Posted in Love Jihad

लव जेहाद


लव जेहाद पर हिन्दू समाज को जागृत करके की सजा यूपी की बोको हराम पार्टी की सरकार ने मेरठ के पत्रकार को दी … टीवी पत्रकार सुनील तनेजा पर कई फर्जी मुकदमे ठोके गये … यूपी सरकार चाहती है की कोई भी पत्रकार लव जेहाद पर स्टोरी मत दिखाए
इसके पहले एबीपी न्यूज़ के पत्रकार को भी यूपी के एक मंत्री ने देख लेने की धमकी दिया था

‘लव जिहाद’ के बारे में हिन्दू समाज को जाग्रत करने वाले पत्रकार सुनील तनेजा को यूपी सरकार ने मुकदमों में फंसा लिया है… मेरठ निवासी सुनील तनेजा लम्बे समय से पत्रकारिता में कार्यरत हैं.. साथ ही उन्होंने लव जिहाद के खिलाफ भी अपना मिशन जारी रखा…

सम्पूर्ण बंगाल प्रान्त में कोई ऐसा ग्राम नही की जिस ग्राम के किसी मुस्लिम परिवार में हिन्दू लड़की न हो | पहले तो उन्हें लव जिहाद का शिकार बनाया जाता हैं, फिर उससे शादी कर इसलाम की संख्या बृद्धि में पुरजोर सहयोग बंगाल सरकार की भी है | कारण यह भी जग जाहिर हो गया की इस वर्ष बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रोजा रख कर मुसलमानों को संतुष्ट किया |

मगर अपने इस सामाजिक काम के कारण वे मुसलमानों के निशाने पर आ गये और मुसलमानों ने लव जिहाद का अपना कार्यक्रम तो बंद नही किया, हां साजिश रचकर माहौल बनाकर सुनील भाई को फंसा लिया… सुनील भाई अपने लिए नहीं, समाज की बहन बेटियों की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं… इसलिए इस कठिन वक़्त में हम सबका दायित्व है कि उनकी मदद करें…. क्योंकि आज इन सुनील भाई की आवाज को दबाया गया है, कल किसी और की बारी हो सकती है

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सिंजर (ईराक ) की 18 वर्षीय अमीना कालो (यजीदी)


Kumar Pankaj’s wall
सिंजर (ईराक ) की 18 वर्षीय अमीना कालो (यजीदी)- “हम कभी इस्लाम नहीं अपनाएंगे, इसकी बजाय हम मरना पसंद करेंगे.”
हज़ारों यजीदियों के क़त्ले-आम के बाद भी ये हौसला….
इस जज़्बे को सैंकड़ों सैल्यूट…..
(फोटो साभार बी बी सी) सिंजर (ईराक ) की 18 वर्षीय अमीना कालो (यजीदी)- “हम कभी इस्लाम नहीं अपनाएंगे, इसकी बजाय हम मरना पसंद करेंगे.” हज़ारों यजीदियों के क़त्ले-आम के बाद भी ये हौसला…. इस जज़्बे को सैंकड़ों सैल्यूट…..
(फोटो साभार बी बी सी)

Kumar Pankaj’s wall
सिंजर (ईराक ) की 18 वर्षीय अमीना कालो (यजीदी)- “हम कभी इस्लाम नहीं अपनाएंगे, इसकी बजाय हम मरना पसंद करेंगे.”

हज़ारों यजीदियों के क़त्ले-आम के बाद भी ये हौसला….
इस जज़्बे को सैंकड़ों सैल्यूट…..
(फोटो साभार बी बी सी)
सिंजर (ईराक ) की 18 वर्षीय अमीना कालो (यजीदी)- “हम कभी इस्लाम नहीं अपनाएंगे, इसकी बजाय हम मरना पसंद करेंगे.” हज़ारों यजीदियों के क़त्ले-आम के बाद भी ये हौसला…. इस जज़्बे को सैंकड़ों सैल्यूट…..
(फोटो साभार बी बी सी)

