Posted in नहेरु परिवार - Nehru Family

नेहरु मुसलमान है ये बात गांधी ने लोगों से क्युँ छुपायी?{


1) नेहरु मुसलमान है ये बात गांधी ने लोगों से क्युँ छुपायी?{ इंदिरा गाँधी का असली नाम मेमुना बेगम है} इंदीरा खान से इंदिरा गांधी जुठा नाम गांधी ने क्युँ बनाया और लोगोंको फसाया? (2) प्रधानमंत्री के पद के लिये सरदार वल्लभ भाइ पटेल चुने गये थे तो उनको हटाके गांधी ने नेहरु को प्रधानमंत्री क्युँ बनाया? (3) ~ अगर भारत में हिंदू मुसलमान एक साथ रह शकते थे तो फिर गांधी ने पाकिस्तान क्युँ बनाया?
(4 ) अगर हिंदू मुसलमान एक साथ नही रह शकते इस लिये अगर पाकिस्तान बनाया तो फिर भारत में मुसलमान क्युँ रखे? (5) मेरे लिए तो सच्चा राष्ट्रपिता नथुराम गोडसे ही है.”बीजेपी कमल नमोजी जय हो
6) Rahul वा इसकी मईया ‪#‎कांग्रेस‬ के संग मिलकर इटली को धीरे- धीरे अपना देश कौड़ीओं के भाव में बेचने में लगे हैं,

Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

हमको पढाया जा रहा है गलत इतिहास….


 
 
हमको पढाया जा रहा है गलत इतिहास.....
स्कूलोंे में पढाया जा रहा है कि सुभाष चंद्र बोस ने देश की आजादी के लिए सैना बनाई पर कभी वो सेना भारत पहुँच नहीं पायी रास्ते में ही खतम हो गयी ।
जबकी ये इतिहास गलत है सुभाष चंद्र बोस जी का जितना बडा योगदान हमारे देश को आजाद कराने में था वो शायद ही किसी का रहा हो । नेता जी सुभाष चंद्र बोस की फोज आसाम के किनारे समुद्री जहाज से उतरी थी और ब्रिटिश सेना को जोरदार टक्कर दी थी जिससे ब्रिटिश सरकार की नींव ही हील गयी और घबराकर उन्हें पीछे हटना पडा था बहुत से क्षेत्रोें में कब्जा करने के बाद हमारी भारतीय सेना ने ब्रिटिश की कई छावनीयों को ध्वंस्त कर दिया था । पर संख्या में कम होने के कारण भारतीय सेना को बाद में पकड लिया गया उन पर अनेकों जुल्म ढाये गये । गर्म चिमटियों से उनके चमडी ऊतारी गयी, उनको जेलों में दाने दाने के लिए तडपाय ागया । कई लोगों की जदीभ काड दी गयी कईयों को काले पानी की सजा दे दी गयी । कई लोगों को अंधेरी कोढरी म ें बहुत से खतरनाक जीव जंतुओं के सामने डाल दिया गया । कईयों को भूखे शेर के सामने सरकस जैसा मजा लूटते रहे ये ब्रिटिश लोग । 

ये सब देखकर भारतीय लोग जो सेना में थे उनके खून में ऊबाल उठा और उन्होंने विद्रोह कर दिया भारतीय सेना के विद्रोह के कारण ब्रिटिश सेना को करारी हार खानी पडी । 78 समुद्री जहाज ब्रिटिश सेना के जला दिये गये । ब्रिटिश सेना में भारतीय 18 लाख की संख्या मे थे औऱ ब्रिटिश सैनिक 2 लाख । भारतीय सैनिकों का विद्रोह औऱ संगठन इतना मजबूत था के ब्रिटिश सेना को घबराकर उनको भारत देश को छोडना पडा । आज ये इतिहास भारत के स्कूलों में नहीं पढाया जाता । आपका वीरता भरा इतिहास आपसे छुपाया गया । और आपके सामने रखा गया कांग्रेस को फायदा पहुँचाने वाला इतिहास ताकि कांग्रेस पार्टि देश पर राज कर सके । महात्मा गाँधी और नेहरू जी को तो आप जानते होंगे पर क्या कभी आपने सोचा है केवल इन दो के बल से देश आजाद नहीं हुआ । केवल अहिंसा ही देश को आजादि नहीं दिला सकी देश में आजादि के लिए बहुत बलिदान भी दिये गये थे । 

सरदार वल्लभ भाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद, खुदीराम बोस, वीर सावरकर, राम प्रसाद बिसमिल बहुत से शहीदों ने अपनी जीवन की बलिदानी दी तभी आज हम इस आजाद देश में साँस ले पा रहे हैं ।

इसका प्रमाण मिलता है कि ब्रिटेन के तत्कालिन प्रधानमंत्री एटली से जब ये पूछा गया की आपको सबसे बडी टक्कर किस देश ने दी जिससे आपको करारी हार खानी पडी और आपको डर भी लगा । तब उन्होने कहा हमें भारत से सबसे ज्यादा खतरा और डर था ।  भारत देश की सेना और उनकी जनता में अपार बल औऱ साहस के साथ साथ युद्ध नीती थी की अगर हम भारत को आजाद नहीं करते तो शायद वो हमारे इंग्लेंड को भी नष्ट कर डालते उनमें आजादी का कडा जूनून था । 

अपने देश के इतिहास को जानों युवानों, कहीं देर ना हो जाये । 

आपके गौरवशाली इतिहास को आपसे छुपाया जा रहा है जानिये सच्चा इतिहास डाॅ सुब्रमण्यम स्वामी जी की जुबानी .................. जरूर देखें विडियो

https://www.youtube.com/watch?v=5qYmA2BvcPQ&list=UUDnCzWI3cKSExdlDfuB3Zeg

हमको पढाया जा रहा है गलत इतिहास…..
स्कूलोंे में पढाया जा रहा है कि सुभाष चंद्र बोस ने देश की आजादी के लिए सैना बनाई पर कभी वो सेना भारत पहुँच नहीं पायी रास्ते में ही खतम हो गयी ।
जबकी ये इतिहास गलत है सुभाष चंद्र बोस जी का जितना बडा योगदान हमारे देश को आजाद कराने में था वो शायद ही किसी का रहा हो । नेता जी सुभाष चंद्र बोस की फोज आसाम के किनारे समुद्री जहाज से उतरी थी और ब्रिटिश सेना को जोरदार टक्कर दी थी जिससे ब्रिटिश सरकार की नींव ही हील गयी और घबराकर उन्हें पीछे हटना पडा था बहुत से क्षेत्रोें में कब्जा करने के बाद हमारी भारतीय सेना ने ब्रिटिश की कई छावनीयों को ध्वंस्त कर दिया था । पर संख्या में कम होने के कारण भारतीय सेना को बाद में पकड लिया गया उन पर अनेकों जुल्म ढाये गये । गर्म चिमटियों से उनके चमडी ऊतारी गयी, उनको जेलों में दाने दाने के लिए तडपाय ागया । कई लोगों की जदीभ काड दी गयी कईयों को काले पानी की सजा दे दी गयी । कई लोगों को अंधेरी कोढरी म ें बहुत से खतरनाक जीव जंतुओं के सामने डाल दिया गया । कईयों को भूखे शेर के सामने सरकस जैसा मजा लूटते रहे ये ब्रिटिश लोग ।

