Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

अखण्ड भारत महज सपना


अखण्ड भारत महज सपना नहीं, श्रद्धा है, निष्ठा है। जिन आंखों ने भारत को भूमि से अधिक माता के रूप में देखा हो, जो स्वयं को इसका पुत्र मानता हो, जो प्रात: उठकर “समुद्रवसने देवी पर्वतस्तन मंडले, विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यम् पादस्पर्शं क्षमस्वमे।” कहकर उसकी रज को माथे से लगाता हो, वन्देमातरम् जिनका राष्ट्रघोष और राष्ट्रगान हो, ऐसे असंख्य अंत:करण मातृभूमि के विभाजन की वेदना को कैसे भूल सकते हैं, अखण्ड भारत के संकल्प को कैसे त्याग सकते हैं? किन्तु लक्ष्य के शिखर पर पहुंचने के लिए यथार्थ की कंकरीली-पथरीली, कहीं कांटे तो कहीं दलदल, कहीं गहरी खाई तो कहीं रपटीली चढ़ाई से होकर गुजरना ही होगा।

15 अगस्त को हमें आजादी मिली और वर्षों की परतंत्रता की रात समाप्त हो गयी। किन्तु स्वातंत्र्य के आनंद के साथ-साथ मातृभूमि के विभाजन का गहरा घाव भी सहन करना पड़ा। 1947 का विभाजन पहला और अन्तिम विभाजन नहीं है। भारत की सीमाओं का संकुचन उसके काफी पहले शुरू हो चुका था। सातवीं से नवीं शताब्दी तक लगभग ढाई सौ साल तक अकेले संघर्ष करके हिन्दू अफगानिस्तान इस्लाम के पेट में समा गया। हिमालय की गोद में बसे नेपाल, भूटान आदि जनपद अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण मुस्लिम विजय से बच गए। अपनी सांस्कृतिक अस्मिता की रक्षा के लिए उन्होंने राजनीतिक स्वतंत्रता का मार्ग अपनाया पर अब वह राजनीतिक स्वतंत्रता संस्कृति पर हावी हो गयी है। श्रीलंका पर पहले पुर्तगाल, फिर हालैंड और अन्त में अंग्रेजों ने राज्य किया और उसे भारत से पूरी तरह अलग कर दिया। किन्तु मुख्य प्रश्न तो भारत के सामने है। तेरह सौ वर्ष से भारत की धरती पर जो वैचारिक संघर्ष चल रहा था उसी की परिणति 1947 के विभाजन में हुई। पाकिस्तानी टेलीविजन पर किसी ने ठीक ही कहा था कि जिस दिन आठवीं शताब्दी में पहले हिन्दू ने इस्लाम को कबूल किया उसी दिन भारत विभाजन के बीज पड़ गए थे।

इसे तो स्वीकार करना ही होगा कि भारत का विभाजन हिन्दू-मुस्लिम आधार पर हुआ। पाकिस्तान ने अपने को इस्लामी देश घोषित किया। वहां से सभी हिन्दू-सिखों को बाहर खदेड़ दिया। अब वहां हिन्दू-सिख जनसंख्या लगभग शून्य है। भारतीय सेनाओं की सहायता से बंगलादेश स्वतंत्र राज्य बना। भारत के प्रति कृतज्ञतावश चार साल तक मुजीबुर्रहमान के जीवन काल में बंगलादेश ने स्वयं को पंथनिरपेक्ष राज्य कहा किन्तु एक दिन मुजीबुर्रहमान का कत्ल करके स्वयं को इस्लामी राज्य घोषित कर दिया। विभाजन के समय वहां रह गए हिन्दुओं की संख्या 34 प्रतिशत से घटकर अब 10 प्रतिशत से कम रह गई है और बंगलादेश भारत के विरुद्ध आतंकवादी गतिविधियों का मुख्य केन्द्र बन गया है। करोड़ों बंगलादेशी घुसपैठिए भारत की सुरक्षा के लिए भारी खतरा बन गए हैं।

विभाजन के पश्चात् खंडित भारत की अपनी स्थिति क्या है? ब्रिटिश संसदीय प्रणाली के अन्धानुकरण ने हिन्दू समाज को जाति, क्षेत्र और दल के आधार पर जड़मूल तक विभाजित कर दिया है। पूरा समाज भ्रष्टाचार की दलदल में आकंठ फंस गया है। हिन्दू समाज की बात करना साम्प्रदायिकता है और मुस्लिम कट्टरवाद व पृथकतावाद की हिमायत करना सेकुलरिज्म। अनेक छोटे-छोटे राजनीतिक दलों में बिखरा हिन्दू नेतृत्व सत्ता के कुछ टुकड़े पाने के लाभ में मुस्लिम वोटों को रिझाने में लगा है।

देश फिर से एक करने के लिए जिन कारणों से मनों में दरार पैदा होती है, उन कारणों को दूर करना आवश्यक है। यह आसान काम नहीं है। धार्मिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय शक्तियां सभी बाधाओं के रूप में खड़ी हैं। लेकिन क्या मुसलमानों और हिन्दुओं में सांस्कृतिक एकता का कोई प्रवाह है? हिन्दुओं और मुसलमानों के पुरखे एक हैं, उनका वंश एक है। ये मुसलमान अरबी, तुर्की या इराकी नहीं हैं। हिन्दू एक जीवन-पद्धति है और इसे पूर्णत: त्यागना हिन्दू से मुसलमान बने आज के मुसलमानों के लिए भी संभव नहीं है।