Posted in राजनीति भारत की - Rajniti Bharat ki

मित्रो ओवैसी ने अपने स्पीच में कहा था की


( “मित्रो ओवैसी ने अपने स्पीच में
कहा था की” ):-
.
“अरे हम(मुसलमान ) मरते भी हैं तो इस
जमीन में २गज जमीन लेकर दफ़न होते हैं
क्यों के हमें इस मोहब्बत हैं..!”
.
“तुम (हिन्दू ) मरते हो तो फिजाओ में
आवारा कि तरह चले जाते हो..!”
.
( “उस पर मेरी जवाब..!” )
.
“जो मोहब्बत होती तो मरने के बाद
भी मिटटी कि २ गज जमीन को बंजर
ना करते,
हम (हिंदू) मरते हैं
तो हवा को भी साफ़
करते हैं और मरने के बाद भी हमारे
शरीर
कि राख इस मिटटी को उपजाऊ करके
जाती हैं इसे कहते हैं मोहब्ब्बत करना,
समझे
मिया..!”
.
जय हिन्द…जय भारत…..
जय श्री राम…
वंदे मातरम

Posted in श्रीमद्‍भगवद्‍गीता

अजीब है हमारे देश का संविधान ! सच बोलने के लिए गीता पर हाथ रखकर कसम खिलाई जाती है। मगर, सच जानने के लिए पढ़ाई नहीं जाती।


अजीब है हमारे देश का संविधान !
सच बोलने के लिए गीता पर हाथ रखकर कसम
खिलाई जाती है।
मगर, सच जानने के लिए पढ़ाई नहीं जाती।

Posted in हिन्दू पतन

जाकिर नाईक ने 3 वर्ष पहले गणेश जी अपमान किया था.


जाकिर नाईक ने 3 वर्ष पहले गणेश जी अपमान किया था.सुदर्शन न्यूज़ ने उस पर एक सप्ताह का कार्यक्राम दिखाया..इसके बाद उसके ऊपर मुकदमे दर्ज हुए..जाकिर नाईक अब भारत से भागकर दुबई चला गया है..वही जाकिर नाईक ने रामगोपाल वर्मा को पैसा देकर ”हिन्दू देवताओ ”का अपमान करने के लिए कहा..इसके बाद हरामजादा रामगोपाल वर्मा ठीक ”गणेश चतुर्थी ”पर भगवान गणेश का अपमान किया..हिन्दुओ के आस्था पर कुठाराघात किया है…इसको ऐसा सबक सिखाओ कि दुबारा कोई भी हिन्दू देवताओ के अपमान के लिए जुर्रत न करे…इसके ऊपर देश भर से मुकदमे दर्ज करवाओ…इसकी फिल्मो को देखना बंद करो—
http://navbharattimes.indiatimes.com/movie-masti/news-from-bollywood/ramgopal-verma-mocks-at-lord-ganesha/articleshow/41184916.cms
—-
TP Shukla

Posted in रामायण - Ramayan

बहुत कम लोगो को पता होगा की कांग्रेसाचार्य स्वरुपानंद को राजीव गाँधी ने राम मन्दिर विवाद को सुलझाने के लिए आगे किया था .


बहुत कम लोगो को पता होगा की कांग्रेसाचार्य स्वरुपानंद को राजीव गाँधी ने राम मन्दिर विवाद को सुलझाने के लिए आगे किया था .. तब इसने उस जगह पर बाबरी मस्जिद रहने का समर्थन किया था और कहा था की राम मन्दिर दूसरी जगह भी बन सकता है .. लेकिन दुसरे हिन्दू संतो ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया …

ये शुरू से ही कांग्रेसी विचारधारा के रहे है .. इन्होने बाल ठाकरे जी से लेकर नरेंद्र मोदी, सबको खूब कोसा है …

और ये वही कांग्रेसाचार्य है जिन्होंने शाहबानो मामले पर राजीव गाँधी के द्वारा बहुमत के दम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने का समर्थन किया था और कहा था की मुसलमानों के लिए अपने अलग कानून होने चाहिए …