ये सब देखकर भारतीय लोग जो सेना में थे उनके खून में ऊबाल उठा और उन्होंने विद्रोह कर दिया भारतीय सेना के विद्रोह के कारण ब्रिटिश सेना को करारी हार खानी पडी । 78 समुद्री जहाज ब्रिटिश सेना के जला दिये गये । ब्रिटिश सेना में भारतीय 18 लाख की संख्या मे थे औऱ ब्रिटिश सैनिक 2 लाख । भारतीय सैनिकों का विद्रोह औऱ संगठन इतना मजबूत था के ब्रिटिश सेना को घबराकर उनको भारत देश को छोडना पडा । आज ये इतिहास भारत के स्कूलों में नहीं पढाया जाता । आपका वीरता भरा इतिहास आपसे छुपाया गया । और आपके सामने रखा गया कांग्रेस को फायदा पहुँचाने वाला इतिहास ताकि कांग्रेस पार्टि देश पर राज कर सके । महात्मा गाँधी और नेहरू जी को तो आप जानते होंगे पर क्या कभी आपने सोचा है केवल इन दो के बल से देश आजाद नहीं हुआ । केवल अहिंसा ही देश को आजादि नहीं दिला सकी देश में आजादि के लिए बहुत बलिदान भी दिये गये थे ।

सरदार वल्लभ भाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद, खुदीराम बोस, वीर सावरकर, राम प्रसाद बिसमिल बहुत से शहीदों ने अपनी जीवन की बलिदानी दी तभी आज हम इस आजाद देश में साँस ले पा रहे हैं ।

इसका प्रमाण मिलता है कि ब्रिटेन के तत्कालिन प्रधानमंत्री एटली से जब ये पूछा गया की आपको सबसे बडी टक्कर किस देश ने दी जिससे आपको करारी हार खानी पडी और आपको डर भी लगा । तब उन्होने कहा हमें भारत से सबसे ज्यादा खतरा और डर था । भारत देश की सेना और उनकी जनता में अपार बल औऱ साहस के साथ साथ युद्ध नीती थी की अगर हम भारत को आजाद नहीं करते तो शायद वो हमारे इंग्लेंड को भी नष्ट कर डालते उनमें आजादी का कडा जूनून था ।

अपने देश के इतिहास को जानों युवानों, कहीं देर ना हो जाये ।

आपके गौरवशाली इतिहास को आपसे छुपाया जा रहा है जानिये सच्चा इतिहास डाॅ सुब्रमण्यम स्वामी जी की जुबानी ……………… जरूर देखें विडियो

https://www.youtube.com/watch?v=5qYmA2BvcPQ&list=UUDnCzWI3cKSExdlDfuB3Zeg

Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

The Freedom Movement: Bose’s contribution ignored


The Freedom Movement: Bose’s contribution ignored
………………………………………….
Historically speaking, the most important fact to emerge from a re-study of the Indian Freedom Movement is the following:
……………………………………………………………………………………………………….It was Subhas Chandra Bose, rather than Gandhi or his associates, who contributed the most to India’s freedom in 1947.
I present the evidence to this truth. It comes from no less a person than Clement Attlee, the Prime Minister who took the decision to grant independence to India. Since this is of fundamental importance, it is worth placing it on record. The full details can be found in Majumdar, Volume III pages 609 -10.
……………………………………………………………………………………………………………………………………..
•Lord Clement Attlee, the British Prime Minister from 1945-51,, the Viceroy of India, during his interview revealed some of the shocking truths regarding Indian Independence movement.
• When B.P. Chakravarti was acting as Governor of West Bengal, Lord Attlee visited India and stayed as his guest for three days at the Raj Bhavan. Chakravarti asked Attlee about the real grounds for granting independence to India. Specifically, his question was, when the Quit India movement lay in ruins years before 1947 where the need for the British to leave in such a hurry was. Attlee’s response is most illuminating and important for history,
• When Lord Attlee was asked about the extent to which the British decision to quit India was influenced by Gandhiji’s activities,
• he slowly uttered with his lips parted in a smile of disdain and putting emphasis on each letter said-”M-i-n-i-m-a-l”.Mr. Attlee cited several reasons why they left India, the most important of which were the activities of Netaji Subhas Chandra Bose which that had weakened the very foundation of the attachment of the Indian land and the Naval forces of the British Government.
………………………………………………………………………………………………………
• Chakravarti later mentioned this conversation with Attlee in a speech broadcast on All India Radio, but left out all references to Gandhi (He should not have).

Please share this out and disseminate the real facts about Indian Freedom, which have been hidden by Propaganda.

Reference:
Book: Majumdar’s Volume III, pages 609 –610.
http://hansard.millbanksystems.com/people/mr-clement-attlee/1947

— with Rayvi Kumar and 10 others.

The Freedom Movement: Bose’s contribution ignored 
.................................................
Historically speaking, the most important fact to emerge from a re-study of the Indian Freedom Movement is the following: 
......................................................................................................................It was Subhas Chandra Bose, rather than Gandhi or his associates, who contributed the most to India’s freedom in 1947.
I present the evidence to this truth. It comes from no less a person than Clement Attlee, the Prime Minister who took the decision to grant independence to India. Since this is of fundamental importance, it is worth placing it on record. The full details can be found in Majumdar, Volume III pages 609 -10.
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•Lord Clement Attlee, the British Prime Minister from 1945-51,, the Viceroy of India, during his interview revealed some of the shocking truths regarding Indian Independence movement. 
• When B.P. Chakravarti was acting as Governor of West Bengal, Lord Attlee visited India and stayed as his guest for three days at the Raj Bhavan. Chakravarti asked Attlee about the real grounds for granting independence to India. Specifically, his question was, when the Quit India movement lay in ruins years before 1947 where the need for the British to leave in such a hurry was. Attlee’s response is most illuminating and important for history,
• When Lord Attlee was asked about the extent to which the British decision to quit India was influenced by Gandhiji’s activities, 
• he slowly uttered with his lips parted in a smile of disdain and putting emphasis on each letter said-”M-i-n-i-m-a-l”.Mr. Attlee cited several reasons why they left India, the most important of which were the activities of Netaji Subhas Chandra Bose which that had weakened the very foundation of the attachment of the Indian land and the Naval forces of the British Government. 
.....................................................................................................................
• Chakravarti later mentioned this conversation with Attlee in a speech broadcast on All India Radio, but left out all references to Gandhi (He should not have).