सैन्य सामर्थ्य भारत के पास है। लेकिन क्या पाकिस्तान पर जीत से अखंड भारत बन सकता है? जब लोगों में मनोमिलन होता है, तभी राष्ट्र बनता है। अखंडता का मार्ग सांस्कृतिक है, न की सैन्य कार्रवाई या आक्रमण। देश का नेतृत्व करने वाले नेताओं के मन में इस संदर्भ में सुस्पष्ट धारणा आवश्यक है। भारत की अखंडता का आधार भूगोल से ज्यादा संस्कृति और इतिहास में है। खंडित भारत में एक सशक्त, एक्यबद्ध, तेजोमयी राष्ट्रजीवन खड़ा करके ही अखंड भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ना संभव होगा।

अखण्ड भारत महज सपना नहीं, श्रद्धा है, निष्ठा है। जिन आंखों ने भारत को भूमि से अधिक माता के रूप में देखा हो, जो स्वयं को इसका पुत्र मानता हो, जो प्रात: उठकर "समुद्रवसने देवी पर्वतस्तन मंडले, विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यम् पादस्पर्शं क्षमस्वमे।" कहकर उसकी रज को माथे से लगाता हो, वन्देमातरम् जिनका राष्ट्रघोष और राष्ट्रगान हो, ऐसे असंख्य अंत:करण मातृभूमि के विभाजन की वेदना को कैसे भूल सकते हैं, अखण्ड भारत के संकल्प को कैसे त्याग सकते हैं? किन्तु लक्ष्य के शिखर पर पहुंचने के लिए यथार्थ की कंकरीली-पथरीली, कहीं कांटे तो कहीं दलदल, कहीं गहरी खाई तो कहीं रपटीली चढ़ाई से होकर गुजरना ही होगा। 

15 अगस्त को हमें आजादी मिली और वर्षों की परतंत्रता की रात समाप्त हो गयी। किन्तु स्वातंत्र्य के आनंद के साथ-साथ मातृभूमि के विभाजन का गहरा घाव भी सहन करना पड़ा। 1947 का विभाजन पहला और अन्तिम विभाजन नहीं है। भारत की सीमाओं का संकुचन उसके काफी पहले शुरू हो चुका था। सातवीं से नवीं शताब्दी तक लगभग ढाई सौ साल तक अकेले संघर्ष करके हिन्दू अफगानिस्तान इस्लाम के पेट में समा गया। हिमालय की गोद में बसे नेपाल, भूटान आदि जनपद अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण मुस्लिम विजय से बच गए। अपनी सांस्कृतिक अस्मिता की रक्षा के लिए उन्होंने राजनीतिक स्वतंत्रता का मार्ग अपनाया पर अब वह राजनीतिक स्वतंत्रता संस्कृति पर हावी हो गयी है। श्रीलंका पर पहले पुर्तगाल, फिर हालैंड और अन्त में अंग्रेजों ने राज्य किया और उसे भारत से पूरी तरह अलग कर दिया। किन्तु मुख्य प्रश्न तो भारत के सामने है। तेरह सौ वर्ष से भारत की धरती पर जो वैचारिक संघर्ष चल रहा था उसी की परिणति 1947 के विभाजन में हुई। पाकिस्तानी टेलीविजन पर किसी ने ठीक ही कहा था कि जिस दिन आठवीं शताब्दी में पहले हिन्दू ने इस्लाम को कबूल किया उसी दिन भारत विभाजन के बीज पड़ गए थे। 

इसे तो स्वीकार करना ही होगा कि भारत का विभाजन हिन्दू-मुस्लिम आधार पर हुआ। पाकिस्तान ने अपने को इस्लामी देश घोषित किया। वहां से सभी हिन्दू-सिखों को बाहर खदेड़ दिया। अब वहां हिन्दू-सिख जनसंख्या लगभग शून्य है। भारतीय सेनाओं की सहायता से बंगलादेश स्वतंत्र राज्य बना। भारत के प्रति कृतज्ञतावश चार साल तक मुजीबुर्रहमान के जीवन काल में बंगलादेश ने स्वयं को पंथनिरपेक्ष राज्य कहा किन्तु एक दिन मुजीबुर्रहमान का कत्ल करके स्वयं को इस्लामी राज्य घोषित कर दिया। विभाजन के समय वहां रह गए हिन्दुओं की संख्या 34 प्रतिशत से घटकर अब 10 प्रतिशत से कम रह गई है और बंगलादेश भारत के विरुद्ध आतंकवादी गतिविधियों का मुख्य केन्द्र बन गया है। करोड़ों बंगलादेशी घुसपैठिए भारत की सुरक्षा के लिए भारी खतरा बन गए हैं।

विभाजन के पश्चात् खंडित भारत की अपनी स्थिति क्या है? ब्रिटिश संसदीय प्रणाली के अन्धानुकरण ने हिन्दू समाज को जाति, क्षेत्र और दल के आधार पर जड़मूल तक विभाजित कर दिया है। पूरा समाज भ्रष्टाचार की दलदल में आकंठ फंस गया है। हिन्दू समाज की बात करना साम्प्रदायिकता है और मुस्लिम कट्टरवाद व पृथकतावाद की हिमायत करना सेकुलरिज्म। अनेक छोटे-छोटे राजनीतिक दलों में बिखरा हिन्दू नेतृत्व सत्ता के कुछ टुकड़े पाने के लाभ में मुस्लिम वोटों को रिझाने में लगा है।

