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आरएसएस


1958 में पाकिस्तान के राष्ट्रीय अख़बार ने
लिखा था…अगर आरएसएस की स्थापना 10 साल देर से
होतीतो पाकिस्तान की सीमा आगरा तक होती…आरएसएस
एक ऐसा महासागर है जिसके अन्दर
दोगलेलोगो की गन्दी मानसिकता को अपने अन्दर
समानेकी शक्ति है।अगर आज आरएसएस न होता तो देश में
इतने अलगाववादीसंगठन होते ,की उनको संभालना मुश्किल
होता !
ये वो ही आरएसएस है जिसने 84 में
हजारों सिक्खों को कांग्रेस के गुंडों से बचाया था !ये
वो ही आरएसएस हैं जिसने भागलपुर के हिन्दू –
मुस्लिमदंगो में -इंसानों की सेवा की थी !
आरएसएस वो संगठन है जिसके अन्दर भारत
की आत्मा बसी है। देश प्रेम और सेवा इसका मुख्या आधार
है …ये कांग्रेस के दुष्प्रचार से कभी भी आहत नहीं हुआ है !
आरएसएस तो जहर को अपने अन्दर आत्मसात करके –
लोगो को अमृत देता है।जिस संघठन के लिए
माँ भारती ही सर्वोच्च हो वो संघठन गलत कैसे
हो सकता है …
आज भी देश के किसी भी हिस्से में कोई आपदा आती है –
तो सबसे पहले आरएसएस लोगो की सहायता के
लिएपहुचता है और बिना किसी भेदभाव के
इंसानों की सेवा करता है
आरएसएस दुनिया का सबसे बडा स्वयंसेवी संगठन है —
-जय माँ भारती
-जय हिन्द

Posted in हिन्दू पतन

जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबो सालो से सनातन धर्म है और इसे कोई नही मिटा सकता, मै उन्हें मुर्ख और बेवकूफ ही समझता हूँ..


जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबो सालो से
सनातन धर्म है और इसे कोई नही मिटा सकता,
मै उन्हें मुर्ख और बेवकूफ ही समझता हूँ..

1) आखिर अफगानीस्तान से हिंदू क्यों मिट
गया?

2) काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था, आज वहाँ एक भी मंदिर नही बचा !

3) गांधार जिसका विवरण महाभारत मे है,
जहां की रानी गांधारी थी,
आज उसका नाम कंधार हो चूका है, और वहाँ आज एक भी हिंदू नही बचा !

4) कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट बनाया,
आज वहाँ भी हिंदू नही है !

5) बाली द्वीप मे 20 साल पहले तक 90% हिंदू
थे, आज सिर्फ 20% बचे है !

6) पाकिस्तान में 1947 के समय पुरी आबादी में 27% हिंदू थें आज 2014 में मात्र 1.23% बचे है

7) बांग्लादेश में 1971 के समय 37% हिंदू
थे, आज 2014 में मात्र 7% बचे हुवे हैं

8) कश्मीर घाटी मे सिर्फ 20 साल पहले 50%
हिंदू थे, आज एक भी हिंदू नही बचा !

9) केरल मे 10 साल पहले तक 60%
जनसंख्या हिन्दुओ की थी,
आज सिर्फ 10% हिंदू केरल मे है !

10) नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड, आसाम
आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है,
या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है !

मित्रों, 1569 तक ईरान का नाम पारस
या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम
नही था, सिर्फ पारसी रहते थे..
जब पारस पर
मुस्लिमो का आक्रमण होता था,
तब पारसी बूढ़े-बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई मिटा नही सकता,
लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये गए.
धीरे-धीरे उनका कत्लेआम और धर्म-परिवर्तन
होता रहा.
एक नाव मे बैठकर 21 पारसी किसी तरह गुजरात के नवसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे
और आज पारसी सिर्फ भारत मे ही गिनती की संख्या मे बचे है.

हमेशा शांति की भीख मांगने वाले हिन्दुओं…
आजतक के इतिहास का सबसे बड़ा संकट
हिन्दुओं पर आने वाला है, ईसाईयों के 80
देश और मुस्लिमो के 56 देश है,
और हिन्दुओं का एकमात्र देश भारत ही अब हिन्दुओं के लिए सुरक्षित नहीं रहा.

मैंने 10 लोगो को जो की हिन्दू है उनसे पुछा…….
किस जाती के हो…..??

– सभी ने अलग अलग जवाब दिया….
– किसी ने कहा राजपूत
– किसी ने कहा ब्राह्मण
– किसी ने कहा जाट
– किसी ने जैन
– तो किसी ने अग्रवाल….

लेकीन मैने 10 मुसलमानो को पूछा की कौन
सी जाती के हो ?
सभी का एक जवाब आया “मुसलमान”
मूझे अजीब लगा मैने फिर से पूछा
फिर वही जवाब आया “मुसलमान”
तब मुझे बड़ा अफसोस हुआ
और लगा हम कीतने अलग
और वो कितने एक ……

कुछ समझ मै आया हो तो आगे से कोई पूछे तो एक ही जवाब आना चाहीये ” हिन्दू ”

=> और गर्व करते हो ” हिन्दू ” होने का
तो इस मैसेज को इतना फैला दो यह मैसेज मूझे वापस किसी हिन्दू से ही मिले

जय भवाणी
आईये हम सब एक होकर ये शंकल्प लें
अखण्ड भारत हमें फीर से बनाना हैं
भारत माता की जय …

आपसे आग्रह है एक बार ये Video जरुर देखें नही तो पच्ताओगे =>
Link 1 -:
http://m.youtube.com/watch?v=nEMsuSSLwiA&itct=CDkQpDAYASITCP_hkbjlusACFQwlfgodSmoA_VIOcGFyYXNoICBSYWpwdXQ%3D&hl=en-GB&gl=IN&client=mv-google

जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबो सालो से सनातन धर्म है और इसे कोई नही मिटा सकता, मै उन्हें मुर्ख और बेवकूफ ही समझता हूँ.. 1) आखिर अफगानीस्तान से हिंदू क्यों मिट गया? 2) काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था, आज वहाँ एक भी मंदिर नही बचा ! 3) गांधार जिसका विवरण महाभारत मे है, जहां की रानी गांधारी थी, आज उसका नाम कंधार हो चूका है, और वहाँ आज एक भी हिंदू नही बचा ! 4) कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट बनाया, आज वहाँ भी हिंदू नही है ! 5) बाली द्वीप मे 20 साल पहले तक 90% हिंदू थे, आज सिर्फ 20% बचे है ! 6) पाकिस्तान में 1947 के समय पुरी आबादी में 27% हिंदू थें आज 2014 में मात्र 1.23% बचे है 7) बांग्लादेश में 1971 के समय 37% हिंदू थे, आज 2014 में मात्र 7% बचे हुवे हैं 8) कश्मीर घाटी मे सिर्फ 20 साल पहले 50% हिंदू थे, आज एक भी हिंदू नही बचा ! 9) केरल मे 10 साल पहले तक 60% जनसंख्या हिन्दुओ की थी, आज सिर्फ 10% हिंदू केरल मे है ! 10) नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड, आसाम आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है, या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है ! मित्रों, 1569 तक ईरान का नाम पारस या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम नही था, सिर्फ पारसी रहते थे.. जब पारस पर मुस्लिमो का आक्रमण होता था, तब पारसी बूढ़े-बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई मिटा नही सकता, लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये गए. धीरे-धीरे उनका कत्लेआम और धर्म-परिवर्तन होता रहा. एक नाव मे बैठकर 21 पारसी किसी तरह गुजरात के नवसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे और आज पारसी सिर्फ भारत मे ही गिनती की संख्या मे बचे है. हमेशा शांति की भीख मांगने वाले हिन्दुओं... आजतक के इतिहास का सबसे बड़ा संकट हिन्दुओं पर आने वाला है, ईसाईयों के 80 देश और मुस्लिमो के 56 देश है, और हिन्दुओं का एकमात्र देश भारत ही अब हिन्दुओं के लिए सुरक्षित नहीं रहा. मैंने 10 लोगो को जो की हिन्दू है उनसे पुछा....... किस जाती के हो.....?? - सभी ने अलग अलग जवाब दिया.... - किसी ने कहा राजपूत - किसी ने कहा ब्राह्मण - किसी ने कहा जाट - किसी ने जैन - तो किसी ने अग्रवाल.... लेकीन मैने 10 मुसलमानो को पूछा की कौन सी जाती के हो ? सभी का एक जवाब आया "मुसलमान" मूझे अजीब लगा मैने फिर से पूछा फिर वही जवाब आया "मुसलमान" तब मुझे बड़ा अफसोस हुआ और लगा हम कीतने अलग और वो कितने एक ...... कुछ समझ मै आया हो तो आगे से कोई पूछे तो एक ही जवाब आना चाहीये " हिन्दू " => और गर्व करते हो " हिन्दू " होने का तो इस मैसेज को इतना फैला दो यह मैसेज मूझे वापस किसी हिन्दू से ही मिले जय भवाणी आईये हम सब एक होकर ये शंकल्प लें अखण्ड भारत हमें फीर से बनाना हैं भारत माता की जय ... आपसे आग्रह है एक बार ये Video जरुर देखें नही तो पच्ताओगे => Link 1 -: http://m.youtube.com/watch?v=nEMsuSSLwiA&itct=CDkQpDAYASITCP_hkbjlusACFQwlfgodSmoA_VIOcGFyYXNoICBSYWpwdXQ%3D&hl=en-GB&gl=IN&client=mv-google े
Posted in Love Jihad

सलमान खान की अगले साल ईद पर रिलीज होने वाली फिल्म “बजरंगी भाईजान” लव जिहाद को बढ़ावा देने वाली फिल्म बताया जा रहा है


सलमान खान की अगले साल ईद पर रिलीज होने वाली फिल्म “बजरंगी भाईजान” लव जिहाद को बढ़ावा देने वाली फिल्म बताया जा रहा है
गुप्त सूत्रों से खबर मिली है की
करीना कपूर एक ब्राह्मण लड़की का रोल कर रही है जो मुस्लिम लड़के ( (सलमान खान )से प्रेम करती है..
और डायरेक्ट ने इस प्रेम को राम-सीता की संज्ञा देकर हिन्दू लडकियों को मुस्लिम लड़के के प्रति प्रेमभाव बढाने को उकसाया है
और खबर ये भी है की डायरेक्टर को अरब देशो से फिल्म निर्माण के लिए पेसे भी मिले है
ताकि ज्यादा से ज्यादा हिन्दू लडकिया लव जिहाद का शिकार हो
और फिल्म का नाम बिलकुल हिन्दू देवता पर आधारित है
“बजरंगी भाईजान”
ताकि लोग फिल्म को आध्यात्मिक मानकर ज्यादा से ज्यादा सिनेमाहाल तक पहुचे
इसी तरह 2 साल पहले
एक फिल्म आई थी “इश्क्जादे” उस फिल्म में हीरो अर्जुन कपूर को हिन्दू लड़के और परिंणीति चोपडा को मुस्लिम लड़की बताया था
और प्रेम कहानी थी
उस फिल्म को लेकर मुस्लिम समुदाय ने अपनी एकता दिखाकर भारत के कई शहरो में फिल्म पर रोक लगाई थी
अब बारी है हिन्दुओ को अपनी एकता दिखाने की

जितना ज्यादा हो सके
इस msz को फॉरवर्ड करे
क्युकी फिल्म को रिलीज होने में एक साल लगेगा ( अगली ईद )
अभी इसकी सूटिंग चल रही है
हो सकता है msz डायरेक्टर तक पहुचे
और विरोध को देक्खर फिल्म की स्क्रिप्ट बदल दे
जय हिन्द जय भारत