Please share this out and disseminate the real facts about Indian Freedom, which have been hidden by Propaganda.

Reference:
Book: Majumdar’s Volume III, pages 609 –610.
http://hansard.millbanksystems.com/people/mr-clement-attlee/1947
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http://www.sanskritimagazine.com/history/koreas-royal-connection-ayodhya/


http://www.sanskritimagazine.com/history/koreas-royal-connection-ayodhya/

Posted in PM Narendra Modi

व्यक्ति विशेष —-नरेंद्र मोदी, प्रधान मंत्री


व्यक्ति विशेष —-नरेंद्र मोदी, प्रधान मंत्री

कुछ बातें हैं जो प्रधान मंत्री, नरेंद्र मोदी को
व्यक्ति विशेष कहने पर मज़बूर करती हैं और
इन बातों की वजह से ही वो सबसे अलग दिखाई
देते हैं —

1–शपथ ग्रहण पर साधवी ऋतंभरा को देख कर
राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट कर कहा था कि ये
भगवा वस्त्रों में साध्वी का यहाँ क्या काम था ?
राजदीप सरदेसाई जैसे मूरख ने साधवी को तो
देख लिया मगर यह नही देखा कि नरेंद्र मोदी के
अपने परिवार से एक भी व्यक्ति समारोह में
नही था जबकि वो समारोह मोदी के जीवन के
लिए ऐतिहासिक था —ये बात मोदी को व्यक्ति
विशेष बनाती है—

2–गुजरात का मुख्यमंत्री पद छोड़ते हुए अपनी
निजी बचत के 21 लाख रुपये अपने साथी
कर्मचारियों की बेटियों की शिक्षा के देना मोदी
को व्यक्ति विशेष बनाता है —

3–नेपाल के जीत बहादुर का लालन पालन करना
और किसी को इस बात का पता न चलना तो मोदी
व्यक्ति विशेष ही नही बनाता बल्कि अति विशिष्ट
व्यक्ति बनाता है —

4–नेपाल यात्रा पर मोदी कैबिनेट का एक भी मंत्री
साथ नही गया था क्यूंकि संसद का सत्र चल रहा
था और इसलिए मोदी सभी पर संसद की जिम्मेदारी
छोड़ कर अकेले ही गए —यह बात मोदी को व्यक्ति
विशेष बनाती है —-

5–आज आज़ादी दिवस पर मोदी, गांधी समाधी पर
अकेले ही गए –कोई मंत्री या पार्टी का सदस्य साथ नही
था –केवल एक गांधी फाउंडेशन का प्रतिनिधि और
दो कमांडो साथ थे–अनावश्यक भीड़ साथ ना ले
जाना मोदी को व्यक्ति विशेष बनाती है —

6– प्रधान मंत्री पद की शपथ लेने से अब तक मोदी के
घर परिवार का कोई सदस्य नहीं आ सका और ये
बात उनके भाई प्रह्लाद मोदी ने आज ज़ी न्यूज़ को बताई
और कहा जब मोदी बुलाएँगे तो आएंगे –मगर मोदी
बुलाएँ तो कैसे बुलाएँ जब खुद तो वो दिन में 18 घंटे
काम में लगे रहते हैं –यह भी मोदी को व्यक्ति विशेष
बनाता है —

7–वर्षो से चली आ रही परम्परा को आज मोदी ने
तोड़ दिया और बिना बुलेट प्रूफ पोडियम में खड़े हो
कर जनता से सीधे संवाद किया –यह भी मोदी को
व्यक्ति विशेष बनाता है —

8–और अंत में आज बिना पढ़े 66 मिनट भाषण देना
उन्हें अभूतपूर्व व्यक्ति विशेष बनाता है —

ना जाने और कितनी बाते होंगी जो हमें पता नही हैं
उन्हें व्यक्ति विशेष बनाती होंगी —

देश ऐसा प्रधान मंत्री पा कर धन्य हो गया —

व्यक्ति विशेष ----नरेंद्र मोदी, प्रधान मंत्री 

कुछ बातें हैं जो प्रधान मंत्री, नरेंद्र मोदी को 
व्यक्ति विशेष कहने पर मज़बूर करती हैं और 
इन बातों की वजह से ही वो सबसे अलग दिखाई 
देते हैं ---

1--शपथ ग्रहण पर साधवी ऋतंभरा को देख कर 
राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट कर कहा था कि ये 
भगवा वस्त्रों में साध्वी का यहाँ क्या काम था ?
राजदीप सरदेसाई जैसे मूरख ने साधवी को तो 
देख लिया मगर यह नही देखा कि नरेंद्र मोदी के 
अपने परिवार से एक भी व्यक्ति समारोह में 
नही था जबकि वो समारोह मोदी के जीवन के 
लिए ऐतिहासिक था ---ये बात मोदी को व्यक्ति 
विशेष बनाती है---

2--गुजरात का मुख्यमंत्री पद छोड़ते हुए अपनी 
निजी बचत के 21 लाख रुपये अपने साथी 
कर्मचारियों की बेटियों की शिक्षा के देना मोदी 
को व्यक्ति विशेष बनाता है ---

3--नेपाल के जीत बहादुर का लालन पालन करना 
और किसी को इस बात का पता न चलना तो मोदी 
व्यक्ति विशेष ही नही बनाता बल्कि अति विशिष्ट 
व्यक्ति बनाता है --- 

4--नेपाल यात्रा पर मोदी कैबिनेट का एक भी मंत्री 
साथ नही गया था क्यूंकि संसद का सत्र चल रहा 
था और इसलिए मोदी सभी पर संसद की जिम्मेदारी 
छोड़ कर अकेले ही गए ---यह बात मोदी को व्यक्ति 
विशेष बनाती है ----

5--आज आज़ादी दिवस पर मोदी, गांधी समाधी पर 
अकेले ही गए --कोई मंत्री या पार्टी का सदस्य साथ नही 
था --केवल एक गांधी फाउंडेशन का प्रतिनिधि और 
दो कमांडो साथ थे--अनावश्यक भीड़ साथ ना ले 
जाना मोदी को व्यक्ति विशेष बनाती है ---

6-- प्रधान मंत्री पद की शपथ लेने से अब तक मोदी के 
घर परिवार का कोई सदस्य नहीं आ सका और ये 
बात उनके भाई प्रह्लाद मोदी ने आज ज़ी न्यूज़ को बताई 
और कहा जब मोदी बुलाएँगे तो आएंगे --मगर मोदी 
बुलाएँ तो कैसे बुलाएँ जब खुद तो वो दिन में 18 घंटे 
काम में लगे रहते हैं --यह भी मोदी को व्यक्ति विशेष 
बनाता है ---