देश फिर से एक करने के लिए जिन कारणों से मनों में दरार पैदा होती है, उन कारणों को दूर करना आवश्यक है। यह आसान काम नहीं है। धार्मिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय शक्तियां सभी बाधाओं के रूप में खड़ी हैं। लेकिन क्या मुसलमानों और हिन्दुओं में सांस्कृतिक एकता का कोई प्रवाह है? हिन्दुओं और मुसलमानों के पुरखे एक हैं, उनका वंश एक है। ये मुसलमान अरबी, तुर्की या इराकी नहीं हैं। हिन्दू एक जीवन-पद्धति है और इसे पूर्णत: त्यागना हिन्दू से मुसलमान बने आज के मुसलमानों के लिए भी संभव नहीं है।

सैन्य सामर्थ्य भारत के पास है। लेकिन क्या पाकिस्तान पर जीत से अखंड भारत बन सकता है? जब लोगों में मनोमिलन होता है, तभी राष्ट्र बनता है। अखंडता का मार्ग सांस्कृतिक है, न की सैन्य कार्रवाई या आक्रमण। देश का नेतृत्व करने वाले नेताओं के मन में इस संदर्भ में सुस्पष्ट धारणा आवश्यक है। भारत की अखंडता का आधार भूगोल से ज्यादा संस्कृति और इतिहास में है। खंडित भारत में एक सशक्त, एक्यबद्ध, तेजोमयी राष्ट्रजीवन खड़ा करके ही अखंड भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ना संभव होगा।
Posted in खान्ग्रेस

कान्ग्रेसियोँ


टल जी को भारत रत्न दिये जाने पर सवाल उठाने वाले कान्ग्रेसियोँ, जरा बताओ कि राजीव गांधी किस एन्गल से भारत रत्न के हकदार थे?? क्योंकि……
1. रक्षा सौदों में दलाली की परंपरा राजीव गांधी के समय में शुरू हुई. जब बोफोर्स तोपों की दलाली में राजीव गांधी की भूमिका पाई गई …
2. इटालियन दलाल क्वात्रोच्चि को बचाने वाले राजीव गांधी ही थे…….
3. देश की सबसे भयंकर भोपाल गैस त्रासदी के गुनहगार हेन्डरसन को देश से बाहर भगाने में राजीव गांधी सरकार ने … पूरा सहयोग किया…….
4. लाखों तमिल हिन्दूओँ की जान जोखिम में डालकर श्रीलंका में सेना भेजने की ऐतिहासिक भूल करने वाले राजीव गांधी ही थे……..
5. हिंदुस्तान के सबसे अच्छे पड़ोसी मित्र नेपाल से खराब सम्बन्धों की शुरुआत राजीव गांधी ने ही की थी. जब इटालियन डायन के दबाव में उन्होंने नेपाल पर प्रतिबंध लगा दिए थे………
6. नेताओं द्वारा खुलेआम भड़काउ और नफरत भरे बयान देकर दन्गा भङकाने की परंपरा भी राजीव गांधी ने ही शुरू की थी. जब उन्होंने खुलेआम “बड़ा पेड़ गिरने” जैसे जहरीले व नफरत भरे बयान देकर हजारों सिखों के नरसंहार को जायज ठहराया था…….
7. शाहबानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जाकर लांडो के तुष्टीकरण की सबसे बड़ी मिसाल राजीव गांधी ने ही कायम की थी…….
8. विकिलिक्स ने खुलासा किया था कि राजीव गांधी स्वीडिश कम्पनी के लिए दलाली करते थे. …….
इसके अलावा जिस नेहरू ने प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा में देश का विभाजन करवा दिया…….
जिस नेहरू की अय्याशी के किस्से जगजाहिर थे……
जिस नेहरू की वजह से कश्मीर हिंदुस्तान के हाथ से निकल कर एक नासूर बन गया……
जिस नेहरू की वजह से चीन के हाथों शर्मनाक हार मिली व अरुणाचल की हजारों किमी जमीन हिंदुस्तान ने गवाँ दी…..
उस गद्दार, देशद्रोही, हरामी, टर्की नेहरू को भारत रत्न क्यों दिया गया??…….
सही अर्थों में देखा जाये तो इस तथाकथित नेहरू-गांधी परिवार ने हमारे भारत माता को केवल घाव ही घाव दिए हैं और कुछ नही. एक ओर जहाँ इनको दिए गए भारत रत्न ही वापस ले लेना चाहिए. वहीं दुसरी ओर तथाकथित नेहरू-गांधी खानदान के नाम से चल रहे सभी परियोजनाओं, सभी कार्यक्रमों को ही बंद कर देना चाहिए……
जय हिंद, जय भारत……