इसलिए मै इस कांग्रेसाचार्य के द्वारा साईं मामले को उठाने पर संदेह व्यक्त कर रहा हूँ कही ये हिन्दुओ को बाँटने की चर्च या अरब देशो की साजिश तो नही है ? क्योकि योगी आदित्यनाथ जी से लेकर राम विलास वेंदंती तक ने कांग्रेसाचार्य की मंशा पर सवाल उठाये है

Posted in भारतीय मंदिर - Bharatiya Mandir

मोरगांव का मोरेश्वर (मयूरेश्वर)


मोरगांव का मोरेश्वर (मयूरेश्वर)
अष्टविनायकों में पहला गणपति मोरगांव का मोरेश्वर के नाम से पुकारा जाता है। इस गणपति को श्री मयूरेश्वर भी कहा जाता है। महान गणेश उपासक मोरया गोसावी को इस मंदिर में पूजा का अधिकार प्रदान किया गया था। श्री मोरेश्वर भगवान जी का प्रसिद्ध प्राचीन स्थल है। ऐसा माना जाता है कि हर घर में गायी जाने वाली सुखकर्ता दु:खहर्ता नामक आरती श्री समर्थ रामदास स्वामी ने इसी मंदिर में पहली बार गायी थी। इस मंदिर के पास ही एक नदी बहती है। इस मंदिर पर कई तरह की नक्काशी की गई है। श्री मोरेश्र्वर की आंखों हीरे जड़े गए हैं। पुणे जिले की बारामती तहसील से 35 किमी दूरी पर स्थित मोरगांव से महाराष्ट्र के कुलदैवत जेजुरी का खंडोबा महज 17 किमी. की दूरी पर स्थित है।
‪#‎Ganesh‬ ‪#‎Ganpati‬ ‪#‎AshtaVinayak‬ ‪#‎Maharashtra‬

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यदि आप आशाराम बापू झूठा, दुराचारी और ठग मानते हैं तो आपसे अनुरोध है की थोडा समय देकर यह पोस्ट अवश्य पढ़ें ….