सभी लडकियां ध्यान
दे…तथा अपनी सहेलियों को भी बताइये
और लडको अपनी बहनों और
भी लडकियों को यह संदेश जल्द से जल्द
पहुंचाए…पहले शेयर करे बाद में पढ़े आपको इस
पोस्ट पढने में सिर्फ 2-3
मिनट लगेंगे पर किसी की जिंदगी भी बच
सकती है….
… ——————————
—————
—————————–
अगर एक मुसलमान दो हिंदू लड़कियों से
शादी करके १२ बच्चे पैदा करे तो केवल २४
साल में मुस्लिम भारत पर कब्ज़ा कर लेंगे
|
हाल ही में पुलिस ने एक ऐसे ही युवक
को पकड़ा है , इस युवक का नाम वसीम
अकरम है ,वह फेसबुक दक्ष शर्मा के नाम से
प्रोफाइल
बनाकर हिंदू युवतियों को फंसाता था ,फिर
उनका शारीरिक शोषण करता था |
पुलिस ने अकरम को नजीराबाद से पकड़ा है |
वसीम ने पूछताछ में बताया की लव जेहाद के
नाम से ये सब कुछ चल रहा है , इससे जुड़े
कट्टरपंथी हिंदू लड़कियों को फंसाकर उनसे
शादी कर लेते हैं , इसका मुख्या संगठन ढाका में
है तथा हिंदुस्तान में इसका मुख्या संगठन केरल
में है|
इस संगठन का मानना है की अगर एक मुस्लिम
युवक एक हिंदू लड़की से शादी करके छः बच्चे
पैदा करे तो हिंदुस्तान को इस्लामिक राष्ट्र
बनाने में ४० साल लगेंगे और अगर एक मुसलमान
दो हिंदू लड़कियों से शादी करके १२ बच्चे
पैदा करे तो केवल २४ साल में मुस्लिमभारत पर
कब्ज़ा कर लेंगे | वो कहते हैं की हिंदू
लड़कीसे शादी करने से एक तरफ हम हिंदू
आबादी को बढ़ने
से रोकते हैं तो दूसरी तरफ मुस्लिम
आबादी बढाते हैं |
अकरम ने बताया की मुल्ला मौलवी मुस्लिम
बोलीवुड सितारों से कहते हैं की वे कमसे कम
दो हिंदू लड़कियों से शादी करे जिससे की देश में
हिंदू लड़कियों में मुस्लिम लड़कों के
प्रति सहानुभूति बने ,वो भी सितारों की नक़ल
करके मुस्लिम लड़कों के प्रेम जाल में
आसानी से फंस जाएं |हिन्दुस्थान को “दारुल
हरब” से “दारुल
इस्लाम” बनाने का जो इनका उद्देश्य है, ये
उसी की एक कड़ी है। कुछ साल पहले
आप जानते हैं की केरल में इसके 2500 मामले
सामने आये थे। जिसमे पकडे
गए आतंकवादियों ने इसके बारे में सब
बताया था। और तहकीकात करने पर ये
सारे मामले सामने आये। लेकिन अब तो ये पूरे
देश में फ़ैल चूका है।ये
इनका गजवा-ए-हिन्द(हिंदुस्तान पर फतह)
का एक हिस्सा है,
जो इनकी (मुसलामानों की) किताबों में लिखा है।
की पाकिस्तान भविष्य में हिंदुस्तान पर फतह
करेगा और पूरा हिंदुस्तान एक
मुस्लिम मुल्क होगा। आप “गजवा-ए-हिन्द” के
बारे में नेट पर या यु-ट्यूब पर
सर्च कर सकते हैं। जिसमे खुद
पाकिस्तानी बोल रहा है इसके बारे में।
SHARE IF U R A TRUE HINDU.
कृपया इस संदेश को प्रसारित करने में मदद करें
AAPKA EK MSG HINDUO KI
JAGRUKTA KE KARYA AAYENGE AUR
KISI BEHAN KI JINDAGI IN
DARINDO SE BACHAYI JAA SAKEGI..
!, jo bhi hindu hay , wo , sms ko Aage30 logo ko forward kare
JAI HIND!

Admin-02

Posted in हास्यमेव जयते

केजरू = सेक्युलर खुजली


केजरू = सेक्युलर खुजली
कुमार विस्वास = बहुत बकवास
राहुल = पप्पू
न—– = पोर्न स्टार
सो—— = बार गर्ल
ई —– = मेमुना बेगम
मोदी = भारत का शेर
पाकिस्तान = कुत्ते की दुम
लालू प्रसाद = चारा चोर
दिग्गी = डोग्गी

Posted in हिन्दू पतन

क्रुपया जवाब दें


क्रुपया जवाब दें
1. स्वामी विवेकानंद और आचार्य चाणक्य की जगह… ….गांधी को महात्मा बोलकर हिंदुस्तान पर क्यों थोप दिया गया…??????

2. जो स्थान महान मराठा क्षत्रिय वीर शिवाजी को मिलना चाहिये वो………. क्रूर और आतंकी औरंगजेब को क्यों और कैसे मिल गया ..????

3.सवाई जय सिंह को “””महान वास्तुप्रिय”””राजा ना कहकर शाहजहाँ को यह उपाधि किस आधार मिली …… ???

4. महाराणा प्रताप “”महान””” ना होकर………अकबर “””महान””” कैसे हो गया…???

5. जो जीता वही चंद्रगुप्त ना होकर…जो जीता वही सिकन्दर “कैसे” हो गया… ???

6. तेजोमहालय- ताजमहल लालकोट- लाल किला फतेहपुर सीकरी का देव महल- बुलन्द दरवाजा ….. ……… क्यों और कैसे हो गया….?

7. राष्ट्रीय गान भी…..संस्कृत के वन्दे मातरम की जगह ””जन-गण-मन हो गया”” कैसे और क्यों हो गया….??????

8. हमारे अराध्य भगवान् राम..कृष्ण तो इतिहास से कहाँ और कब गायब हो गये……… पता ही नहीं चला……….आखिर कैसे ????

9. हमारे अराध्य भगवान राम की जन्मभूमि पावन अयोध्या …. भी कब और कैसे विवादित बना दी गयी… हमें पता तक नहीं चला….!

हमारे दुश्मन सिर्फ बाबर,गजनवी,लंगड़ा तैमूरलंग ही नहीं है बल्कि आज के सफेदपोश सेक्यूलर भी हमारे उतने ही बड़े दुश्मन है. जिन्होंने हम हिन्दुओं के अन्दर हीन भाबना का उदय कर सेकुलरता का बीज उत्पन्न किया .