टल जी को भारत रत्न दिये जाने पर सवाल उठाने वाले कान्ग्रेसियोँ, जरा बताओ कि राजीव गांधी किस एन्गल से भारत रत्न के हकदार थे?? क्योंकि......
1. रक्षा सौदों में दलाली की परंपरा राजीव गांधी के समय में शुरू हुई. जब बोफोर्स तोपों की दलाली में राजीव गांधी की भूमिका पाई गई ...
2. इटालियन दलाल क्वात्रोच्चि को बचाने वाले राजीव गांधी ही थे.......
3. देश की सबसे भयंकर भोपाल गैस त्रासदी के गुनहगार हेन्डरसन को देश से बाहर भगाने में राजीव गांधी सरकार ने ... पूरा सहयोग किया.......
4. लाखों तमिल हिन्दूओँ की जान जोखिम में डालकर श्रीलंका में सेना भेजने की ऐतिहासिक भूल करने वाले राजीव गांधी ही थे........
5. हिंदुस्तान के सबसे अच्छे पड़ोसी मित्र नेपाल से खराब सम्बन्धों की शुरुआत राजीव गांधी ने ही की थी. जब इटालियन डायन के दबाव में उन्होंने नेपाल पर प्रतिबंध लगा दिए थे.........
6. नेताओं द्वारा खुलेआम भड़काउ और नफरत भरे बयान देकर दन्गा भङकाने की परंपरा भी राजीव गांधी ने ही शुरू की थी. जब उन्होंने खुलेआम "बड़ा पेड़ गिरने" जैसे जहरीले व नफरत भरे बयान देकर हजारों सिखों के नरसंहार को जायज ठहराया था.......
7. शाहबानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जाकर लांडो के तुष्टीकरण की सबसे बड़ी मिसाल राजीव गांधी ने ही कायम की थी.......
8. विकिलिक्स ने खुलासा किया था कि राजीव गांधी स्वीडिश कम्पनी के लिए दलाली करते थे. .......
इसके अलावा जिस नेहरू ने प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा में देश का विभाजन करवा दिया.......
जिस नेहरू की अय्याशी के किस्से जगजाहिर थे......
जिस नेहरू की वजह से कश्मीर हिंदुस्तान के हाथ से निकल कर एक नासूर बन गया......
जिस नेहरू की वजह से चीन के हाथों शर्मनाक हार मिली व अरुणाचल की हजारों किमी जमीन हिंदुस्तान ने गवाँ दी.....
उस गद्दार, देशद्रोही, हरामी, टर्की नेहरू को भारत रत्न क्यों दिया गया??.......
सही अर्थों में देखा जाये तो इस तथाकथित नेहरू-गांधी परिवार ने हमारे भारत माता को केवल घाव ही घाव दिए हैं और कुछ नही. एक ओर जहाँ इनको दिए गए भारत रत्न ही वापस ले लेना चाहिए. वहीं दुसरी ओर तथाकथित नेहरू-गांधी खानदान के नाम से चल रहे सभी परियोजनाओं, सभी कार्यक्रमों को ही बंद कर देना चाहिए......
जय हिंद, जय भारत......
Posted in हिन्दू पतन

Independence


Today Pakistanis are CELEBRATING their Independence, yes independence from the British and INDEPENDENCE FROM HINDUS, they cleansed their land of Hindus and called it PAKI – the Hindus, the Kafirs had made it IMPURE, for them it is a DAY OF JOY but for Hindus it is a DAY OF MOURNING – we lost our land, more than 10 lakh Hindus and Sikhs were brutally murdered, Hindus lost their land their women were raped . Muslims had a Choice, they could live EITHER in India or Pakistan but Hindus HAD NO SUCH CHOICE, all those who managed to escape, did escape . Others who stayed behind either CONVERTED or are forced to live a LIFE IN HELL. Contrarily , Muslims in India THRIVED, they are there in every sphere of life, be it politics, business , sports or other fields.
The foundations of Pakistan was made when the All India Muslim league was founded by Sir Sayyad Ahmed Abbas, it was formally established in 1906 with Sir Sultan Muhammad Shah(Aga Khan III) in Dacca. Soon this became a MOVEMENT for a separate nation and in 1947 , it was formed by Mohammed Ali Jinnah . But PAKISTAN IS A FAILED STATE, since its inception, it has SURVIVED ON HATE. Surprisingly, both Jinnah and Aga Khan were SHIAS but today Shias are MASSACRED regularly, hundreds of their MASJIDS and DARGAHS have been blasted , bombed. Ethnic minorities have no place here. The creation of Bangladesh in 1971 was a clear reflection on this , hundreds of Bengalis , both Hindu and Muslims were killed by the Pak army, hundreds of women raped. PAKISTAN HAS NOT CHANGED. TERROR IS THEIR STATE POLICY .Sometimes they themselves become Victims of their OWN TERROR.
So what are they CELEBRATING, Death, Rape, Bomb Blasts . They have plenty of supporters in Hindustan, who will also be celebrating , the Talibanis and Secular Liberals who dont say JAI HIND or VANDE MATARAM but bow to the BLOODIED PAKI FLAG and sing the PAK NATIONAL ANTHEM.
DOWN WITH PAKISTAN – JAI HINDUSTAN.
Pic of AIUML in Dacca in 1906 and Bangladeshis burning Paki flag in Bangladesh
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=691534360934453&set=pcb.742438479152830&type=1&theater

 
Sudipta Barat's photo.
Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

आइये भारत के 10 बड़े झूट पर फिर से नज़र डालते है..