यदि आप आशाराम बापू झूठा, दुराचारी और ठग मानते हैं तो आपसे अनुरोध है की थोडा समय देकर यह पोस्ट अवश्य पढ़ें ….
यदि आप आशाराम बापू, बाबा रामदेव, श्री श्री रविशंकर, श्री जयेंद्र सरस्वती, गुरमीत राम रहीम आदि संतों को (जी हाँ मैं उन्हें अब भी संत कह रहा हूँ) झूठा, दुराचारी और ठग मानते हैं तो आपसे अनुरोध है की थोडा समय देकर यह पोस्ट अवश्य पढ़ें ….
बहुत दिनों से मीडिया में संत आशाराम के खिलाफ एक बवाला मचा हुआ है, पूरा मीडिया हाथ धो कर आशाराम के पीछे ऐसे पड़ गया है जैसे पूरे देश में वही एक पापी बचे हो और यह देशकी इकलोती समस्या हो ……
कई लोग बिना कुछ सोचे समझे इस बाजारू मीडिया की बातों में आकर बिना सत्य की पड़ताल किये तथा बिना आशाराम बापू का पक्ष सुने उन्हें कोस रहे क्योंकि उन्हें लग रहा है जब इतने लोग उनके खिलाफ बोल रहे हैं तो सही ही होगा ……
यदि आप भी उन लोगों में से हैं तो यह जान लीजिये की आप पूर्णतया गलत हैं ….
आइये जानते हैं कैसे ….
जब भी मीडिया आश्रम व आदि संतों के खिलाफ दुष्प्रचार करता है तो हमारे द्वारा कहा जाता है की यह संतों के खिलाफ एक सोच समझा षड्यंत्र है …..अब आप कहेंगे की मीडिया को क्या पड़ी है जो केवल इन संतों के खिलाफ दुष्प्रचार करेगा ?
तो उसका उत्तर है की यह मीडिया वास्तविक देशहित में कार्य करने वाला मीडिया नहीं बल्कि यह बाजारू मीडिया है जिनके मालिको का सीधा सम्बन्ध उन बड़ी बड़ी विदेशी कम्पनियों से हैं जिनका माल आप खरीदते हो तो उन्हें मुनाफा होता है l
यदि विज्ञापनों से होने वाली आय को ना गिनें तो इन कम्पनियों के खुद के न्यूज़ चैनल हैं तथा ये देश के मुख्य अखबारों को सस्ता न्यूज़प्रिंट देती हैं l जिस कारण यह मीडिया इनका मुखपत्र बन कर रह गया है l
अब आप सोचते होंगे, चलो ये सब तो ठीक है मान लिया मीडिया विदेशी कम्पनियों द्वारा चालित है ……पर इससे आशाराम तो निर्दोष साबित नहीं होते ….. इन विदेशी कम्पनियों को आशाराम को बदनाम करने की क्या पड़ी है ?? क्या उनकी आशाराम से निजी दुश्मनी है ??
इसका उत्तर है की ‘इसके पीछे दुश्मनी नहीं बल्कि अर्थशास्त्र है’ …आइये जानते हैं कैसे ….
मान लीजिये आशाराम बापू का एक अनुयायी हैं जो उनके बताये रस्ते पर चलते हुए…
शराब,सिगरेट,चाय, गुटखा, तम्बाकू का सेवन नहीं करता …..
विदेशी कम्पनियों द्वारा बनाये गए उत्पाद नहीं खरीदता ……
ब्रहमचर्य ला पालन करते हुए संयम बरतता हैं …..
तो इन कपनियों का इससे हर वर्ष हजारों करोड़ का नुक्सान होता है…..
आप कहेंगे ये क्या बकवास है ? इन सबसे इन कम्पनियों का नुक्सान कैसे होता है …..??