7--वर्षो से चली आ रही परम्परा को आज मोदी ने 
तोड़ दिया और बिना बुलेट प्रूफ पोडियम में खड़े हो 
कर जनता से सीधे संवाद किया --यह भी मोदी को 
व्यक्ति विशेष बनाता है ---

8--और अंत में आज बिना पढ़े 66 मिनट भाषण देना 
उन्हें अभूतपूर्व व्यक्ति विशेष बनाता है ---

ना जाने और कितनी बाते होंगी जो हमें पता नही हैं 
उन्हें व्यक्ति विशेष बनाती होंगी --

देश ऐसा प्रधान मंत्री पा कर धन्य हो गया --
Posted in हिन्दू पतन

हिन्दू समाज की लडकियाँ सबसे अधिक क्यूँ लवजिहाद का शिकार बनती हैं?


हिन्दू समाज की लडकियाँ सबसे अधिक क्यूँ लवजिहाद का शिकार बनती हैं?
1. क्यूंकि न तो हिन्दू समाजअपनी संतानों को धार्मिक शिक्षा देते हैं।
2. क्यूंकि न ही हिन्दू समाज वैदिक धर्मकी श्रेष्ठता और अवैदिकमतों की निकृष्टता सेअपनी संतानों को अवगत करवाते हैं।
3. क्यूंकि न ही हिन्दू समाज अपने घरों मेंधार्मिकमाहौल रखता हैं?
4. बॉलीवुड की अश्लील फिल्में एवं साँस बहु केलड़ने वाले सीरियल से परिवार का वातावरणअधिक दूषित हैं।
5. राष्ट्रीय सामाजिक और धार्मिकमुद्दों परपरिवार के सदस्यों में परस्पर वार्तालापकी कमी होने से परिवार के सदस्यों के चिंतनकी दिशा एक नहीं हैं।
6. हिन्दू समाज में केवल पैसा जोड़ना धार्मिकहोने से अधिक महत्वपूर्ण हो गया हैं।
7. हिन्दू समाज अपनी संतानों को हमारेमहानइतिहास, वीर पुरुषों, उनके तप और बलिदानकी कहानियों से प्राय: अनभिज्ञ रखना।
8. धर्म के नाम पर भोझिल और उबाऊअन्धविश्वास रुपी कर्म कांड को अधिक महत्वदेना एक प्रमुख कारण हैं।

हिन्दू समाज की लडकियाँ सबसे अधिक क्यूँ लवजिहाद का शिकार बनती हैं?
1. क्यूंकि न तो हिन्दू समाजअपनी संतानों को धार्मिक शिक्षा देते हैं।
2. क्यूंकि न ही हिन्दू समाज वैदिक धर्मकी श्रेष्ठता और अवैदिकमतों की निकृष्टता सेअपनी संतानों को अवगत करवाते हैं।
3. क्यूंकि न ही हिन्दू समाज अपने घरों मेंधार्मिकमाहौल रखता हैं?
4. बॉलीवुड की अश्लील फिल्में एवं साँस बहु केलड़ने वाले सीरियल से परिवार का वातावरणअधिक दूषित हैं।
5. राष्ट्रीय सामाजिक और धार्मिकमुद्दों परपरिवार के सदस्यों में परस्पर वार्तालापकी कमी होने से परिवार के सदस्यों के चिंतनकी दिशा एक नहीं हैं।
6. हिन्दू समाज में केवल पैसा जोड़ना धार्मिकहोने से अधिक महत्वपूर्ण हो गया हैं।
7. हिन्दू समाज अपनी संतानों को हमारेमहानइतिहास, वीर पुरुषों, उनके तप और बलिदानकी कहानियों से प्राय: अनभिज्ञ रखना।
8. धर्म के नाम पर भोझिल और उबाऊअन्धविश्वास रुपी कर्म कांड को अधिक महत्वदेना एक प्रमुख कारण हैं।
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इतिहास के नाम पर झूठ क्यों पढ़ रहे है ??


इतिहास के नाम पर झूठ क्यों पढ़ रहे है ??
August 14, 2014 at 6:54am
क्या आप जानते हैं कि दिल्लीके लालकिले का रहस्य क्या है और इसे किसने बनवाया था ?
दिल्ली का लाल किला शाहजहाँ से भी कई शताब्दी पहले पृथवीराजचौहान द्वारा बनवाया हुआ लाल कोट

अक्सरहमें यह पढाया जाता है कि दिल्ली का लालकिला शाहजहाँ ने बनवाया था | लेकिनयह एकसफ़ेद झूठ है और दिल्ली का लालकिला शाहजहाँ के जन्म से सैकड़ों साल पहले”महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय” द्वारा दिल्ली को बसाने के क्रम में हीबनाया गया था|

महाराज अनंगपाल तोमर और कोई नहीं बल्कि महाभारत के अभिमन्यु के वंशज तथा महाराजपृथ्वीराज चौहान के नाना जी थे| इतिहासके अनुसार लाल किला का असली नाम “लाल कोट” है, जिसे महाराज अनंगपालद्वितीय द्वारा सन 1060 ईस्वी में दिल्ली शहर कोबसाने के क्रम में ही बनवाया गया था जबकि शाहजहाँ का जन्म ही उसके सैकड़ों वर्षबाद 1592 ईस्वी में हुआ है|

दरअसल शाहजहाँ नमक मुसलमान ने इसे बसाया नहीं बल्कि पूरी तरह से नष्टकरने की असफल कोशिश की थी ताकि, वो उसकेद्वारा बनाया साबित हो सके लेकिन सच सामने आ ही जाता है| इसका सबसे बड़ा प्रमाण तोयही है कि तारीखे फिरोजशाही के पृष्ट संख्या 160 (ग्रन्थ ३) में लेखक लिखता हैकि सन 1296 के अंत में जब अलाउद्दीन खिलजी अपनी सेना लेकरदिल्ली आया तो वो कुश्क-ए-लाल ( लाल प्रासाद/ महल ) कि ओर बढ़ा और वहां उसने आरामकिया| सिर्फइतना ही नहीं अकबरनामा और अग्निपुराण दोनों ही जगह इस बात के वर्णन हैं कि महाराजअनंगपाल ने ही एक भव्य और आलिशान दिल्ली का निर्माण करवाया था|

जिसकोशाहजहाँ ने पूरी तरह से नष्ट करने की असफल कोशिश करी थी ताकि वो उसके द्वारा बनायासाबित हो सके..लेकिन सच सामने आ ही जाता है.