आइये भारत के 10 बड़े झूट पर फिर से नज़र
डालते है..
झूट न. 1. भारत 1947 में आज़ाद हुआ !!
सत्य- Indian independence act के
अंतर्गत सिर्फ TRANSFER OF POWER agreement
हुआ था ..जिसमे हमारे देश को सिर्फ 99 साल
के लिए सत्ता का हस्तांतरण
हुआ ..आजादी नहीं मिली
झूट न. 2.जरमनी के हिटलर की वजह से विश्व
युद्ध हुआ !!
सत्य – भारत से चुराई गई तकनीक
का experiment
करने के लिए पश्चिमी देशो ने आपस में युद्ध
लडे …दोनों विश्व युद्ध में किसी ने
किसी को नहीं कब्जाया..नौटंकी – करने के
बाद सब सामान्य हो गया
झूट न.3. गांधी जी ने आज़ादी दिलाई !!
सत्य -भगत सिंह को फांसी लगने के बाद देश के
नौजवानों में उबाल आया उनमें से कुछ INA में
भरती हुए … जब सुभाष चन्द्र बोस ने लड़ाई
लड़ी ..तब देश का नौजवान झल्ला गया…और
ब्रिटेन की सेना में काम करने वाले भारतीय
सैनिक बगावत पर उतर आए ..और ब्रिटेन को सर
पर हाथ रख कर भागना पडा
झूट न. 4 .भारत गरीब देश था, जातिवाद
था …अंग्रेज यहाँ तकनीक लेकर आए !!
सत्य –अंग्रेज चोर थे और सिर्फ चोरी करते
थे…तकनीक हमारी थी उलटे उन्होंने हमारे
ग्रन्थ चुरा कर अपने पेटेंट करा लिया..आज
भी वो हल्दी पर पेटेंट करा रहे हैं … भारत से
अंग्रेज 900 पानी के जाह
सोना लूट कर ले गए जातिवाद भारत में अंग्रेज
लाए….सभी जातीयाँ एक दुसरे का सम्मान
करती थी..इतना कि एक दुसरे का काम
भी मुफ्त में कर दिया जाता था
झूट.न.5. विदेशी MNC कंपनिया भारत में
रोजगार देती है !!
सत्य -ये कमपनिया अगर 10
लोगो को रोजगार देती है तो 1000
का रोजगार छीन लेती है…भारत सेल्समैन
का देश बनता जा रहा है
झूट.न.6 बच्चे के जन्म के बाद टीकाकरण
जरूरी है,,बिना उसके भारत में बच्चे मर जाते थे !!
सत्य- टीके लुटेरी कंपनियों की साजिश है ….
इन टीको की वजह से व्यक्ति की immunity
कम होती है और 100 साल के बजाय
सिर्फ60-70 साल ही जी पाता है …भारत में
बच्चे कभी नहीं मरते
थे..बल्कि आज ज्यादा मरते हैं
झूट .न. 7. भारत के राजा लड़ते थे आपस में !!
सत्य -भारत का चक्रवर्ती सम्राट
पूरी पृथ्वी पर राज्य करता था…उसके छोटे
छोटे हिस्से छोटे मोटे राजा सम्हालते
थे ……आज भी कबोदिया में अंकोरवाट
साम्राज्य इसकी गवाही देता है .. भारत
का बुरा समय भारत के राजा द्वारा अरब के
कुर्वंशियो-मुगल ों को माफ़ कर देने के कारण
शुरू हुआ
झूट न.8 अंगरेजी इंटरनेशनल भाषा है …!!
सत्य-पूरे विश्व में अंग्रजी बोलने वाले देश बहुत
कम
है ..सबकी अपनी स्वयं के देश
की भाषा है..स्वयं अंगरेजी का स्वरुप अलग अलग
जगह पर अलग अलग है…बस भारतीय उसका दे
दनादन रट्टा मारते है
झूट.न. 9. 9/11 का हमला लादेन ने करवाया !!
सत्य -अमेरिका को हथियार बेचने के लिए
विश्व में अशांति फैलानी होती है और
आतंकियों को बढ़ावा दिया जाता है…
उसने अफगान तेल कुए कब्जाने के लिए खुद पर ये
हमला करवाया … सारे कैमरामैन पहले से
वहा थे … और जहाज टकराने से
पहले ही वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में विस्फोट कर
दिया गया..
(गलती से) ..जो विडियो में साफ़ दिखता है
झूट. न.10. विश्व में अलग अलग देश
की अपनी अपनी सरकारे है !!
सत्य-विश्व में सिर्फ एक संगठन जो बहुत
ताकतवर
है..और इटली के पोप व ब्रिटेन
की महारानी भी उसमे शामिल है…विश्व के
ज्यादातर देशो की सरकारों को आदेश
देता है . .नाम है illuminati आधे विश्व
को अप्रत्यक्ष रूप से कब्जा चुका है …भारत
की कांग्रेस सरकार illuminati के लिए काम
करती ह
See translation

