जय श्री कृष्ण मित्रोँ। आप लोग को अगर भारत की राजनिती का थोडा बहुत भी लगाव है तो मेरे प्रश्न का सामाधान जरुर करेँ =>
1. अगर भारत धर्मनिर्पेक्ष देश है तो धर्म परिवर्तन प्रतिबंधित क्योँ नहीँ कर दिया जाता?
2. अगर भारत धर्मनिर्पेक्ष देश है तो मुसलमानोँ को धर्म के नाम पे हर जगह छूट (आरक्षण) क्योँ दी जाती है?
3. अगर भारत धर्मनिर्पेक्ष देश है तो मुसलमानोँ को धर्म के नाम पे मस्जिदोँ और मदरशोँ का आधुनिकी करण क्योँ करबाया जाता है जबकी वैदिक विश्वविद्यालयोँ का दूर दूर तक नामोँ निशान नहीँ?
4. अगर भारत धर्मनिर्पेक्ष देश है तो मुसलमानोँ को धर्म के नाम हज यात्रा के लिए पैसा क्योँ दिया जाता है जो की हिँदुऔँ का है?
5. अगर भारत धर्मनिर्पेक्ष देश है तो मुसलमानोँ को धर्म के नाम पे SUBSIDITY क्योँ दी जाती है ?
6. अगर भारत धर्मनिर्पेक्ष देश है तो ईशाई मिश्नरियाँ दूसरे नंबर पर हैँ भारत प्रशासन के बाद जिनके पास सबसे ज्यादा जमीन (भूमि) है?
7. अगर भारत धर्मनिर्पेक्ष देश है तो मुसलमानोँ और ईशाईयोँ के आरक्षण के लिए बार बार मुद्दे क्योँ उठाए जाते हैँ जबकी भारत, नेपाल श्रीलंका के अलावा सारे देश या तो कट्टर इसलामिक या कट्टर ईशाई देश हैँ?
8. अगर भारत धर्मनिर्पेक्ष देश है तो मुल्लोँ को धर्म के नाम पे गाय काटने की अनुमति क्योँ?
9. अगर भारत धर्मनिर्पेक्ष देश है तो धर्म के नाम पे जाति प्रमाण पत्र क्योँ?
10. अगर भारत धर्मनिर्पेक्ष देश है तो भारत के अंदर पादरियोँ और मौलबियोँ को इतनी छूट क्योँ की वो नमाज और बाईबल पढाएँ और गीता रामयण पढाने की बात मेँ भारत एक धर्मनिर्पेक्ष देश बता कर पक्षपात क्योँ किया जाता है?
11. अगर भारत धर्मनिर्पेक्ष देश है तो मुल्लोँ और ईसाईयोँ की भावनाऐँ कैसे आहत होने लगती हैँ?
12. अगर भारत धर्मनिर्पेक्ष देश है तो न्यायालयोँ मेँ सनातन धर्म के पवित्र ग्रंथ श्रीमदभगवदगीता को रखकर और बार बार नीच लोगोँ द्वारा अपवित्र हाथोँ से छू छू कर का अपमान क्योँ किया जाता है?