदू क्यों मिट गया? 2) काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था, आज वहाँ एक भी मंदिर नही बचा ! 3) गांधार जिसका विवरण महाभारत मे है, जहां की रानी गांधारी थी, आज उसका नाम कंधार हो चूका है, और वहाँ आज एक भी हिंदू नही बचा ! 4) कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट बनाया, आज वहाँ भी हिंदू नही है ! 5) बाली द्वीप मे 20 साल पहले तक 90% हिंदू थे, आज सिर्फ 20% बचे है ! 6) पाकिस्तान में 1947 के समय पुरी आबादी में 27% हिंदू थें आज 2014 में मात्र 1.23% बचे है 7) बांग्लादेश में 1971 के समय 37% हिंदू थे, आज 2014 में मात्र 7% बचे हुवे हैं 8) कश्मीर घाटी मे सिर्फ 20 साल पहले 50% हिंदू थे, आज एक भी हिंदू नही बचा ! 9) केरल मे 10 साल पहले तक 60% जनसंख्या हिन्दुओ की थी, आज सिर्फ 10% हिंदू केरल मे है ! 10) नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड, आसाम आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है, या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है ! मित्रों, 1569 तक ईरान का नाम पारस या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम नही था, सिर्फ पारसी रहते थे.. जब पारस पर मुस्लिमो का आक्रमण होता था, तब पारसी बूढ़े-बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई मिटा नही सकता, लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये गए. धीरे-धीरे उनका कत्लेआम और धर्म-परिवर्तन होता रहा. एक नाव मे बैठकर 21 पारसी किसी तरह गुजरात के नवसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे और आज पारसी सिर्फ भारत मे ही गिनती की संख्या मे बचे है. हमेशा शांति की भीख मांगने वाले हिन्दुओं... आजतक के इतिहास का सबसे बड़ा संकट हिन्दुओं पर आने वाला है, ईसाईयों के 80 देश और मुस्लिमो के 56 देश है, और हिन्दुओं का एकमात्र देश भारत ही अब हिन्दुओं के लिए सुरक्षित नहीं रहा. मैंने 10 लोगो को जो की हिन्दू है उनसे पुछा....... किस जाती के हो.....?? - सभी ने अलग अलग जवाब दिया.... - किसी ने कहा राजपूत - किसी ने कहा ब्राह्मण - किसी ने कहा जाट - किसी ने जैन - तो किसी ने अग्रवाल.... लेकीन मैने 10 मुसलमानो को पूछा की कौन सी जाती के हो ? सभी का एक जवाब आया "मुसलमान" मूझे अजीब लगा मैने फिर से पूछा फिर वही जवाब आया "मुसलमान" तब मुझे बड़ा अफसोस हुआ और लगा हम कीतने अलग और वो कितने एक ...... कुछ समझ मै आया हो तो आगे से कोई पूछे तो एक ही जवाब आना चाहीये " हिन्दू " => और गर्व करते हो " हिन्दू " होने का तो इस मैसेज को इतना फैला दो यह मैसेज मूझे वापस किसी हिन्दू से ही मिले जय भवाणी आईये हम सब एक होकर ये शंकल्प लें अखण्ड भारत हमें फीर से बनाना हैं भारत माता की जय ... आपसे आग्रह है एक बार ये Video जरुर देखें नही तो पच्ताओगे => Link 1 -: http://m.youtube.com/watch?v=nEMsuSSLwiA&itct=CDkQpDAYASITCP_hkbjlusACFQwlfgodSmoA_VIOcGFyYXNoICBSYWpwdXQ%3D&hl=en-GB&gl=IN&client=mv-google े