क्रुपया जवाब दें 1. स्वामी विवेकानंद और आचार्य चाणक्य की जगह… ….गांधी को महात्मा बोलकर हिंदुस्तान पर क्यों थोप दिया गया…?????? 2. जो स्थान महान मराठा क्षत्रिय वीर शिवाजी को मिलना चाहिये वो………. क्रूर और आतंकी औरंगजेब को क्यों और कैसे मिल गया ..???? 3.सवाई जय सिंह को “””महान वास्तुप्रिय”””राजा ना कहकर शाहजहाँ को यह उपाधि किस आधार मिली …… ??? 4. महाराणा प्रताप “”महान””” ना होकर………अकबर “””महान””” कैसे हो गया…??? 5. जो जीता वही चंद्रगुप्त ना होकर…जो जीता वही सिकन्दर “कैसे” हो गया… ??? 6. तेजोमहालय- ताजमहल लालकोट- लाल किला फतेहपुर सीकरी का देव महल- बुलन्द दरवाजा ….. ……… क्यों और कैसे हो गया….? 7. राष्ट्रीय गान भी…..संस्कृत के वन्दे मातरम की जगह ””जन-गण-मन हो गया”” कैसे और क्यों हो गया….?????? 8. हमारे अराध्य भगवान् राम..कृष्ण तो इतिहास से कहाँ और कब गायब हो गये……… पता ही नहीं चला……….आखिर कैसे ???? 9. हमारे अराध्य भगवान राम की जन्मभूमि पावन अयोध्या …. भी कब और कैसे विवादित बना दी गयी… हमें पता तक नहीं चला….! हमारे दुश्मन सिर्फ बाबर,गजनवी,लंगड़ा तैमूरलंग ही नहीं है बल्कि आज के सफेदपोश सेक्यूलर भी हमारे उतने ही बड़े दुश्मन है. जिन्होंने हम हिन्दुओं के अन्दर हीन भाबना का उदय कर सेकुलरता का बीज उत्पन्न किया .
Posted in Sai conspiracy

हिन्दुओं के पैसे से हिन्दुओं के मुंह पर करारा तमाचा।


हिन्दुओं के पैसे से हिन्दुओं के मुंह पर करारा तमाचा।
==============================
तमाम टी .वी .चैनल शिर्डी साई संस्थान ने खरीद लिये है।
आज एक चैनल ने तो सभी सीमाएं पार करते हुए बताया बताया की साईबाबा बचपन मे गुरुकुल मे शिक्षा प्राप्त की थी। जबकि ये मुल्ला क साई अशिक्षित था कुरान पढ़ने के लिये भी अब्दुल को बुलाता था ….
हिन्दू अरबो रुपये शिर्डी मे चढ़ता है जिसका इस्तेमाल सनातन धर्म विरोधी गतिविधियो मे
ही किया जाता है।
जिनको शास्त्रों वा सनातन का ज्ञान नहीं जिनके घरों मे संस्कार नहीं खानपान दूषित हो गया है वो ही कब्र मजारो ओर इस साई मुल्ले के झूठे चमत्करो पर विश्वास करके नाक रगड़ते रहते है।
देश के काफी मंदिरों से इस मुल्ले साई की मूर्ति को निकाल कर मंदिरों के सुध्धीकरण का कार्य जोर शोर से चल रहा है।
अब हिन्दू जाग रहा है , साई मुल्ला भाग रहा है |
आपका मित्र देव

Posted in Love Jihad

आप सब से मेरा विनम्र निवेदन है इस विडिओ को पूरा देखें और हिन्दू बहनों को अवश्य दिखाए


आप सब से मेरा विनम्र निवेदन है इस विडिओ को पूरा देखें और हिन्दू बहनों को अवश्य दिखाए

लव जिहाद मौज मस्ती करो और हिन्दू लडकियों का धर्म परिवर्तन करो
-देखिये विडियो में >>>>
https://www.youtube.com/watch?v=ZcpZz3hM_M0

Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

“द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया” जो देती है चीन की दीवार को टक्कर, जानें इसका रहस्य●