वो ऐसे की मान लीजिये वो यदि एक व्यक्ति महीने में इन सब चीज़ों का सेवन/उपयोग करता है तो उसका इन चीज़ों पर महीने भर का खर्च कम से कम 1000 रुपये (खर्चा निशित रूप से कई ज्यादा होता है) होगा और यदि आशाराम बापू के लगभग पूरे देश में 1 करोड़ अनुयायी हैं तो यह संख्या 1 हज़ार करोड़ हो जाती है l
तो यदि केवल 1 महीने इन कम्पनियों का 1000 करोड़ का नुक्सान होता है तो साल भर का नुक्सान 12000 करोड़ हुआ l
अब आप ही बताइए जब अकेले आशाराम बापू की वजह से इन कम्पनियों को सालाना 12 हज़ार करोड़ का नुक्सान हो रहा है तो यदि बाकि सभी संतों के अनुयाइयों की संख्या को इसमें जोड़ दी जाये तो यह आंकड़ा लाखों करोड़ में जाएगा l
तो जिनकी वजह से इन कम्पनियों को सालाना लाखों करोड़ का घाटा हो रहा हो जनता पर से उसका विश्वास हटाने के लिए क्या ये कम्पनियां आशाराम बापू व अन्य संतों को क्यों बदनाम नहीं कर सकती ? वो तो ज़रूर करेंगी …..
यह तो केवल आर्थिक कारण था इसके अलावा एक और कारण यह है की आशाराम बापू मिशनरियों द्वारा किये जा रहे धर्मांतरण में सबसे बड़ी बाधा बने हुए हैं ……… कई दलित व आदिवासी बच्चों को आशाराम बापू ने इसाई बनने से रोका है जिसका रोष मिशनरियों के मन में अब तक है ……
जब भी कोई संत भारतीय संस्कृति का प्रचार करता है अनुयाइयों के मन में एक गर्व उत्पन्न होता है और जिसके हृदय में संस्कृति और धर्म के प्रति यह गर्व उत्पन्न हो जाता उसका धर्मान्तरण करना लगभग असंभव हो जाता है ….
पर अब भी आपका मन इसे षड्यंत्र नहीं मान रहा होगा और यह सवाल मन में बार बार आ रहा होगा की कोई लड़की किसी पर ऐसा आरोप लगाकर स्वयं के साथ उस व्यक्ति को भी बदनाम क्यों करवाएगी ?
इसका उत्तर है की इस देश में बिकाऊ लोगों की कोई कमी नहीं है जिन्हें आसानी से खरीदा जा सकता है…..जिसके कारण इन विदेशी कम्पनियों को लाखों करोड़ का घाटा उठाना पड़ रहा हो उसे अपने रस्ते से हटाने के लिए क्या यह कम्पनियां कुछ करोड़ रुपये खर्च नहीं कर सकती ??
अतः इस लेख द्वारा हम आपको साफ़ कर देना चाहते हैं की यह केस मात्र आशाराम बापू को बदनाम करने के मकसद से किया गया है, इस केस में आशाराम बापू के खिलाफ कोई सबूत नहीं है तथा इसे केवल मीडिया ने चडाया हुआ है जिस कारण आशाराम बापू के बरी होने की पूरी पूरी सम्भावना है …..
हम आपको यह भी साफ़ कर देना चाहते हैं की हममें से कोई केवल आशाराम बापू का अनुयायी नहीं बल्कि हम सब पूरे संत समाज के अनुयायी हैं जिनकी वजह से हम अपनी लाखों वर्षों पुरानी महान संस्कृति को जान पाए ……इसीलिए हम सदा उनके साथ थे, हैं और सदा रहेंगे l
वन्दे मातरम् , भारत माता की जय