 
Posted in खान्ग्रेस

कृपया इस पोस्ट को पूरा पढ़ें और शेयर करें।


कृपया इस पोस्ट को पूरा पढ़ें और शेयर करें।
मित्रो कल लोकसभा मे साम्प्रदायिक हिंसा पर
हो रही बहस में गोरखपुर से भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ जी ने जिस तरह से अपना पक्ष रखा है,उसने सेकुलरिज्म के नाम पर देशद्रोह की राजनीति करने वालों की धज्जियां उडा कर रख दी।
वाह वाकय् शेर ईसी तरह दहाडते है।
उनके भाषण के कुछ अंश…………
1-मस्जिद मंदिर पास है केवल मंदिर के
लाउडस्पिकर हटाये गये मस्जिद के
लाउडस्पिकर वही रह गये क्या यही सेकुलरिज्म है?
2-मुसलमानों के खिलाफ जुल्म चाहे म्यांमार में हो या ईराक फिलिस्तीन में लेकिन उसके खिलाफ प्रदर्शन मुंबई और दिल्ली में क्यूँ होते है?
3-मेरठ में बालिका को बंधक बनाकर रेप हुआ लेकिन ये कांग्रेस और बाकि दल चुप रहे
4-ये कांग्रेस वाले आज़ाद मैदान वाले दंगो पर चुप रहते है।
5-असम में अली और कुली का नारा देकर बांग्लादेशियों को किसने बसाया?
6-देश में 12 लाख साधू संत हैं,लेकिन सिर्फ मौलवियो को सरकारी वेतन क्यों?
7-कांग्रेस असम के दंगो पर चुप क्यों हो गयी थी?
8-कब्रिस्तान की दीवार पर 300 करोड़ क्यों?श्मशान घाट की घेराबंदी क्यो नही?
9-मुस्लिम बालिकाओं की शिक्षा के लिए स्पेशल फंड!!क्या हिन्दू बालिकाएं स्कूल नही जाती?
10-सहारनपुर में कोर्ट के आदेश के बावजूद विवादित जमीन पर गुरुद्वारा क्यों नही बनवाया?
11-सहारनपुर दंगे में शामिल कांग्रेस नेताओं पर क्या कार्यवाही की गयी?
12-क्या सेकुलरिज्म के नाम पर पाकिस्तान का अजेंडा लागु किया जा रहा है?
बेहद सटीक सवाल जिनका कोई जवाब कांग्रेस या दुसरे दलों पर नही था।
धन्य हैं योगिश्री आदित्यनाथ जी। जिन्होंने कुछ दिन पहले ही लोकसभा में गौहत्या निषेध विधेयक,समान नागरिक संहिता पर कानून बनाने की मांग की थी।
योगी आदित्यनाथ जी को हमारी और से शत शत नमन।

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मित्रो कल लोकसभा मे साम्प्रदायिक हिंसा पर
हो रही बहस में गोरखपुर से भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ जी ने जिस तरह से अपना पक्ष रखा है,उसने सेकुलरिज्म के नाम पर देशद्रोह की राजनीति करने वालों की धज्जियां उडा कर रख दी।
वाह वाकय् शेर ईसी तरह दहाडते है।
उनके भाषण के कुछ अंश............
1-मस्जिद मंदिर पास है केवल मंदिर के
लाउडस्पिकर हटाये गये मस्जिद के
लाउडस्पिकर वही रह गये क्या यही सेकुलरिज्म है?
2-मुसलमानों के खिलाफ जुल्म चाहे म्यांमार में हो या ईराक फिलिस्तीन में लेकिन उसके खिलाफ प्रदर्शन मुंबई और दिल्ली में क्यूँ होते है?
3-मेरठ में बालिका को बंधक बनाकर रेप हुआ लेकिन ये कांग्रेस और बाकि दल चुप रहे
4-ये कांग्रेस वाले आज़ाद मैदान वाले दंगो पर चुप रहते है।
5-असम में अली और कुली का नारा देकर बांग्लादेशियों को किसने बसाया?
6-देश में 12 लाख साधू संत हैं,लेकिन सिर्फ मौलवियो को सरकारी वेतन क्यों?
7-कांग्रेस असम के दंगो पर चुप क्यों हो गयी थी?
8-कब्रिस्तान की दीवार पर 300 करोड़ क्यों?श्मशान घाट की घेराबंदी क्यो नही?
9-मुस्लिम बालिकाओं की शिक्षा के लिए स्पेशल फंड!!क्या हिन्दू बालिकाएं स्कूल नही जाती?
10-सहारनपुर में कोर्ट के आदेश के बावजूद विवादित जमीन पर गुरुद्वारा क्यों नही बनवाया?
11-सहारनपुर दंगे में शामिल कांग्रेस नेताओं पर क्या कार्यवाही की गयी?
12-क्या सेकुलरिज्म के नाम पर पाकिस्तान का अजेंडा लागु किया जा रहा है?
बेहद सटीक सवाल जिनका कोई जवाब कांग्रेस या दुसरे दलों पर नही था।
धन्य हैं योगिश्री आदित्यनाथ जी। जिन्होंने कुछ दिन पहले ही लोकसभा में गौहत्या निषेध विधेयक,समान नागरिक संहिता पर कानून बनाने की मांग की थी।
योगी आदित्यनाथ जी  को हमारी और से शत शत नमन।
Posted in खान्ग्रेस

In his fiery speech in Lok Sabha


In his fiery speech in Lok Sabha, Yogi Adityanath ruefully said that the Opposition has been working on Pakistan’s agenda.

We think, Pakistan’s agenda is to destabilise and break india by inciting India’s own population against it. Pakistan has achieved partial success in J&K, where jihadis demand separation. Congress and allies by creating thousands of divides (like Sachar Commitee, Communal Violence Bill, Minority Reservation etc.) within our nation and appeasing the divisive anti-indian forces, is toeing the same line as Pakistan. They almost gifted Siachin to Pakistan, and instead of countering bloody terrorist attacks on the nation – kept harping about their figment of imagination named ‘Saffron Terror’.
All of this and uncountable more facts justify Yogi Adityanath’s statement.
But that’s just us. What do YOU think? Let Congress know your opinion.
Thanks
_____________________
You can watch Yogi Adityanath’s ‘politically-incorrect’ speech here:https://www.youtube.com/watch?v=_5XVZKfaOro

In his fiery speech in Lok Sabha, Yogi Adityanath ruefully said that the Opposition has been working on Pakistan's agenda.