“द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया” जो देती है चीन की दीवार को टक्कर, जानें इसका रहस्य●
उदयपुर. चीन के दीवार का नाम विश्व में सभी जानते हैं | आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में भी एक ऐसी दीवार है जो सीधे तौर पर चीन के दीवार को टक्कर देती है | जिसे भेदने की कोशिश अकबर ने भी की लेकिन भेद न सका। जिसके दीवार की मोटाई इतनी है कि उस पर 10 घोड़े एक साथ दौड़ सकते हैं।
कैसे बनी ये 36 किलोमीटर लंबी दीवार ?
किले के दीवार की निर्माण से जुड़ी कहानी बहुत ही दिलचस्प है | 1443 में राणा कुंभा ने किले का निर्माण शुरू किया लेकिन, जैसे जैसे दीवारों का निर्माण आगे बढ़ा वैसे-वैसे दीवारें रास्ता देते चली गई। दरअसल, इस दीवार का काम इसलिए करवाया जा रहा था ताकि विरोधियों से सुरक्षा हो सके | लेकिन दीवारें थी की बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थी | फिर कारिगरों ने राजा को बताया कि यहां पर किसी देवी का वास है।
इस किले के लिए चढ़ाई गई संत की बलि
देवी कुछ और ही चाहती हैं राजा इस बात पर चिंतित हो गए और एक संत को बुलाया और सारी गाथा सुनाकर इसका हल पूछा | संत ने बताया कि देवी इस काम को तभी आगे बढ़ने देंगी जब स्वेच्छा से कोई मानव बलि के लिए खुद को प्रस्तुत करे | राजा इस बात से चिंतित होकर सोचने लगे कि आखिर कौन इसके लिए आगे आएगा | तभी संत ने कहा कि वह खुद बलिदान के लिए तैयार है और इसके लिए राजा से आज्ञा मांगी |
संत ने कहा कि उसे पहाड़ी पर चलने दिया जाए और जहां वो रुके वहीं उसे मार दिया जाए और वहां एक देवी का मंदिर बनाया जाए | ठीक ऐसा ही हुआ और वह 36 किलोमीटर तक चलने के बाद रुक गया और उसका सिर धड़ से अलग कर दिया गया | जहां पर उसका सिर गिरा वहां मुख्य द्वार है और जहां पर उसका शरीर गिरा वहां दूसरा मुख्य द्वार है |
यह किला चारों तरफ से अरावली की पहाड़ियों की मजबूत ढाल द्वारा सुरक्षित है |
इसका निर्माण पंद्रहवी सदी में राणा कुम्भा ने करवाया था। पर्यटक किले के ऊपर से आस पास के रमणीय दृश्यों का आनंद ले सकते हैं | शत्रुओं से रक्षा के लिए इस किले के चारों ओर दीवार का निर्माण किया गया था | ऐसा कहा जाता है कि चीन की महान दीवार के बाद यह एक सबसे लम्बी दीवार है | यह किला 1,914 मीटर की ऊंचाई पर समुद्र स्तर से परे क्रेस्ट शिखर पर बनाया गया है। इस किले के निर्माण को पूरा करने में 15 साल का समय लागा |
दस घोड़े एक साथ दौड़ते है इसके दीवार पर
महाराणा कुंभा के रियासत में कुल 84 किले आते थे जिसमें से 32 किलों का नक्शा उसके द्वारा बनवाया गया था | कुंभलगढ़ भी उनमें से एक है | इस किले की दीवार की चौड़ाई इतनी ज्यादा है कि 10 घोड़ों को एक ही समय में उसपर दौड़ सकते हैं | एक मान्यता यह भी है कि महाराणा कुंभा अपने इस किले में रात में काम करने वाले मजदूरों के लिए 50 किलो घी और 100 किलो रूई का प्रयोग करता था |
यहां है “बादलों का महल”
बादल महल को ‘बादलों के महल’ के नाम से भी जाना जाता है | यह कुम्भलगढ़ किले के शीर्ष पर स्थित है | इस महल में दो मंजिलें हैं एवं यह संपूर्ण भवन दो आतंरिक रूप से जुड़े हुए खंडों, मर्दाना महल और जनाना महल में विभाजित हैं |
इस महल के कमरों के दीवारों पर सुंदर दृश्यों को अंगित किया गया है जो उन्नीसवीं शताब्दी के काल को प्रदर्शित करते हैं |
उस समय भी होता था एसी का प्रयोग
आज भी एसी का प्रयोग कर ऑफिसों में पाइपों के द्वारा ठंढ़क पहूंचाई जाती है | उस समय भी महल के इस परिसर में रचनात्मक वातानुकूलन प्रणाली लगा हुआ था जो आज भी है | यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है जिसे देखना एक दिलचस्प बात है | इसमें पाइपों की एक श्रृंखला है जो इन सुंदर कमरों को ठंडी हवा प्रदान करती है और साथ ही कमरों को नीचे से भी ठंडा करती हैं | पर्यटक जनाना महल में पत्थरों की जालियों से बाहर का नजारा देख सकते हैं |

"द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया" जो देती है चीन की दीवार को टक्कर, जानें इसका रहस्य● उदयपुर. चीन के दीवार का नाम विश्व में सभी जानते हैं | आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में भी एक ऐसी दीवार है जो सीधे तौर पर चीन के दीवार को टक्कर देती है | जिसे भेदने की कोशिश अकबर ने भी की लेकिन भेद न सका। जिसके दीवार की मोटाई इतनी है कि उस पर 10 घोड़े एक साथ दौड़ सकते हैं। कैसे बनी ये 36 किलोमीटर लंबी दीवार ? किले के दीवार की निर्माण से जुड़ी कहानी बहुत ही दिलचस्प है | 1443 में राणा कुंभा ने किले का निर्माण शुरू किया लेकिन, जैसे जैसे दीवारों का निर्माण आगे बढ़ा वैसे-वैसे दीवारें रास्ता देते चली गई। दरअसल, इस दीवार का काम इसलिए करवाया जा रहा था ताकि विरोधियों से सुरक्षा हो सके | लेकिन दीवारें थी की बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थी | फिर कारिगरों ने राजा को बताया कि यहां पर किसी देवी का वास है। इस किले के लिए चढ़ाई गई संत की बलि देवी कुछ और ही चाहती हैं राजा इस बात पर चिंतित हो गए और एक संत को बुलाया और सारी गाथा सुनाकर इसका हल पूछा | संत ने बताया कि देवी इस काम को तभी आगे बढ़ने देंगी जब स्वेच्छा से कोई मानव बलि के लिए खुद को प्रस्तुत करे | राजा इस बात से चिंतित होकर सोचने लगे कि आखिर कौन इसके लिए आगे आएगा | तभी संत ने कहा कि वह खुद बलिदान के लिए तैयार है और इसके लिए राजा से आज्ञा मांगी | संत ने कहा कि उसे पहाड़ी पर चलने दिया जाए और जहां वो रुके वहीं उसे मार दिया जाए और वहां एक देवी का मंदिर बनाया जाए | ठीक ऐसा ही हुआ और वह 36 किलोमीटर तक चलने के बाद रुक गया और उसका सिर धड़ से अलग कर दिया गया | जहां पर उसका सिर गिरा वहां मुख्य द्वार है और जहां पर उसका शरीर गिरा वहां दूसरा मुख्य द्वार है | यह किला चारों तरफ से अरावली की पहाड़ियों की मजबूत ढाल द्वारा सुरक्षित है | इसका निर्माण पंद्रहवी सदी में राणा कुम्भा ने करवाया था। पर्यटक किले के ऊपर से आस पास के रमणीय दृश्यों का आनंद ले सकते हैं | शत्रुओं से रक्षा के लिए इस किले के चारों ओर दीवार का निर्माण किया गया था | ऐसा कहा जाता है कि चीन की महान दीवार के बाद यह एक सबसे लम्बी दीवार है | यह किला 1,914 मीटर की ऊंचाई पर समुद्र स्तर से परे क्रेस्ट शिखर पर बनाया गया है। इस किले के निर्माण को पूरा करने में 15 साल का समय लागा | दस घोड़े एक साथ दौड़ते है इसके दीवार पर महाराणा कुंभा के रियासत में कुल 84 किले आते थे जिसमें से 32 किलों का नक्शा उसके द्वारा बनवाया गया था | कुंभलगढ़ भी उनमें से एक है | इस किले की दीवार की चौड़ाई इतनी ज्यादा है कि 10 घोड़ों को एक ही समय में उसपर दौड़ सकते हैं | एक मान्यता यह भी है कि महाराणा कुंभा अपने इस किले में रात में काम करने वाले मजदूरों के लिए 50 किलो घी और 100 किलो रूई का प्रयोग करता था | यहां है "बादलों का महल" बादल महल को ‘बादलों के महल’ के नाम से भी जाना जाता है | यह कुम्भलगढ़ किले के शीर्ष पर स्थित है | इस महल में दो मंजिलें हैं एवं यह संपूर्ण भवन दो आतंरिक रूप से जुड़े हुए खंडों, मर्दाना महल और जनाना महल में विभाजित हैं | इस महल के कमरों के दीवारों पर सुंदर दृश्यों को अंगित किया गया है जो उन्नीसवीं शताब्दी के काल को प्रदर्शित करते हैं | उस समय भी होता था एसी का प्रयोग आज भी एसी का प्रयोग कर ऑफिसों में पाइपों के द्वारा ठंढ़क पहूंचाई जाती है | उस समय भी महल के इस परिसर में रचनात्मक वातानुकूलन प्रणाली लगा हुआ था जो आज भी है | यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है जिसे देखना एक दिलचस्प बात है | इसमें पाइपों की एक श्रृंखला है जो इन सुंदर कमरों को ठंडी हवा प्रदान करती है और साथ ही कमरों को नीचे से भी ठंडा करती हैं | पर्यटक जनाना महल में पत्थरों की जालियों से बाहर का नजारा देख सकते हैं |
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सभी मुस्लिम और सेक्यूलर अपने पूर्वजों के कृत्य पर शर्मिंदा होने के बजाए उसे हमेशा जीवित रखना चाहते हैं