यदि आप आशाराम बापू झूठा, दुराचारी और ठग मानते हैं तो आपसे अनुरोध है की थोडा समय देकर यह पोस्ट अवश्य पढ़ें .... यदि आप आशाराम बापू, बाबा रामदेव, श्री श्री रविशंकर, श्री जयेंद्र सरस्वती, गुरमीत राम रहीम आदि संतों को (जी हाँ मैं उन्हें अब भी संत कह रहा हूँ) झूठा, दुराचारी और ठग मानते हैं तो आपसे अनुरोध है की थोडा समय देकर यह पोस्ट अवश्य पढ़ें .... बहुत दिनों से मीडिया में संत आशाराम के खिलाफ एक बवाला मचा हुआ है, पूरा मीडिया हाथ धो कर आशाराम के पीछे ऐसे पड़ गया है जैसे पूरे देश में वही एक पापी बचे हो और यह देशकी इकलोती समस्या हो ...... कई लोग बिना कुछ सोचे समझे इस बाजारू मीडिया की बातों में आकर बिना सत्य की पड़ताल किये तथा बिना आशाराम बापू का पक्ष सुने उन्हें कोस रहे क्योंकि उन्हें लग रहा है जब इतने लोग उनके खिलाफ बोल रहे हैं तो सही ही होगा ...... यदि आप भी उन लोगों में से हैं तो यह जान लीजिये की आप पूर्णतया गलत हैं .... आइये जानते हैं कैसे .... जब भी मीडिया आश्रम व आदि संतों के खिलाफ दुष्प्रचार करता है तो हमारे द्वारा कहा जाता है की यह संतों के खिलाफ एक सोच समझा षड्यंत्र है .....अब आप कहेंगे की मीडिया को क्या पड़ी है जो केवल इन संतों के खिलाफ दुष्प्रचार करेगा ? तो उसका उत्तर है की यह मीडिया वास्तविक देशहित में कार्य करने वाला मीडिया नहीं बल्कि यह बाजारू मीडिया है जिनके मालिको का सीधा सम्बन्ध उन बड़ी बड़ी विदेशी कम्पनियों से हैं जिनका माल आप खरीदते हो तो उन्हें मुनाफा होता है l यदि विज्ञापनों से होने वाली आय को ना गिनें तो इन कम्पनियों के खुद के न्यूज़ चैनल हैं तथा ये देश के मुख्य अखबारों को सस्ता न्यूज़प्रिंट देती हैं l जिस कारण यह मीडिया इनका मुखपत्र बन कर रह गया है l अब आप सोचते होंगे, चलो ये सब तो ठीक है मान लिया मीडिया विदेशी कम्पनियों द्वारा चालित है ......पर इससे आशाराम तो निर्दोष साबित नहीं होते ..... इन विदेशी कम्पनियों को आशाराम को बदनाम करने की क्या पड़ी है ?? क्या उनकी आशाराम से निजी दुश्मनी है ?? इसका उत्तर है की 'इसके पीछे दुश्मनी नहीं बल्कि अर्थशास्त्र है' ...आइये जानते हैं कैसे .... मान लीजिये आशाराम बापू का एक अनुयायी हैं जो उनके बताये रस्ते पर चलते हुए... शराब,सिगरेट,चाय, गुटखा, तम्बाकू का सेवन नहीं करता ..... विदेशी कम्पनियों द्वारा बनाये गए उत्पाद नहीं खरीदता ...... ब्रहमचर्य ला पालन करते हुए संयम बरतता हैं ..... तो इन कपनियों का इससे हर वर्ष हजारों करोड़ का नुक्सान होता है..... आप कहेंगे ये क्या बकवास है ? इन सबसे इन कम्पनियों का नुक्सान कैसे होता है .....?? वो ऐसे की मान लीजिये वो यदि एक व्यक्ति महीने में इन सब चीज़ों का सेवन/उपयोग करता है तो उसका इन चीज़ों पर महीने भर का खर्च कम से कम 1000 रुपये (खर्चा निशित रूप से कई ज्यादा होता है) होगा और यदि आशाराम बापू के लगभग पूरे देश में 1 करोड़ अनुयायी हैं तो यह संख्या 1 हज़ार करोड़ हो जाती है l तो यदि केवल 1 महीने इन कम्पनियों का 1000 करोड़ का नुक्सान होता है तो साल भर का नुक्सान 12000 करोड़ हुआ l अब आप ही बताइए जब अकेले आशाराम बापू की वजह से इन कम्पनियों को सालाना 12 हज़ार करोड़ का नुक्सान हो रहा है तो यदि बाकि सभी संतों के अनुयाइयों की संख्या को इसमें जोड़ दी जाये तो यह आंकड़ा लाखों करोड़ में जाएगा l तो जिनकी वजह से इन कम्पनियों को सालाना लाखों करोड़ का घाटा हो रहा हो जनता पर से उसका विश्वास हटाने के लिए क्या ये कम्पनियां आशाराम बापू व अन्य संतों को क्यों बदनाम नहीं कर सकती ? वो तो ज़रूर करेंगी ..... यह तो केवल आर्थिक कारण था इसके अलावा एक और कारण यह है की आशाराम बापू मिशनरियों द्वारा किये जा रहे धर्मांतरण में सबसे बड़ी बाधा बने हुए हैं ......... कई दलित व आदिवासी बच्चों को आशाराम बापू ने इसाई बनने से रोका है जिसका रोष मिशनरियों के मन में अब तक है ...... जब भी कोई संत भारतीय संस्कृति का प्रचार करता है अनुयाइयों के मन में एक गर्व उत्पन्न होता है और जिसके हृदय में संस्कृति और धर्म के प्रति यह गर्व उत्पन्न हो जाता उसका धर्मान्तरण करना लगभग असंभव हो जाता है .... पर अब भी आपका मन इसे षड्यंत्र नहीं मान रहा होगा और यह सवाल मन में बार बार आ रहा होगा की कोई लड़की किसी पर ऐसा आरोप लगाकर स्वयं के साथ उस व्यक्ति को भी बदनाम क्यों करवाएगी ? इसका उत्तर है की इस देश में बिकाऊ लोगों की कोई कमी नहीं है जिन्हें आसानी से खरीदा जा सकता है.....जिसके कारण इन विदेशी कम्पनियों को लाखों करोड़ का घाटा उठाना पड़ रहा हो उसे अपने रस्ते से हटाने के लिए क्या यह कम्पनियां कुछ करोड़ रुपये खर्च नहीं कर सकती ?? अतः इस लेख द्वारा हम आपको साफ़ कर देना चाहते हैं की यह केस मात्र आशाराम बापू को बदनाम करने के मकसद से किया गया है, इस केस में आशाराम बापू के खिलाफ कोई सबूत नहीं है तथा इसे केवल मीडिया ने चडाया हुआ है जिस कारण आशाराम बापू के बरी होने की पूरी पूरी सम्भावना है ..... हम आपको यह भी साफ़ कर देना चाहते हैं की हममें से कोई केवल आशाराम बापू का अनुयायी नहीं बल्कि हम सब पूरे संत समाज के अनुयायी हैं जिनकी वजह से हम अपनी लाखों वर्षों पुरानी महान संस्कृति को जान पाए ......इसीलिए हम सदा उनके साथ थे, हैं और सदा रहेंगे l वन्दे मातरम् , भारत माता की जय
Posted in हिन्दू पतन