* इसके पूरे साक्ष्य प्रथवीराज रासोसे मिलते है .

* शाहजहाँ से 250 वर्ष पहले1398 मे तैमूर लंग ने पुरानीदिल्ली का उल्लेख करा है (जो की शाहजहाँ द्वारा बसाई बताई जाती है)

* सुअर (वराह) के मुह वालेचार नल अभी भीलाल किले के एक खास महल मे लगे है. क्या ये शाहजहाँ के इस्लाम का प्रतीक चिन्ह हैया हमारे हिंदुत्व के प्रमाण??

* किले के एक द्वार पर बाहर हाथी की मूर्ति अंकित हैराजपूत राजा लोग गजो( हाथियों ) के प्रति अपने प्रेम के लिए विख्यात थे ( इस्लाममूर्ति का विरोध करता है)

* दीवाने खास मे केसर कुंडनाम से कुंड बना है जिसके फर्श पर हिंदुओं मे पूज्य कमल पुष्प अंकित है, केसर कुंड हिंदू शब्दावलीहै जो की हमारे राजाओ द्वारा केसर जल से भरे स्नान कुंड के लिए प्रयुक्त होती रहीहै

* मुस्लिमों के प्रिय गुंबद या मीनार का कोई भी अस्तित्वनही है दीवानेखास और दीवाने आम मे.

* दीवानेखास के ही निकट राज की न्याय तुलाअंकित है , अपनी प्रजा मे से 99 % भाग को नीच समझने वाला मुगलकभी भी न्याय तुला की कल्पना भी नही कर सकता, ब्राह्मानोद्वारा उपदेशित राजपूत राजाओ की न्याय तुला चित्र से प्रेरणा लेकर न्याय करनाहमारे इतिहास मे प्रसीध है .

* दीवाने ख़ास और दीवाने आम की मंडप शैलीपूरी तरह से 984 के अंबर के भीतरी महल(आमेर–पुराना जयपुर) से मिलती है जो की राजपूताना शैली मे बना हुवा है .

* लाल किले से कुछ ही गज की दूरी परबने देवालय जिनमे से एक लाल जैन मंदिर और दूसरा गौरीशंकार मंदिर दोनो ही गैरमुस्लिम है जो की शाहजहाँ से कई शताब्दी पहले राजपूत राजाओं ने बनवाए हुए है.

* लाल किले का मुख्या बाजार चाँदनी चौककेवल हिंदुओं से घिरा हुआ है, समस्तपुरानी दिल्ली मे अधिकतर आबादी हिंदुओं की ही है, सनलिष्ट और घूमाओदार शैली के मकान भी हिंदू शैलीके ही है

..क्याशाजहाँ जैसा धर्मांध व्यक्ति अपने किले के आसपास अरबी, फ़ारसी, तुर्क, अफ़गानी के बजे हमहिंदुओं के लिए मकान बनवा कर हमको अपने पास बसाता ???

* एक भी इस्लामी शिलालेख मेलाल किले का वर्णन नही है

*”” गर फ़िरदौस बरुरुए ज़मीं अस्त, हमीं अस्ता, हमीं अस्ता, हमींअस्ता””–अर्थात इस धरती पे अगर कहीं स्वर्ग है तो यही है, यही है, यही है….
इसअनाम शिलालेख को कभी भी किसी भवन का निर्मांकर्ता नही लिखवा सकता ..और ना ही येकिसी के निर्मांकर्ता होने का सबूत देता है
इसकेअलावा अनेकों ऐसे प्रमाण है जोकी इसके लाल कोट होने का प्रमाण देते है, और ऐसेही हिंदू राजाओ के सारे प्रमाण नष्ट करके हिंदुओं का नाम ही इतिहास से हटा दियागया है, अगरहिंदू नाम आता है तो केवल नष्ट होने वाले शिकार के रूप मे……ताकि हम हमेशा हीअहिंसा और शांति का पाठ पढ़ कर इस झूठे इतिहास से प्रेरणा ले सके…

सही है ना ???..लेकिन कबतक अपने धर्म को ख़तम करने वालो कीपूजा करते रहोगे और खुद के सम्मान को बचाने वाले महान हिंदू शासकों के नाम भुलातेरहोगे..
ऐसे ही….??????? –
1. जो जीता वही चंद्रगुप्त ना होकर…जो जीता वही सिकन्दर “कैसे” हो गया… ???
(जबकि ये बात सभी जानते हैं कि…. सिकंदर की सेना ने चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रभाव को देखते
हुये ही लड़ने से मना कर दिया था.. बहुत ही बुरी तरह मनोबल टूट गया था…. जिस कारण , सिकंदर ने मित्रता के तौर पर अपने सेनापति सेल्युकशकि बेटी की शादी चन्द्रगुप्त से की थी)
2. महाराणा प्रताप “”महान””” ना होकर………अकबर “””महान””” कैसे हो गया…???(जबकि, अकबर अपने हरम में हजारों लड़कियों को रखैल के तौर पर रखता था…. यहाँ तक कि उसने अपनी बेटियो और बहनोँ की शादी तक पर प्रतिबँध लगा दिया था जबकि.. महाराणा प्रताप ने अकेले दम पर उस अकबर के लाखों की सेना को घुटनों पर ला दिया था)
3. सवाई जय सिंह को “””महान वास्तुप्रिय”””राजा ना कहकर शाहजहाँ को यह उपाधि किस आधार मिली …… ???जबकि साक्ष्य बताते हैं कि जयपुर के हवा महल से लेकर तेजोमहालय {ताजमहल} तक ….महाराजा जय सिंह ने ही बनवाया था)
4. जो स्थान महान मराठा क्षत्रिय वीर शिवाजी को मिलना चाहिये वो………. क्रूर और आतंकी औरंगजेब को क्यों और कैसे मिल गया ..????
5. स्वामी विवेकानंद और आचार्य चाणक्य की जगह… ….गांधी को महात्मा बोलकर हिंदुस्तान पर क्यों थोप दिया गया…??????
6. तेजोमहालय- ताजमहल……… ..लालकोट- लाल किला……….. फतेहपुर सीकरी का देव महल- बुलन्द दरवाजा…….. एवं सुप्रसिद्ध गणितज्ञ वराह मिहिर की मिहिरावली(महरौली) स्थित वेधशाला- कुतुबमीनार….. ……… क्यों और कैसे हो गया….?????
7. यहाँ तक कि….. राष्ट्रीय गान भी…..संस्कृत के वन्दे मातरम की जगह गुलामी का प्रतीक””जन-गण-मन हो गया”” कैसे और क्यों हो गया….??????
8. और तो और…. हमारे अराध्य भगवान् राम..कृष्ण तो इतिहास से कहाँ और कब गायब हो गये……… पता ही नहीं चला……….आखिर कैसे ????
9. यहाँ तक कि…. हमारे अराध्य भगवान राम की जन्मभूमि पावन अयोध्या …. भी कब और
कैसे विवादित बना दी गयी… हमें पता तक नहीं चला….!
कहने का मतलब ये है कि….. हमारे दुश्मन सिर्फ….बाबर , गजनवी , लंगड़ा तैमूरलंग…..ही नहीं हैं…… बल्कि आज के सफेदपोश सेक्यूलर भी हमारे उतने ही बड़े दुश्मन हैं…. जिन्होंने हम हिन्दुओं के अन्दर हीन भाबना का उदय कर सेकुलरता का बीज उत्पन्न किया ।