===>>> सभी मुस्लिम और सेक्यूलर अपने पूर्वजों के कृत्य पर शर्मिंदा होने के बजाए उसे हमेशा जीवित रखना चाहते हैं <<<====
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मुस्लिमों में मक्का में क्या कभी एक हिंदू मंदिर बनाने की अनुमति होगी….
मैं सिर्फ सभी हिन्दुओं से एक सामान्य सा प्रश्न पूछना चाहता हूँ…
अगर मुसलमान मक्का में एक इस्लामी वातावरण के हकदार है और अगर ईसाई वेटिकन में एक ईसाई माहौल के हकदार हैं तो अगर हिंदू अयोध्या में हिंदू माहौल की उम्मीद करते हैं तो…..
इसमें गलत क्या है..
अरे…. मक्का में मंदिर की बात तो खैर जाने ही दो…… ? मक्का में तो गैर मुस्लिमों को प्रवेश तक करने की अनुमति नहीं है.
अयोध्या भारत का एक प्राचीन शहर है और श्री राम के जन्मस्थान के रूप में हिंदुओं में प्रतिष्ठित है.
जब मुस्लिम आक्रान्ता बाबर Ferghana से 1527 में आया था तो.. अपने तोपखाने के प्रयोग के बदौलत उसने चित्तौड़ के राजा राणा संग्राम सिंह को पराजित कर वहां का राजा बन बैठा और अपने सेनापति मीर बाकी को अपना प्रधानमंत्री बनाया.
मीर बाकी, जनसाधारण पर मुगल शासन लागू करने के लिए आतंक का इस्तेमाल किया और हिन्दुओं पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए 1528 मीर बाकी अयोध्या के लिए आया और उस समय के राम मंदिर को नष्ट कर दिया.
Encyclopedia Britannica का 2007 edition बताता है कि उस समय उस मीर बाकी ने अपने राजनितिक और धार्मिक कारणों से ना सिर्फ अयोध्या बल्कि उस अवधि के दौरान वाराणसी और मथुरा के कई हिंदू मंदिरों को नष्ट कर दिया था.. जिसके सबूत आज तक मौजूद हैं.
यहाँ तक कि.. लिब्रहान आयोग ने हिंदू विरोधी कांग्रेस और भारतीय अंग्रेजी मीडिया द्वारा समर्थित (एनडीटीवी और सीएनएन – आईबीएन) के साथ मिलकर इस दुष्प्रचार में लगी है कि… अयोध्या में मंदिर बनाना उचित नहीं है.
और तो और……
मनहूस सेक्युलरों के ये तथाकथित भाई (मुस्लिम) अपने पूर्वजों के इस कृत्य पर शर्मिंदा होने के बजाए उसे हमेशा जीवित रखना चाहते हैं… और उस आततायी के जुल्म की निशानी (बाबरी मस्जिद) के मिटने पर आज तक दुःख मनाते हैं…!
अरे… अपनी सारी बुद्धि और आत्मसम्मान को बेच खाया है क्या आपलोगों ने…?????
जागो हिन्दुओं … जागो हिन्दुओ