We think, Pakistan's agenda is to destabilise and break india by inciting India's own population against it. Pakistan has achieved partial success in J&K, where jihadis demand separation. Congress and allies by creating thousands of divides (like Sachar Commitee, Communal Violence Bill, Minority Reservation etc.) within our nation and appeasing the divisive anti-indian forces, is toeing the same line as Pakistan. They almost gifted Siachin to Pakistan, and instead of countering bloody terrorist attacks on the nation – kept harping about their figment of imagination named ‘Saffron Terror’.
All of this and uncountable more facts justify Yogi Adityanath's statement.
But that's just us. What do YOU think? Let Congress know your opinion.
Thanks
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You can watch Yogi Adityanath's ‘politically-incorrect’ speech here: https://www.youtube.com/watch?v=_5XVZKfaOro

You can check out the truth of Sachar Committee here: http://shankhnaad.net/index.php/nation/leadership/national-politics/84-congress/95-the-roberry-of-sachar-comittee
Posted in खान्ग्रेस

काग्रेस


श्री आदित्य नाथ के सामने लोकसभा में कांग्रेस खुद के उठाये मुद्दे परअसहाय नजर आयी……….. कुछ अंश
1- देश में 12 लाख साधु संत हैं लेकिन सिर्फ मौलवियों के लिए वेतन क्यो ?
2- काग्रेस ने असम दंगों पर क्यो नही लोकसभा में चचाॅ की।
3- कब्रिस्तान की घेरा बंदी पर ही 300 करोड क्यों ?
4- कांठ मे 3 मसजिद और 1 मंदिर सिर्फ हिंदु मंदिर का लाउडस्पीकर क्यो हटाये गया ?
5- असम में अली और कुली का नारा किसने दिया ?
6- मंयनमार की घटना पर मुंबई की घटना पर काग्रेस क्यो चुप रही ?
7- सहारनपुर में माननीय न्यायालय ने गुरुद्वारा बनाने का आदेश दिया तो प्रशासन ने आदेश का पालन क्यों नही किया ?
8- उतर प्रदेश मे सभी योजनाओं में 20% क्यों मुसलमानों के लिए आरक्षित ?
9- मुस्लिमों की बेटियों को ही scooty के लिए 42000 रूपये क्यों कालेज जाने के लिए, क्या हिंदुओं की लडकी कालेज नही जाती ?
बहुत सटिक प्रश्न,,, सेकुलर और बुद्धिजीवीयो कुछ कहेगें..???

Posted in छोटी कहानिया - १०,००० से ज्यादा रोचक और प्रेरणात्मक

लाख दुःखों की एक दवा-‘परिश्रम’


— लाख दुःखों की एक दवा-‘परिश्रम’ —
**************************************
एक धनी किसान था। उसे विरासत में खूबसंपत्ति मिली थी। ज्यादा धन-संपदा ने उसे आलसी बना दिया। वह सारा दिन खाली बैठा हुक्का गुड़गुड़ाता रहता था।
उसकी लापरवाही का नौकर-चाकर नाजायज फायदा उठाते थे। उसके सगे-संबंधी भी उसका माल साफ करने में लगे रहते थे। एक बार किसान का एक पुराना मित्र उससे मिलने आया। वह उसके घर की अराजकता देख दुखी हुआ। उसने किसान को समझाने की कोशिश की लेकिन उस पर कोई असर नहीं पड़ा। एक दिन उसन
कहा कि वह उसे एक ऐसे महात्मा के पास ले जाएगा जो अमीर होने का तरीका बताते हैं। किसान के भीतर उत्सुकता जागी। वह महात्मा से मिलने को तैयार हो गया।

महात्मा ने बताया- “हर रोज सूर्योदय से पहले एक हंस आता है जो किसी के देखने से पहले ही गायब हो जाता है। जो इस हंस को देख लेता है उसका धन निरंतर बढ़ता जाता है।“ अगले दिन किसान सूर्योदय से पहले उठा और हंस को खोजने खलिहान में गया। उसने देखा कि उसका एक संबंधी बोरे में अनाज भरकर ले
जा रहा है। किसान ने उसे पकड़ लिया। वह रिश्तेदार बेहद लज्जित हुआ और क्षमा मांगने लगा। तब वह गौशाला में पहुंचा। वहां उसका एक नौकर दूध चुरा रहा था। किसान ने उसे फटकारा। उसने पाया कि वहां बेहद गंदगी है। उसने नौकरों को नींद से जगाया और उन्हें काम करने की हिदायत दी। दूसरे दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ।
इस तरह किसान रोज हंस की खोज में जल्दी उठता। इस कारण सारे नौकर सचेत
हो गए और मुस्तैदी से काम करने लगे। जो रिश्तेदार गड़बड़ी कर रहे थे वे भी सुधर गए।

जल्दी उठने और घूमने-फिरने से किसान का स्वास्थ्य भी ठीक हो गया। इस प्रकार धन तो बढ़ने लगा, लेकिन हंस नहीं दिखा। इस बात की शिकायत करने जब वह
महात्मा के पास पहुंचा तो उन्होंने कहा- “तुम्हें हंस के दर्शन तो हो गए, पर तुम उसे पहचान नहीं पाए। वह हंस है परिश्रम। तुमने परिश्रम किया, जिसका लाभ अब तुम्हें मिलने लगा|”