इतिहास के नाम पर झूठ क्यों पढ़ रहे है ??
August 14, 2014 at 6:54am
क्या आप जानते हैं कि दिल्लीके लालकिले का रहस्य क्या है और इसे किसने बनवाया था ? 
दिल्ली का लाल किला शाहजहाँ से भी कई शताब्दी पहले पृथवीराजचौहान द्वारा बनवाया हुआ लाल कोट

अक्सरहमें यह पढाया जाता है कि दिल्ली का लालकिला शाहजहाँ ने बनवाया था | लेकिनयह एकसफ़ेद झूठ है और दिल्ली का लालकिला शाहजहाँ के जन्म से सैकड़ों साल पहले"महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय" द्वारा दिल्ली को बसाने के क्रम में हीबनाया गया था| 

महाराज अनंगपाल तोमर और कोई नहीं बल्कि महाभारत के अभिमन्यु के वंशज तथा महाराजपृथ्वीराज चौहान के नाना जी थे| इतिहासके अनुसार लाल किला का असली नाम "लाल कोट" है, जिसे महाराज अनंगपालद्वितीय द्वारा सन 1060 ईस्वी में दिल्ली शहर कोबसाने के क्रम में ही बनवाया गया था जबकि शाहजहाँ का जन्म ही उसके सैकड़ों वर्षबाद 1592 ईस्वी में हुआ है| 

दरअसल शाहजहाँ नमक मुसलमान ने इसे बसाया नहीं बल्कि पूरी तरह से नष्टकरने की असफल कोशिश की थी ताकि, वो उसकेद्वारा बनाया साबित हो सके लेकिन सच सामने आ ही जाता है| इसका सबसे बड़ा प्रमाण तोयही है कि तारीखे फिरोजशाही के पृष्ट संख्या 160 (ग्रन्थ ३) में लेखक लिखता हैकि सन 1296 के अंत में जब अलाउद्दीन खिलजी अपनी सेना लेकरदिल्ली आया तो वो कुश्क-ए-लाल ( लाल प्रासाद/ महल ) कि ओर बढ़ा और वहां उसने आरामकिया| सिर्फइतना ही नहीं अकबरनामा और अग्निपुराण दोनों ही जगह इस बात के वर्णन हैं कि महाराजअनंगपाल ने ही एक भव्य और आलिशान दिल्ली का निर्माण करवाया था|

जिसकोशाहजहाँ ने पूरी तरह से नष्ट करने की असफल कोशिश करी थी ताकि वो उसके द्वारा बनायासाबित हो सके..लेकिन सच सामने आ ही जाता है.

* इसके पूरे साक्ष्य प्रथवीराज रासोसे मिलते है .

* शाहजहाँ से 250 वर्ष पहले1398 मे तैमूर लंग ने पुरानीदिल्ली का उल्लेख करा है (जो की शाहजहाँ द्वारा बसाई बताई जाती है)

* सुअर (वराह) के मुह वालेचार नल अभी भीलाल किले के एक खास महल मे लगे है. क्या ये शाहजहाँ के इस्लाम का प्रतीक चिन्ह हैया हमारे हिंदुत्व के प्रमाण??

* किले के एक द्वार पर बाहर हाथी की मूर्ति अंकित हैराजपूत राजा लोग गजो( हाथियों ) के प्रति अपने प्रेम के लिए विख्यात थे ( इस्लाममूर्ति का विरोध करता है)

* दीवाने खास मे केसर कुंडनाम से कुंड बना है जिसके फर्श पर हिंदुओं मे पूज्य कमल पुष्प अंकित है, केसर कुंड हिंदू शब्दावलीहै जो की हमारे राजाओ द्वारा केसर जल से भरे स्नान कुंड के लिए प्रयुक्त होती रहीहै

* मुस्लिमों के प्रिय गुंबद या मीनार का कोई भी अस्तित्वनही है दीवानेखास और दीवाने आम मे.

* दीवानेखास के ही निकट राज की न्याय तुलाअंकित है , अपनी प्रजा मे से 99 % भाग को नीच समझने वाला मुगलकभी भी न्याय तुला की कल्पना भी नही कर सकता, ब्राह्मानोद्वारा उपदेशित राजपूत राजाओ की न्याय तुला चित्र से प्रेरणा लेकर न्याय करनाहमारे इतिहास मे प्रसीध है .

* दीवाने ख़ास और दीवाने आम की मंडप शैलीपूरी तरह से 984 के अंबर के भीतरी महल(आमेर--पुराना जयपुर) से मिलती है जो की राजपूताना शैली मे बना हुवा है .

* लाल किले से कुछ ही गज की दूरी परबने देवालय जिनमे से एक लाल जैन मंदिर और दूसरा गौरीशंकार मंदिर दोनो ही गैरमुस्लिम है जो की शाहजहाँ से कई शताब्दी पहले राजपूत राजाओं ने बनवाए हुए है.

* लाल किले का मुख्या बाजार चाँदनी चौककेवल हिंदुओं से घिरा हुआ है, समस्तपुरानी दिल्ली मे अधिकतर आबादी हिंदुओं की ही है, सनलिष्ट और घूमाओदार शैली के मकान भी हिंदू शैलीके ही है 

..क्याशाजहाँ जैसा धर्मांध व्यक्ति अपने किले के आसपास अरबी, फ़ारसी, तुर्क, अफ़गानी के बजे हमहिंदुओं के लिए मकान बनवा कर हमको अपने पास बसाता ???

* एक भी इस्लामी शिलालेख मेलाल किले का वर्णन नही है

*"" गर फ़िरदौस बरुरुए ज़मीं अस्त, हमीं अस्ता, हमीं अस्ता, हमींअस्ता""--अर्थात इस धरती पे अगर कहीं स्वर्ग है तो यही है, यही है, यही है....
इसअनाम शिलालेख को कभी भी किसी भवन का निर्मांकर्ता नही लिखवा सकता ..और ना ही येकिसी के निर्मांकर्ता होने का सबूत देता है
इसकेअलावा अनेकों ऐसे प्रमाण है जोकी इसके लाल कोट होने का प्रमाण देते है, और ऐसेही हिंदू राजाओ के सारे प्रमाण नष्ट करके हिंदुओं का नाम ही इतिहास से हटा दियागया है, अगरहिंदू नाम आता है तो केवल नष्ट होने वाले शिकार के रूप मे......ताकि हम हमेशा हीअहिंसा और शांति का पाठ पढ़ कर इस झूठे इतिहास से प्रेरणा ले सके...

