Posted in Tejomahal

ताजमहल के हिन्दू शिवमन्दिर होने के पक्ष में तर्क


ताजमहल के हिन्दू शिवमन्दिर होने के पक्ष में तर्क

पी०एन० ओक अपनी पुस्तक “ताजमहल ए हिन्दू टेम्पल” में सौ से भी अधिक कथित प्रमाण एवं तर्क देकर दावा करते हैं कि ताजमहल वास्तव में शिव मन्दिर था जिसका असली नाम ‘तेजोमहालय’ हुआ करता था। ओक साहब यह भी मानते हैं कि इस मन्दिर को जयपुर के राजा मानसिंह (प्रथम) ने बनवाया था जिसे तोड़ कर ताजमहल बनवाया गया।
इस सम्बन्ध में उनके निम्न तर्क विचारणीय हैं:
1.किसी भी मुस्लिम इमारत के नाम के साथ कभी महल शब्‍द प्रयोग नहीं हुआ है।

2.’ताज’ और ‘महल’ दोनों ही संस्कृत मूल के शब्द हैं।

3.संगमरमर की सीढ़ियाँ चढ़ने के पहले जूते उतारने की परम्परा चली आ रही है जैसी मन्दिरों में प्रवेश पर होती है जब कि सामान्यतः किसी मक़बरे में जाने के लिये जूता उतारना अनिवार्य नहीं होता।

4.संगमरमर की जाली में 108 कलश चित्रित हैं तथा उसके ऊपर 108 कलश आरूढ़ हैं, हिंदू मन्दिर परम्परा में (भी) 108 की संख्या को पवित्र माना जाता है।

5.ताजमहल शिव मन्दिर को इंगित करने वाले शब्द ‘तेजोमहालय’ शब्द का अपभ्रंश है। तेजोमहालय मन्दिर में अग्रेश्वर महादेव प्रतिष्ठित थे।

6.ताज के दक्षिण में एक पुरानी पशुशाला है। वहाँ तेजोमहालय के पालतू गायों को बाँधा जाता था। मुस्लिम कब्र में गौशाला होना एक असंगत बात है।

7.ताज के पश्चिमी छोर में लाल पत्थरों के अनेक उपभवन हैं जो कब्र की तामीर के सन्दर्भ में अनावश्यक हैं.

8.संपूर्ण ताज परिसर में 400 से 500 कमरे तथा दीवारें हैं। कब्र जैसे स्थान में इतने सारे रिहाइशी कमरों का होना समझ से बाहर की बात है।

ताजमहल के हिन्दू शिवमन्दिर होने के पक्ष में तर्क

पी०एन० ओक अपनी पुस्तक "ताजमहल ए हिन्दू टेम्पल" में सौ से भी अधिक कथित प्रमाण एवं तर्क देकर दावा करते हैं कि ताजमहल वास्तव में शिव मन्दिर था जिसका असली नाम 'तेजोमहालय' हुआ करता था। ओक साहब यह भी मानते हैं कि इस मन्दिर को जयपुर के राजा मानसिंह (प्रथम) ने बनवाया था जिसे तोड़ कर ताजमहल बनवाया गया।
इस सम्बन्ध में उनके निम्न तर्क विचारणीय हैं:
1.किसी भी मुस्लिम इमारत के नाम के साथ कभी महल शब्‍द प्रयोग नहीं हुआ है।

2.'ताज' और 'महल' दोनों ही संस्कृत मूल के शब्द हैं।

3.संगमरमर की सीढ़ियाँ चढ़ने के पहले जूते उतारने की परम्परा चली आ रही है जैसी मन्दिरों में प्रवेश पर होती है जब कि सामान्यतः किसी मक़बरे में जाने के लिये जूता उतारना अनिवार्य नहीं होता।

4.संगमरमर की जाली में 108 कलश चित्रित हैं तथा उसके ऊपर 108 कलश आरूढ़ हैं, हिंदू मन्दिर परम्परा में (भी) 108 की संख्या को पवित्र माना जाता है।

5.ताजमहल शिव मन्दिर को इंगित करने वाले शब्द 'तेजोमहालय' शब्द का अपभ्रंश है। तेजोमहालय मन्दिर में अग्रेश्वर महादेव प्रतिष्ठित थे।

6.ताज के दक्षिण में एक पुरानी पशुशाला है। वहाँ तेजोमहालय के पालतू गायों को बाँधा जाता था। मुस्लिम कब्र में गौशाला होना एक असंगत बात है।

7.ताज के पश्चिमी छोर में लाल पत्थरों के अनेक उपभवन हैं जो कब्र की तामीर के सन्दर्भ में अनावश्यक हैं.

8.संपूर्ण ताज परिसर में 400 से 500 कमरे तथा दीवारें हैं। कब्र जैसे स्थान में इतने सारे रिहाइशी कमरों का होना समझ से बाहर की बात है।

Author:

Buy, sell, exchange old books

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s