--- लाख दुःखों की एक दवा-‘परिश्रम’ --- ************************************** एक धनी किसान था। उसे विरासत में खूबसंपत्ति मिली थी। ज्यादा धन-संपदा ने उसे आलसी बना दिया। वह सारा दिन खाली बैठा हुक्का गुड़गुड़ाता रहता था। उसकी लापरवाही का नौकर-चाकर नाजायज फायदा उठाते थे। उसके सगे-संबंधी भी उसका माल साफ करने में लगे रहते थे। एक बार किसान का एक पुराना मित्र उससे मिलने आया। वह उसके घर की अराजकता देख दुखी हुआ। उसने किसान को समझाने की कोशिश की लेकिन उस पर कोई असर नहीं पड़ा। एक दिन उसने कहा कि वह उसे एक ऐसे महात्मा के पास ले जाएगा जो अमीर होने का तरीका बताते हैं। किसान के भीतर उत्सुकता जागी। वह महात्मा से मिलने को तैयार हो गया। महात्मा ने बताया- “हर रोज सूर्योदय से पहले एक हंस आता है जो किसी के देखने से पहले ही गायब हो जाता है। जो इस हंस को देख लेता है उसका धन निरंतर बढ़ता जाता है।“ अगले दिन किसान सूर्योदय से पहले उठा और हंस को खोजने खलिहान में गया। उसने देखा कि उसका एक संबंधी बोरे में अनाज भरकर ले जा रहा है। किसान ने उसे पकड़ लिया। वह रिश्तेदार बेहद लज्जित हुआ और क्षमा मांगने लगा। तब वह गौशाला में पहुंचा। वहां उसका एक नौकर दूध चुरा रहा था। किसान ने उसे फटकारा। उसने पाया कि वहां बेहद गंदगी है। उसने नौकरों को नींद से जगाया और उन्हें काम करने की हिदायत दी। दूसरे दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ। इस तरह किसान रोज हंस की खोज में जल्दी उठता। इस कारण सारे नौकर सचेत हो गए और मुस्तैदी से काम करने लगे। जो रिश्तेदार गड़बड़ी कर रहे थे वे भी सुधर गए। जल्दी उठने और घूमने-फिरने से किसान का स्वास्थ्य भी ठीक हो गया। इस प्रकार धन तो बढ़ने लगा, लेकिन हंस नहीं दिखा। इस बात की शिकायत करने जब वह महात्मा के पास पहुंचा तो उन्होंने कहा- “तुम्हें हंस के दर्शन तो हो गए, पर तुम उसे पहचान नहीं पाए। वह हंस है परिश्रम। तुमने परिश्रम किया, जिसका लाभ अब तुम्हें मिलने लगा|”
Posted in जीवन चरित्र, भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

भगत सिंह


“भगत सिंह फांसी के 83 साल बाद साबित हो रहे हैं निर्दोष।”
मैं पूछता हूँ कि यदि सरदार भगत सिंह निर्दोष थे तो खुदीराम बोस दोषी थे क्या ? रामप्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, राजेंद्र लाहिरी, अशफ़ाक़ुल्ला खान— ऐसे हजारों क्रांतिकारी हैं जो फांसी पर लटका दिए गए, ये सभी दोषी थे क्या ? इनपर जो आरोप लगाए गए थे, वे सही थे क्या ? इनपर जो मुकदमा चलाया गया था, उसके कागजात सही थे क्या ?
अंग्रेजों के शासनकाल में हम उनसे न्याय की उम्मीद कर रहे हैं ? जो अंग्रेज लोकमान्य तिलक को बर्मा के मांडले जेल में सड़ाते रहे, सावरकर को अंडमान में कोल्हू में पेरते रहे, जलियांवाला बाग में ५,००० भारतीयों की हत्या करने पर भी जिन कमीने अंग्रेजों ने माफी नहीं माँगी, उनके बारे में अब हमें मालूम चल रहा है कि उन्होंने भगत सिंह को बिना ऍफ़.आई.आर.के फांसी पर लटका दिया ? हमारी बुद्धि रसातल में चली गई है क्या ?

"भगत सिंह फांसी के 83 साल बाद साबित हो रहे हैं निर्दोष।"
मैं पूछता हूँ कि यदि सरदार भगत सिंह निर्दोष थे तो खुदीराम बोस दोषी थे क्या ? रामप्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, राजेंद्र लाहिरी, अशफ़ाक़ुल्ला खान--- ऐसे हजारों क्रांतिकारी हैं जो फांसी पर लटका दिए गए, ये सभी दोषी थे क्या ? इनपर जो आरोप लगाए गए थे, वे सही थे क्या ? इनपर जो मुकदमा चलाया गया था, उसके कागजात सही थे क्या ? 
अंग्रेजों के शासनकाल में हम उनसे न्याय की उम्मीद कर रहे हैं ? जो अंग्रेज लोकमान्य तिलक को बर्मा के मांडले जेल में सड़ाते रहे, सावरकर को अंडमान में कोल्हू में पेरते रहे, जलियांवाला बाग में ५,००० भारतीयों की हत्या करने पर भी जिन कमीने अंग्रेजों ने माफी नहीं माँगी, उनके बारे में अब हमें मालूम चल रहा है कि उन्होंने भगत सिंह को बिना ऍफ़.आई.आर.के फांसी पर लटका दिया ? हमारी बुद्धि रसातल में चली गई है क्या ?