गंगा सहित देश की प्रमुख पवित्र नदियों को लेकर नरेंद्र मोदी की योजना पर सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में काम शुरू हो गया है। एक ओर वाराणसी के दशाश्वमेध घाट सहित दस प्रमुख घाटों को विकसित करने के लिए देश कीशीर्ष निजी कंपनियां आगे आई हैं। इसी तरह गंगा, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी और महानदी को जोड़कर जल परिवहन ग्रिड तैयार करने की बेहद महत्वाकांक्षी योजना जहाजरानी मंत्रालय ने तैयार कर ली है।पर्यटन मंत्रालय की पहल पर होटल और पर्यटन क्षेत्र की शीर्ष कंपनियां वाराणसी के दस प्रमुख घाटों के विकास और रखरखाव के लिए आगे आई हैं।ताज और ललित समूह सहित इस क्षेत्र की शीर्ष कंपनियां इनमें शामिल हैं। ये कंपनियां अपनी सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) गतिविधि के तौर पर इन घाटों को विकसित करेंगी। कंपनियां वाराणसी नगर निगम के साथ एक समझौता पत्र पर दस्तखत करेंगी, जिसके तहत वे यह जिम्मेदारी अपने ऊपर लेंगी।पर्यटन मंत्रालय ने सौ दिन की प्राथमिकताओं में इस काम को प्रमुखता से शामिल किया है। पर्यटनमंत्रालय इन घाटों को बेहतर करने की 18 करोड़ की अपनी योजना पर अलग से भी काम कर रहा है। जहाजरानी मंत्रालय ने गंगा, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी और महानदी को जोड़कर जलमार्ग विकसित करने की योजना बनाईहै। 25 हजार करोड़ की इस प्रस्तावित योजना के जरिए इन प्रमुख नदियों में साल भर जल का प्रवाह सुनिश्चित कर इस जलमार्ग से माल की ढुलाई की जा सकेगी।मंत्रालय का मानना है कि इस तरह से होने वाली माल ढुलाई की लागत सड़क औररेल के मुकाबले सस्ती होगी। साथ ही इससे नदियों का जलस्तर भी बेहतर बन सकेगा। गंगा सहित इन प्रमुख नदियोंमें प्रदूषण की समस्या का भी समाधान किया जा सकेगा।
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