===>>> सभी मुस्लिम और सेक्यूलर अपने पूर्वजों के कृत्य पर शर्मिंदा होने के बजाए उसे हमेशा जीवित रखना चाहते हैं <<<==== . मुस्लिमों में मक्का में क्या कभी एक हिंदू मंदिर बनाने की अनुमति होगी.... मैं सिर्फ सभी हिन्दुओं से एक सामान्य सा प्रश्न पूछना चाहता हूँ... अगर मुसलमान मक्का में एक इस्लामी वातावरण के हकदार है और अगर ईसाई वेटिकन में एक ईसाई माहौल के हकदार हैं तो अगर हिंदू अयोध्या में हिंदू माहौल की उम्मीद करते हैं तो..... इसमें गलत क्या है.. अरे.... मक्का में मंदिर की बात तो खैर जाने ही दो...... ? मक्का में तो गैर मुस्लिमों को प्रवेश तक करने की अनुमति नहीं है. अयोध्या भारत का एक प्राचीन शहर है और श्री राम के जन्मस्थान के रूप में हिंदुओं में प्रतिष्ठित है. जब मुस्लिम आक्रान्ता बाबर Ferghana से 1527 में आया था तो.. अपने तोपखाने के प्रयोग के बदौलत उसने चित्तौड़ के राजा राणा संग्राम सिंह को पराजित कर वहां का राजा बन बैठा और अपने सेनापति मीर बाकी को अपना प्रधानमंत्री बनाया. मीर बाकी, जनसाधारण पर मुगल शासन लागू करने के लिए आतंक का इस्तेमाल किया और हिन्दुओं पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए 1528 मीर बाकी अयोध्या के लिए आया और उस समय के राम मंदिर को नष्ट कर दिया. Encyclopedia Britannica का 2007 edition बताता है कि उस समय उस मीर बाकी ने अपने राजनितिक और धार्मिक कारणों से ना सिर्फ अयोध्या बल्कि उस अवधि के दौरान वाराणसी और मथुरा के कई हिंदू मंदिरों को नष्ट कर दिया था.. जिसके सबूत आज तक मौजूद हैं. यहाँ तक कि.. लिब्रहान आयोग ने हिंदू विरोधी कांग्रेस और भारतीय अंग्रेजी मीडिया द्वारा समर्थित (एनडीटीवी और सीएनएन - आईबीएन) के साथ मिलकर इस दुष्प्रचार में लगी है कि... अयोध्या में मंदिर बनाना उचित नहीं है. और तो और...... मनहूस सेक्युलरों के ये तथाकथित भाई (मुस्लिम) अपने पूर्वजों के इस कृत्य पर शर्मिंदा होने के बजाए उसे हमेशा जीवित रखना चाहते हैं... और उस आततायी के जुल्म की निशानी (बाबरी मस्जिद) के मिटने पर आज तक दुःख मनाते हैं...! अरे... अपनी सारी बुद्धि और आत्मसम्मान को बेच खाया है क्या आपलोगों ने...????? जागो हिन्दुओं ... जागो हिन्दुओ
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‘लव जिहाद’का प्रसार तेजीसे होनेके कुछ कारण


‘लव जिहाद’का प्रसार तेजीसे होनेके कुछ कारण

‘लव जिहाद’को रोकना है, तो उसके तेजीसे प्रसारके कारणोंका अभ्यास करना आवश्यक है ।

१ अ. हिन्दू युवतियोंका अनुचित आचरण और अज्ञान

१ अ १. जिहादी युवकपर तुरंत विश्वास करना : ‘एक पाकिस्तानी वंशके जिहादीने कहा, ‘‘हिन्दू युवतियोंको फंसाना सरल होता है; क्योंकि वे भोली होती हैं तथा किसी भी बातपर तुरंत विश्वास कर लेती हैं । उनसे मीठा बोलनेपर तथा उनकी झूठी प्रशंसा करते ही उन्हें हम ‘जिहादी’ अपने ही लगते हैं ।’’ – श्रीमती दुर्गा सरदेसाई, अमरीका

१ अ २. युवतियोंकी अल्हड आयु : ‘लव जिहाद’की बलि चढी अधिकतर हिन्दू युवतियां १३ से १८ वर्षके बीचकी होती हैं । इस अल्हड आयुकी युवतियोंको जिहादी युवक लालच दिखाकर प्रेमके जालमें फांस लेते हैं और बलात्कार करते हैं । ऐसी अल्पवयीन युवतियां लैंगिक आकर्षणके कारण, क्या हितकर है और क्या अहितकर, इसका भेद नहीं समझ पातीं । इस कारण उनके प्रेमजालमें फंस जाती हैं ।’

१ अ ३. जिहादीयोंको राष्ट्रीय प्रवाहमें सम्मिलित करनेके लिए उनसे विवाह करनेकी भ्रामक धारणा : कुछ हिन्दू युवतियोंको इस्लामी क्रूरताका इतिहास ज्ञात होता है; तो भी ‘यदि एक भी जिहादीकी मानसिकता परिवर्तित कर मैं उसे राष्ट्रीय प्रवाहमें ला सकी, तो मेरा जीवन सार्थक हो जाएगा’, यह भ्रम वे इस अवयस्क अवस्थामें ही पाल लेती हैं और अपने पैरोंपर कुल्हाडी मार लेती हैं ।

१ अ ४. जिहादीयोंको पौरुषयुक्त और हिन्दुओंको पौरुषहीन समझना : ‘कभी-कभी ऐसा भी होता है कि जिहादीके प्रेमजालमें फंसी युवतीको समझाने हेतु उसके पास जानेपर वह यह कहकर कि ‘‘जिहादी पौरुषयुक्त (मर्द) होते हैं, और हिन्दू ‘नामर्द (पौरुषहीन) होते हैं’’, हिन्दुओंके पुरुषार्थको ही चुनौती दे डालती हैं ।’

१ अ ५. इस्लामी आक्रमणकारियोंका इतिहास ज्ञात न होना : हिन्दू युवतियोंका ‘लव जिहाद’की बलि चढनेका एक प्रमुख कारण है, हिन्दुस्थानपर इस्लामी आक्रमणकारियोंद्वारा गत १,३०० वर्षोंमें किए गए अत्याचारोंसे और इस्लामकी जिहादी विचारधाराका ज्ञान न होना ।

१ अ ६. हिन्दू धर्मके महत्त्वसे अनभिज्ञ होना : हिन्दू युवतियोंको हिन्दू धर्मका महत्त्व ज्ञात न होना, यह भी उनके ‘लव जिहाद’के बलि चढनेका महत्त्वपूर्ण कारण है । ऐसी युवतियोंद्वारा धर्मपालन न किए जानेके कारण उनमें हिन्दू धर्मके विषयमें अभिमान नहीं होता । इसीलिए वे दूसरे धर्ममें जानेके लिए तत्पर हो जाती हैं ।

१ आ. कुछ हिन्दू अभिभावकोंके अनुचित कृत्य

१ आ १. अपनी बेटियोंको अनियंत्रित स्वतंत्रता देना : अभिभावकोंद्वारा अपनी बेटियोंको दी जानेवाली अनियंत्रित स्वतंत्रता एवं उन्हें पाश्चात्य संस्कृतिका अंधानुकरण करनेकी दी जानेवाली छूटके कारण ये युवतियां आगे जाकर अपने माता-पिताकी नहीं सुनतीं और मनमाने ढंगसे रहने लगती हैं ।