सही है ना ???..लेकिन कबतक अपने धर्म को ख़तम करने वालो कीपूजा करते रहोगे और खुद के सम्मान को बचाने वाले महान हिंदू शासकों के नाम भुलातेरहोगे..
ऐसे ही....??????? -
1. जो जीता वही चंद्रगुप्त ना होकर…जो जीता वही सिकन्दर “कैसे” हो गया… ???
(जबकि ये बात सभी जानते हैं कि…. सिकंदर की सेना ने चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रभाव को देखते
हुये ही लड़ने से मना कर दिया था.. बहुत ही बुरी तरह मनोबल टूट गया था…. जिस कारण , सिकंदर ने मित्रता के तौर पर अपने सेनापति सेल्युकशकि बेटी की शादी चन्द्रगुप्त से की थी)
2. महाराणा प्रताप “”महान””” ना होकर………अकबर “””महान””” कैसे हो गया…???(जबकि, अकबर अपने हरम में हजारों लड़कियों को रखैल के तौर पर रखता था…. यहाँ तक कि उसने अपनी बेटियो और बहनोँ की शादी तक पर प्रतिबँध लगा दिया था जबकि.. महाराणा प्रताप ने अकेले दम पर उस अकबर के लाखों की सेना को घुटनों पर ला दिया था)
3. सवाई जय सिंह को “””महान वास्तुप्रिय”””राजा ना कहकर शाहजहाँ को यह उपाधि किस आधार मिली …… ???जबकि साक्ष्य बताते हैं कि जयपुर के हवा महल से लेकर तेजोमहालय {ताजमहल} तक ….महाराजा जय सिंह ने ही बनवाया था)
4. जो स्थान महान मराठा क्षत्रिय वीर शिवाजी को मिलना चाहिये वो………. क्रूर और आतंकी औरंगजेब को क्यों और कैसे मिल गया ..????
5. स्वामी विवेकानंद और आचार्य चाणक्य की जगह… ….गांधी को महात्मा बोलकर हिंदुस्तान पर क्यों थोप दिया गया…??????
6. तेजोमहालय- ताजमहल……… ..लालकोट- लाल किला……….. फतेहपुर सीकरी का देव महल- बुलन्द दरवाजा…….. एवं सुप्रसिद्ध गणितज्ञ वराह मिहिर की मिहिरावली(महरौली) स्थित वेधशाला- कुतुबमीनार….. ……… क्यों और कैसे हो गया….?????
7. यहाँ तक कि….. राष्ट्रीय गान भी…..संस्कृत के वन्दे मातरम की जगह गुलामी का प्रतीक””जन-गण-मन हो गया”” कैसे और क्यों हो गया….??????
8. और तो और…. हमारे अराध्य भगवान् राम..कृष्ण तो इतिहास से कहाँ और कब गायब हो गये……… पता ही नहीं चला……….आखिर कैसे ????
9. यहाँ तक कि…. हमारे अराध्य भगवान राम की जन्मभूमि पावन अयोध्या …. भी कब और
कैसे विवादित बना दी गयी… हमें पता तक नहीं चला….!
कहने का मतलब ये है कि….. हमारे दुश्मन सिर्फ….बाबर , गजनवी , लंगड़ा तैमूरलंग…..ही नहीं हैं…… बल्कि आज के सफेदपोश सेक्यूलर भी हमारे उतने ही बड़े दुश्मन हैं…. जिन्होंने हम हिन्दुओं के अन्दर हीन भाबना का उदय कर सेकुलरता का बीज उत्पन्न किया ।
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”सारे जहा से अच्छा हिंदुस्तान हमारा”


”सारे जहा से अच्छा हिंदुस्तान हमारा” के लेखक इकबाल की सच्चाई ..(सेकुलरिस्म का एक ओर चेहरा)
क्या आप जानते हैं कि…..”पाकिस्तान” शब्द का जनक ….सियालकोट का रहनेवाला ‘मुहम्मद इकबाल’ था….. जो कि…जन्म से एक कश्मीरी ब्राह्मण था . परन्तु बाद में मुसलमान बन गया था …! ये वही मुहम्मद इकबाल है…. जिसने प्रसिद्ध गीत “सारे जहाँ से अच्छा हिदोस्तानहमारा” .. लिखा है…! इसी इकबाल ने अपने गीत में एक जगह लिखा है कि…..””मजहब नहीं सिखाता ….आपस में बैर रखना”
परन्तु …….इसी इकबाल ने अपनी एक किताब ” कुल्लियाते इकबाल” में अपने बारे में लिखा है….”मिरा बिनिगर कि दरहिन्दोस्तां दीगर नमी बीनी ,बिरहमनजादए रम्ज आशनाए रूम औ तबरेज अस्त ” अर्थात… मुझे देखो……… मेरे जैसा हिंदुस्तान में दूसरा कोईनहीं होगा… क्योंकि, मैं एक ब्राह्मणकी औलाद हूँ……लेकिन मौलाना रूम और मौलाना तबरेज से प्रभावित होकर मुसलमान बन गया…!
कालांतर मेंयही इकबाल……. मुस्लिम लीग का अध्यक्षबन गया…. और हैरत कि बात है कि……जो इकबाल “सारे जहाँ से अच्छा हिदोस्तान हमारा” .. लिखा …और,””मजहब नहीं सिखाता ….आपस में बैरर खना”….. जैसे बोल बोले थे… उसी इकबाल ने ……. मुस्लिम लीग खिलाफत मूवमेंट के समय …… 1930 के इलाहाबाद में मुस्लिमलीग के सम्मलेन में कहा था ….. “हो जाये अगर शाहे खुरासां का इशारा ,सिजदा न करूं हिन्दोस्तां की नापाक जमीं पर “यानि…. यदि तुर्की का खलीफा अब्दुलहमीद ( जिसको अँगरेजों ने 1920 में गद्दी से उतार दिया था ) इशारा करदे…… तो, मैं इस “नापाक हिंदुस्तान” की जमीन पर नमाज भी नहीं पढूंगा…!
बाद में…… इसी “नापाक” शब्द का विपरीत शब्द लेकर “पाक ” से “पाकिस्तान “बनाया गया …… जिसका शाब्दिक अर्थहै …..( मुस्लिमों के लिए ) पवित्र देश …!कहने का तात्पर्य ये है कि….. हिन्दू बहुल क्षेत्र होने के कारण….मुस्लिमों को हिंदुस्तान “”नापाक””लगता था…. इसीलिए… मुस्लिमों ने अपने लिए तथाकथित पवित्र देश …”पाकिस्तान”… बनवा लिया…!
अब इस सारी कहानी में…. समझने की बात यह हैकि……. जब एक कश्मीरी ब्राह्मण के ….धर्मपरिवर्तन करने के बाद…. अपने देश और अपनी मातृभूमि के बारे में सोच …इतनी जहरीली हो सकती है…. तो, आज ….हिन्दुओं की अज्ञानता और उदासीनता का लाभ उठा कर .. समाज के दुश्मनों द्वारा हजारो-लाखो हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है…..उसका परिणाम कितना भयानक हो सकता है…????
ऐसे में मुझे एक मौलाना की वो प्रसिद्द उक्ति याद आरही है…. जिसमे उसने कहा था कि…. देखिये हमारे तो इतने इस्लामी देश हैं ….इसीलिए , अगर हमारे लिए जमीन तंग हो जाएगी तो ,,,हम किसी भी देश में जाकर कहेंगे ” अस्सलामु अलैकुम ” और वह कहेगा ” वालेकुम अस्सलाम ” ….. साथ ही….हमें भाई समझ कर अपना लेगा . लेकिनमैं… हिन्दुओं से एक मासूम सा सवाल पूछना चाहता हूँ कि……. उनके राम-राम का जवाब देने वाला कौन सा देश है…… ????
इसलिए, जो यह लेख पढ़ रहे हैं ,उन सभी हिन्दू भाइयों-बहनों से निवेदनहै कि…., देश की एकता के लिए भी धर्म की जरूरत होती है …! इसीलिए,अगर हमारे हिन्दुस्थान को बचाना है तो…… जाति और क्षेत्रवाद का भेद भूलकर ….. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी…और कच्छ से लेकर असम तक के सारे हिन्दुओं को एक होना ही होगा…!