आज तक हिन्दू जितनी अधिक उदारता और सज्जनता दिखलाता रहा है,


Deepa Bose

आज तक हिन्दू जितनी अधिक उदारता और सज्जनता दिखलाता रहा है,
उसको उतना ही कायर और मुर्ख मानकर
उस पर अन्याय और हर तरह का धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक
विश्वासघात किया जाता रहा है..
…और हिन्दू है कि आंख बंद करके बस कहावतों में जिंदा रहकर
बस भगवान के शांति स्वरूपं की पूजा करते-करते
सच में नपुंसक बन चूका है..
………………………………………
जबकि हमारे किसी भी देवी देवता का स्वरुप
अश्त्र-शस्त्र के बिना नहीं है,
हमारे धर्म में धर्म की परिभाषा के 10 लक्षणों में
अहिंसा नाम का कोई शब्द ही नहीं है,
रक्षा धर्म ही हम हिन्दुओ की रक्षा कर सकता है…
इसके बाद भी अति भाग्यवादी, अवतारवादी हिन्दुओं ने
आज तक अपनी दुर्दशा के इतिहास से कोई सबक न लेकर
आज भी सेकुलार्ता का नशा लेकर मुर्छित होकर जी रहा है,
और अपने ही शुभचिंतक भाइयों को
सांप्रदायिक कहकर उनसे
नपुंसक बनने की सीख देता फिरता है..!

Posted in भारत गौरव - Mera Bharat Mahan

विश्व को भारत ने क्या दिया , भाग -2


विश्व को भारत ने क्या दिया , भाग -2
(7) इंगलेंड के राजा चतुर्थ ज्योर्ज 1803 मे ब्राइटन मे जो महल बनवाया था यह भारतीय स्थापत्य आधारित था
(8) शून्य एवं दशांश पद्धति भारत ने दी है , आज भी अंशतः फेर नहीं हुए है
(9) आर्य भात ने बीजगणित विश्व को दिया ,आर्य भट्ट प्रथम/ द्वितीय , भास्कर ,ब्रह्म गुप्त आदि ने दशांश गणना के अतिरिक्त पाई = 22/7 = 3.14 एवं अनु – परमाणु की कल्पना प्रदान की
(10) शर्करा भारत की दें है ,फारसी मे साकार एवं अँग्रेजी मे स्युगर हुआ ,
(11) रेशम वस्त्र की शोध भारत की है
(12) वातमान बंसी / फाल्यूट श्री कृष्ण की बांसुरी आधारित है
(12) सप्तसुर – सारेगांपध्निसा भारत की शोध है
(13) पोलो खेल मूल संस्कृत शब्द कपाल ( खोपड़ी ) आधारी है जो विदेश मे गैया
(14) आम ( आम्रफल ), बेंगन ,इमली ,हल्दी भारत की उपज है
(15) पश्चिम मे भारतीय पद्धति अनुसार प्रतिदिन स्नान करना शिखा
(16) कपास सर्वप्रथम भारत मे —तदुपरान्त कपूर , चन्दन ,अदरख भारत का
(17) ‘ शेम्पू ‘ मूल भारत का > चंपी “ शब्द आधारित