१ आ २. युवतियोंको भावनिक आधार देनेमें असफल रहना : ‘एक सर्वेक्षणके अनुसार अकेली अथवा अलिप्त रहनेवाली युवतियोंकी ‘लव जिहाद’में फंसनेकी संख्या अधिक है । जिन युवतियोंको भावनिक आधार नहीं मिलता, वे युवतियां वह आधार बाहर ढूंढनेका प्रयास करती हैं । प्रत्येक युवाको उसके सिरपर हाथ फेरकर आत्मीयतासे उसका कुशल-मंगल पूछनेवाले तथा उसका कहना खुले मनसे सुननेवाले अभिभावककी आवश्यकता होती है ।

१ आ ३. ‘सर्वधर्मसमभाव’ संभालनेके लिए जिहादीयोंका वास्तविक स्वरूप प्रकट करनेवाली घटनाएं युवतीतक न पहुंचने देना : मारवाडी सम्मेलनमें ‘लव जिहाद’में फंसी युवतीके अभिभावकने अपनी व्हृाथा प्रकट करते हुए कहा, ‘‘हमारी बेटियां धार्मिक विचारोंकी थीं । पूजन-अर्चन और उपवास करती थीं, तो भी जिहादीयोंके साथ भाग गर्इं ।’’ यही अभिभावक पहले ‘सर्वधर्मसमभाव’का खोटा तत्त्वज्ञान समाजको बताया करते थे । परिस्थितिवश कभी हिन्दू-जिहादीका प्रश्न उपस्थित होनेपर वे अपनी बेटियोंको ‘सर्वधर्मसमभाव’का उपदेश करते हुए कहते, ‘‘यह तुम लोगोंका विषय नहीं है । यह राजनीति है । तुम लोग अपनी पढाईपर ध्यान दो ।’’

१ आ ४. बेटीका आधुनिक विचारोंका आत्मघाती अभिमान पालना : कुछ अभिभावक उनकी बेटी किस पार्टीमें जाती है, किस स्तरके युवकोंके साथ पिकनिकपर जाती है, किस प्रकारके चलचित्र देखती है, किस प्रकारके कार्यक्रमोंमें भाग लेती है आदिकी कभी पूछताछ नहीं करते । उलटे, ‘मेरी बेटी आधुनिक विचारोंकी है’, यह आत्मघाती अभिमान प्रदर्शित करते हैं ।’ – श्री. समीर दरेकर

१ आ ५. छवि (नाम) कलंकित होनेके भयसे हतबल भूमिका ! : ‘लव जिहाद’की बलि चढी बेटीके विषयमें माता-पिता पुलिसमें परिवाद लिखवाते तो हैं; किंतु समाजमें अपनी छवि कलंकित होनेके भयसे उनका प्रयास यह रहता है कि प्रकरण न्यायालयके बाहर ही निपट जाए ।’ – ममता त्रिपाठी, स्तंभलेखिका

१ इ. हिन्दू समाजकी अनुचित विचार-प्रक्रिया

१ इ १. ‘मुझे इससे क्या लेना-देना’ ऐसी मनोवृत्ति : ‘एक हिन्दू घरकी युवतीको जिहादी भगा ले गया, फिर भी कुछ हिन्दू ऐसा विचार करते हैं कि ‘मेरे घरकी बेटियां तो सुरक्षित हैं ! इसलिए, यह सब क्यों सोचूं ?’

१ इ २. धर्मनिरपेक्षताका आतंकी विचार : ‘जिहादीयोंद्वारा भगाई गई हिन्दू युवतियोंका करुण-क्रंदन हिन्दू समाजके कुछ लोगोंको सुनाई ही नहीं देता; क्योंकि, वे न टूटनेवाले धर्मनिरपेक्षताके भ्रामक (भ्रमित करनेवाले) कवचसे अपने दोनों कान बंद कर लिए होते हैं ।

१ इ ३. हिन्दू धर्मपर आए संकटसे कोई लेना-देना नहीं : हिन्दू समाज आपसमें झगडनेमें अपनेको धन्य मानता है । एक-दूसरेकी त्रुटियां निकालनेमें बडप्पन मानता है । विविध हिन्दू संगठन और संस्थाएं इसमें अपना अस्तित्व बचानेका प्रयत्न अधिक करती हैं । हिन्दू धर्म और उसपर आए संकटोंके विषयमें उन्हें कुछ लेना-देना नहीं होता ।’

१ इ ४. भगाकर ले गई युवतीको वापस लानेका साहस न करना : ‘जिहादी युवकद्वारा बेटीको भगाकर ले जानेपर उसे छुडाकर वापस लानेका साहस हिन्दू समाज नहीं दिखाता । हिरनके झुंडपर आक्रमण कर उसके उत्तम हिरनको उस झुंडके सामने ही बाघ क्रूरतापूर्वक फाडकर खा जाता है; परंतु केवल विवश होकर वह दृश्य देखनेके अतिरिक्त झुंडके अन्य हिरन कुछ नहीं कर पाते । ठीक ऐसी ही अवस्था हिन्दू समाजकी हो गई है । ‘बेटी आजसे मेरे लिए मर गई’, यह कहते हुए हाथ झटककर अभिभावक अपने नित्यके कामकाजमें व्यस्त हो जाते हैं; किंतु इसमें कोई पुरुषार्थ नहीं ।

१ इ ५. संगठितरूपसे लडनेकी मानसिकताका अभाव : `लव जिहाद’की घटना सुनकर हिन्दू समाजके अधिकतर लोगोंकी मुटि्ठयां कडी तो होती हैं; किंतु उसके विरुद्ध संगठितरूपसे लडनेकी मानसिकता कोई नहीं दिखाता ।’

१ ई. मतोंके लिए अंधे बने राजनीतिक दल !

‘जिहादीोंके मत गंवानेके भयसे ‘लव जिहाद’को कुचलनेका साहस कोई राजनीतिक दल नहीं करता ।’

संदर्भ : हिन्दू जनजागृति समिति पुरस्कृत ग्रंथ ‘लव जिहाद – समस्या एवं उपाय’