''सारे जहा से अच्छा हिंदुस्तान हमारा'' के लेखक इकबाल की सच्चाई ..(सेकुलरिस्म का एक ओर चेहरा) 
क्या आप जानते हैं कि....."पाकिस्तान" शब्द का जनक ....सियालकोट का रहनेवाला 'मुहम्मद इकबाल' था..... जो कि...जन्म से एक कश्मीरी ब्राह्मण था . परन्तु बाद में मुसलमान बन गया था ...! ये वही मुहम्मद इकबाल है.... जिसने प्रसिद्ध गीत "सारे जहाँ से अच्छा हिदोस्तानहमारा" .. लिखा है...! इसी इकबाल ने अपने गीत में एक जगह लिखा है कि.....""मजहब नहीं सिखाता ....आपस में बैर रखना" 
परन्तु .......इसी इकबाल ने अपनी एक किताब " कुल्लियाते इकबाल" में अपने बारे में लिखा है...."मिरा बिनिगर कि दरहिन्दोस्तां दीगर नमी बीनी ,बिरहमनजादए रम्ज आशनाए रूम औ तबरेज अस्त " अर्थात... मुझे देखो......... मेरे जैसा हिंदुस्तान में दूसरा कोईनहीं होगा... क्योंकि, मैं एक ब्राह्मणकी औलाद हूँ......लेकिन मौलाना रूम और मौलाना तबरेज से प्रभावित होकर मुसलमान बन गया...! 
कालांतर मेंयही इकबाल....... मुस्लिम लीग का अध्यक्षबन गया.... और हैरत कि बात है कि......जो इकबाल "सारे जहाँ से अच्छा हिदोस्तान हमारा" .. लिखा ...और,""मजहब नहीं सिखाता ....आपस में बैरर खना"..... जैसे बोल बोले थे... उसी इकबाल ने ....... मुस्लिम लीग खिलाफत मूवमेंट के समय ...... 1930 के इलाहाबाद में मुस्लिमलीग के सम्मलेन में कहा था ..... "हो जाये अगर शाहे खुरासां का इशारा ,सिजदा न करूं हिन्दोस्तां की नापाक जमीं पर "यानि.... यदि तुर्की का खलीफा अब्दुलहमीद ( जिसको अँगरेजों ने 1920 में गद्दी से उतार दिया था ) इशारा करदे...... तो, मैं इस "नापाक हिंदुस्तान" की जमीन पर नमाज भी नहीं पढूंगा...! 
बाद में...... इसी "नापाक" शब्द का विपरीत शब्द लेकर "पाक " से "पाकिस्तान "बनाया गया ...... जिसका शाब्दिक अर्थहै .....( मुस्लिमों के लिए ) पवित्र देश ...!कहने का तात्पर्य ये है कि..... हिन्दू बहुल क्षेत्र होने के कारण....मुस्लिमों को हिंदुस्तान ""नापाक""लगता था.... इसीलिए... मुस्लिमों ने अपने लिए तथाकथित पवित्र देश ..."पाकिस्तान"... बनवा लिया...! 
अब इस सारी कहानी में.... समझने की बात यह हैकि....... जब एक कश्मीरी ब्राह्मण के ....धर्मपरिवर्तन करने के बाद.... अपने देश और अपनी मातृभूमि के बारे में सोच ...इतनी जहरीली हो सकती है.... तो, आज ....हिन्दुओं की अज्ञानता और उदासीनता का लाभ उठा कर .. समाज के दुश्मनों द्वारा हजारो-लाखो हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है.....उसका परिणाम कितना भयानक हो सकता है...???? 
ऐसे में मुझे एक मौलाना की वो प्रसिद्द उक्ति याद आरही है.... जिसमे उसने कहा था कि.... देखिये हमारे तो इतने इस्लामी देश हैं ....इसीलिए , अगर हमारे लिए जमीन तंग हो जाएगी तो ,,,हम किसी भी देश में जाकर कहेंगे " अस्सलामु अलैकुम " और वह कहेगा " वालेकुम अस्सलाम " ..... साथ ही....हमें भाई समझ कर अपना लेगा . लेकिनमैं... हिन्दुओं से एक मासूम सा सवाल पूछना चाहता हूँ कि....... उनके राम-राम का जवाब देने वाला कौन सा देश है...... ???? 
इसलिए, जो यह लेख पढ़ रहे हैं ,उन सभी हिन्दू भाइयों-बहनों से निवेदनहै कि...., देश की एकता के लिए भी धर्म की जरूरत होती है ...! इसीलिए,अगर हमारे हिन्दुस्थान को बचाना है तो...... जाति और क्षेत्रवाद का भेद भूलकर ..... कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी...और कच्छ से लेकर असम तक के सारे हिन्दुओं को एक होना ही होगा...!